बुधवार, 13 मार्च 2013

।। बौद्धोँ मेँ चमत्कार कि भरमार ।।


बौद्ध एक ढोँगी पाखंडी धर्म है इनके कॉसेँप्ट मेँ विरोधाभाषा भरा पडा है । जो कहते कुछ हैँ और करते कुछ और।इसमेँ जो विग्यान जैसा कुछ दिखता है वो हिन्दुज्म कि चोरी से बाकी ढकोसला मात्र है जिसे छद्म बुद्धिमता बोला जा सकता है ।
*ये आत्मा परमात्मा को मानते नहि फिर भी तपस्या साधना पुजा मेँ मगन रहते हैँ क्या जाने किसकि।
*बिना आत्मा का पुनर्जन्म भी करवा देते हैँ।
*एक दिन मेँ अचानक ज्ञयान प्राप्त कर लेते हैँ फिर भी दुनिया मेँ अशिक्षा फैला हुआ है।
*दुःख का कारण खोजने मेँ हि सारा जीवन दुःखी रहते हैँ ।ये अपने सुख कि चाहत मेँ ज्यादा लगे दिखते हैँ समाज कल्याण कि अपेक्षा ।
~संसार दुःख का कारण है इसे छौड़ दो बोलकर आत्महत्या को बढाबा देते है ।
~इस जीवन से इतना डरे हुए होते हैँ कि दुसरा जन्म नहि चाहते।
~पाप पुण्य कि अवधारणा नहिँ मानते लेकिन पाप का दंड देने के लिए खुद आत्महत्या कर लेते हैँ ।इनके अन्य लोग इनकी लाश को मुर्ति कि शक्ल देकर लाश कि पुजा करते हैँ ।
*ये ब्राह्मण कर्मकांडो के विरोधी होते हैँ खुद उल जुलुल कर्मकाँड करते फिरते हैँ कभी सिर मुँडबा लेते हैँ,भिक्षा माँगते हैँ ,पहिया घुमाते हैँ,अगरबती घुमाते है बुद्ध के सामने और उन्हेँ भगबान भी नहि मानते।
*कर्मकांड ब्राह्मणोँ जैसे करते हैँ फिर भी ब्राह्मण कर्मकांडोँ का विरोध करते हैँ।वेद का विरोध करते हैँ लेकिन तत्बग्यान वेतांत,उपनिषद,न्याय दर्शन और योगदर्शन से ही चोरी करते है।
*इनका ब्रह्मचर्य का ढोँग का भांडा तब फुट जाता है जब विदेशोँ से नाबालिग लडकियाँ वज्रयान के संभोग योगा के लिए मंगाया जाता है ।
*बौद्ध अवतारबाद पुर्नजन्म को नहिँ मानता लेकिन...गौतम बुद्धा बुद्धा के 28 बेँ अबतार माने जाते हैँ उनके पहले भी 27 बुद्धा हो चुके हैँ ।इनके 27 बुद्धा अजीब अजीब हैँ जिसे सच्चाई नहिँ कहा जा सकता दीपंकर ,मैत्रेय जैसे पुराने बुद्धा हैँ जो 35-40 फीट के होते हैँ और हजारोँ लाखोँ साल जीवन जीते हैँ ।
तेनजिन ग्यात्सो दलाइलामा के 14बेँ अवतार माने जाते हैँ!
*ये अहिँसा शाकाहारी का झुठा प्रचार करते हैँ और खुद दलाइलामा समेत अधिकांश भिक्षु मांसाहारी होते हैँ ।खुद बुद्ध शुक्रमडवा नामक सुअर का व्यंजन खाने से मरे थे।
।। बुद्धा के चमत्कार के और नमुने ।।
*सपने मेँ बुद्ध कि माता के पेट सफेद हाथी घुस जाने के बाद बुद्ध पैदा होते हैँ जो पैदा होते ही चलने और बोलने लगते हैँ और जहाँ जहाँ पैर रखते हैँ वहाँ कमल का फुल उग जाता था ।
*जब बुद्धा अपने राज्य लौटते हैँ तो पिता से मिलते वक्त उनके शरीर से आग और पानी निकलने लगता है ।उसके बाद मात्र 3 कदमोँ से मीलोँ दुर तवस्तीमा नामक जगह पहुँचते हैँ जहाँ बुद्ध कि माता का अगला जन्म होता है ।बुद्ध अगले जन्म कि संत्तुस्सीता नामक माता को अभिधम्मा बताते हैँ ।
*एक दिन बुद्धा ब्रह्मा के लोक मेँ पहुँच जाते हैँ लेकिन तपस्या से खुद को छुपा लेते हैँ ऑर ब्रह्मा बुद्ध को खोज नहिँ पाते ।
*बुद्ध के चचेरे भाई देवदत्ता ने बुद्ध के सामने पागल हाथी छोड देता है ।रास्ते मेँ एक औरत का बच्चा जमीन पर छुट जाता है हाथी जैसे हि बच्चे के ऊपर पैर देने बाला था कि बुद्धा ने हाथी के माथे पर अपना हाथ रख कर उसे शांत कर दिया ।
*बुद्धा एक बार आनंद से पानी मांगते हैँ लेकिन आनँद बुद्धा को कुँआ घास फुस से भरा गंदा बताते हैँ लेकिन अगली बार कुँआ खुद साफ हो जाता है ।
*महावग्गा IV मेँ बुद्धा बाढ के पानी को बोलकर वापस लौटा देते हैँ ।
*अंगुत्रा निकाय के अनुसार
¤बुद्धा पानी के ऊपर चल सकते हैँ।
¤बुद्ध लाखोँ मेँ मल्टीपलाय होकर फिर एक हो सकते हैँ ।
¤बुद्धा अंतरिक्ष मेँ जा सकते हैँ ।
¤बुद्धा खुद को बडे से बडा सकते हैँ और चीँटी से छोटा भी बन सकते हैँ ।
¤बुद्धा पर्वतोँ को भी लांघ सकते हैँ ।
¤ बुद्धा धरती कि गहराइयोँ तक जा सकते हैँ ।
¤बुद्धा परलोक तक जा कर धरती पर फिर वापस आ सकते हैँ ।
*इतिबुताका के अनुसार बुद्धा अमर हैँ वो ना तो पैदा होते हैँ और ना ही मरते हैँ ।
*शीलाबत्ती नामक भिक्षुणी के नेवल को बुद्धा सपने मेँ छु देते हैँ तो भिक्षुणी गर्भवती हो जाती है ।
*यशोधरा बुद्धा के सिमेन को 6 साल तक अपने गर्भ मेँ छुपा कर रखती है उसके बाद राहुल पैदा होता है ।
*महसिहंदा सुत्ता के अनुसार बुद्धा मेँ दुरदृष्टि थी उनमेँ ,टेलिपैथी,भुतकाल मेँ देखने कि क्षमता,आधयात्मिक दृष्टि कि क्षमता थी ।वो किसी दुसरे का दिमाग भी पढ सकते थे ।
http://en.wikipedia.org/wiki/Miracles_of_Gautama_Buddha
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http://m.facebook.com/note.php?note_id=291461444232455&_rdr


