शुक्रवार, 28 मई 2021

देश व देशवासियों के लिए BJP के कार्य..

कृपया खानदान के गुलाम,संकीर्ण जातिवादी मुर्ख . बामपंथी,आतंकी-अलगावादी समर्थक इसे पूरा पढ़ने कि कोशिश नहीं करे अन्यथा उनको हार्टअटेक या ब्रेनस्टोक या फिर कोमा मे या पागल हो सकते  हैं ।

1)  देश का सबसे बड़ा सरदार सरोवर बांध को पुर्ण कराया जिसे लौह पुरुष पटेल के नाम से बनने के कारण 65 साल से अटकाया गया था ।

2)  देश का सबसे लम्बा भूपेंद्र हजारिका सेतु 9.15km को बनाया जिसे पिछली सरकार चीन के डर से रोका था ।

3) देश की सबसे लम्बी चनानी -नौशेरा सुरंग बनाया जिसे पिछली सरकार ने अटकाया था 

4)  विश्व की सबसे ऊंची रेल्वे ब्रिज चिनाब नदी पर बना जिसका काम 2008 में रोका गया था ।

4)  वन रेंक वन पेंशन सेना को उसका हक दिया जिसे पिछली सरकार 45 साल से छल रही थी ।

5)  2014 से पहले मात्र तीन शहर मेट्रो आम जनता के लिये चलता था और 2014 से 19 के बीच मुम्बई चेन्नई जयपूर कोच्चि हैदराबाद लखनऊ अहमदाबाद नागपूर मे भी मेट्रो ट्रेन जनता के लिये खोल दिये गये ।

6)  मेट्रो ट्रेन का रुट 2014 मे  km 250 था अब 2019 मे 650 km हैं मोदी सरकार ने 5 साल मे 400 km का रुट बना के पूर्ण कर दिया ।

7)  किसान सम्मान निधि योजना के तहत 12 करोड़ सिनियर सिटिजन छोटे सीमान्त किसानों को 6 हजार रुपए पेन्शन की व्यवस्था किया गया हैं मोदी सरकार ने आजादी के बाद पहली बार अन्यदाता के लिये पेन्शन योजना लागू किया ।

8)   मोदी ने आंबेडकर को दिया गया सम्मान चार साल मे ही पूर्ण ,महू में जन्म भूमि नागपूर में दीक्षा भूमि,मुम्बई में चैत्य भूमि दिल्ली में कर्म भूमि ,लंदन में बाबा साहेब स्मारक बनवाया है ।

9)   देश का पहला 14 लेन राजमार्ग दिल्ली - मेरठ एक्सप्रेस वे मात्र 1एक साल 4 माह मे पूर्ण कर दिया मोदी सरकार ने ।

10)   देश कि प्रथम जल मार्ग गंगा नदी(बनारस से हल्दीया के मध्य ) मे बनाया वह भी चार साल मे शुरू भी हो गया ।

11)   भरुच जिले मे नर्मदा नदी पर देश का सबसे लम्बा एक्स्ट्रा  डाज्ड केवल ब्रिज निर्माण पूर्ण किया ।

12)   देश का सबसे बडा सोलर प्लांट 75मेगावॉट का मिर्जापुर UP मे पूर्ण पूर्ण हुआ ।

13)   विश्व का सबसे उचित मूर्ति स्टेच्यू ऑफ यूनिट सरदार पटेल का समयबध्यता से पूर्ण हुआ 

14)   ग्रामीण शहर गांव मे बिजली 70% थी 2014 मे अब 95% हैं 2018 मे ।

15)   नेशनल हाइवे 1947 मे 21000 km था और 65साल मे बढ़ कर 2014 मे मात्र 91285 km हुआ  अब 2018 मे 131326 km हो गया हैं 44%कि ज्यादा हो गयी हैं ।

16)   देश कि पहली न्यूक्लिअर सबमरीन 2016 मे नौसेन मे शामिल किया ऐसा करणे वाला विश्व का छटा देश बना और 6 नये सबमरीन खरीदने का समझौता किया ।

17)  2014 तक 13 करोड़ वैलिड गैस कनेक्शन था अर्थात 55% घरो मे थी अब 2019 तक 25 करोड़ हो गई 90 %घरो  तक हो गई ।

18)  चेन्नई का इंटिग्रेटेड कोच फ्रेक्ट्रि रेल्वे कि विश्व का सबसे बड़ी रेल फेक्टरी बनी चीन को पछाड कर बना रिकार्ड 2919 कोच का निर्माण किए ।

19)   नासा ने सेटेलाईट पिच्चर के आधार पर अपने रिपोर्ट मे बताया कि कुछ सालो से भारत और चीनी ही दुनिया को सबसे ज्यादा हराभरा हुआ अर्थात विकास के साथ पर्यावरण का भी ख्याल रखा ।

20)    2.5 साल मे ही 50 साल पुरानी मांग 22600 शहीदो के सम्मान मे नेशनल वार मेमोरियल बनाया गया ।

21)   भारतीय पुंजी निवेश दुगना हो गया 2013 मे 1 ट्रिलियन था अब 2018  मे 2 ट्रिलियन हो गया हैं

22)   2014 मे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 30 हजार मिलियन डालर था अब 2018 मे 136 हजार हो गया 450 % ज्यादा हो गया ।

23)  2014मे ग्रामीण सडक से जुडी बस्ती मात्र 55% थी अब 2018 मे 91% हो गयी हैं ।

24)   ग्रामीण क्षेत्रों मे शौचालय 2014 मे 38% था अब 2018 मे बढ़कर 95% हो गया हैं ।

25)  देश कि सबसे बड़ी गैस वितरण योजना का लोकार्पण किया 400 जिले को नेटवर्क से जोडा है ।

26)   भारत का सबसे लम्बा 4.9km कि रेल सह सडक पूल डिब्रुगह असम मे बौगिबेल पूर्ण कराया जिसे 2002 मे अटल सरकार ने शुरू किया था और कांग्रेस कि सरकार ने चीन का डर से रोक सकता है उसे मोदी सरकार ने अब पूर्ण करा दिया है ।

27)   1998 मे अटल सरकार ने सुखोई लडाकु विमान खरीदा था और काँग्रेस कि दस साल के शासन मे एक भी नहीं खरीदा कहते थे पैसे पेड पे नहीं लगता है और अब मोदी सरकार ने राफेल लडाकु विमान खरीद ।

28)  पिछली सभी काँग्रेस कि सरकार ने कुल 52 सेटेलाईट लाँच किये थे मोदी सरकार ने 4.5साल मे अबतक देशी विदेशी 270 सेटेलाईट लाँच कर चुके हैं ।

29)  अमेठि ऊँचाहार रेल्वेलाईन जिसका वादा इंदिरा राजीव सोनिया राहुल ने किया था उसे मोदी सरकार ने पूरा किया ।

30)  12हजार हार्स पावर का दमदार इंजिन मोदी सरकार ने बनाया पहले सिर्फ 6हार्स पावर का रेल इंजिन बनता था ।

31)  1988 तक भारतीय रेल कि सबसे तेज ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस 150 km था और 26 साल तक उसे पिछली सरकार नहीं बढ़ा पा रही थी मोदी सरकार ने t-18 ट्रेन को 180 km कि तेज गति से चलाकर दिखा दिया ।

 32)   मोदी सरकार ने 1.19लाख गाँव ग्राम पंचायत को आप्टिक फायबर से जोडा ।

33)  उजाला योजना से 31 करोड LED बल्ब को सस्ते दर मे बल्ब वितरण किया ।

34)  प्रधानमंत्री सडक योजना से अबतक 1.80 KM लाख सडक बना चुकी है मोदी सरकार का काम बोलता है ।

35)  देश का पहला रेल विश्वविद्यालय वडोदरा मे बन कर तैयार ऐसा करने वाला विश्व का तिसरा देश बना ।

36) 1980 से भारतीय सेना कि जरूरत और मांग देश कि पहली गहन जलमग्न बचाव वाहन (DSRV)नौ सेना को मिला 2018 मे ।

37)   20 साल बाद विदेशी निवेश 2018 मे चीन से ज्यादा हुआ मोदी सरकार कि सफल विदेश नीति के कारण हुआ  भारत का 38 बिलियन डालर और चीन का 32 बिलियन डालर। 

38)  बोफोर्स घोटाल उजागर होने से सेना की जरूरत को फाइल में लटकाया की 30 साल बाद सेना को हल्के हाविज्वर तोप मिला ।

39)  जन धन योजना से अब तक 31.31करोड़ गरीबों का बैंक में खाता खुला है एक माह में 18करोड़ खाता खुलने को विश्व रिकार्ड है ।

40)   उज्ज्वला योजना में ग्रामीण गरीब महिलाओं को GPG गैस दिया रहा है अब तक 6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने लाभ उठा चुके है ।

41)   मुद्रा योजना लागू किया इसमें लघु    छोटे उद्योग को 10लाख का लोन दिया जाता है अब तक लोन 12 करोडो लोगो  को दिया गया पिछली सरकार तो सिर्फ माल्या और नीरव मोदी चौकसे  जिंदल  जय प्रकाश ग्रुप जैसे उद्योगपती को ही मिलता था ।

42) एशिया कि सबसे लम्बी सुरँग जोजीला लेह कारगिल लड्डाख बनाया जा रहा है जो कि सेना के लिये अति आवश्यक है जिसे पकिस्तान चीन और आतंकियो के डर नहीं बनने दिया जा रहा था ।

43)   किसन गंगा हैड्रोपावर (330 मेगावॉट )पूर्ण कराया जिसे पिछली सरकार 1960 से पकिस्तान के डर या प्रेम या पाक प्रेमियों के वोट बैंक कि नाराजगी के कारण अट्काय जा रहा था ।

44)   कृषी भूमी हेल्थ कार्ड योजना लागू किया गया है  इसमें मिट्टी जमीन कि जांच करके किसानों को कोन सी खेती करना और कितना खाद का उपयोग करने संबंधित जानकारी मुफ्त में दिया जाता है ।

45)   फसल बीमा योजना में पहले 50% नुकसान पे बीमा मिलता था अब किसान को 33% पर भी मिल जाता है और युरिया को नीम कोटेड किया कलाबाजारी खत्म हुआ अब देश मे युरिया की कोई कमी नहीं है ।

46)   युनिवर्सल अकाउंट नम्बर UAI से करोडो श्रमिक को EPF खाता खौलना और फंड ट्रान्सफर करना आसान किया इसमें भ्रष्टाचार को रोका और श्रमिकों के हितों कि सुरक्षा का प्रावधान है ।

47)   मेक इन इंडिया के करण विश्व का दुसरा मोबाईल उत्पाद देश बना 2013-14 में 3% होता था अब 11% होता है ।

48)   2013-14 में सोलर ऊर्जा उत्पादन 3350 GWS होता था अब 25872 Gws होता है लगभग आठ गुना ज्यादा और अब विश्व में दुसरा स्थान है ।

49)   बिजली उत्पादन 2013-14 से अब तक 40% ज्यादा हो रहा है रुस को पछाड कर विश्व में तिसरा स्थान है ।

