मंगलवार, 20 मार्च 2012

!! खनन माफिया सभी जगह सक्रिय है !!

केन्द्रीय खनन मंत्रालय की वेबसाईट के मुताबिक देश के 20 राज्यों में करीब 30 अलग अलग खनिजों का खनन किया जाता है| जिनके नियंत्रण के लिए खान व खनिज (विनिमय व विकास) अधिनियम 1957 बनाया गया था| केंद्र सरकार ने वर्ष 1994 में इस खान व खनिज (विनिमय व विकास) अधिनियम 1957 में संशोधन किये थे| इस अधिनियम संशोधन के मुताबिक निजी व सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनियों को खनन पट्टे व खदानों में खनन की हिस्सेदारी व उसके विनिमय का अधिकार मिल सकता है, लेकिन कंपनियों को चुनने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया गया| इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य सीमित दायरे वाले खनन व्यवसाय को देश के विकास के लिए एक नए आयाम तक ले जाना था |

देश के 20 राज्य जिनमें खनन में होता है


भारत के 28 राज्यों में से इन 20 राज्यों में खनिजों का खनन होता है, जिसके लिए यहाँ की सरकारें खनन पट्टे आवंटित करतीं है|


आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमांचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, उड़ीसा, राजस्थान, तमिलनाडु , उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल| इन राज्यों में मुख्य रूप से इस्पात, कोयला, पत्थर और रेत का खनन निजी कंपनियों के माध्यम से किया जाता है|


क्या है अवैध खनन-


राज्य सरकारों के माध्यम से आवंटित होने वाले खनन पट्टों में निजी कम्पनियों को कुछ नियम और निर्देश दिए जाते है जिनके तहत ही निजी कंपनियों को खनन का कार्य करवाना होता है| पिछले 20 सालों में इन राज्यों में खनन के पट्टे पाने वाली अधिकांश कंपनियों ने राज्य सरकार में अपनी पहुँच और पैसे की दम पर मनमाने तरीके से लाखों करोड़ का खनन किया है| जिसकी सबसे बड़ी वजह इन निजी कंपनियों में नेताओं और मंत्रियों के रिश्तेदारों और सम्बन्धियों की हिस्सेदारी ही रही है, जिसके लिए इन्होने खनन माफियाओं पर नकेल कसने के बजाय उनका साथ दिया है| जिसके पीछे व्यक्तिगत आर्थिक हित ही छुपा होता है|


अवैध खनन के तौर पर होने वाले खनिज उत्पादन को ये माफिया खुले बाज़ार में बेचकर अच्छा पैसा कमाते हैं और सरकारी दस्तावेजों में नियमों के मुताबिक खाना पूर्ति कर दी जाती है|


अवैध खनन के मामलों से विवादों में फंसे कई बड़े राजनेता नेता -


कर्नाटक का बेल्लारी जिला अवैध खनन की वजह से ही लम्बे समय से राज्य व देश की राजनीति का मुद्दा रहा है| बेल्लारी की इस्पात खदाने ही देश के इस्पात उद्योग को 25 फीसदी इस्पात खनिज की आपूर्ति करवातीं हैं| बेल्लारी में अवैध खनन के मध्यम से राजनीति में प्रवेश करने वाले रेड्डी भाइयों ( जनार्दन रेड्डी, करुनाकरा रेड्डी व सोमशेखर रेड्डी ) को कर्नाटक को खनन माफिया के तौर पर जाना जाता है| सामान्य जीवन यापन करने वाले रेड्डी बंधुओं ने मात्र एक दशक में ही हजारों करोड़ की संपत्ति और राजनैतिक प्रतिष्ठा अर्जित कर पुरे देश को चौंका दिया था, आज सीबीआई जाँच का सामना कर रहे रेड्डी भाइयों को कर्नाटक की राजनीती में बाहुबली के तौर पर भी जाना जाता है|


