शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

!! बिधवा का दर्द !!

मैं अभी एक दिन पहले एक दिन एक प्रापर्टी बेचेने के चक्कर में एक कलोनो में घूम रहा था (मैं समय निकाल कर प्रापर्टी ब्रोकर का भी काम करता हु )....उस समय पर मैं एक घर के सामने कुछ भीड़ देखा ..उत्सुकता बस मैं भी उस भीड़ वाली जगह पर मेरी कार खड़ी ..कर दिया और कार से ही झाकने लगा की क्या माजरा है ..?  (माफ़ करे मैं भी भारतीय हु ..भीड़ देखा और मनोरंजन करने  के लिए ठहर  गए ...आदत है हम भारतीयियो की)....
          मैंने देखा की उस भीड़ में एक महिला करीब ३०-३२ साल के आस पास की थी रोड पर बैठ कर रो रही थी  ...और घर  के देहली से एक महिला लगभग ५५-५८ साल की रही होगी ...जोर जोरी से चिल्ला रही थी  की नासपीटी ने मेरे बच्चे को खा लिया ...और अब मुझे खाने के लिए बैठी है घर में कही मर भी नहीं जाती ...कही जा कर ....मुझे अचानक लगा की रोड में बैठी हुई महिला को मैं पहचान रहा हु ..मैं कार से नीचे उतर कर देखा तो पता चला की ये तो हमारे संस्थान से PGDCA का कोर्ष कर रही है ...मैंने नजदीक गया और पूछा की क्या है ,ज्योति क्या ये सब ,,,ओ ज्योति ने सर्मिन्दा होते हुए रोड से उठ गई और बोली की सोरी सर ....मैंने कहा टीक है ..कोई बात नहीं पर ये सब क्या है रोड में इसतरह से आप जैसे पढी लिखी महिला करेगी ...तो समाज में क्या संदेस जाएगा .??..ज्योति ने फिर से sorry बोला और घर के अन्दर चली गई ...बुजुर्ग महिला का भी चिल्लाना बंद हो गया ओ भी अन्दर  चली गई ....मैं वापस अपने कार में बैठने लगा तो अक ६५ साल के  बुजुर्ग आये मेरे पास और बोले की सर चलिए घर ...मैंने उन बुजुर्ग का आग्रह नहीं ठुकराया और उनके घर गया ...चुकी ज्योति मेरी स्टूडेंट है ..इस कारन मेरी आव -भगत कुछ ज्यादा ही हो रही है ..मैं वह पर बैठकर बाते करने लगा ..बात बात में पता चला की ज्योति का उनके सास से बिलकुल नहीं पटती है ...कारण पूछने पर पता चला की ज्योति की सास का ममना है की ज्योति के कारण ही उनके पुत्र का निधन हुआ ..जबकि जहा तक मेरी जानकारी मिली उससे ज्योति के पति की मृतु दुर्घटना में हुई ..अब इसमें ज्योति का क्या दोष ? .फिर कुछ देर बाद ज्योति आई मेरे सामने............ 

क्रमश ....समय मिला तो आगे लिखुगा ..बहुत ही दर्दनाक  हकीकत है .....


!! क्या हम पूर्र्ण है ? क्या हम सम्पूर्ण है ?

  
क्या हमारे जीवन में कोई पूर्णता या सम्पूर्णता ला सकता है ....यह निश्चय है की स्त्री और पुरुष एक दुसरे के बगैर अधूरे हैं.. विवाह अथवा प्रेम पूर्णता लाता है , लेकिन 'सम्पूर्णता' नहीं...एक पुरुष के जीवन में उसकी पत्नी के अतिरिक्त उसके माता-पिता, भाई-बहन ,मित्र , नौकरी , कलीग , पडोसी और समाज , सभी का कुछ न कुछ योगदान होता है उसके जीवन को पूर्ण बनाने में..... उसी प्रकार एक स्त्री के जीवन में उसके पति अथवा प्रेमी के अतिरिक्त , उसके माता-पिता, भाई, बहन, परिजन, उसकी अपनी महत्वाकांक्षाएं और समाज सभी का थोडा-थोडा योगदान होता है उसके जीवन को पूर्ण बनाने में... अतः किसी का यह कहना की वो अमुक व्यक्ति को सभी खुशियाँ दे देगा , यह मात्र एक भ्रम है... आप किसी के भी जीवन में पूर्णता तो ला सकते है पर सम्पूर्णता ..कभी नहीं ला सकते है .....हम किसी से बहुत प्रेम करते है उसके लिए सब कुछ न्योछावर करने के लिए तत्पर है .हम सोचते है की इसे सम्पूर्ण खुसी दे सकते है ....पर यह मेरा आपका .हमारा ..सिर्फ एक अहंकार है ..और कुछ नहीं ....आप होते कौन है किसी को कुछ देने वाले ...........

