शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013

!! दो साल में भारत बन गया 'पोर्निस्तान' सनी लियोनी का असर ?

दिल्ली में गुड़िया और दामिनी  रेप केस के बाद देश पोर्न को प्रतिबंधित करने पर चर्चा कर रहा है। दरिंदगी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए तो सरकार भी बचाव के मूड में आ गई और पोर्न फिल्मों एवं वेबसाइटों को प्रतिबंधित करने की तैयारी कर ली। 
एक हालिया सर्वे के मुताबिक भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले 60 प्रतिशत लोग पोर्न सामग्री देखते हैं। यही नहीं इंटरनेट पर मौजूद 56 प्रतिशत कंटेंट किसी न किसी रूप में अश्लील है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या भारत सरकार पोर्न वेबसाइटों को प्रतिबंधित करने में कामयाब हो पाएगी? 
 
यदि सेक्स शब्द को सर्च करने की बात की जाए तो भी ग्राफ 2011 के बाद तेजी से बढ़ा है। गौरतलब है कि 2011 में ही सनी लियोनी भारत में अवतरित हुई थी।
इस सवाल का जबाव तलाशने से पहले हम यह समझने की कोशिश करते हैं कि भारत में पोर्न महामारी कैसे बन गया? ऐसा क्या हुआ कि इंटरनेट यूज करने वाले लोग पोर्न को सर्च करने लगे? गूगल के कुछ उपयोगी टूल्स के जरिए हमने इन सवालों के जबाव तलाशने की कोशिश की और जो नतीजे सामने आए वह हैरतअंगेज हैं। 
यह शर्मनाक ही है कि भारत में भले ही पोर्न प्रतिबंधित हो लेकिन सनी लियोनी की पोर्न की दुकान यानि वेबसाइट खुलेआम चल रही है और इसे रोकने के लिए अभी कोई कानून भी नहीं है। साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल के मुताबिक यदि कोई पोर्न वेबसाइट विदेश से होस्टेड है तो उसे भारत सरकार बंद नहीं करवा सकती। हालांकि इसे भारत में प्रतिबंधित जरूर किया जा सकता है।
गूगल साल 2004 से अब तक के सर्च इंट्रेस्ट आंकड़े उपलब्ध करवाता है। 2004 से 2010 तक भारत कभी भी पोर्न सर्च करने वाले शीर्ष दस देशों में नही रहा। 2011 में भारत पहली बार इस सूची में 9वें स्थान पर आया। लेकिन 2012 में भारत इस सूची में पांचवे स्थान पर था और पिछले 12 महीनों में यह चौथे स्थान पर है। त्रिनिदाद एवं टोबैगो, पापुआ न्यू गिनी और पाकिस्तान हमसे आगे हैं। 
 
साल 2011 से पहले भारत में सनी लियोनी को कोई नहीं जानता था। सितंबर 2011 में उन्होंने गूगल सर्च पर ऊंचाई हासिल की जिसमें थोड़ी कमी जरूर आई है लेकिन यह अभी भी बरकरार है। जाहिर है सनी लियोनी भारत में पोर्न की ब्रांड एंबेस्डर बन गई हैं और भारत के लोग उनकी फिल्मों पर सीटियां बजा रहे हैं।
यही हाल सेक्स शब्द सर्च करने का भी है। भारत गूगल पर सेक्स सर्च करने के मामले में हमेशा से आगे रहा है। लेकिन सितंबर 2011 के बाद इसमें भी अप्रत्याशित तेजी आई। 
गूगल पर सेक्स के बारे में सर्च करने के मामले में भारत हमेशा से आगे रहा है। साल 2004 से अब तक आंकड़ों पर नजर डाले तो हमसे आगे सिर्फ श्रीलंका ही रहा है।
अब सवाल यह उठता है कि 2011 में ऐसा क्या हुआ कि पोर्न भारत में महामारी की तरह फैला और लगातार फैलता जा रहा है। तो इसका जबाव है कि 2011 में पहली बार एक पोर्न स्टार मेनस्ट्रीम मीडिया के जरिए खबर बनी। दरअसल सनी लियोन ने बिग बॉस के जरिए भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखा। बिग बॉस का हिस्सा बनते ही सनी लियोनी खबरों में छाई रही। 
 