50)  प्रधानमंत्री आवास योजना -चार साल में एक करोड़ पचास लाख गरीबों के लिये बनाया।  पिछले 65 साल का  कुल योग मात्र 77 लाख  है ।

51)    प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना - एक रुपया महिना में दो लाख का दुनिया का सबसे सस्ता बीमा 15करोड़ से ज्यादा लाभार्थी ।

52)   लाखो स्कूल और माता बहनौ गरीबों के लिये  10 करोड़ शौचालय बनाया ।

53)  2014 मे भारतीय रेल स्टेशन मे एस्लेटेर कि संख्या 199 थी और अब 2019 मे 603 हो गई ।

54)  2014 मे भारतीय रेल स्टेशन मे लिफ्ट  मात्र 97 थी और 2019 मे लिफ्ट  अब 445 हो गई ।

55)   8948 मानव रहित लेवल क्रॉसिंग को मोदी सरकार ने हटाया गया जो रेल मे दुर्घटना का मुख्य कारण था जिसका वादा पिछले 40 साल से सभी सरकार करते आ रहे थे ।

56)  2004-14 (दस साल )के मध्य भारतीय रेल ने मात्र 413 रेल रोड ब्रिज और अंडर ब्रिज का निर्माण किया और 2014-19 (पांच साल )के मध्य 1220 का निर्माण पूर्ण हुआ लगभग तीन गुना ज्यादा ।

57)   पांच साल मे 118 नये मेडिकल कालेज खुले है PG के 15000सीटें और MBBS के 18643सीटें बढ़ गई ।

58)  2013-14  देश के बजट  में टोटल आय में  कर्ज   25% लिया जाता था  और व्यय खर्च में ब्याज कि  देनदारी का हिस्सा 24% था 
2018-19 में बजट  में  टोटल आय में कर्ज  का हिस्सा 19% और व्यय खर्च में ब्याज का हिस्सा 18% है । इतने कम समय में इतना कम लोन  करने देश के अन्य PM को छोड़ो विश्व के किसी भी नेता का रिकार्ड नहीं है ।

59)  मोदी सरकार के कार्यकाल में राजकोषीय घाटा औसत 3.4%  और राजस्व घाटा 2.2% है पिछली सरकार के औसत से 30%कम है बजट घाटा इतना कम किसी और  PM ने कभी  नहीं किया है ।

60)  प्रथम बार लोकपाल कि मांग 1967 मे उठा था इंदिरा ने 1971 मे राजीव ने 1985 मे संसद मे पेश किया और दो तिहाई से ज्यादा बहुमत होते हुये भी लटका दिया और अब 52 साल बाद मोदी सरकार ने प्रथम लोकपाल पिनाकी चंदघोष की नियुक्ति किया है ।

61)  मोदी सरकार ने अब तक 1500 से ज्यादा निरर्थक अप्रचलित पुराने कानून को रद्द कर दिया जो आज के प्रशासन के लिये सरदर्द थे ऑर 1600 पुराने कानून को भी रद्द करने के लिये चिन्हित किया गया हैं पिछले 65 साल मे मात्र 1301 पुराने कानून को रद्द किया गया था ।

62)  बुलेट ट्रेन मुम्बई ऑर अहमदाबाद के मध्य काम चालू हैं ऑर 1 लाख करोड़ रुपए जपान लगा रहा हैं इतनी दरियादिली किसी ऑर देश या प्रोजेक्ट मे अब तक नहीं दिखाई मोदी के फ्रेंडली विदेशनिती का नतीजा हैं ।

63)  केंद्रीय कर्मचारीयो क़े ग्रेड 3 और 4 की इंटरव्यू खत्म किया भर्ती मे  भ्रष्टाचार पर रोक और प्रमाणपत्र क़े फोटो कापी मे स्वप्रमाणित नियम बनाया छात्रों को अधिकारीयो क़े चक्कर लगाने से छूट मिला ।

64)   जिनेरिक (जन औषधी ) दवा केन्द्र 2014 तक मात्र 80 था अब 5000 से ज्यादा है यहां 70% तक सस्ता दवा मिलता है हार्ट क़े स्टेंट मे 80% दाम मे कमी किया ।

65)  2013 मे प्रति व्यक्ती आय 86647 से पांच मे बढ़कर 125367 रूयय 45%ज्यादा हुआ ।

88)   स्टेंडर्ड एंड पुअर S & P विश्व विख्यात रेटिंग एजेंसी ने 10 साल बाद भारत कि रेकिन्ग में सुधार किया पहली बार  BBB - किया 2017 में  यह रेटिंग देश कि अर्थव्यवस्था मजबुती ऑर सुधार को प्रदर्शित करता है ।

89)   मुडीस विश्वविख्यात रेटिंग देने वाली एजेंसी ने 2004 के के बाद 2017 में पहली BAA2 किया ये देश कि अर्थव्यवस्था में सकारात्मक सुधार ऑर विकास सुधार के लिये दिया गया है ।

90)  विश्व बैंक ने व्यापर में सूगमता (easy of doing business)में भारत कि रेन्किन्ग 2014 में 134 थी अब 2018 में सुधार हो के 77हो गयी है यह मोदी सरकार के व्यापर में सरकारी हस्तक्षेप बाधा भ्रष्टाचार कम होने के लिये हुआ है ।

91)    संयुक्त राष्ट्रसंघ UN ने मोदी को सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान चेम्पियन्स आफ द अर्थ 2018 में दिया है जो कि मोदी द्वारा 121देशों को साथ लाकर बनाया गये आंतराष्ट्रीय सोलर गथबन्धन के लिये ऑर सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिये दिया गया ।

92) आंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष IMF कि रिपोर्ट 2017 में कहा गया कि दुनिया कि सबसे तेजी से उभारती अर्थव्यवस्था है ऑर पिछले तीन साल में बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में सबसे कम कर्ज लिया है ।

93)  प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था वाले देशों में अब भारत कि रेन्किन्ग 58 है जो कि 2014 में 71 थी 13देश को पीछे छोड दिया है देश मे स्वस्थ प्रतियोगी बिजनेस का माहौल बनाया ।

94)   संयुक्त राष्ट्रसंघ UN रिपोर्ट 2017 में कहा गया है देश में पाँच से कम उम्र के बच्चो कि मृत्यु में 25% कि कमी  हुई है जो कि खाद्यसुरक्षा साफ पानी शौचालय निर्माण ऑर स्वच्छता अभियान के कारण हुआ है ।

95)  आंतराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संस्था 2017कि रिपोर्ट में कहा गया कि भारत दुनिया कि सबसे तेजी से बढ़ता विमानक बाजार निर्माण केंद्र बन गया है ।
 
96)  देश स्टील उत्पादन में बढ़ोतरी हुआ और पहली बार  जापान को पीछे छोड के दुसरा स्थान मिला ।

97)   देश मे चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी हुई विश्व मे पहला स्थान मिला ब्रजील को पिछड़ा ।

98)   आटोमोबाईल बाजार वृद्धी किया मचौथा स्थान मिला जर्मनी को पछाडा ।

99)  मोदी क़े अपील पर 1करोड़ 15 लाख लोगो ने गैस सबसिडी छोड दिया ये भी एक बहुत बड़ी उपलब्धि है ।

100)   2013 - 14 में सिर्फ 3.8 करोड़ लोगो ने इन्कम टेक्स रिटर्न जमा किया था ।
2017 -18 में 6.86 करोड़ लोगो ने इनकम टेक्स रिटर्न  जमा किया जो कि 2013_14 से 80% ज्यादा है लोगो ने सालाना 2.5 लाख रुपए कमाय है जबकि 2 लाख कामाने से तुलना करे तो 120% ज्यादा होगा ।
यदि इसी प्रकार चार- पाँच सालो में 80- 120 % कि बढ़ोतरी प्रत्येक सरकार 1947 से करती रहती तो हमारा देश इस समय किस ऊँचाईयो और बुलन्दियो पे होते ।

 दोस्तों कमी ढूंढना आसान है लेकिन ।पाँच साल मे मोदीजी से बेहतर काम  करने वाला प्रधानमंत्री आकडे देकर ढूंढना "मुश्किल ही नहीं नामुमकिन"

मोदी सरकार से बेहतर किस प्रधानमंत्री ने कार्य किया इसके आकडे सहित मांगोगे तो विरोधी  तो बिन पानी के मछली जैसे छटपटाने जैसी हरकत करेंगे। 

प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत की उपलब्धियां - मोदी सरकार की 7 वर्षों की उपलब्धियां पढ़ते पढ़ते आप थक जायेंगे, फिर भी इस पोस्ट में कई उपलब्धियों का उल्लेख छूट गया है।

