780 सालों तक इस्लामिक शासन के बाद 1609 ई० में स्पेन आजाद हुअा...जिस दिन स्पेन को आजादी मिली उसी दिन स्पेन ने घोषणा की...कि जो मुसलमान स्पेन में बचे हैं या तो वो स्पेन की संस्कृति अपना लें...या फिर 03 दिनों के भीतर अपना बोरिया-बिस्तर बाँध लें और स्पेन से बाहर निकल जाएँ....स्पेन की इस सख्त घोषणा ने स्पेन में अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का त्वरित समाधान कर दिया..।।
बीसवीं शताब्दी में संयुक्त राज्य अमरीका में यूरोप के
अलग-अलग देशों से लोग आकर बसने लगे...अलग देशों की संस्कृति अलग-अलग थी...उनके मत और व्यवहार अलग अलग थे...जब औद्योगिक विकास में इन अलग-अलग देशों से आने वालों के कारण समस्या उत्पन्न हुई तब अमेरिका के सेक्रेट्री ऑफ़ स्टेट्स जान क्विंसी एडम्स ने कहा कि जिन लोगों की वजह से हमारा देश पिछड़ रहा है ऐसे लोगों को अपना यूरोपियन चोला
हमेशा-हमेशा के लिए उतार के फेक देना चाहिए और वो यदि ऐसा नहीं कर सकते वो ऐसे लोगों के लिए यूरोप जाने का रास्ता एटलान्टिक महासागर सदा खुला रहेगा...उनकी इस घोषणा का असर ये हुअा कि अमेरिका में रहने वाले यूरोपीय लोग आज खुद को गर्व के साथ अमेरिकी बताते हैं...।।
अलग-अलग देशों से लोग आकर बसने लगे...अलग देशों की संस्कृति अलग-अलग थी...उनके मत और व्यवहार अलग अलग थे...जब औद्योगिक विकास में इन अलग-अलग देशों से आने वालों के कारण समस्या उत्पन्न हुई तब अमेरिका के सेक्रेट्री ऑफ़ स्टेट्स जान क्विंसी एडम्स ने कहा कि जिन लोगों की वजह से हमारा देश पिछड़ रहा है ऐसे लोगों को अपना यूरोपियन चोला
हमेशा-हमेशा के लिए उतार के फेक देना चाहिए और वो यदि ऐसा नहीं कर सकते वो ऐसे लोगों के लिए यूरोप जाने का रास्ता एटलान्टिक महासागर सदा खुला रहेगा...उनकी इस घोषणा का असर ये हुअा कि अमेरिका में रहने वाले यूरोपीय लोग आज खुद को गर्व के साथ अमेरिकी बताते हैं...।।
मंचूरिया के मंचुवो का चीन पर शासन था...चीन में जब साम्यवादी सत्ता स्थापित हुई तब पर्याप्त संख्या में चीनियों को मंचूरिया में बसा दिया गया...और आज मंचूरिया में ममंचू जो कि वहाँ के मूल निवासी थे...वो अल्पसंख्यक हो गए...इसी तरह चीन ने योजनाबद्ध तरीके से तिब्बत में चीनियों को बसाकर तिब्बतियों को वहाँ अल्पसंख्यक बना दिया...।।
पचास के दशक में इजराइल ने करीब 20 हज़ार से ज्यादा मुसलमानों को इजराइल से बाहर निकाल दिया...वो भी एक ही दिन में...और जो मुसलमान इजराइल में बच गए....उनकी जमीन जायदात को इजराइली सरकार ने यहूदियों में बाँट दिया...आज इजराइल दुनियाँ का एकलौता ऐसा देश है...जहाँ मुसलमानों के आतंकी कृत्यों को लेकर सरकार जीरो परसेंट टालरेंस नीति अपनाती है...यानी इजराइल में मुसलमान होना होना ही गुनाह है...इजराइल के इस एक कदम ने इजराइल में मुस्लिम तुष्टिकरण को जड़ से उखाड़ कर फेक दिया।।
अब भारत में आइये...यहाँ धर्म के नाम पर पहले आपके देश के तीन टुकड़े किये जाते हैं...इसके बाद मुसलमानों को योजनाबद्ध तरीके से भारत में बसाया जाता है...मुसलमानों को विशेष सुविधाएं दी जाती हैं....चार शादी करने की अनुमति मिलती है...हज पे सब्सिडी मिलती है...मुस्लिम बाहुल्य काश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिलता है...सेना पर पत्थर फेकने के लिए मुसलमानों को बाकायदा लाइसेंस मिलता है...गोहत्या करने की छूट मिलती है...जबरन धर्म-परिवर्तन कराने के लिए बाकायदा मदरसों का गठन किया जाता है...यहाँ मुसलमान जबरन मंदिरों पर कब्ज़ा करते हैं...हिन्दू औरतों को जबरन या बहला फुसलाकर धर्मांतरण कराया जाता है लेकिन भारत सरकार चुप रहती है..!!
.....और बड़े-बड़े मंच से मुस्लिम तुष्टिकरण खत्म करने की बात की जाती हैं...लेकिन सत्ता प्राप्ति के बाद इनके मुँह और हाथ में दही जम जाता है और मुसलमानों के खिलाफ कुछ बोल या ना कर पाने की अपनी नपुंसकता को ये संविधान के चोले से ढक लेते हैं और कहते हैं कि अब हम संवैधानिक पद पर हैं...ऐसे दोहरी मानसिकता और विचारधारा रखने वाले नेताओं को चीन..स्पेन..अमेरिका और इजराइली सरकार से बहुत कुछ सिखने की जरूरत है...ताकि इन्हें पता चले कि दुनियाँ में मुसलमनो को लेकर दूसरे देश क्या सोचते और करते हैं...।।।।