पिछले 12 महीने में गूगल पर कीवर्ड सर्च करने की अगर बात की जाए तो भारत में सनी लियोनी ही ऐसी सख्शियत है जिसके बारे में पढ़ने के बारे में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। सर्च इंट्रेस्ट से यह साफ जाहिर भी होता है।
यदि गूगल सर्च कीवर्ड्स के इंट्रेस्ट पर नजर डालें तो साल 2012 में सनी लियोनी एकमात्र ऐसी सख्शियत थी जो राइसिंग सर्च में टॉप टेन कीवर्ड्स में जगह बना सकीं। यानि 2011-2012 में सनी लियोनी को खूब सर्च किया गया। और सनी लियोनी को सर्च करते-करते भारतीय पोर्न तक पहुंच गए। हालत यह हुए कि इंटरनेट पर पोर्न से दूर रहने वाले भारतीय दो साल के भीतर ही सबसे ज्यादा पोर्न सर्च करने के मामले में चौथे नंबर पर आ गए। 
 
अगर बात पिछले 12 महीनों की की जाए तो इंटरनेट पर पोर्न सर्च करने के मामले में भारत चौथे नंबर पर आ गया है। अब भारत से आगे पपुआ न्यू गिनी, त्रिनिदाद एवं टोबैगे और पाकिस्तान ही हैं।
गुड़िया रेप केस के बाद सरकार अब पोर्न को प्रतिबंधित करने की तैयारी तो कर रही है लेकिन सवाल यह है कि क्या यह संभव है। साइबर लॉ विशेषज्ञ पवन दुग्गल मानते हैं कि पोर्न को प्रतिबंधित तो किया जा सकता है लेकिन रोका नहीं जा सकता। पवन दुग्गल कहते हैं, 'भारतीय कानूनों को मुताबिक पोर्न देखना तो अपराध नहीं है लेकिन अश्लील सामग्री का निर्माण करना और प्रसारण करना पूरी तरह गैर कानूनी हैं। आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत अश्लील कंटेंट तैयार करना, प्रकाशित करना और प्रसारित करना या ऐसा करने में मदद करना अपराध है।
 
2004 से अब तक के पोर्न सर्च के ग्रॉफ को देखा जाए तो 2011 के बाद एक अप्रत्याशित वृद्धि नजर आती है जो साबित करती है कि सनी लियोनी के अवतरित होने के बाद से ही लोगों की दिलचस्पी पोर्न में ज्यादा बढ़ी है।
 धारा 67ए के तहत एक्स रेटेट सेक्स कंटेंट तैयार करना, प्रकाशित, प्रसारित या इसमें मदद करना अपराध है। भारत में स्थित किसी सर्वर से पोर्न कंटेंट को होस्ट करना भी अपराध है लेकिन यदि कोई पोर्न वेबसाइट विदेश से चल रही हो तो भारत सरकार पूरी तरह लाचार हो जाती है।'
मौजूदा भारतीय कानूनों को असहाय बताते हुए पवन दुग्गल कहते हैं कि साइबर लॉ में बदलाव की तुरंत आवश्यक्ता है। हमारा मौजूदा आईटी एक्ट साइबर अपराधों की चुनौतियों का सामना करने और पोर्न या अश्लील कंटेंट के प्रकाशन और प्रसारण को रोकने में असमर्थ है। 
इंटरनेट पर पोर्न सर्च करने के मामले में भारत साल 2012 में पांचवे नंबर पर आ गया। जाहिर है एक साल के भीतर ही भारत में जबरदस्त तरीके से इंटरनेट पर पोर्न को सर्च किया गया।
चूंकि अधिकतर पोर्न कंटेंट विदेशों में होस्टेट है इस कारण इस चुनौती से निपटना मुश्किल भी हो जाता है। पवन दुग्गल कहते हैं, 'विदेशों में बैठकर भारतीयों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और भारत सरकार लाचारी से देख रही है। मैं मानता हूं कि पोर्न को नियंत्रण करना असंभव है। मुझे लगता है कि उतनी ही लड़ाई शुरू करनी चाहिए जिसे आप जीत सकें। अगर आप पोर्नोग्रॉफी के विरुद्ध छेड़ रहे हैं तो यह मान कर चलिए की कोई राष्ट्र इस युद्ध को जीता नहीं है। लेकिन हम लड़ाई शुरू तो कर ही सकते हैं। पहले हमें चाइल्ड पोर्नोग्रॉफी पर केंद्रित होना चाहिए क्योंकि इसमें अन्य राष्ट्रों को सफलता मिली है। एक बार हम चाइल्ड पोर्नोग्रॉफी को पूरी तरह प्रतिबंधित कर देंगे तो हम आगे की लड़ाई के लिए भी तैयार हो सकेंगे। सिर्फ घोषणाएं करने से कुछ नहीं होगा, सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने और इंटरनेट पर सामग्री उपलब्ध करवाने वाली वेबसाइटों को जिम्मेदार होने की जरूरत है। '
 