📌 अंतर्राष्ट्रीय सदस्यता:
● EBRD सदस्यता
● International Energy Agency
● Australia Group
● SCO सदस्यता
● Wassenaar Arrangement
● MTCR सदस्यता
● CREN
● Asian Infrastructure Investment Bank (AIIB)
● International Solar Alliance
📌 सुरक्षा समझौते:
● अमेरिका के साथ Military Logistic Pact 'LEMOA'
● फ्रांस के साथ Military Logistic Pact 'MLSA'
● साउथ कोरिया के साथ Military Logistic Pact
● जापान के साथ Cross Servicing Agreement 'ACSA'
● ऑस्ट्रेलिया के साथ MLSA pact
● रूस के साथ Military Logistic Pact
● 'सबांग पोर्ट' इंडोनेशिया तक पहुंच
● 'एसोम्शन आइलैंड' पर नौसेना बेस
● 'अगालेगा द्वीप' में सैन्य बेस
● ओमान में 'दुक्म पोर्ट' तक पहुंच
● श्रीलंका में 'त्रिंकोमाली पोर्ट' बनाने के लिए
● सिंगापुर के साथ समुद्री लॉजिस्टिक समझौता
● इज़राइल के साथ व्हाइट शिपिंग समझौता
📌 बड़े कदम:
● रिटायर्ड सैनिकों के लिए ओआरओपी
● 7वां वेतन आयोग
● किसानों के लिए एमएसपी में वृद्धि
● पीएम किसान सम्मान निधि
● एमएसएमई को 1 करोड़ ऋण
● जीएसटी स्लैब में कमी
● एमएसएमई को 40 लाख टर्नओवर तक जीएसटी से छूट
📌 वित्तीय बचत:
● काला धन रिकवरी : 94,000 करोड़ से अधिक
● अघोषित आय : 1.3 लाख करोड़ से अधिक
● एनपीए रिकवरी : 5.63 लाख करोड़ से अधिक
● रक्षा सौदों से अतिरिक्त बचत : 1.92 लाख करोड़ से अधिक
● डीबीटी बचत : 1.78 लाख करोड़ से अधिक
● विनिवेश से बचत : 2.8 लाख करोड़ से अधिक
● खानों की नीलामी से बचत : 1.81 लाख करोड़ से अधिक
📌 प्रमुख रक्षा सौदे:
● राफेल मल्टीरोल फाइटर जेट
● S-400 SAM
● प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट
● Barak-8 MRSAM
● 'अरिहंत क्लास' न्यूक्लियर सबमरीन
● 'अपाचे' और 'चिनूक' हेलीकॉप्टर
● अकुला-द्वितीय परमाणु पनडुब्बी
● प्रोजेक्ट 11356 क्लास फ्रिगेट्स
● M777, 'धनुष' होवित्जर आर्टिलरी
● K-9 ट्रैक होवित्जर 
● AK-203 असॉल्ट राइफल
● "MH-60R" नौसेना हेलीकॉप्टर सौदा
📌 बड़ा 56" एक्शन:
● म्यांमार स्ट्राइक
● सर्जिकल स्ट्राइक
● बालाकोट एयर स्ट्राइक
● जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध
● डोकलाम स्टैंड-ऑफ
● जेकेएलएफ प्रतिबंधित
● 'पाक' और 'बांग्लादेश' से सटी सीमा सील
● नागरिकों पर कोई बड़ा आतंकवादी हमला नहीं
● गलवान स्टैंड-ऑफ
📌 बड़ा बदलाव:
● स्विस बैंक की जमा राशि में 91% की कमी
● अत्यधिक गरीब 2011 में 26 करोड़ से घटकर 5 करोड़ रह गए
● ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग 142 से 63 हो गई
● अप्रैल 2021 में UPI लेनदेन 2,641 मिलियन रहा
● 2020-21 में उच्चतम खाद्यान्न उत्पादन 303 मिलियन टन रहा
📌 वित्तीय सुधार (रिफॉर्म):
● आधार अधिनियम, 2016 (धन विधेयक)
● नोट बंदी
● Bankruptcy & Insolvency Code Bill 2016
● Good & Service Tax (GST)
● बेनामी संपत्ति अधिनियम
● भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक (FEOB)
● ई-वे बिल
● रक्षा खरीद नीति (डीपीपी)
● बैंकों और एनबीएफसी की तरलता बढ़ी
● 111 लाख करोड़ की राष्ट्रीय इन्फ्रा योजना पेश की गई
● कॉर्पोरेट टैक्स को कम किया गया
📌 लंबे समय से लंबित प्रमुख मुद्दों का समाधान:
● बांग्लादेश सीमा विवाद
● एनआरसी कार्यान्वयन
● ट्रिपल तलाक
● नागा शांति समझौता
● नागरिकता संशोधन विधेयक
● पाकिस्तान से 'एमएफएन' का दर्जा वापस लेना
● रोहिंग्या घुसपैठियों की वापसी
● हज सब्सिडी खत्म करना
📌 सार्वजनिक योजनाएं:
● मुद्रा योजना : 28.82 करोड़ से अधिक लोगों को ऋण
● स्वच्छ भारत योजना : 11.35 करोड़ से अधिक टॉयलेट
● 'स्मार्ट सिटी' मिशन
● 'नमामि गंगे' मिशन
● 'आयुष्मान भारत' योजना
● पीएम जन धन योजना : 42.38 करोड़ से अधिक बैंक अकाउंट
● उज्जवला योजना : 8.03 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन
● पीएम फसल बीमा योजना : 8.94 करोड़ से अधिक 
● 'सौभाग्य' योजना : 2.62 करोड़ से अधिक घर में बिजली कनेक्शन
● PMAY किफायती आवास : 1.86 करोड़ से अधिक घर
● 'उजाला' एलईडी बल्ब योजना : 36.73 करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब
● 'उड़ान' योजना
● 'मेक इन इंडिया' योजना
● आत्मनिर्भर भारत
● PLI स्कीम
● अटल पेंशन योजना : 3.04 करोड़ लाभार्थी
● पीएम जीवन ज्योति बीम योजना : 10.32 करोड़ से अधिक
● पीएम सुरक्षा बीमा योजना : 23.36 करोड़ 
● अटल टिंकरिंग लैब्स : 8,878
● हर घर जल योजना
📌 स्मारक स्थापित:
● राष्ट्रीय समर स्मारक
● लाल किला बैरक संग्रहालय
● राष्ट्रीय पुलिस स्मारक
● सिनेमा संग्रहालय
● स्टैच्यू ऑफ यूनिटी - सरदार पटेल
● पं. दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल
● डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय स्मारक
● "पी. वी. नरसिम्हा राव" के लिए स्मारक
📌 लंबित इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं पूर्ण:
● कोल्लम बाईपास
● बाणसागर कैनाल
● वाराणसी कोलकाता जलमार्ग (NW-1)
● बोगीबील ब्रिज
● कटरा रेल लाइन
● सरदार सरोवर डैम
● पश्चिमी और पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे
● कोटा चंबल ब्रिज
● पाक्योंग हवाई अड्डा
● ढोला सदिया ब्रिज
● चेनानी नाशरी सुरंग
● रोहतांग सुरंग
📌 अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति:
● ADNOC तटवर्ती तेल खोज
● चाबहार बंदरगाह समझौता
● आसियान-भारत समझौता
● जापान के साथ 75 अरब डॉलर मुद्रा विनिमय समझौता
● अबू धाबी में हिंदू मंदिर
● रूस के साथ रुपया - रूबल व्यापार 
● INSTC परियोजना
● रूस-भारत गैस पाइपलाइन*
📌 अंतरिक्ष मिशन और उपग्रह:
● गगनयान मिशन
● EMISAT
● Microsat-R
● GSAT-7A
● GSAT-15 
● HySIS Satellite
● Catrosat' Series
● South Asia Satellite
● एक साथ 104 सेटेलाइट स्थापित
● मिशन शक्ति
● नाविक नेविगेशन सिस्टम
📌 बड़े वादे:
● 5 लाख तक कर योग्य आय पर शून्य कर
● 10% आर्थिक आरक्षण
● प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन योजना
● दूसरे घर पर टैक्स छूट
● स्टार्ट अप के लिए 50 लाख का ऋण
● 'किसान क्रेडिट कार्ड' से 1 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण
📌 मेगा प्रोजेक्ट्स:
● बुलेट ट्रेन परियोजना
● ट्रेन-18, तेजस और हमसफर ट्रेनें
● सामरिक कच्चे तेल के भंडार
● डिफेंस कॉरिडोर
● मेट्रो ट्रेन परियोजना
● भारतमाला प्रोजेक्ट
● सागरमाला परियोजना
● डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC)
● सामरिक सीमा सड़कें
● औद्योगिक कॉरिडोर
● नदी को जोड़ने वाली परियोजना
● मेगा फूड पार्क
● सिटी गैस वितरण (पाइप लाइन से गैस) (CGD)
📌 परमाणु शक्ति:
● यूरेनियम के लिए 'ऑस्ट्रेलिया' से करार
● यूरेनियम के लिए 'कजाखस्तान' के साथ करार
● यूरेनियम के लिए 'कनाडा' के साथ अनुबंध
● यूरेनियम के लिए 'उज्बेकिस्तान' के साथ करार
● कुडनकुलम परमाणु अनुबंध (5th & 6th)
● 6 'VVER' रिएक्टरों के लिए 'रूस' के साथ अनुबंध
● 6 'ईपीआर' रिएक्टरों के लिए 'फ्रांस' के साथ अनुबंध
● 6 'AP1000' रिएक्टरों के लिए 'यूएसए' के ​​साथ अनुबंध
📌 महत्वपूर्ण पहल:
● डिफेंस के लिए पीएम छात्रवृत्ति
● जल शक्ति मंत्रालय का गठन
● नई शिक्षा नीति 
● पहली बार जम्मू कश्मीर में 'इन्वेस्टर्स समिट'
● 'PM KISAN' सभी किसानों के लिए बढ़ाया गया
● दुकानदारों/नौकरों के लिए पेंशन योजना
● बच्चो से बलात्कार के लिए मौत की सजा
● जम्मू-कश्मीर बैंक के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई
● 1800 से अधिक अनावश्यक कानून हटाए गए
● ई-वाहन नीति लागू
● बीएसएनएल के लिए रिवाइवल प्लान स्वीकृत
● गर्वी गुजरात भवन का शुभारंभ
● पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए SFURTI
● राजनेताओं की अनुचित Z+ सुरक्षा हटाई गई
● औद्योगिक संबंध संहिता को मंजूरी दी
● राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड की स्थापना
● "फिट इंडिया" लांच
● कई भगोड़ों के खिलाफ ईडी, सीबीआई और आईटी द्वारा कार्रवाई
📌 आगामी प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं:
● बिलासपुर-मंडी-शिमला-लेह रेल लाइन (465 Km)
● मिसामारी-तेंगा-तवांग रेल लिंक (378 Km)
● जोजिला सुरंग
● सेला दर्रा सुरंग
● केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना
● दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे
● रतले जल विद्युत परियोजना (850 MW)
● सावलकोट पनबिजली परियोजना (1856 MW)
● पाकल दुल डैम
● मुंबई ट्रांस हार्बर सी लिंक
● तटीय फ्रीवे
● बाड़मेर रिफाइनरी
● धुबरी-फुलबारी ब्रिज
● 'ब्रह्मपुत्र' पर पानी के नीचे रेल-सड़क सुरंग
● माजुली ब्रिज
● रामेश्वरम धनुष्कोडी रेल लाइन
● चार धाम रोड और रेल नेटवर्क
📌 शैक्षणिक संस्थान: 
● AIIMS - 15
● IIM's - 7
● IIT's - 7
● IIIT's - 14
● मेडिकल कॉलेज - 90
● नवोदय विद्यालय - 62
● केन्द्रीय विद्यालय - 103
● विश्वविद्यालय - 141
📌 प्रमुख विधेयक पारित:
● अनुच्छेद 35ए और 370 की समाप्ति
● जम्मू और कश्मीर (पुनर्गठन) विधेयक, 2019
● ट्रिपल तलाक बिल
● एनआईए (संशोधित) बिल
● यूएपीए (संशोधित) विधेयक
● पॉक्सो (संशोधित) विधेयक
● अनधिकृत कॉलोनियां विधेयक
● श्रम सुरक्षा विधेयक पारित
● नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित
● आरटीआई (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित
● चिट फंड (संशोधन) विधेयक पारित
● उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2019 पारित
● मोटर वाहन संशोधन विधेयक पारित
● जीएसटी बिल पास
● आईबीसी बिल पास
● शत्रु संपत्ति बिल पास
● आर्थिक भगोड़ा अपराधी बिल पास
● सोशल मीडिया के लिए कोड ऑफ एथिक्स रूल्स
📌 अर्थव्यवस्था:
● सकल घरेलू उत्पाद 4.71% (औसत) (विश्व 2.47%)
● 4.61% की निम्न औसत महंगाई
● 5.68% की औसत बेरोजगारी दर (WB)
● सकल घरेलू उत्पाद अनुपात में उच्चतम कर प्राप्ति
● ~$593 बिलियन अब तक का उच्च विदेशी मुद्रा भंडार
● 2020 में 81.72 अरब डॉलर का अब तक का सबसे अधिक एफडीआई
● आरबीआई से 5.44 लाख करोड़ का सरप्लस ट्रांसफर
📌 इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट:
● राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण - 61,828 Km
● बिजली क्षमता स्थापित - 133.60 GW
● ग्रामीण सड़क निर्माण - 2.29 लाख करोड़ Km
● रेलवे लाइन दोहरीकरण : 1,458 Km/year
● ट्रेन सेवाएं शुरू की गईं - 871
● उड़ान योजना के तहत 56 हवाईअड्डे शुरू
● भारतनेट: 5.21 लाख किलोमीटर से अधिक ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई
● 111 राष्ट्रीय जलमार्गों का विकास
📌 महत्वपूर्ण पहल:
● मृदा स्वास्थ्य कार्ड
● फसल बीमा
● नीम कोटेड यूरिया
● 'जन औषधि' केंद्र : 7748
● डाक बैंक
● भीम ऐप
● ई-नाम पोर्टल 
● अटल टिंकरिंग लैब
● मिशन 'इंद्रधनुष'
● जेम पोर्टल
● TReDS सिस्टम
● डिजी लॉकर
● पासपोर्ट सेवा ऐप
📌 चाक चौबंद सुरक्षा:
● पाक और बांग्ला सीमाओं पर स्मार्ट फेंसिंग
● 17 एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (ALG's)
● राष्ट्रीय राजमार्गों पर 29 हवाई पट्टियां
● 794 नई बीओपी (Border Out Posts)
● 13,029 व्यक्तिगत और 1,431 बड़े समुदायिक बंकर
● सब बेस 'आईएनएस वर्षा' और 'दीसा' में एयरबेस
● लक्षद्वीप में नौसेना के लिए रणनीतिक चौकी
● नौसेना बेस आईएनएस कैंपबेल बे और आईएनएस कोहासा
● फुल बॉडी ट्रक स्कैनिंग सिस्टम (FBTSS)
● नेटवर्क फॉर स्पेक्ट्रम (एनएफएस) परियोजना लागू
● 36 रडार स्टेशन, Ph-II में 38 और
● 27 टोही प्रणाली (LORROS)
● 110 मजबूत आश्रय 'Blast Pens'
● प्रमुख रडार निगरानी स्टेशन 'नारकोंडम द्वीप'
● भंडारण, राडार आदि के लिए 24 अनुपयोगी हवाई क्षेत्र
📌 रक्षा परियोजनाएं:
● A-SAT मिसाइल परियोजना
● S5 क्लास न्यूक्लियर सबमरीन
● SSN क्लास न्यूक्लियर सब
● 'प्रलय' मिसाइल
● 'अग्नि-1पी' मिसाइल
● निर्भय मिसाइल
● SFDR Popularization
● 'K-5' & 'K-6' मिसाइल
● एंटी रेडिएशन मिसाइल (ARM)
● XR-SAM परियोजना
● DRDO QR-SAM
● Air launched 'SANT' Missile Project
● Brahmos-ER, Brahmos-A & Brahmos-NG
📌 महत्वपूर्ण मील के पत्थर:
● राफेल मामले में मोदी सरकार को मिली क्लीन चिट
● "हाउडी मोदी" कार्यक्रम हुआ
● ओबीसी पैनल का गठन
● भारत ने आरसीईपी को खारिज कर दिया
● "नमस्ते ट्रंप" कार्यक्रम का आयोजन
● चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति
● Facial Recognition System स्थापित
● "95% सफलता के साथ लॉन्च हुआ चंद्रयान-2''
● मुंबई मेट्रो परियोजना चरणबद्ध शुरू की गई
● RuPay कार्ड अबू धाबी में लॉन्च किया गया
● असम के लिए एनआरसी सूची प्रकाशित
● "राम मंदिर" का निर्माण शुरू
● अनियमित जमा योजनाएं प्रतिबंधित
● जम्मू-कश्मीर सचिवालय से हटाया गया जम्मू-कश्मीर का झंडा
● जम्मू-कश्मीर अधिवास नियम पुनर्परिभाषित
📌 भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस:
● 5 करोड़ फर्जी बैंक खाते समाप्त
● 4.49 करोड़ फर्जी एलपीजी कनेक्शन रद्द
● मनरेगा से 3.1 करोड़ फर्जी लाभार्थी हटाए
● 2.98 करोड़ फर्जी राशन कार्ड रद्द
● 98.8 लाख फर्जी आंगनबाडी लाभार्थियों को हटाया
● 3.38 लाख शेल कंपनी डीरजिस्टर्ड
● 20,000 एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस रद्द
● 11.44 लाख फर्जी पैन निष्क्रिय
● एनएसएपी में 7.57 लाख फर्जी लाभार्थियों को हटाया
● 12.86 लाख फर्जी अल्पसंख्यक लाभार्थियों को हटाया
● 7 लाख से अधिक फर्जी छात्रवृत्ति समाप्त
📌 भारत के प्रधानमंत्री को विश्व में मान्यता:
● Saudi Arab : "The King Abdulaziz Sash"
● Afghanistan : "Amir Amanullah Khan"
● Palestine : "Grand Collar"
● UN : "Champions Of The Earth"
● South Korea : "Seoul Peace Prize"
● WMS : "Philip Kotler Presidential Award"
● UAE : "Zayed Medal"
● Russia : "Order of Saint Andrew the Apostle"
● Maldives : "Order of the Distinguished Rule of Izzudeen"
● Bahrain : The King Hamad Order of the Renaissance
● Modi conferred "Order Of Zayed" in Dubai.
📌 कोविड-19 महामारी:
● कोविड-19 के लिए PM-CARES फंड
● 6 स्वदेशी टीके विकसित हो रहे है
● 27.1 लाख करोड़ रुपये का 'आत्मनिर्भर पैकेज'
● कम 234 मृत्यु / 10 लाख जनसंख्या में
● सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान

ये सम्हाल कर रख लीजिए, उचित समय पर विरोधियों के मुंह पर मारने के लिए ।

सोमवार, 24 मई 2021

“टूलकिट” या “लूट-किट”, कांग्रेस की घिनौनी चाल

देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत चुनाव प्रक्रिया होती है और इसी तरह से सरकारों का गठन होता है। आज़ादी के बाद से देश में अनेकों चुनाव हुए और अधिकतर समय कांग्रेस ही सत्ता में रही और जब भी गैर कांग्रेसी सरकारें बनी वो कभी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं।

केवल अटलजी की एकमात्र गैर कांग्रेसी सरकार थी जो 1998-2004 का अपना कार्यकाल पूरा कर पाई थी। इस कार्यकाल में अटलजी ने अनेक जनहितकारी काम किये, गैस के लिए लगने वाली लंबी लंबी कतारें बंद हो गईं, विदेशी मुद्रा भंडार अपने रिकॉर्ड स्तर पर था। पाकिस्तान से एक परोक्ष युद्ध कारगिल में लड़ा लेकिन इन सबके बावजूद अटलजी एक अच्छी सरकार के साथ साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ करने में सफल हुए थे।

अटलजी अपनी लोकप्रियता और सरकार की जनता के बीच छवि से संतुष्ट थे और इस बात के लिए आश्वस्त थे कि 2004 के लोकसभा चुनावों में भी वो प्रचंड बहुमत के साथ दुबारा देश के प्रधानमंत्री की कमान संभालेंगे।

अटल सरकार ने अपने कामों से देश में एक विश्वास जगाया था और एक नारा दिया – “शाइनिंग इंडिया”

जिस नारे के बूते अटलजी दूसरी बार सरकार बनाने का संजोए बैठे थे उसी नारे ने अटलजी को सत्ता से बेदखल कर दिया। कांग्रेस के दरबारी रात दिन “शाइनिंग इंडिया” की हवा निकालने में जुट गए। देश का तमाम मीडिया, अख़बार, न्यूज़ चैनल “शाइनिंग इंडिया” को एक गाली की तरह प्रस्तुत करने लगे।

इसी माहौल में प्याज के दामों में बेतहाशा वृद्धि होने लगी। प्याज के मुद्दे ने इतना तूल पकड़ा कि देश की जनता अटलजी के सारे अच्छे कामों को भूल गई या कहें उसे ‘भुलवा’ दिया गया। 2004 का चुनाव अटलजी हार गए और इस हार से क्षुब्ध अटलजी ने न केवल राजनीतिक बल्कि सार्वजनिक जीवन से भी सन्यास ले लिया। अंतिम समय तक अटलजी जैसे ओजस्वी वक्ता, कवि हृदय राजनेता को देश ने फिर कभी नहीं देखा और न कभी सुना।

अगर इसे ये कहा जाए कि मीडिया ने अटलजी के लंबे समय तक विपक्ष में रहने, विपक्ष में रहकर भी सदैव देशहित को पहले रखने वाले एक मर्मस्पर्शी, प्रखर राष्ट्रवादी नेता की राजनीतिक हत्या की थी तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। इसके बाद 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार रही जिसकी चेयरपर्सन सोनिया गांधी थीं। पूरा देश जानता है कि मनमोहन सिंह केवल कहने और दिखने के प्रधानमंत्री थे, असली खेल तो पर्दे के पीछे ही खेला जाता था।

2004 से 2014 के यूपीए के कालखंड में देश में अरबों खरबों के घोटाले हुए, अनेकों आतंकी घटनाएं हुई, देश पर अब तक का सबसे भीषण आतंकी हमला 26/11 नम्बर 2008 मुंबई में हुआ। जबकि अगले ही वर्ष चुनाव थे। प्याज जैसे मुद्दे पर अटलजी की सरकार गिरवाने वालों ने देश की जनता को एक बार फिर सब कुछ ‘भुलवा’ दिया गया और 2009 में पहले से भी ज़्यादा सीटों के साथ कांग्रेस दुबारा सत्ता पर काबिज़ हो गई लेकिन इस “टूलकिट” के बारे में किसी को पता ही नहीं चला।

अटलजी के बाद मई 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब एक बार फिर पूर्णतया गैर कांग्रेस शासित सरकार बनी और देश की जनता हर बार की तरह अपने कामों में व्यस्त होने ही वाली थी कि देश की जनता को एक अलग तरह के वातावरण का आभास होने लगा। देश में ‘असहिष्णुता’ का वातावरण बनने लगा, बड़े बड़े लेखक, पत्रकार, फिल्मकार, बुद्धिजीवी अपने ‘एवॉर्ड वापस’ करने लगे।

इसके बाद तो देश में ऐसे अनेक कार्यक्रम होने लगे। जेएनयू में देश विरोधी, भारत विरोधी नारे लगे और इन नारे लगाने वालों के साथ विपक्ष के तमाम बड़े नेता जा खड़े हुए। इन मुठ्ठी भर देशद्रोही युवाओं को देश के युवाओं की आवाज़ बताने के प्रयास किए गए।

इसके पहले ये सब देश ने कभी नहीं देखा था। लेकिन अब यहाँ पेंच सबसे बड़ा ये था कि सोशल मीडिया अपनी जड़ें जमा चुका था और इस तरह के तमाम हथकंडों, प्रायोजित कार्यक्रमों की पोल खुलने लगी और देश के जन सामान्य तक घर घर पहुँचने लगी।

