शनिवार, 9 मार्च 2013

!! राजा भैया का सिर्फ नाम की ही काफी है.!!


लोकतंत्र से पहले और बाद में भदरी रियासत (कुंडा ,जिला प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश)....

कुंडा(भदरी) वस्तुतः प्रतापगढ़(अवध) की एक रियासत थी ,और स्वतंत्रता आन्दोलन में भी कालाकांकर और भदरी रियासतों का जिक्र आता है !कालाकांकर (प्रतापगढ़) से ही देश का पहला हिंदी दैनिक 'हिन्दुस्थान' के नाम से 'महामना मदन मोहन मालवीय' के सम्पादकत्व में उस इस रियासत द्वारा निकाला गया था !ज्ञात हो की कालाकांकर रियासत की वर्तमान 'राजकुमारी रत्ना सिंह ' इस समय प्रतापगढ़ से सांसद हैं कांग्रेस पार्टी से !! जबकि भदरी रियासत(कुंडा) के तत्कालीन 'महाराज बजरंग बहादुर सिंह' स्वयं स्वतंत्रता सेनानी थे !वे पंतनगर कृषि विश्वविध्यालय के संस्थापक सदस्य तथा उसके प्रथम कुलपति भी थे !महाराजा बजरंग बहादुर सिंह को हिमाचल प्रदेश के पहले राज्यपाल होने का भी गौरव प्राप्त है !जहा आजादी के पहले से आज तक नेहरु-गाँधी परिवार से कालाकांकर रियासत के सम्बन्ध आज भी अच्छे बने हुए है वही आजादी के कुछ समय बाद ही भदरी रियासत के सम्बन्ध बिगड़ गए थे कांग्रेस परिवार से !महाराज बजरंग बहादुर के पुत्र हैं 'राजा उदय प्रताप सिंह' और उनके समय तक भदरी रियासत के कांग्रेस पार्टी से सम्बन्ध बहुत ज्यादा खराब हो गए थे यहाँ तक की इंदिरा गाँधी के समय राजा उदय प्रताप सिंह ने भदरी को स्वतंत्र राज्य घोषित कर दिया था जिसके फलस्वरूप इंदिरा गाँधी ने सेना भेजी थी कुंडा उनके खिलाफ !
.......सन 1969 को राजा उदय प्रताप सिंह के पुत्र और भदरी रियासत के कुंवर 'रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ तूफ़ान सिंह उर्फ़ राजा भैया'' का जन्म हुआ ,उस समय भी प्रतापगढ़ राजनीतिक उथल-पुथल का केंद्र बना हुआ था !'राजा भैया' ने अंपनी उच्च शिक्षा 'लखनऊ विश्वविध्यालय' से पूरी की और सन 1993 में मात्र 26 साल की आयु में कुंडा विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान किया ,उस समय तक कुंडा विधानसभा में कांग्रेस के विधायक 'नियाज हसन' जो की 1962 से 1989 तक विधायक चुने जाते रहे थे का परचम लहराता था !'राजा भैया' ने उस चुनाव में 'नियाज हसन' को भारी मतों से न सिर्फ पराजित किया बल्कि उत्तर प्रदेश के सबसे कम उम्र के विधायक होने का गौरव भी प्राप्त किया ,तब से लेकर अभी तक वे लगातार पांच बार निर्दलीय विधायक बनने वाले पहले व्यक्ति है उत्तर प्रदेश के !२०१२ के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोटों से जीतने का रिकॉर्ड भी 'राजा भैया' के ही नाम है !'राजा भैया' निर्दलीय विधायक के रूप में कई बार विभिन्न पार्टियों की सरकार में मंत्री भी रहे हैं ,कुंडा में एक कहावत आम है की 'राजा भैया का सिर्फ नाम की काफी ही काफी है सामने वाले की जमानत जब्त करने के लिए' !
.....एक और महत्वपूर्ण बात की राजा भैया की शख्सियत ,हैसियत और प्रसिद्धि के पीछे उनके पिता महाराज उदय प्रताप सिंह का महवपूर्ण योगदान है !भदरी रियासत के बारे में कई किवदंतिया भी प्रचलित हैं जो की इतिहास के पन्नो में दर्ज है ! 


....नोट:-- ये लेख मैंने कुछ लेखो को पढने तथा अपने द्वारा जुटाई गयी जानकारी के आधार पे लिखा है ,यदि किसी को कोई आपत्ति हो वो मुझसे वार्तालाप कर सकता है !


