बुधवार, 5 जुलाई 2023

जमीन के बदले रेलवे में नौकरी (लालू यादव का घोटाला)

1.) 2007 में पटना के हजारी राय ने 9527 वर्ग फीट जमीन एके इन्फोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को ₹10.83 लाख में बेच दी। बाद में हजारी राय के दो भतीजों दिलचंद कुमार और प्रेमचंद कुमार को रेलवे में नौकरी मिली। 2014 में इस कंपनी सारे अधिकार और उसकी सारी संपत्तियाँ राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर चली गईं। राबड़ी देवी ने इस कंपनी के ज्यादातर शेयर खरीद लिए और इस कंपनी की डायरेक्टर बन गईं।

2.) नवंबर 2007 में पटना की रहने वाली किरण देवी ने अपनी 80,905 वर्ग फीट की जमीन मीसा भारती के नाम पर कर दी। यह सौदा सिर्फ ₹3.70 लाख में हुआ था। बाद में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को मुंबई में रेलवे में नौकरी मिली।

3.) फरवरी 2008 को पटना के किशुन देव राय ने अपनी 3375 वर्ग फीट जमीन ₹3.75 लाख में राबड़ी देवी को बेच दी। इसके बदले में किशुन राय के परिवार के तीन लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई।

4.) फरवरी 2008 में पटना के महुआबाग में रहने वाले संजय राय ने 3375 वर्ग फीट की अपनी प्लॉट को राबड़ी देवी को ₹3.75 लाख में बेच दी। इसके बदले में संजय राय और उनके परिवार के 2 सदस्यों को रेलवे में नौकरी दी गई थी।

5.) मार्च 2008 में ब्रिज नंदन राय ने 3375 वर्ग फीट की अपनी जमीन गोपालगंज के रहने वाले ह्रदयानंद चौधरी को ₹4.21 लाख में बेच दी (तत्कालीन असली कीमत: ₹62 लाख)। बाद में ह्रदयानंद चौधरी ने यह जमीन लालू यादव की बेटी हेमा को तोहफे में दे दी। ह्रदयानंद चौधरी को साल 2005 में हाजीपुर में रेलवे में भर्ती किया गया था।

6.)  मार्च 2008 में विशुन देव राय ने अपनी 3375 वर्ग फीट की जमीन सीवान के ललन चौधरी को बेची। उसी साल ललन के पोते पिंटू कुमार को पश्चिमी रेलवे में भर्ती कराया गया। फरवरी 2014 में ललन चौधरी ने यह जमीन लालू यादव की बेटी हेमा को गिफ्ट कर दी।

7.) मई 2015 में पटना के रहने वाले लाल बाबू राय ने अपनी 1360 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी को ₹13 लाख में बेच दी। 2006 में लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को रेलवे में नौकरी दी गई थी।