जिन बड़े बड़े नेताओं, पत्रकारों, लेखकों के पेशाब से सत्ता के गलियारों में चिराग जलते थे वो सत्ता के गलियारों से बुरी तरह लतिया दिए गए। प्रधानमंत्री के साथ सरकारी खर्च पर विदेश यात्राओं में जाने, शराब, शबाब और क़बाब के सिलसिले सब बंद हो गए।

नॉर्थ ब्लॉक, पीएमओ में सत्ता के दलालों का प्रवेश बंद कर दिया गया। उरी हमले का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक से दिया गया। पुलवामा हमले का जवाब एयर स्ट्राइक से दिया गया। काले धन पर प्रहार करने के लिए नोटबंदी की गई। ये सारे काम इतनी गोपनीयता के साथ किये गए कि सरकार में ऊँचे पदों पर बैठे लोगों तक को इसकी भनक नहीं लगी।

देश के बड़े नौकरशाहों, सत्ता के दलालों और देश की सबसे बड़ी पार्टी और उनके दरबारियों की अच्छी तरह समझ आ गया था कि ‘सरदार’ बदल चुका है और ये ‘सरदार’ बहुत असरदार है।

इस बीच देश की सबसे पुरानी पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री पर सीधे हमले करते रहे और ये सब करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री की पद, मान मर्यादा का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा।

रफाएल विमान सौदों को लेकर कांग्रेस ने “चौकीदार चोर है” का नारा दिया लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इसी नारे को लपककर “मैं भी चौकीदार” नारे का सृजन कर दिया। कांग्रेस के नेताओं ने प्रधानमंत्री के लिए नीच, नपुंसक, ज़हर की खेती करने वाला, खून की दलाली, सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने, सेना को बदनाम करने जैसे अनेक काम किये। कांग्रेस के नेता पाकिस्तान तक से मोदी को बेदखल करने के लिए मदद माँगते देखे गए।

लेकिन इन सबमें भी प्रधानमंत्री मोदी ने कभी भी विपक्ष के नेताओं के लिए अपशब्दों का प्रयोग नहीं किया और न ही कभी पलटकर कोई प्रतिक्रिया दी।

कांग्रेस और विपक्ष द्वारा की जा रही तमाम छीछालेदर के बावजूद देश की जनता ने मई 2019 में प्रधानमंत्री मोदी पर दुबारा विश्वास जताया और उन्हें पहले से भी ज़्यादा सीटों के साथ दुबारा प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठा दिया।

दुबारा सत्ता में लौटने के बाद मोदी ने जनता से किए अपने वायदों को निभाते हुए अगस्त 2019 में एक बड़ा निर्णय दिया और वो था कश्मीर में धारा 370 और 35A का ख़ात्मा, साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाना।

देश की जनता में खुशी की लहर दौड़ गई। मोदी/ भाजपा पर देश की जनता का विश्वास और गहरा हो गया। लेकिन इस ऐतिहासिक निर्णय से विपक्ष के पेट में और जमकर मरोड़ें उठने लगीं। आए दिन विपक्ष और कांग्रेस के दरबारियों का विलाप शुरू हो गया। ये निर्णय हुआ ही था कि सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि मुद्दे की रोज़ाना सुनवाई होने लगी और अंततः हिंदुओं के पक्ष में राम मंदिर का निर्णय आया।

एक के बाद इन दो कामों ने मोदी सरकार की विश्वसनीयता का ग्राफ इतना ऊपर पहुँचा दिया कि विपक्ष इन सबसे हक्का बक्का होकर रह गया। इसी बीच जनवरी 2020 में देश की राजधानी दिल्ली भीषण दंगों की आग में झुलस गई या कहें झुलसा दी गई। इस षड्यंत्र में भी दिल्ली राज्य की सत्ता संभाल रही आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं की संदिग्ध भूमिका सामने आई है।

लेकिन मोदी की अग्निपरीक्षा अभी बाकी थी और फरवरी 2020 में कोरोना ने भारत में दस्तक दे दी। सम्पूर्ण विश्व में कोरोना ने भयंकर तबाही मचानी शुरू कर दी। बड़े बड़े विकसित देशों ने इस अदृश्य शत्रु के सामने घुटने टेक दिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने सम्पूर्ण देश में लॉक डाउन की घोषणा कर दी। देश और विश्व के तमाम लोगों, विशेषज्ञों के लिए ये नया अनुभव था और एक अबूझ पहेली बन चुका था।

लेकिन विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस के लिए ये “आपदा में अवसर” था। देश की जनता को भड़काने के तमाम प्रयास किए जाने लगे। ग़रीब, मजदूर वर्ग को सड़कों पर निकलने के लिए मजबूर किया गया।

केवल उत्तरप्रदेश के मजदूरों के लिए प्रियंका वाड्रा ने बसों की व्यवस्था की पेशकश की और जब उनसे वाहनों की सूची माँगी गई तो उनमें ऑटो रिक्शा, स्कूटर के नम्बर भी निकल आये। लेकिन उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अदम्य साहस और इच्छाशक्ति कर बल पर इस विकट स्थिति को भी संभाल लिया।

देश में धीरे धीरे अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई, और जनजीवन, व्यापार, कामकाज अपनी गति को पकड़ चुका था। इसी बीच कोरोना की वैक्सीन के आविष्कार, निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी थी। लेकिन विपक्ष तो कैसे भी मोदी को बदनाम करने पर आमादा था। शाहीन बाग के बाद इस बार किसान आंदोलन शुरुआत की गई।

बकौल मोदी ये भी एक ‘प्रयोग’ था संयोग नहीं। किसान आंदोलन के नाम पर 26 जनवरी को देश के तिरंगे का अपमान किया गया, जेल में बंद कुछ देशद्रोहियों को रिहा करने की माँग की गई।

इसी बीच कोरोना की वैक्सीन भारत में बननी शुरू हो गई और सरकार ने इसे विभिन्न चरणों में लगाने की प्रक्रिया शुरू की। तब भी देश के बड़े विपक्षी नेताओं, पत्रकारों ने वैक्सीन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए, इसे बीजेपी की वैक्सीन करार दिया, लोगों में भ्रम फैलाया लेकिन खुद ने चुपके से वैक्सीन लगवा ली।

तभी कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दी और इस बार की लहर पहले से ज़्यादा घातक सिद्ध हुई। देश में ऑक्सीजन, बेड, ज़रूरी दवाओं की क़िल्लत हुई, कालाबाज़ारी भी जमकर हुई। प्रधानमंत्री के बंगाल में रैली करने को कुछ लोगों ने गलत संदर्भ में लिया जबकि प्रधानमंत्री अपने दैनिक कामों और देश के हालातों पर बराबर नज़रें गड़ाए रहते हैं।

तमाम आलोचनाओं से विचलित हुए बिना प्रधानमंत्री मोदी तन मन धन से देश की जनता की रक्षा में जुट गए। देश में सर्वाधिक कोरोना केसेस देनेवाले राज्यों महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल और पंजाब की बजाय ‘दरबारियों’ ने अपनी सारी ऊर्जा उत्तरप्रदेश में झोंक दी क्योंकि कांग्रेस को मोदी के बाद दूसरा सबसे बड़ा खतरा योगी से है।

कल जब कांग्रेस की तथाकथित टूलकिट की जानकारी लीक हुई और सोशल मीडिया से लेकर तो न्यूज़ चैनलों तक पर ये खबर गूँजी तो कांग्रेस फिर हक्का बक्का होकर रह गई। कांग्रेसी प्रवक्ताओं के चेहरों पर उड़ रही हवाईयां बता रहीं थीं कि दाल में काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है।

कांग्रेस की इस तथाकथित टूलकिट के मुख्य बिंदु कुछ इस प्रकार हैं –

▪️कोरोना के इस नए स्ट्रेन को ‘इंडियन स्ट्रेन’ या ‘मोदी स्ट्रेन’ कहकर प्रचारित करना
▪️ ऑक्सीजन, बेड की कमी करना और केवल INC यानी इंडियन नेशनल कांग्रेस के ट्विटर हैंडल को टैग करके माँगी गई मदद पर ही कार्रवाई करना
▪️ पत्रकारों द्वारा माँगी गई मदद पर तुरंत कार्रवाई करना
▪️ देश की जनता में मोदी सरकार के प्रति घृणा फैलाना
▪️ देश के बुद्धिजीवियों और पूर्व नौकरशाहों द्वारा सरकार पर सवालिया निशान लगाना
▪️ कुंभ को ‘सुपर स्प्रेडर’ के रूप में प्रचारित करना और ईद, इफ़्तार को प्रेम और सद्भावना का संदेश देना

सत्ता पाने के लिए अपने ही देश की जनता को मौत के मुँह में धकेलना, देश और सरकार को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने जैसा घिनौना षड्यंत्र कांग्रेस और उसके पाले हुए गुर्गों द्वारा करना ये बताता है कि सत्ता पाने के लिए कांग्रेस पार्टी किसी भी हद तक गिर सकती है, गिरती रही है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य कांग्रेस शासित प्रदेश भी इस टूलकिट का एक अहम हिस्सा हैं। आये दिन केवल विज्ञापन देने, सोशल मीडिया पर लाइव आने, व्यवस्था में कमी होने पर केंद्र को ज़िम्मेदार बताने, केंद्र सरकार की मदद को अपना काम बताने, हाइकोर्ट के जजों के लिए विशेष व्यवस्था करने और दिल्ली की जनता को भगवान भरोसे छोड़ने का घिनौना काम केजरीवाल बखूबी कर रहे हैं।

एक बार राहुल गांधी ने बाक़ायदा सार्वजनिक तौर पर कहा था कि – मोदी की ताकत उनकी इमेज है और मैं इस इमेज को तोड़कर रख दूँगा।

“कांग्रेस की टूलकिट” भी वही कहती है और जो कुछ भी टूलकिट में कहा गया है वैसा हुआ भी है, हो भी रहा है। सत्ता से बाहर होने पर कांग्रेस सदैव ही “टूलकिट” का इस्तेमाल करती आई है। लेकिन सोशल मीडिया के ज़माने में पहली बार ये टूलकिट लीक होकर जनता के सामने आ पाई है। एक बार फिर कांग्रेस का देश विरोधी, हिंदुत्व विरोधी चेहरा सामने आया है।

लेकिन मोदी से पार पाना विपक्ष और कांग्रेस के लिए लोहे के चने चबाने जैसा है। इस संकट के बाद जब मोदी वापस अपने फॉर्म में आएंगे तब उन्हें रोक पाना विपक्ष और कांग्रेस के लिए असंभव हो जाएगा।

अपने ऊपर फेंके गए पत्थरों से इमारत खड़ी करना मोदी बखूबी जानते हैं।

ताकि सनद रहे !!

#NSB (फेसबुक)

Trunicle.com पर प्रकाशित लेख
(हिंदी, अंग्रेज़ी एवं संस्कृत भाषा का एकमात्र न्यूज़ पोर्टल)

शुक्रवार, 21 मई 2021

मोदी नें हिंदुओं के लिए क्या किया ??

