विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथों वेदों की बुराई करने का
या कह सकते है की कुछ लोगों को अपने ही ढंग से उनके उलटे सीधेअर्थ निकालने
का चस्का लगा हुआ है. निसंदेह वेद विश्व का सबसे महानतमज्ञानहै. परन्तु उन
ब्लोगर को वेद मजाक की पुस्तके तथा विश्व का सम्पूर्ण ज्ञान कुरान में
दिखता है.हिन्दू धर्म के अनुसार प्रथ्वी गोल है और सूर्य के चारोऔर अपनी
धुरी पर घूमती है.(ऋग्वेद -१ /११/५ )
कितना महान ज्ञान था खगोल का
हजारों हजारों वर्ष पहले.इसाई पंथ में जब वेदोंसे ज्ञान प्राप्त करके
गैलिलियो ने १६२६ के आस पास यही बात बताई तो तो उस समय पोप ने उसे १० वर्ष
का कारावास दिया. क्यों कि इसाई पंथ के अनुसार सूर्य प्रथ्वी के चारो और
घूमता है.
इस्लाम मजहब में कुरआन जिसकी व्याख्या इब्नेक्सीर ने की ,
पारा १३,पेज २७ पर ओर पारा २७,व पेज ४८ पर कीहै ,दोनों ही स्थान पर प्रथ्वी
को चपटा कहा गया है. १९६९ में जब आदमी चाँद पर पहुंचा औ...र जब
उसने कहा की मुझे प्रथ्वी चाँद से गोल नजर आती है ,तो अरब के सुलतान फैसल
ने कहा की यह बिलकुल झूठ है क्यों की कुरआनके अनुसार तो प्रथ्वी चपटी है.
कुरआन के अनुसार जिसे मकतब अलाह्सनातरामपुर ने प्रकाशित किया है,में
पारा१४,सूरा १६,आयत १५ में अल्लाह की वाणी है "और उस खुदा ने धरती में अटल
पहाड़ ड़ाल दिए ताकि वह तुम्हे लेकर लुडकन जाय."
कुरआन शरीफ शेरवानी
लखनऊ के संस्करण में उपरोक्त आयत का अर्थ दिया है "और पहाड़ जमीन पर गाड़े
गए ताकि जमीन तुम्हे एक तरफ लेकर लुढ़क न जाय."
कितनी हास्यप्रद बात है
कि कुरआन का अल्लाह ये भी नहीं जानता कि प्रथ्वी गोलहै चपटी नहीं. और
अल्लाह ने धरती पर पहाड़क्यों बनाए इसका कुरआन में क्या उत्तर है ,सुनकर ही
मजा आता है।
कुरआन में ही सूरा १८ की ८६ वि आयत के अनुसार सूर्य अस्त
होने के लिए कृष्णा सागर में जाता है।
अरे फिर तो रोज ही सूरज को गर्म
करने के लिए करोडो टन लकड़ी रोज लगती होगी।क्यों कि कृष्ण सागर में तो डूबकर
सूर्य ठंडा हो जाता होगा।
वारि जाऊं मै अल्लाह के ऐसे ज्ञान पर
औरखुदाई पुस्तक कुरआन पर.
वहीँ यजुर्वेद कहता है कि"यह भूगोल प्रथ्वी
जल और अग्नि के निम्मित
अर्थात उत्पन्न हुई अपनी कक्षा में सबकी रक्षा
करने वाले सूर्य के चारों तरफ छन-छन घूमती है.,इसी से दिन-रात्री,ऋतु और
अयन आदि काल विभाग सेसंभव होते हैं। " (यजुर्वेद -३/६)
"ये होता है
ज्ञान."
सच आपके सामने है ,आप स्वं सोचें की क्या कुरआन के अल्लाह को
इतना भी ज्ञान नहीं की प्रथ्वी गोल है.कितकी हास्यप्रद बात है की प्रथ्वी
पर पहाड़ इसलिए डाले गए किकहीं वह मोहम्मद(परमात्मा उन्हें शान्ति दे) के
शिष्यों को लेकर लुडक न जाए.
मित्रों देखो कही जाकिर अरे नहीं नहीं
जोकर कही लुड़का तो नहीं पड़ा. किसी को मिल जाए तो मुझे जरूर बताना।