.सौ.से.-अखंड प्रताप सिंह रैकवार !


!! आपको बहुत बहुत धन्यवाद अखंड जी सुन्दर जानकारी देने के लिए ..! 

!! पहले लौटाए देश का सम्मान .!!

परवेज अशरफ रिश्तो में उतार-चढाव के बीच दिल में रूहानी सुकून की मुराद लेकर भारत आए हैं लेकिन अजमेर में उनके प्रति कुछ संगठनों के विरोध को देखते हुए कड़े सुरक्षा इंतजाम किये गये है राजस्थान की सेकुलर सरकार द्वारा ...!

दरगाह के खादिम उनका पारम्परिक तरीके से स्वागत करेंगे ,लेकिन दरगाह के दीवान जेनुअल आबेदीन ने उन्हें अपने हाथो पारंपरिक सत्कार से नवाजने से इंकार कर दिया है..!

सज्जादानशींन आबेदीन ने ये कह कर उनके स्वागत से इंकार किया है पाकिस्तान की सेना ने भारतीय सैनिको का क्लिक करें सिर कलम कर बहुत बुरा किया, लिहाजा वो विरोध स्वरूप दरगाह में आगमन पर पारम्परिक स्वागत नहीं करेगे. !

दरगाह के दीवान जेनुअल आबेदीन को बारम्बार नमन .!

!! चलिए हासिये और फ्रेश हो जाइये !!

 !अरे भागवान माफ़ कर गलती हो गई अब नहीं दाटूगा दुबारा !

अरे क्या कर रहे हो ..बजन ले लिया हो तो पानी में डालो अब

है हिम्मत इस सोफे में आराम करनी की ?

चल कैमरा तो छोड़ मान गया की तू बहुत सुन्दर है ..

अरे बाप रे इतनी बड़ी मछली ओ भी  इस सीजन में ?

मैं कैसा हु ? कैटरीना कैफ के लायक हु क्या ?

चलो रास्ता छोडो .तीन तीन राजकुवारी जा रही है शैर के लिए ...

समय -समय की बात है ..

क्या करे आराम का मामला है रिस्क तो लेना ही पडेगा

मेरा टाइटन मेरी प्रेमिका कोई आपत्ति है ?

मुझे डिस्टर्ब नहीं करो .मैं काम कर रहा हु समझे ..

क्या करे नेता कुर्शी के लिए मरते है तो हम क्यों नहीं दौड़े कुर्शी के लिए

हम मिलकर खायेगे .हम इन्सान नहीं जानवर है पछी है पर इंसानों से ज्यादा समझदार है ...

हमारा वाथ टब यही है ..

वाह वाह क्या मस्त है यार तू...

अरे इसमें हवा भरते भरते तो मेरी हवा खिसक गई ..

सूरज तू मेरा पीछा मत कर .मुझे बहुत जल्दी है ..सवारी को मंजिल तक पहुचाना है ...

मेरे सर जी समझदार है ओ सब पढ़ लेते है चित्र में चरित्र देख लेते है ..

माना की हमें बर्फ में रहते है पर ठंडी तो हमें भी लगती है ..

अबे जल्दी कर .जान लेगा क्या बच्चे का ?

यहाँ तो सभी इडियट लगते है ?

हथियार के आगे इंसान छोटा नहीं बहुत छोटा बन जाता है ..

मिस काल से .....

ओये बिल्ले मुझे डरा रहा है क्या ? चल रास्ता नाप ..

सैया तो मिल जायेगे पर ये सिलंदर ..?

साथी.कंधा लेना  पर मेरी जान नहीं लेना (सबसे नीचे वाले के बोल है )

जल्दी करो मेडम जी मेरी घरवाली ने देख लिए तो मेरी दाल रोटी बंद हो जायेगी और बदले में बेलन की मार खानी पड़ेगी ! वैसे मैं कैसा लग रहा हु ?

क्या करू पापी पेट का सवाल है ?

चल जा .अब सादी करना है मुझे .अब कोई जरुरत नहीं तेरी .

लािन में लाइन मार रहे है ?

बच्चे पालना आसान काम है क्या ?

चल उठ ना ,थक गया क्या ?

आम के आम गुठिलियो के दाम !

हे राम कहा है मेरी ..............?

ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेगे ..तोड़ेगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेगे ...

माँ क्यों रो रही हो ?

मेरी सौतन फेसबुक ,रुक अभी बताती हु तुझे .! ना रहेगा बॉस न बजेगी बासुरी...!