!! गुजरात में मुसलमान असुरक्षित है ?

.अहमदाबाद। गुजरात की तरक्की का लाभ मुसलमानों को भी मिला है, एक आम मुसलमान को संविधान प्रदत्त अधिकार चाहिए न की टिकट। कांग्रेस व अन्य दल मुस्लिम समुदाय को अपना पिट्ठू समझते हैं, लेकिन मुसलमान कौम कोई बेवकूफ नहीं जो खुद का भला बुरा नहीं समझती।

कांग्रेस ने पुरे चुनाव में मुसलमानों का नाम तक नहीं लिया उनको छुपाकर रखने की कोशिश की, जबकि बीजेपी ने इस बार सबको साथ रखा। यह कहना है परासोली कोर्पोरेसन के अध्यक्ष जफर सरेशवाला का। उनका मानना है कि मोदी ने गुजरात को तरक्की की राह पर लाकर दिखा दिया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी देश प्रधानमंत्री बनते हैं तो देश का भला होगा।

मुस्लिम समुदाय को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिय सरेशवाला अपनी कंपनी के जरिए निवेश व बचत का पाठ मुस्लिमों को समझाने में सफल रहे हैं और गुजरात दंगा के बाद से अब तक बड़ी संख्या में लोग उनसे जुड़े हैं। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पटेल समाज के एकजुट होने को गलत मानते हुए कहा की उसके खिलाफ मुस्लिम समुदाय ने बीजेपी के पक्ष में आकर समझदारी दिखाई।
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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यहां कहा की गुजरात में मुसलमान असुरक्षित है, इस पर सरेशवाला कहते हैं की देश में इससे बड़ा मजाक नहीं किया जा सकता है। यह बात वर्ष 2002 में दंगों के बाद करते तो माना जा सकता था, लेकिन 2012 के चुनाव में जब प्रधानमंत्री ही पुरानी बातों का रेकार्ड बजाएंगे तो उसे कौन सुनेगा।

जफर भाई इस मामले में उलटा कांग्रेस को जिम्मेदार मानते हुए कहते हैं कि कांग्रेस समेत अन्य छोटे दलों ने भी मुस्लिम समुदाय को अपनी पॉकेट में रखी वस्तु समझ रखी है। वार्ड चुनाव में भी उम्मीदवार वोट के लिए मतदाता से मिलता है, लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस ने विश्व हिंदू परिषद् की बी टीम की तरह काम करते हुए मुस्लिमों को उपेक्षित रखा। सरेशवाला यहां तक कहते हैं कि मुसलमानों को लेकर कई तरह की बात होती है, लेकिन उन्हें किसी पार्टी का टिकट नहीं अधिकार चाहिए। उन्होंने कहा कि एक टिकट पा जाने से कोई उम्मीदवार विधायक तो बन जाता है, लेकिन आम आदमी को तो टिकट नहीं विकास से मतलब है। मोदी के राज में मुस्लिम सुखी और समृद्ध हुआ है अगर राज्य तरक्की कर रहा है तो उसका फायदा मुस्लिमों को भी हुआ है। मोदी ने विकास की जो गति गुजरात को दी है उससे हर समाज का भला हुआ है।

जफर भाई कहते हैं कि देश में अब तक प्रधानमंत्री बनने वालों में किसी को राज चलाने का अनुभव नहीं था, मोदी ने खुद को गुजरात में इस बात को साबित किया है। उन्होंने कहा कि मोदी अगर एक राज्य चला सकते हैं तो देश को भी बेहतर तरीके से चला सकते हैं। गुजरात के मुस्लमानों ने मोदी को स्वीकार किया है, उनका नेतृत्व तारीफ के काबिल है, अब देश उन्हें स्वीकारेगा पुरे मुल्क में उनके समर्थक भारी संख्या में हैं।