📌 "अयोध्या में श्रीराम मंदिर" बनवा रहे हो"
📌 "काशी विश्वनाथ कॉरिडोर" बनवा रहे हो
📌 "विंध्याचल कॉरिडोर" बनवा रहे हो
📌 "चार धाम को रेल रोड हवाई कनेक्टिविटी" से जोड़ रहे हो
📌 "धारा 370 और 35ए" हटा रहे हो
📌 "CAA" ला रहे हो
📌 4 वर्षों से यूपी में "रक्षाबंधन के पर्व पर बहनों/महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा" करवा रहे हो
📌 "श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा" करवा रहे हो
📌 यूपी में "रंगोत्सव, दीपोत्सव, कृष्ण जन्मोत्सव" धूमधाम से मना रहे हो
📌 अयोध्या में लाखों "दीप जलवाकर" विश्व रिकॉर्ड बनवा रहे हो
📌 "दिव्य कुंभ भव्य कुंभ" का सफल आयोजन करवा रहे हो
📌 "अयोध्या, काशी, मथुरा, वृंदावन, चित्रकूट, विंध्याचल" का विकास और सौंदर्यीकरण करवा रहे हो
📌 "रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट" बनवा रहे हो
📌 "कैलाश मानसरोवर भवन" बनवा रहे हो
📌 "लव जिहाद के खिलाफ" कानून बना रहे हो
📌 "जबरन धर्मांतरण के खिलाफ" कानून बना रहे हो
📌 "दंगे के खिलाफ वसूली" का सख्त कानून बना रहे हो
📌 सदियों से बंद "अक्षय वट, सरस्वती कूप" को श्रद्धालुओं के लिए खुलवा रहे हो
📌 "अकबर किले में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित" करवा रहे हो
📌 "रामेश्वरम को रामसेतु से जोड़ने वाला पंबन ब्रिज" बनवा रहे हो
📌 "रामायण एक्सप्रेस" चलवा रहे हो
📌 अयोध्या में "रामायण म्यूजियम" बनवा रहे हो
📌 अयोध्या में "251 मीटर ऊंची भगवान राम की भव्य प्रतिमा" बनवा रहे हो
📌 "अयोध्या से जनकपुरी (नेपाल) तक बस सेवा" शुरू करवा रहे हो
📌 मथुरा में "कृष्ण लीला म्यूजियम" बनवा रहे हो
📌 "विश्व की सबसे बड़ी श्रीमद् भागवत गीता का अनावरण" कर रहे हो
📌 "बहरीन में 200 साल पुराने कृष्ण मंदिर का पुनरुद्धार" करवा रहे हो
📌 "84 कोस परिक्रमा मार्ग 4 लेन" का बनवा रहे हो
📌 "केदारनाथ धाम का पुनरोद्धार"
📌 "कैलाश मानसरोवर तक रोड" बनवा रहे हो
📌 "कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने के लिए 1 लाख की सब्सिडी" दे रहे हो
📌 काशी में "काशी विश्वनाथ वर्चुअल म्यूजियम" बनवा रहे हो
📌 "माता वैष्णो देवी को रेल, रोड और हवाई कनेक्टिविटी" से जोड़ रहे हो
📌 "भैरो बाबा तक रोप-वे सेवा" शुरू करवा रहे हो
📌 "वाराणसी से कटरा तक वन्दे भारत ट्रेन" चलवा रहे हो
📌 "नमामि गंगे के तहत गंगा सफाई अभियान" चलवा रहे हो
📌 "जेलों में जन्माष्टमी का आयोजन" करवा रहे हो
📌 "अयोध्या में रामलीला का मंचन" करवा रहे हो
📌 "नवरात्रि में कन्या भोज का आयोजन" करवा रहे हो
📌 "फैजाबाद का नाम बदलकर पुनः प्राचीन नाम "अयोध्या जी" कर रहे हो
📌 "इलाहाबाद का नाम बदलकर पुनः प्राचीन नाम प्रयागराज" कर रहे हो
📌 "भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देशभर में विभिन्न प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार" करवा रहे हो
📌 "आबू धाबी में पहले भव्य हिन्दू मंदिर का निर्माण" करवा रहे हो
📌 "गौवंश के संरक्षण" के लिये योजनाएं चला रहे हो
📌 "विभिन्न वैश्विक मंचो से भारतीय संस्कृति को बढ़ावा" दे रहे हो 
📌 "संस्कृत यूनिवर्सिटी की स्थापना" करवा रहे हो
📌 "योग को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में विश्व में स्थापित" कर रहे हो
📌 "राष्ट्रीय गोकुल मिशन" शुरू कर रहे हो
📌 "राष्ट्रीय कामधेनु आयोग" का गठन कर रहे हो
📌 "कुंभ यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल" करवा रहे हो
📌 "विश्व के नेताओ को गीता, रामायण भेंट" कर रहे हो
📌 "बेसहारा गोवंशों के लिए कार्पस फंड की व्यवस्था" कर रहे हो 
📌 यूपी में "प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले सभी छात्र छात्राओं को निःशुल्क कोचिंग" सुविधा उपलब्ध करवा रहे हो
📌 "4 करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 59,000 करोड़ रुपए से अधिक की पोस्ट मैक्ट्रिक छात्रवृत्ति योजना" शुरू कर रहे हो

साभार ..

मंगलवार, 18 मई 2021

अटल जी की सरकार के बाद हिंदुओं का कत्लेआम

बीजेपी 22 मई 2004 को अटल जी की सरकार औपचारिक रूप से विदा हुई इसके बाद देश मे हिंदुओं का कितना कत्लेआम हुआ जाने और समझें, कोरोना माहमारी में एक ईमानदार प्रधानमंत्री का मजाक बनाने वाले जरा गौर से पढ़े.....
गांधी परिवार ने श्री मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया... 2014 तक कांग्रेस की सरकार केंद्र में रही... चित्रों में दिखाई दे रहे चिथड़े हो गए मानुष याद हैं न ?? भूल गये होंगे क्योंकि हमारी स्मृति बहुत कमजोर होती है, चलिए मैं याद दिला देता हूँ।

● 15 अगस्त 2004- असम के धिमजी स्कूल में बम ब्लास्ट, 18 मरे 40 घायल

● 5 जुलाई 2005- अयोध्या में रामजन्म भूमि पर आतंकवादी हमला, 6 मरे, दर्जनों घायल

● 28 जुलाई 2005- जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में RDX द्वारा बम विस्फोट, 13 मरे, 50 घायल

● 29 अक्टूबर 2005- दीपावली के त्यौहार के दो दिन पहले दिल्ली के गोविंदपुरी की बस, पहाड़गंज और सरोजनी नगर के भीड़भाड़ वाले इलाके में सीरियल ब्लास्ट, 70 लोगों के चिथड़े उड़ा दिए गए और 250 से ज्यादा घायल हुए, तारिक अहमद डार और रफीक मास्टरमाइंड।

● 28 दिसम्बर 2005- बैंगलोर के इंस्टीट्यूट आफ साइंस पर आतंकवादी हमला, 1 मरा 4 घायल

● 7 मार्च 2006- हिंदुओं की श्रद्धा के केंद्र वाराणसी के प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर और भीड़भाड़ वाले कैंट रेलवे स्टेशन पर 3 बम ब्लास्ट करके 28 श्रद्धालुओं, नागरिको को बम से उड़ा दिया,101 लोग घायल हुए, लश्करे कुहाब और सिमी का हाथ।

● 11 जुलाई 2006- मुम्बई में एक साथ

माटुंगा रोड, माहिम, बांद्रा, खार रोड, जोगेश्वरी, भाइंदर, बोरिवली स्टेशनों के लोकल ट्रेन में सीरियल ब्लास्ट, 209 मरे 700 से ज्यादा घायल, फैसल शेख, आसिफ अंसारी, आसिफ खान, कमल अंसारी, एहतसाम सिद्दकी और नावेद खान घटना के प्रमुख सूत्रधार।

● 8 सितंबर 2006- मालेगांव की मस्जिद में सीरियल ब्लास्ट, 37 मरे, 125 घायल, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया का हाथ... बाद में चार्जशीट बदलकर हिन्दू आतंकवाद की ऐतिहासिक असफल थ्योरी बनाने की कोशिश हुई।

● 18 फरवरी 2007- समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, 68 मरे, 50 घायल, सेना की इंटेलीजेंस ने इस्लामिक आतंकवादी संगठन लश्करे तैय्यबा का हाथ बताया... कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद बनाने के चक्कर में भारतीय सेना के कर्नल श्रीकांत पुरोहित को जेल में 7 वर्ष तक भयानक यातनाएं दी... 9 वर्ष बाद पुरोहित जेल से बाहर आये।

● हैदराबाद की मक्का मस्जिद में ब्लास्ट, 16 मरे 100 घायल, हरक़त उल जिहाद अल इस्लामी का हाथ... कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद की असफल थ्योरी एक बार फिर सिद्ध करने का प्रयास किया।

● 14 अक्टूबर 2007- लुधियाना के थियेटर में ब्लास्ट, 6 लोग मरे

● 24 नवम्बर 2007- उत्तर प्रदेश में लखनऊ, अयोध्या और बनारस के न्यायालयों में सीरियल बम बलास्ट, 16 मरे 79 घायल

● 1 जनवरी 2008- रामपुर उत्तर प्रदेश में CRPF कैम्प पर हमला, 8 मरे 7 घायल, लश्करे तय्यबा का हाथ।

● 13 मई 2008- जयपुर के छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, मानकपुर पुलिस स्टेशन एरिया, जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, कोतवाली क्षेत्र में RDX द्वारा 9 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट, 63 मरे, 200 घायल, हरकत-उल-जिहाद उल इस्लामी ने ली जिम्मेदारी।

● 25 जुलाई 2008- बैंगलुरु में में 8 सीरियल ब्लास्ट, 2 मरे 20 घायल

● 26 जुलाई 2008- गुजरात के अहमदाबाद में 17 जगहों पर सीरियल बम ब्लास्ट, 35 मरे 110 घायल... मुफ़्ती अबू बशीर मास्टर माइंड... अब्दुल कादिर, हासिल मोहम्मद, हुसैन इम्ब्राहीम ने मिलकर कराची (पाकिस्तान) में बैठे नेटवर्क की सहायता से बम विस्फोट किये।

● 13 सितंबर 2008- दिल्ली के गफ्फार मार्केट, बारहखम्भा रोड, GK1, सेंट्रल पार्क में 31 मिनट के अंदर 5 बम ब्लास्ट हुए, 4 अन्य बम निष्क्रिय किये गए, 33 मरे और 150 से ज्यादा घायल... स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आठ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।

● 27 सितंबर 2008- दिल्ली महरौली के इलेक्ट्रानिक मार्केट में 2 बम ब्लास्ट, 3 मरे और 33 घायल।

