गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

हम आखिर कब तक चुप रहेगे ??

लाखो करोनो वर्षो से सतत राष्ट्रीय प्रवाह से सिंचित मानवता के रूप में सर्वे भवन्तु सुखिनः क़ा उद्देश्य लिए हुए जिसका निर्माण भारत राष्ट्र के रूप में किया जिसकी हजारो लाखो वर्षो से मनीषियों ने भारत माता की साधना भगवती,दुर्गा,लक्ष्मी,सरस्वती के रूप में किया ,जिसकी उपासना भवन राम,कृष्ण,शंकराचार्य से लेकर महर्षि दयानंद,डा.हेडगेवार तक ने किया आज उसी परंपरा के मानाने वाले उसी रूप में भारत माता की उपासना ...कर रहे है.लेकिन दुर्भाग्य यह है की।-कोई कहता है की ये भारत माता नहीं यह तो डायन है डायन.ये सेकुलर चुप रहते है।-कोई भारत माता क़ा नंगा चित्र बनता है,उसको महिमा मंडित किया जाता है।-कोई अपने को आई.एस.आई। क़ा एजेंट घोषित करता है, सेकुलर सरकार चुप रहती है।-कोई हमारे लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को उड़ने आता है सुरक्षा कर्मी मारे जाते है,फासी की सजा होने पर भी वोट के खातिर उसकी फासी नहीं होती,जिससे आतंक बादियो क़ा मनोबल बढ़ने में सहायक होता है।-कोई मुंबई में ब्लास्ट करता है वह दामाद की तरह सुख सुबिधा पाता है.न्याय के नाम पर यही होता है।-कश्मीरी पंडितो,हिन्दुओ को कश्मीर में रहने क़ा अधिकार नहीं,पाकिस्तानी आतंक्बदियो को लाकर बसाने क़ा शानायंत्र।यह सब हमारे सामने होता है,हो भी क्यों न आखिर सेकुलर तो भारत बिरोध,हिन्दू बिरोध पर आधारित है, मिडिया क़ा कहना ही क्या वह तो लोकतंत्र क़ा चौथा खम्भा है,बिदेशी लगानी के कारण वह भी भारत व हिन्दू बिरोध ही लक्ष्य है.मिडिया बिदेशी,कांग्रेस की मुखिया बिदेशी फिर क्या चिंता । केवल एक ही चिंता है मोदी के बहाने हिन्दू और देशभक्तों पर हमला। गोधरा पर मिडिया चुप,कांग्रेस चुप,सेकुलर चुप लेकिन आफ्टर गोधरा पर गाहे बगाहे हायतोबा मचाते रहना उस भुत को जिन्दा रखना.गुजरात पर पाकिस्तानी अख़बार व पाकिस्तानी दृष्टिकोण में, सोनिया के दृष्टिकोण में कोई अंतर नहीं है।

आखिर ललितादित,राणाप्रताप,शिवा जी,चन्द्रगुप्त,यशोधर्मा,की संतानों को लकवा मार गया है क्या जो छह रहा है वही हमारी आराध्य को गाली दे रहा है बलात्कार कर रहा है ,ऐ बीर पुरुषो की संतानों अब तो उठो और इन बिदेशी बिधर्मी भारत माता के शत्रुओ को जबाब दो । बहुत देर हो चुकी है मानवता क़ा ह्रास हो रहा है ! उठो.....उठो.....उठो.....उठो.....उठो.....जागो .......जागो ........जागो ........जागो ........जागो ........नहीं तो एक दिन बहुत रोओगे सभी .अभी भी समय है

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