मंत्रियों के समूह ने बलात्कार विरोधी कानून का मसौदा तैयार कर दिया है
और गुरुवार को इसे कैबिनेट में रखा जा रहा है लेकिन बलात्कार के खिलाफ सख्त
कानून के नाम पर जिस तरह से आपसी सहमति से संबंध बनाने की उम्र 18 से 16
किया गया है उस पर सवाल खड़े हो गए हैं. इसके अलावा जिस तरह के आरोपों को
गैर जमानती बनाया गया है उससे भी मुश्किल खड़ी हो सकती है !
मतलब अब सरकार ने संबंध बनाने के लिए विवाह योग्य उम्र की वर्जना तोड़ने
की तैयारी कर ली है. 16 साल में शादी नहीं कर सकते लेकिन संबंध बना
सकेंगे. शादी की उम्र लड़कों के लिए 21 साल है. शादी छोड़ दीजिए 16 साल में
एडल्ट श्रेणी की फिल्म तक नहीं देख सकते लेकिन संबंध बना सकते हैं, 16 साल
में शराब नहीं पी सकते लेकिन शारीरिक संबंध बना सकते हैं.!
अब देखिए है किस ज़ुर्म पर कितनी सजा है मंत्री समूह से पास किए गए एंटी रेप कानून में. रेप पर उम्र कैद, तेज़ाब फेंकने पर उम्र कैद, नाबालिग से दुष्कर्म पर उम्र कैद, लेकिन जो हाहाकारी है वो ये कि इस कानून में ज़्यादातर गुनाहों को ग़ैर जमानती बना दिया गया है.
मतलब कोई पुरुष ट्रैफिक जाम में फंस गया हो और इत्तेफाक से उसकी कार किसी महिला की कार के पीछे हो तो महिला उसपर पीछा करने का आरोप लगा सकती है और उसकी जमानत नहीं होगी !
इसी तरह आप किसी महिला को पहचानने की कोशिश कर रहे हों और महिला को ये पसंद न आए तो वो उसे 100 नंबर डायल करके अंदर करा सकती है. अगर कोई पुरुष काम करते हुए किसी महिला की तरफ बीच-बीच में देख लेता है तो वो गैर जमानती अपराध का भागीदार है और पुलिस के लिए महिला का बयान आख़िरी होगा. हद ये है कि अगर महिला झूठी निकली तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी.!
है ना मजेदार कानून ?
कैबिनेट से पास होने के बाद एंटी रेप कानून सर्वदलीय बैठक में रखा जाएगा और वहां से सहमति / असहमति के बाद संसद में लेकिन सवाल है कि इस कानून में बचाव की नीयत ज़्यादा है या भय की भूमिका.?
अब देखिए है किस ज़ुर्म पर कितनी सजा है मंत्री समूह से पास किए गए एंटी रेप कानून में. रेप पर उम्र कैद, तेज़ाब फेंकने पर उम्र कैद, नाबालिग से दुष्कर्म पर उम्र कैद, लेकिन जो हाहाकारी है वो ये कि इस कानून में ज़्यादातर गुनाहों को ग़ैर जमानती बना दिया गया है.
मतलब कोई पुरुष ट्रैफिक जाम में फंस गया हो और इत्तेफाक से उसकी कार किसी महिला की कार के पीछे हो तो महिला उसपर पीछा करने का आरोप लगा सकती है और उसकी जमानत नहीं होगी !
इसी तरह आप किसी महिला को पहचानने की कोशिश कर रहे हों और महिला को ये पसंद न आए तो वो उसे 100 नंबर डायल करके अंदर करा सकती है. अगर कोई पुरुष काम करते हुए किसी महिला की तरफ बीच-बीच में देख लेता है तो वो गैर जमानती अपराध का भागीदार है और पुलिस के लिए महिला का बयान आख़िरी होगा. हद ये है कि अगर महिला झूठी निकली तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी.!
है ना मजेदार कानून ?
कैबिनेट से पास होने के बाद एंटी रेप कानून सर्वदलीय बैठक में रखा जाएगा और वहां से सहमति / असहमति के बाद संसद में लेकिन सवाल है कि इस कानून में बचाव की नीयत ज़्यादा है या भय की भूमिका.?
