गुरुवार, 14 मार्च 2013

!! बलात्कार पर आधा कानून या अँधा कानून ?


मंत्रियों के समूह ने बलात्कार विरोधी कानून का मसौदा तैयार कर दिया है और गुरुवार को इसे कैबिनेट में रखा जा रहा है लेकिन बलात्कार के खिलाफ सख्त कानून के नाम पर जिस तरह से आपसी सहमति से संबंध बनाने की उम्र 18 से 16 किया गया है उस पर सवाल खड़े हो गए हैं. इसके अलावा जिस तरह के आरोपों को गैर जमानती बनाया गया है उससे भी मुश्किल खड़ी हो सकती है !        मतलब अब सरकार ने संबंध बनाने के लिए विवाह योग्य उम्र की वर्जना तोड़ने की तैयारी कर ली है. 16 साल में शादी नहीं कर सकते लेकिन संबंध बना सकेंगे. शादी की उम्र लड़कों के लिए 21 साल है. शादी छोड़ दीजिए 16 साल में एडल्ट श्रेणी की फिल्म तक नहीं देख सकते लेकिन संबंध बना सकते हैं, 16 साल में शराब नहीं पी सकते लेकिन शारीरिक संबंध बना सकते हैं.!
        अब देखिए है किस ज़ुर्म पर कितनी सजा है मंत्री समूह से पास किए गए एंटी रेप कानून में. रेप पर उम्र कैद, तेज़ाब फेंकने पर उम्र कैद, नाबालिग से दुष्‍कर्म पर उम्र कैद, लेकिन जो हाहाकारी है वो ये कि इस कानून में ज़्यादातर गुनाहों को ग़ैर जमानती बना दिया गया है.
मतलब कोई पुरुष ट्रैफिक जाम में फंस गया हो और इत्तेफाक से उसकी कार किसी महिला की कार के पीछे हो तो महिला उसपर पीछा करने का आरोप लगा सकती है और उसकी जमानत नहीं होगी !
       इसी तरह आप किसी महिला को पहचानने की कोशिश कर रहे हों और महिला को ये पसंद न आए तो वो उसे 100 नंबर डायल करके अंदर करा सकती है. अगर कोई पुरुष काम करते हुए किसी महिला की तरफ बीच-बीच में देख लेता है तो वो गैर जमानती अपराध का भागीदार है और पुलिस के लिए महिला का बयान आख़िरी होगा. हद ये है कि अगर महिला झूठी निकली तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी.!

है ना मजेदार कानून ?

कैबिनेट से पास होने के बाद एंटी रेप कानून सर्वदलीय बैठक में रखा जाएगा और वहां से सहमति / असहमति के बाद संसद में लेकिन सवाल है कि इस कानून में बचाव की नीयत ज़्यादा है या भय की भूमिका.?



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