इंटरनेट पर पोर्न सर्च करने के मामले में भारत साल 2011 में 9वें नंबर पर था। इससे पहले भारत कभी भी पोर्न सर्च करने के मामले में शीर्ष दस देशों में शुमार नहीं रहा था.----

!! भारत के पडोशी देशो में चीन के क़दमों की आहट !!



काठमांडू के एक भीड़ भरे बाज़ार में दुकानों के ऊपर एक छोटे से फ़्लैट में हर सुबह चीनी भाषा सीखने के लिए लगभग 20-25 लड़के-लड़कियाँ इकट्ठा होते हैं. !
          चीनी भाषा में ‘नी-हाव’ (क्या हाल हैं?) कहकर वो अपने अध्यापक का स्वागत करते हैं. ऐसे कई इंस्टीट्यूट नेपाल के कई हिस्सों में चल रहे हैं..! 

            यही नहीं चीन की सरकार ने नेपाल के लोगों को मुफ़्त में चीनी भाषा सिखाने के लिए बाक़ायदा अध्यापकों को चीन से काठमांडू भेजा है..!  काठमांडू विश्वविद्यालय के कनफ़्यूशियस इंस्टीट्यूट और अंतरराष्ट्रीय भाषा संस्थान में चीनी भाषा और संस्कृति के बारे में सिखाने की व्यवस्था की गई है.!
     


 दशकों तक भारत के आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रभामंडल में रहने के बाद अब नेपाल बाँहे फैलाकर हिमालय पार के अपने पड़ोसी देश चीन का स्वागत करने को तैयार है..! और आने वाले वर्षों में नेपाल में अपनी भूमिका बढ़ने की संभावना को पहचानते हुए चीन ने भी हर क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी ह..!
            पर केंद्र में स्थित कांग्रेस सरकार को ये सब नहीं दिखाई दे रहा है की चीन किस तरह से घेर वंदी कर रहा है भारत का ..पकिस्तान तो पहले ही चीन की गोद में खेल रहा है .बांग्लादेश तो पक हुआ फल है जरा सा डाल हिलाया की चीन के गोद में गिर जायेगा ..श्री लंका की विसात ही क्या ? वर्मा (म्यामार) ,भूटान तो पहले से ही नतमस्तक है चीन के आगे ..दिखावे के लिए भारत के साथ है ..कुचल मिलकर मेरा यह कहना है इस पोस्ट के माध्यम से की आने वाले समय में भारत को सबसे अधिक ख़तरा है तो चीन से ..!
                पर हमारे देश की जनता भी इस खतरे से अनभिग्य नहीं है ..पर मुगालते पाल रखा है की चीन को निपटा देगे ..अरे चीन कोई हलवा ,मॉल पुवा नहीं है जब चाहा " खा " लिया अभी भी वक्त है सम्हल जाये ...!