!! UPAकी घोटालो की ABCD !!


A - Adarsh Scam
B - Bofors Scam
C - CWG Scam
D - Devas-Antrix Scam
E - Employment Guarantee Scheme(EGS) Scam
F - Fodder Scam
G - Ghaziabad Provident Fund scam
H - Harshad Mehta Stock Market Scam
I - IPL Scam
J - Junior Basic Trained teachers' recruitment scam
K - Ketan Parekh Stock Market Scam
L - LIC Housing Scam
M - Madhu Koda mining scam
N - Non-Banking Financial Companies (NBFC) Scam
O - Oriental Bank Scam
P - Punjab State Council of Education Research and Training (SCERT) Scam
Q - Quest for Gold Scam
R - Ration Card Scam
S - Satyam Scam
T - Telecom 2G Scam
U - UTI Scam
V - Volkswagon Equity Scam
W - West Bengal Telecom Scam
X, Y, Z- Coming Soon,..

यह ज्वाला माई कौन है ?

प्रतीकात्मक  चित्र 
मुग़ल बादशाह अकबर द्वारा बनवाया गया सोने का छत्र (छतरी )



यहाँ पर सदियों से यह ज्वाला प्रज्वलित है
आप माने या न माने लेकिन यह हकीकत है कि हिमाचल के ज्वालामुखी मंदिर में एक भक्त ने अकबर दि ग्रेट को झुकाने के लिए ज्वाला माता के आगे अपनी गर्दन काट डाली थी...!  जिसके बाद अकबर को ज्वाला मां के मंदिर माफी मांगने आना पड़ा था....।
      जिन दिनों भारत में मुगल सम्राट अकबर का शासन था,उन्हीं दिनों की यह घटना है......। हिमाचल के  नादौन ग्राम निवासी माता का एक सेवक धयानू भक्त एक हजार यात्रियों सहित माता के दर्शन के लिए जा रहा था........। इतना बड़ा दल देखकर बादशाह के सिपाहियों ने चांदनी चौक दिल्ली मे उन्हें रोक लिया और अकबर के दरबार में ले जाकर ध्यानु भक्त को पेश किया...!
           बादशाह ने पूछा तुम इतने आदमियों को साथ लेकर कहां जा रहे हो....। ध्यानू ने हाथ जोड़ कर उत्तर दिया मैं ज्वालामाई के दर्शन के लिए जा रहा, हूं मेरे साथ जो लोग हैं, वह भी माता जी के भक्त हैं, और यात्रा पर जा रहे हैं...। अकबर ने सुनकर कहा

यह ज्वालामाई कौन है ?

