दोस्तों
 आज सुबह सुबह ..करीब ६.०० बजे मोर्निंग वाक् से लौट रहा था की ..रोड पर एक
 एक इंसान को तड़पते हुए देखा ..पास ही उसके बाइक रोड के किनारे पडी हुई थी 
.सायद किसी बड़े वाहन ने उसे टक्कर मारकर भाग गया ...मैं भी पास गया जहा पर 
पहले से ही कुछ लो...ग भीड़ लगाकर खड़े थे ..वह ब्यक्ति बेहोस था मैं 
ने तुरंत ही 100 नंबर पर पुलिश को फोन किया ..जबाब मिला "ज्यादा सीरियस हो 
तो पंहुचा दो .अभी हमारे पास कोई वाहन नहीं है हम(पुलिश) 20 मिनट तक आयेगे 
"...ओह ..मैंने सोचा की तब तक तो ये बन्दा मर जाएगा ..मैंने तुरंत एक बाइक 
वाले को रोका और उसे कहा की आप मुझे मेरे घर तक छोड़ दीजिये {मेरा घर 
दुर्घटना स्थल से करीब १.५ KM पर है}..जहा से मैं मेरी कर लेकर आता हु और 
इन्हें कार से आस्पताल तक छोड़ता हु ....ओ नेक सज्जन  थे ओ तुरंत ही तैयार 
हो गए ..मैं घर पहुचा और तुरंत ही कार निकला और पर्स लिए और दुर्घटना स्थल 
पर पहुचा और जल्दी से उसे कुछ लोगो की मदद  से कार में लिटा कर ..अकेले ही 
(क्योकि कोई साथ चलने के लिए तैयार नहीं हुआ )उसे करीब ४.५ KM दूर अस्पताल 
में भर्ती करा दिया ...डाक्टरों ने उसे तुरंत केयर किया ..उसे सर पर बहुत 
ज्यादा चोट लगी थी ..बहुत सारा खून बह गया था ..उसके सर में १८ टाके लगे 
..और उसे १ घंटे बाद होस आ गया ..तो उससे पूछ कर उसके  घर वालो को फोन 
लगाया ...ओ देवास के ही......जब उनके घर वाले आ गए तो मैं फिर वापस आ गया 
.......बहुत ही प्रशान्तता हुई ..की चलो मैं किसी के काम तो आया ...ऐसे समय
 में............