● 1 अक्टूबर 2008- अगरतल्ला में बम विस्फोट, 4 मरे 100 घायल

● 21 अक्टूबर 2008- इम्फाल में बम विस्फोट, 17 मरे 50 घायल

● 30 अक्टूबर 2008- असम में बम विस्फोट, 81 मरे और 500 से ज्यादा घायल

● 28 नवम्बर 2008- मुम्बई हमला ताज होटल, ओबेराय होटल, कामा हॉस्पिटल, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर आतंकवादी हमला, 166 लोग मारे गए 600 से ज्यादा घायल।

● 1 जनवरी 2009- गुवाहाटी में बम ब्लास्ट, 6 मरे 67 घायल

● 6 अप्रैल 2009, गुवाहाटी में बम ब्लास्ट, 7 मरे 62 घायल

● 13 फरवरी 2010- पुणे की जर्मन बेकरी में बम ब्लास्ट,17 मरे 70 घायल... सिमी इंटरनेशनल मुजाहिद्दीन इस्लामिक मुस्लिम फ्रंट के भारतीय शाखा द्वारा किया गया बम ब्लास्ट।

● 7 दिसम्बर 2010- दशास्वमेध घाट पर गंगा आरती के समय बम ब्लास्ट, 3 मरे 36 घायल... स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।

● 13 जुलाई 2011- मुबई के ओपेरा हाउस, जावेरी बाज़ार और दादर एरिया में भीषण बेम ब्लास्ट, 26 मरे 130 लोग घायल... स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।

● 7 सितंबर 2011- दिल्ली हाईकोर्ट में बम ब्लास्ट, 17 मरे और 180 लोग घायल... हरकत उल जिहाद अल इस्लामी के आउटफिट का भारतीय मेडिकल छात्र वसीम अकरम मालिक बम बलास्ट का मास्टरमाइंड।

● 13 फरवरी 2011- इजराइली डिप्लोमेट की कार को बम से उड़ाने का प्रयास, बम सही से फटा नहीं, 4 घायल... भारतीय पत्रकार मुहम्मद अहमद काज़मी की संलिप्तता।

● 1 अगस्त 2012- पुणे ब्लास्ट, स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।

● 21 फरवरी 2013- हैदराबाद की हैदाराबाद में 2 बम ब्लास्ट, 18 मरे और 131 घायल... इंडियन मुजाहिद्दीन का फाउंडर यासीन भटकल, असदुल्लाह अख्तर, तहसीन अख्तर, एजाज शेख बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड।

● 17 अप्रैल 2013- बैंगलोर में बम ब्लास्ट,14 लोग गंभीर रुप से घायल

● 7 जुलाई 2013- बोधगया मे ब्लास्ट, 5 लोग गंभीर रूप से घायल... म्यांमार में रोहंगिया आतंकवादियों के खिलाफ हुई कार्यवाही के विरोध में भारत के बिहार के बोध गया में उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, मुजीबुल्लाह अंसार, हैदर अली, इम्तियाज अंसारी ने बिहार को दहलाने की रची थी साजिश।

● 27 अक्टूबर 2013- को पटना में, नरेंद्र मोदी की रैली में इंडियन मुजाहिद्दीन द्वारा 8 बम ब्लास्ट, 6 मरे 85 घायल...लाखों की भीड़ में भगदड़ मचा कर हजारों को मारने की साजिश... मोदी और मैनेजरों की समझदारी से भगदड़ नही मची... मोहम्मद तहसीन अख्तर मास्टरमाइंड... चिकमंगलूर मदरसे से प्रेरित होकर किया ब्लास्ट... मुज़्बुल्ला, हैदर अली, नुमान, तारिक अंसारी ब्लास्ट के बाद फरार।

● 1 मई 2014- चेन्नई में गुवाहाटी बैंगलोर एक्सप्रेस में बम बलास्ट, 2 मरे 14 गंभीर रूप से घायल।

इन आंकड़ों में 10 वर्ष में हुए वामपंथी माओवादियों द्वारा किये गए हमले और जम्मू कश्मीर में किये गए हमले शामिल नहीं है, क्योंकि वो अलग विषय है।

यहां एक बात और याद दिलाना जरूरी है कि जब बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ था और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी उस में मारे गए तो तत्कालीन कांग्रेस की मुखिया श्रीमती सोनिया गांधी उन आतंकवादियों की लाशों को देखकर फूट फूट कर रोई थी, जैसे कि कोई अपने घर का चला गया हो।

2014 में मोदी के आने के बाद से इस लेख के लिखे जाने तक मुझे याद नहीं कि दिल्ली की सड़कों, हैदराबाद, अहमदाबाद और अयोध्या के चौराहों पर, जयपुर और बनारस की गलियों में कोई ऐसा बम ब्लास्ट हुआ हो, जहां कोई मंदिर या मस्जिद जाने वाला, कोई दिवाली के लिए खरीदारी करने वाला, कोई रेस्टोरेंट में अपने परिवार के साथ बैठा व्यक्ति या मुम्बई की लोकल ट्रेन में यात्रा करता एक नागरिक बम ब्लास्ट में चीथड़े हो जाए और अगले दिन वह नहीं बल्कि उसकी लाश उसके घर पहुंचे।

जानते हैं क्यों ?? क्योंकि इस देश में आम चुनाव द्वारा इलैक्टेड प्रधानमन्त्री Narendra Modi का राज है... जबकि आज से पहले आतंकवादियों के लाश पर आँसू बहाने वालों द्वारा सलेक्टेड प्रधानमंत्री का राज था... राजनाथ सिंह को हमने बहुत बार निंदानाथ कहा... परन्तु गृहमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल सफल रहा कि देश के अंदर वो रक्तपात नही हुआ, जिसका गवाह ये देश 2009 से 2014 तक बना... मेरे लिए तो यही एक कारण काफी है कि तमाम सहमतियों के बाद भाजपा को वोट दिया जाए... किसी भी मंदिर मस्जिद या विकास को देखने के लिए आपके और आपके परिवार का जीवित रहना बहुत जरूरी है... ।।

सोमवार, 17 मई 2021

हिंदुओं में आरती-पूजा के प्रति निष्क्रियता क्यो ?

जब मैं किसी मुस्लिम परिवार के पांच साल के बच्चे को भी बाक़ायदा नमाज़ पढ़ते देखता हूँ तो लगता है मुस्लिम परिवारों की ये अच्छी चीज़ है कि वो अपना धर्म और अपने संस्कार अपनी अगली पीढ़ी में ज़रूर देते हैं। कुछ पुचकार कर तो कुछ डराकर, लेकिन उनकी नींव में अपने मूल संस्कार गहरे घुसे होते हैं।

यही ख़ूबसूरती सिखों में भी है । सरदार को यदि पगड़ी या उसके केश आदि पर उंगली उठाते ही  उसी वक़्त तेज़ आवाज़ आप को रोक देगी।

लगभग हर धर्म में नियमों के पालन पर विशेष जोर दिया जाता है।

हिन्दू धर्म चाहें कितना ही अपने पुराने होने का दावा कर ले, पर इसका प्रभाव अब सिर्फ सरनेम तक सीमित होता जा रहा है।

मैं अक्सर देखता हूँ कि एक माँ आरती कर रही होती है, उसका बेटा जल्दी में प्रसाद छोड़ जाता है, लड़का कूल-डूड है, उसे इतना ज्ञान है कि प्रसाद गैरज़रूरी है।
           "वैसे मैं खुद यहां पर ब्लाग लिखकर लोगो को समझा रहा हूँ पर मैं भी आरती-प्रसाद के प्रति उतना गम्भीर नही हूँ जितना यहां भाषण दे रहा हूँ पर आजके बाद से ऐसा नही होगा ।"

बेटी इसलिए प्रसाद नहीं खाती कि उसमें कैलोरीज़ ज़्यादा हैं, उसे अपनी फिगर की चिंता है।

छत पर खड़े अंकल जब सूर्य को जल चढ़ाते हैं तो लड़के हँसते हैं।

इस पर मां कहती हैं कि अरे! आज की जेनरेशन है माडर्न हो रही है। पिताजी खीज कर कहते हैं कि ये तो हैं ही ऐसे इनके मुंह कौन लगे!

दो वक़्त पूजा करने वाले को हम सहज ही मान लेते हैं कि वह दो नंबर का पैसा कमाता होगा, इसीलिए इतना पूजा-पाठ करता है। 
'राम-राम जपना, पराया माल अपना' ये तो फिल्मों में भी सुना है । फ़िल्म वालों ने "अल्ला-अल्ला जपना-पराया माल अपना" क्यो नही दिखाया ?
इस पर फिर कभी चर्चा करूँगा ।

नतीजतन बच्चों का हवनपूजा के वक़्त हाज़िर होना मात्र दीपावली तक सीमित रह जाता है।

यही बच्चे जब अपने हम उम्रों को हर रविवार गुरुद्वारे में मत्था टेकते या हर शुक्रवार विधिवत नमाज़ पढ़ते या हर रविवार चर्च में मोमबत्ती जलाते देखते हैं, तो बहुत फेसिनेट होते हैं। सोचते हैं ये है असली गॉड! मम्मी तो यूं ही थाली घुमाती रहती थी।
अब क्योंकि धर्म बदलना तो पॉसिबल नहीं, इसलिए मन ही मन खुद को नास्तिक मान लेते हैं।

शायद हिन्दू अपने धर्म को अच्छे से प्रोमोट नहीं कर पाए।

शायद उन्हें कभी ज़रूरत नहीं महसूस हुई।

शायद आपसी वर्णों की मारा मारी में रीतिरिवाज और हवन पूजा पाठ आदि का महत्त्व हमें नजर नहीं आया !

वर्ना सूरज को जल चढ़ाना, सुबह जल्दी उठने की वजह ले आता है। हवन-पूजा करना नहाने का बहाना बन जाता है। और मंदिर घर में रखा हो तो घर साफ सुथरा रखने का कारण बना रहता है। भजन बजने से जो ध्वनि होती है वो मन शांत करने में मदद करती है। 

आरती गाने से कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ता है। हनुमान चालीसा तो डर को भगाने और शक्ति संचार करने के लिए सर्वोत्तम है। सुबह हवन करके निकलो तो पूरा बदन महकता है, टीका लगा लो तो ललाट चमक उठता है। प्रसाद में मीठा खाना तो शुभ होता है। भई,टीवी में एड नहीं देखते।

संस्कार घर से शुरु होते हैं। जब घर के बड़े ही आपको अपने संस्कारों के बारे में नहीं समझाते तो आप इधर-उधर भटकते ही हैं। इस भटकन में जब आपको कोई कुछ ग़लत समझा जाता हैं, तो आप भूल जाते हो कि आप उस सनातन सभ्यता का मज़ाक बना रहे हो, जिस पर आपका पूरा संसार टिका है, जिस पर आपके माता-पिता का विश्वास टिका है।

हमने कभी किसी धर्म का मज़ाक नहीं उड़ाया है, लेकिन किसी को भी इतनी छूट नहीं है कि हमारे सत्य सनातन वैदिक धर्म का मज़ाक बनाये।

हिन्दू होना अत्यंत गौरव का विषय है। हर वर्ग के मित्रों से अनुरोध है कि अपने बच्चों को कम से कम एक बार श्री मद्भागवत गीता अवश्य पढ़ाएं, रामायण के बारे में, महाभारत के बारे में बताएं या दूरदर्शन पर अवश्य दिखाएं ।
कृपया याद रखें सनातन सिर्फ धर्म नहीं बल्कि एक सभ्यता संस्कृति है, सुबह उठने से लेकर रात्रि विश्राम तक अपने आप को सनातन परंपरा से जोड़ कर रखिये और उत्कृष्ट जीवन को प्रति क्षण महसूस कीजिये। संभवत: हम आखरी पीढ़ी हैं जो अपने धर्म को किसी तरह संभाले है यदि हम चूक गए तो हमारी संस्कृति को इतिहास होने में समय नहीं लगेगा।
   

रविवार, 16 मई 2021

कोरोना वैक्सीन एक्सपोर्ट की सच्चाई क्या है ??