और वहां जाने से क्या होगा ?


ध्यानू भक्त ने उत्तर दिया महाराज ज्वालामाई संसार का  पालन करने वाली माता है....। वे भक्तों के सच्चे ह्रदय से की गई प्राथनाएं स्वीकार करती हैं....। उनका प्रताप ऐसा है उनके स्थान पर बिना तेल-बत्ती के ज्योति जलती रहती है....। हम लोग प्रतिवर्ष उनके दर्शन जाते हैं....।  इस पर  अकबर ने कहा अगर तुम्हारी बंदगी पाक है तो देवी माता जरुर तुम्हारी इज्जत रखेगी...। अगर वह तुम जैसे भक्तों का ख्याल न रखे तो फिर...तुम्हारी इबादत का क्या फायदा ? या तो वह देवी ही यकीन के काबिल नहीं, या फिर तुम्हारी इबादत झूठी है...।

इम्तहान के लिए हम तुम्हारे घोड़े की गर्दन अलग कर देते है, तुम अपनी देवी से कहकर उसे दोबारा जिन्दा करवा लेना....। इस प्रकार घोड़े की गर्दन काट दी गई....।

      ध्यानू भक्त ने कोई उपाए न देखकर बादशाह से एक माह की अवधि तक घोड़े के सिर व धड़ को सुरक्षित रखने की प्रार्थना की....। अकबर ने ध्यानू भक्त की बात मान ली और उसे यात्रा करने की अनुमति भी मिल गई....।
       बादशाह से विदा होकर ध्यानू भक्त  अपने साथियों सहित माता के दरबार मे जा उपस्थित हुआ...। स्नान-पूजन आदि करने के बाद रात भर जागरण किया....। प्रात:काल आरती के समय हाथ जोड़ कर ध्यानू ने प्राथना की कि मातेश्वरी आप अन्तर्यामी हैं...। बादशाह मेरी भक्ती की परीक्षा ले रहा है, मेरी लाज रखना, मेरे घोड़े को अपनी कृपा व शक्ति से जीवित कर देना....। यदि आप मेरी प्रार्थना स्वीकार नहीं करेंगी तो मै भी अपना सिर काटकर आपके चरणों मे अर्पित कर दूंगा...। क्योकि लज्जित होकर जीने से मर जाना अधिक अच्छा है....।
      जब कोई उत्तर न मिला इसके पश्चात भक्त ने तलवार से अपना शीश काट कर देवी को भेंट कर दिया....। उसी समय साक्षात ज्वाला मां प्रकट हुई  ध्यानू का सिर धड़ से जुड़ गया...। भक्त जीवित हो गया...।
       माता ने भगत से कहा कि  ध्यानु मेरे प्यारे बच्चे,दिल्ली मे घोड़े का सिर भी धड़ से जुड़ गया है, चिंता छोड़ कर दिल्ली पहुंचो....।
           ध्यानु भगत ने माता के चरणों मे शीश झुका कर प्रणाम कर निवदेन किया कि जगदम्बे....! आप सर्व शक्तिशाली हैं, हम मनुष्य अज्ञानी हैं भक्ति की विधि भी नहीं जानते, फिर भी विनती करता हूं कि जगमाता आप अपने भक्तों की इनती कठिन परीक्षा न लिया करें...! उधर उस घोड़े का सर वापस जुड़ गया तब जाकर अकबर को ज्वाला देवी की शक्ती का पता चला और तब अकबर बादशाह  पैदल चलकर मंदिर पहुचा और  देवी के चरणों में शीस झुकाया तथा  सोने का छत्र (छतरी) चढ़ाया ..और गुस्ताखी  के लिए माफी भी मागा .....!

जय  माँ  भवानी ......!


नोट ---मुझे पता है इस जानकारी को बहुत से बिधर्मी /नास्तिक लोग कहानी मानेगे पर मुझे कोई फरक नहीं पडेगा मैं इस तरह की जानकारी आगे भी देता रहूगा ..!