बुधवार, 20 जून 2018

नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलने के लिए 20 लाख का ऑफर..


रोहित वेमुला हैदराबाद विश्वविद्यालय में पीएचडी का छात्र और अम्बेडकर स्टूडेंट फेडरेशन के कार्यकर्ता थे। 2016 में निजी कारणों से रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी। उनकी आत्महत्या की वजह से देश की सियासत गरमा उठी थी और सड़क से लेकर संसद तक व्यापक विरोध प्रदर्शन आयोजित किये गए थे। रोहित वेमुला की आत्महत्या को राजनैतिक रंग दिया गया। केंद्र सरकार और भाजपा को दलित विरोधी साबित करने के लिए इस दुखद आत्महत्या का इस्तेमाल किया गया।
हालांकि रोहित वेमुला और उनकी माँ दोनो दलित समुदाय से नही आते थे, जिसकी पुष्टि वहाँ के जिला प्रशासन ने की थी। लेकिन धूर्त राजनैतिक दलों ने उन्हें दलित बता कर राजनैतिक माइलेज लेने की भरपूर कोशिश की। कल हुए एक सनसनीखेज खुलासे में इन्ही राजनैतिक दलों पर रोहित वेमुला की माँ ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ बोलने के लिये बोलने के लिए 25 लाख रुपये का ऑफर दिया गया था। रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने रोहित की मां राधिका वेमुला को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलने के लिए 20 लाख रुपए ऑफर दिया था। राधिका ने कहा कि उन लोगो ने उन्हें बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ बोलने के लिए 20 लाख रुपये देने का वायदा किया था। राधिका वेमुला के अनुसार, उनसे यह वादा उस समय किया गया जब लीग के नेता के साथ-साथ आंबेडकर स्टूडेंट फेडरेशन के कार्यकर्ता भी उनसे मिलने आते थे।
राधिका वेमुला ने मुस्लिम लीग पर अपने वादे से मुकरने के साथ-साथ उनका राजनीतिक दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया है। उन्हे केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ आयोजित रैलियों के मंच पर बिठाया जाने लगा और राजनीतिक बयान दिलवाए जाने लगे। राधिका वेमुला ने बताया, ”एक महीने के भीतर ही वह लोग हमें केरल ले गए, जहां 30 से 40 हजार लोग मौजूद थे। उन्होंने हमसे वादा किया कि वे लोग हमें 20 लाख रुपये देंगे और हमारे लिए नया घर बनवा देंगे।
राधिका वेमुला का आरोप है कि मुस्लिम लीग ने उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में कई रैलियों में बुलाकर उसका राजनैतिक फायदा उठाया। सभी राज्यों में सबसे ज्यादा मैंने केरल की यात्रा की है। मुस्लिम लीग की केरल युवा शाखा का महासचिव सीके सुबैर मुझे हमेशा कहा करता था कि उन रैलियों में और भी अत्याचारों से सताए हुए लोग होंगे, जिनसे बात करने के लिए मुझे ले जाया जा रहा है।
राधिका वेमुला ने ये भी कहा, “वह केरल में एक रैली में शामिल होने के लिए जा रही थीं। उसी वक्त उन्हें खबर मिली कि उनकी बहू को बच्चा हुआ है। मैंने लौटने के बारे में सोचा, लेकिन उन्होंने मुझसे कहा कि रैली आयोजित की जा चुकी है और 15 लाख रुपये का चेक तो बस मेज पर साइन किया हुआ ही रखा है। जिसे वह मुझे तुरंत ही दे देंगे। ये वादा वह मुझसे पिछले दो साल से करते रहे, मैं आज भी उस चेक की उम्मीद लगाए बैठी हूं।”
राधिका ने मीडिया के सामने दावा किया, “सुबैर उनका भाषण खत्म होते ही डायस से तुरंत नीचे उतर गया और उनके दो बार आवाज देने के बाद भी पलटकर नहीं आया। बाद में उसके साथियों ने हमें भरोसा दिलवाया कि वह मुझे एयरपोर्ट पर मिलने के लिए आएगा। हम उसका इंतजार ही करते रह गए लेकिन वह नहीं आया।”
राधिका कहती हैं, एक बार इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के कई नेता केरल से उनसे मिलने उनके घर आए और एक बड़े चेक के साथ फोटो खिंचवाई। उस चेक पर बड़े-बड़े अक्षरों में 25 लाख रुपये लिखा था लेकिन वह चेक बाउंस हो गया। राधिका वेमुला ने कहा कि बेटे कि मौत के बाद वह टूट चुकी थी लेकिन तभी वह इन मुस्लिम लीग वालों के लालच में आ गई तथा भाजपा व उनकी सरकार के खिलाफ इनके कहने पर राजनैतिक बयान देने लगी लेकिन उन्हें पैसे तो मिले नहीं बल्कि उनकी छवि सरकार विरोधी भी बन गई है।
.............ये घटनाएं दो चीजों को उजागर करती हैं,
पहला यह है कि राजनीतिक दलों ने राधिका वेमुला और उनके मृत पुत्र के नाम का इस्तेमाल राजनीतिक क्षेत्र में प्रासंगिकता हासिल करने के लिए किया है। यहां सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पीड़ितों के परिवारों को सरकार के खिलाफ प्रोपोगंडा फैलाने के लिए झूठे वादे और लालच देकर गुमराह किया जाता हैं। दूसरी बात राधिका वेमुला ने अपने बयान में एक बार भी यह नही कहा कहा था कि वह समाज के भले के लिए पार्टी के साथ खड़ी थी। वह केवल पैसे के लिए सरकार के विरुद्ध मंचो से बोल रही थी। सवाल यह उठता हैं कि क्या यह उचित हैं की एक मां पैसे और घर के लिए अपने बेटे की मृत्यु का इस्तेमाल करे?
हालांकि इन सभी चीजो में एक अच्छी बात यह उभर कर आई की दलितों और अल्पसंख्यक वर्ग की राजनीति करने वाले लोग एक बार फिर बेनकाब हो गए। यह साबित हो गया कि यह सारा ड्रामा सिर्फ राजनैतिक फायदा उठाने के लिए रचा गया था। इसके लिए हमे राधिका वेमुला का भी शुक्रगुजार होना चाहिए आखिरकार उन्होंने बिना किसी लागलपेट के यह स्वीकार कर लिया कि वह उनके साथ सिर्फ अपने लालच की वजह से थी।