महाभारत - चुकी युद्ध केवल युद्ध क्षेत्र तक ही सिमित था इसलिए शत्रु पक्ष के घरो को हाथ लगाना या हानि पहुचना निषेध था ....लूटने की तो बात सोचना ही पाप था|
===
जिहाद - ऐसा कोई भी निषेध यहाँ नहीं था , शत्रु पक्ष के घरो को लूटना जायज़ था |
देखें:- सूरा न. ८:४१ जो भी युद्ध में हासिल हो उसका ५ वाँ हिस्सा अल्लाह , रसूल को अता करे |
अल्बुखारी की हदीस जिल्द १ सफा १९९ में मोहम्मद कहता है ,."लूट मेरे लिएहलाल कर दी गई है ,मुझसे पहले पेगम्बरों के लिए यह हलाल नही थी।
http://islam-watch.org/
http://www.islamicity.com/
४-युद्ध बंदियों को गुलाम बनाना
महाभारत -युद्ध में जितने वाले पक्ष को हारने वाले पक्ष की स्त्रियों , बच्चो , रिश्तेदारों आदि को नुकसान पहुचना निषेध था , युद्ध पुरे मानवता को ध्यान में रख कर लड़ा गया ...किसी आम नागरिक को हानि नहीं पहुचाई गय��� |
===
जिहाद - युद्ध में हारे गए शत्रु (काफिरों) के बच्चो, औरतो ,रिश्तेदारों को गुलाम बनाओ .युद्ध में हारे हुए पक्ष को गुलाम बनाने का प्रवधान , इसलिए गुलाम बने लोगो की बच्चे और औरते मुस्लिमो की वैध सम्पति थी, शरिया कानून के तहत उनका भोग करो |
देखें- सूरा ८, आयत ६९..........."उन अच्छी चीजो का जिन्हें तुमने युद्ध करके प्राप्तकिया है,पूरा भोग करो। "
सूरा ४ ,आयत २४.............."विवाहित औरतों के साथ विवाह हराम है , परन्तुयुद्ध में माले-गनीमत के रूप में प्राप्त की गई औरतें तो तुम्हारी गुलाम है ,उनके साथसम्बन्ध बनाना जायज है।
अरब शरियत में " मा मलाकात अय्मनुकुम " के अनुसार मालिक अपनी युद्ध में गुलाम बनायीं गयी स्त्री के साथ जबरन सम्भोग करने का अधिकार था |
http://en.wikipedia.org/
युद्ध का समय
महभारत - सूर्य उदय के समय दोनों पक्ष के सैनिक युद्ध भूमि में जमा हो जाते और शंख बजने के साथ युद्ध शुरू होता , सूर्य अस्त के समय शंख बजते ही युद्ध समाप्त हो जाता , रात में युद्ध निषेध था |
====
इस्लामिक युद्ध - कोई नियम नहीं जहां भी काफ़िर दिखे उसे तुरंत ख़त्म करने का आदेश था , यदि शत्रु सोता हुआ हो तब भी उस पर आक्रमण करते थे |
मार्च ६२४ को मुहम्मद ने अपने ३०० साथियों के साथ रात में बदर में मक्का के व्यपारियों पर आक्रमण किया |
देखें:
Battle of Badr - Wikipedia, the free encyclopedia
en.wikipedia.org/wiki/
युद्ध का कारण
महभारत -युद्ध केवल राज्य को लेके लड़ा गया था ..किसी धर्म को फ़ैलाने के लिए नहीं , जैसे ही राज्य पुन: जीत लिया गया युद्ध समाप्त कर दिया गया | युद्ध जीतने के बाद भी पांडवो को आत्मग्लानी हुयी और उन्होंने राज्य त्याग कर हिमालय पर प्रस्थान कर दिया |
===
इस्लामिक युद्ध -युद्ध इस्लाम को फ़ैलाने और उसकी प्रभुत्व कायम करने के लिए लड़ा गया , ...केवल विश्व को दारुल इस्लाम बनाने का उदेश्य
सुरा ४ की आयत ५६ ..........."जिन लोगो ने हमारी आयतों से इंकार किया उन्हेंहम अग्नि में झोंक देगे। जब उनकी खाले पक जाएँगी ,तो हम उन्हें दूसरी खालों सेबदल देंगे ताकि वे यातना का रसा-स्वादन कर लें। निसंदेह अल्लाह ने प्रभुत्वशालीतत्व दर्शाया है।"
महाभारत के युध में किसी पक्ष ने दूसरे पक्ष के धर्म स्थलो को नुकसान नही पहुचाया पर
इस्लामिक युध में दूसरे धर्म के पूजा स्थलो को तोड़ दिया गया ....
काबा इसका उधारण है जहाँ तोड़ी गयी मूर्तिया अब हैं |
क्या अब भी महाभारत के युद्ध और इस्लामिक युद्ध (जिहाद ) में कोई समानता है ?
इसका मतलब अब इस्लाम और मुसलमानों का अहंकार अपने चरम सीमा तक पहुँच गया है,
ये महामूर्ख जाकिर नाइक उन अहंकार से भरे अंधे युवकों को और ज्यादा अज्ञान के गर्त में धकेलने का काम कर रहा है अब इनके समूल खात्मे को भगवान भी रोक नहीं सकते,
ये अपने सबसे बड़े आत्मघाती मंजिल तक बस पहुँचने ही वाले हैं,
..........................