आजकल पासबुक ले जाकर बैंक से पैसे निकालने के दिन लद गए हैं. डेबिट
कार्ड या क्रेडिट कार्ड का जमाना आ गया है. जहां जरुरत पड़ी, झट एटीएम से
पैसे निकाल लिए. डेबिट कार्ड में ज्यादा पैसे नहीं, तो बाजार में क्रेडिट
पर सामान देने वालों की लंबी लाइन है. पहले की तरह नहीं कि आप खुद ही
साहूकार के पास जाकर पैसे के लिए विनती कर रहे हैं. क्रेडिट कार्ड है तो
मनपसंद चीजें खरीदने में कोई दिक्कत नहीं.
भारत के वर्किंग क्लास की बात करें तो लगभग सभी के पास डेबिट कार्ड तो
होता ही है और ज्यादातर के पास क्रेडिट कार्ड भी. ऐसा नहीं है कि
डेबिट-क्रेडिट कार्ड से आप सिर्फ पैसे ही निकाल सकते हैं, बल्कि और भी कई
ऐसे सर्विसेज हैं, जिन्हें आप घर बैठे डेबिट-क्रेडिट कार्ड की मदद से पा
सकते हैं, अपना समय बचा सकते हैं. मसलन ट्रेन टिकट बुक करना, मूवी टिकट बुक
करना आदि. हम-आप सामान्यतः डेबिट-क्रेडिट कार्ड यूज भी करते हैं, लेकिन
इसके बारे में संपूर्ण और सटीक जानकारी से वंचित रहते हैं.
डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड का पहला नंबर:
यह उस इंडस्ट्री को दर्शाता है, जिसने कार्ड जारी किया है. जैसे बैंक,
पेट्रोलियम कंपनी इत्यादि. इसे मेजर इंडस्ट्री आइडेंटिफायर (MII: Major
Industry Identifier) कहते हैं. यह अलग-अलग इंडस्ट्री के लिए अलग-अलग होता
है.
MII Digit | जारी करने वाली इंडस्ट्री |
0 | ISO और अन्य इंडस्ट्री |
1 | एयरलाइन्स |
2 | एयरलाइन्स और अन्य इंडस्ट्री |
3 | ट्रैवेल और इंटरटेनमेंट (अमेरिकन एक्सप्रेस या फूड क्लब) |
4 | बैंकिंग और फिनांस (वीजा) |
5 | बैंकिंग और फिनांस (मास्टर कार्ड) |
6 | बैंकिंग और मर्चेंडाइजिंग |
7 | पेट्रोलियम |
8 | टेलिकम्यूनिकेशन्स और अन्य इंडस्ट्री |
9 | नेशनल असाइनमेंट |
पहला 6 नंबर
डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड का पहला 6 नंबर जारी करने वाली कंपनी को
दर्शाता है. इसे Issuer Identification Number (IIN) कहते हैं. जैसे -
कंपनी | IIN |
अमेरिकन एक्सप्रेस | 34XXXX, 37XXXX |
वीजा | 4XXXX |
मास्टर कार्ड 51XXXX-55XXXX
7वें नंबर से लेकर अंतिम का एक नंबर छोड़ने तक
आखिरी नंबर
डेबिट या क्रेडिट कार्ड का आखिरी नंबर चेक डिजिट के नाम से जाता है. इसके माध्यम से यह जाना जाता है कि कार्ड वैलिड है या नहीं?
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