खनन खनिजों से धनी कर्नाटक राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को भी अवैध खनन के आरोपों में ही अपनी कुर्सी छोडनी पड़ी थी| मौजूदा केन्द्रीय विदेश मंत्री एसएम कृष्ण पर भी 1999 से 2004 तक कर्नाटक का मुख्यमंत्री होते हुए हजारों करोड़ के अवैध खनन में संलिप्त पाया गया था| जिसके सिलसिले में बैंगलोर हाईकोर्ट ने जनवरी 2012 में उन्हें नोटिस भी दिया था, हालांकि बाद में केंद्र सरकार के दवाब के बाद मामले को दावा दिया गया|


गोवा राज्य में सत्ता से बेदखल हुई कांग्रेस सरकार पर 6100 करोड़ के अवैध खनन के आरोप लगे थे| जिसकी जाँच के लिए गठित हुए शाह कमीशन ने इन आरोपों को सही पाया था, लेकिन केंद्र सरकार में सत्ता सुख भोग रही कांग्रेस ने इस मामले को भी दबाने में कोई कोर कसार नहीं छोड़ी|


आंध्र प्रदेश के दिवंगत व पूर्व मुख्यमंत्री वाईएसआर रेड्डी का पुत्र जगमोहन रेड्डी व कुछ सम्बन्धियों को सीबीआई ने सत्ता की मदद से अवैध संपत्ति जोड़ने के मामले में गिरफ्तार किया है| उन पर लगे आरोपों में राज्य के खनन व्यवसाय में भी अवैध तरीके से हिस्सेदारी रखने के भी आरोप लगे हैं|


झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पर भी सीएम होते हुए अवैध तरीके से अपने नाम खनन पट्टे लेने के आरोप लगे थे| जिसके बाद कोड़ा को 4000 करोड़ की नगदी की लोंड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था| मालूम हो कि झारखण्ड एक खनन खनिज धनी राज्य है|


गुजरात के सीएम नरेन्द्र मोदी के दो- तीन मंत्रियों के खिलाफ भी अवैध खनन के मामले दर्ज हुए हैं| देश के अग्रणी खनिज उत्पादक राज्यों में गिने जाने वाले गुजरात में भी खनन माफियाओं ने यहाँ के खनन व्यवसाय पर नज़रें जमाना शुरू कर दीं हैं|


उत्तर प्रदेश एक बेहद सीमित खनन खनिजों वाला राज्य जहाँ केवल पत्थर और रेत का खनन किया जाता है, लेकिन यहां के खनन मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने भी अपने करीबी सम्बन्धियों और प्रदेश के बड़े शराब व्यवसाई पोंटी चड्ढा को अवैध तरीकों से कई खनन पट्टे देकर लाभ पहुँचाया था|


मध्य प्रदेश देश के खनन प्रधान राज्यों में से एक है| जहाँ पत्थर से लेकर हीरा और कई धातु खनिजों का खनन बड़े पैमाने पर होता है, लेकिन यहां के खनन माफियाओं ने भी अब अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है|


इसी तरह देश के लगभग सभी खनन खनिज धनी राज्यों में खनन माफिया अपनी जड़ें जमा चुके हैं| कहीं तो इनके कारनामे खुल चुके है तो कहीं राज्य सरकारों ने उन्हें दबा दिया है| पर्यावरण संरक्षण निर्देशों और कानूनों को ताक पर रख ये माफिया प्रति वर्ष लाखों करोड़ के अवैध खनन को अंजाम देते हैं जिससे होने वाली कमाई इनके काले धन के खातों में जमा होती है| प्रशासन और शासन की शक्ति को कुछ न समझने वाले माफिया नेताओं की मदद से करोड़पति और अरबपति होते जा रहे हैं और इन माफियाओं पर नकेल कसने के बजाय चुपचाप बैठ कर तमाशा देख रही है|


मध्य प्रदेश में शहीद हुए आईपीएस नरेन्द्र देव सिंह की मौत ने मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि केंद्र व अन्य राज्यों की सरकारों का ध्यान भी अपनी और खिंचा है| टीम पर्दाफाश उम्मीद करती है कि केंद्र व राज्य सरकारें मिलकर खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें सजा दिलाएंगी |