वैक्सीन एक्सपोर्ट की सच्चाई जानेंगे तो सारे जिहादियों और सेकुलरों का सिर शर्म से झुक जाएगा...जिहादी और सेकुलर लगातार एक मुद्दा उठा रहे हैं...साथ ही ये पोस्टर लगा रहे हैं कि हमारे बच्चों की वैक्सीन दुनिया में क्यों एक्सपोर्ट कर दी? 
कितनी वैक्सीन कहाँ भेजी गई और क्यों भेजी गई? इसका पूरा हिसाब किताब इस लेख में है। 
और, साथ ही ये भी बताएंगे कि कैसे भारत के जिहादियों को सऊदी अरब में फ्री वैक्सीन की डोज का मजा मिल रहा है। 

- 11 मई तक भारत ने कुल 6.6 करोड़ वैक्सीन के डोज विदेशों में निर्यात किए हैं । इसमें से 84 प्रतिशत यानी करीब 5 करोड़ वैक्सीन लाइबेलिटी के तहत बाहर भेजी गई है । लाइबेलिटी मतलब भारतीय कंपनी के द्वारा विदेशी कंपनी या दूसरे देश के साथ हुए समझौते के तहत वैक्सीन को बाहर भेजा गया है । अगर भारत की कंपनी वैक्सीन बाहर भेजने का समझौता स्वीकार नहीं करती तो भारतीय कंपनियों को वैक्सीन बनाने का कच्चा माल ही नहीं मिलता ।

- भारत में जो कंपनी वैक्सीन बनाती है वो वैक्सीन बनाने का कच्चा माल विदेशों से इम्पोर्ट करती है । जिन देशों ने भारत की कंपनियो को ये कच्चा माल दिया । उन देशों ने भारत की वैक्सीन निर्माता कंपनियों से करार किया कि हम आपको कच्चा माल तभी देंगे जब आप वैक्सीन बनाने के बाद कुछ प्रतिशत हमको भी बेचेंगे । इस वैक्सीन के लिए भारतीय कंपनियों को पेमेंट भी दी गई है । लगभग 5 करोड़ वैक्सीन ऐसे ही कुछ अनुबंधों के तहत विदेशों में भेजना भारत की कंपनियों की व्यवसायिक जिम्मेदारी थी । इसके अलावा एक करोड़ 7 लाख वैक्सीन मदद के रूप में भारत के पड़ोसी देशों को भेजी गई है । इसकी जरूरत क्यों पड़ी ? आगे बताएंगे । 

- आपको ये बात जानकार आश्चर्य होगा कि आज बहुत सारे जिहादी और इस्लाम परस्त सेकुलर भी वैक्सीन एक्सपोर्ट को लेकर भारत सरकार को घेर रहे हैं । लेकिन सच्चाई ये है कि भारत की कंपनियों ने कुल एक्सपोर्ट हुई वैक्सीन का 12.5 प्रतिशत सऊदी अरब को एक्सपोर्ट किया है । सऊदी अरब में 15 लाख 40 हजार भारतीय रहते हैं और ये बताने की जरूरत नहीं है कि इनमें से 90 प्रतिशत मुसलमान हैं जिहादी हैं । भारत ने यहां से जो वैक्सीन सऊदी अरब को एक्सपोर्ट की है । वो सारी वैक्सीन सऊदी अरब में रहने वाले इन हिंदुस्तानी जिहादियों को मुफ्त में लगाई जा रही है । आप सोचिए कितने शर्म की बात है कि जिहादियों को वैक्सीन फ्री में ठोंकी जा रही है फिर भी भारत में मोजूद जिहादी हल्ला हंगामा काट रहे हैं क्योंकि मकसद सिर्फ मोदी का विरोध है । 

- भारत ने 2 लाख वैक्सीन डोज युनाइटेड नेशन पीस कीपिंग फोर्स को दिया है । भारत के बाहर भी भारत के हजारों जवान संयुक्त राष्ट्र के मिशन के तहत शांति सेना के रूप में नियुक्त हैं । इन हजारों जवानों को भी वैक्सीन लगाने के लिए वैक्सीन एक्सपोर्ट की गई है । अब जिहादी जवाब दें कि क्या वैक्सीन भारत के सैनिकों और जवानो को लगे तो उन्हें कोई दिक्कत है ? 

-इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक कोवैक्स फैसेलिटी का निर्माण किया है । भारत सरकार को WHO के इस कोवैक्सीन फैसेलिटी को कुल एक्सपोर्ट वैक्सीन का 30 प्रतिशत भेजना पड़ा । ये दुनिया की मदद के लिए किया गया एक समझौता था जिस पर हर देश के साइन हैं । अगर आज मोदी के अलावा कांग्रेस का भी प्रधानमंत्री होता तो भी उसको ये वैक्सीन WHO को भेजना ही पड़ता । 

- कमर्शियल लाइसेंसिंग क्या होती है ? इस बात को आप ऑक्सफोर्ड और सीरम की वैक्सीन कोविशील्ड से भी समझ सकते हैं । दरअसल सीरम भारत की कंपनी है जो वैक्सीन बनाती है । लेकिन उसने लाइसेंस और फॉर्मूला ब्रिटेन की कंपनी एक्स्ट्राजेनेका (ऑक्सफोर्ड) का लिया हुआ है । पहले ऑक्सफोर्ड ने भारतीय कंपनी सीरम से बिलकुल साफ कहा था कि हम आपको लाइसेंस तभी देंगे जब आप हर महीने हमें 50 लाख वैक्सीन बनाकर देंगे । तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ब्रिटेन की सरकार से बात करके इस रुकावट को दूर किया और सीरम को लाइसेंस मिला नहीं तो कोवीशील्ड वैक्सीन तो भारत में बन ही नहीं पाती ।

- इसके अलावा भारत सरकार ने 7 पड़ोसी देशों को भी वैक्सीन भेजी है । ये सारे पड़ोसी देश लगातार चीन के प्रभाव में आते जा रहे हैं । अगर यहां भारत ने वैक्सीन नहीं भेजी होती तो चीन इन देशों पर और ज्यादा प्रभाव जमा लेता । इसलिए भारत ने बांग्लादेश भूटान श्रीलंका अफगानिस्तान वगैरह को वैक्सीन भेजी है । अब जैसे उदाहरण के लिए समझिए... चीन ने बांग्लादेश को अपनी वैक्सीन ऑफर की लेकिन बांग्लादेश ने मना कर दिया और भारत का हाथ पकड़ा । लेकिन अब जरा विचार कीजिए कि जो चीन पाकिस्तान से हर चीज की कीमत वसूल रहा है उसी चीन को आखिरकार मजबूरी में बांग्लादेश को फ्री वैक्सीन गिफ्ट के तौर पर भी ऑफर करनी पड़ी । सोचिए वैक्सीन के नाम पर इतनी बडी कूटनीति चल रही है । दरअसल भारत को भी ये कूटनीति करनी पड़ती है आप अपनी सीमा पर हर तरफ दुश्मनी मोल नहीं ले सकते हैं ।

- कुछ लोग ये अफवाह भी उड़ा रहे हैं कि भारत सरकार ने पाकिस्तान को वैक्सीन भेज दी है ये बात बिलकुल गलत है । दरअसल सच्चाई ये है कि कोवीशील्ड बनाने वाली ब्रिटेन की कंपनी एक्सट्राजेनेका से पाकिस्तान सरकार का समझौता हुआ है उसी के तहत  वैक्सीन डोज पाकिस्तान भी भेजे गए हैं । लेकिन इसमें भारत सरकार और किसी भी भारतीय कंपनी का कोई रोल नहीं है 

- और सबसे बड़ी बात ये है कि वैक्सीन का एक्सपोर्ट फर्स्ट वेव के बाद किया गया था जब हमारे देश में लोग वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार ही नहीं थे और सारे के सारे विपक्षी नेता वैक्सीन की क्वालिटी पर ही सवाल खड़े कर रहे थे । 

- तो आप सभी लोगों से हमारी ये अपील है कि संकट के इस समय में भ्रम मत फैलने दीजिए और भ्रम फैलाने वालों को इस पोस्ट से करारा जवाब दीजिए ।

शनिवार, 15 मई 2021

नन बनते समय लडकियाँ क्या शपथ लेती हैं ?

शौंक़िया तौर पर मैं  एक प्रसिद्ध चर्च  चला गया ! मुझे भी जरा कुछ ज्यादा ही आनन्द आता है धर्म पर चर्चा में और वहाँ उनकी प्रार्थना एवं अन्य कुछ बातों में अपनी रूची दिखानी शुरु की । वहां एक ईसाई... जो कि.. वेश-भूषा से कोई फादर टाईप ही लग रहा था..., मेरे गले मे जनेऊ देख कर समझ गया कि... मैं एक हिन्दू हूँ...! इसीलिये.... उसने मुझे भी ईसाई बनाने और शीशे में उतारने के लिए कहा कि.देखो बेटे... बुरा मत मानना... लेकिन दरअसल. सच पूछो तो... हिन्दू धर्म और इस्कॉन पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाना चाहिये.।

क्योंकि.यह श्रीकृष्ण को महिमा मंडित करते हैं जबकि श्रीकृष्ण ने 16108 विवाह किये थे
जिससे सिद्ध होता है कि श्रीकृष्ण एक चरित्रहीन व्यक्ति थे...! इसीलिये. यीशु ही तुम्हे सही राह दिखा सकते हैं...! उसकी... बातें सुनते ही मेरे तन-बदन में आग लग गयी परन्तु... ऊपरी तौर पर... मैंने उसे बहुत ही शांतचित्त से बोला...

देखिये पादरी जी मैं आपको अपना फादर तो बोल नहीं सकता. क्योंकि.मैं कोई सेक्यूलर नहीं बल्कि सनातनी हूँ, और...हिन्दुओं का एक ही बाप होता है... आप ईसाईयों की तरह हर चर्च में हमारे बाप यानि कि फादर नहीं होते हैं. और, जहाँ तक रह गयी बात भगवान कृष्ण की शादियों की.तो.आप सिर्फ मुझे इतना बता दो कि.।

आपके इस कथित रूप से पवित्र ईसाई धर्म में... नन बनते समय लडकियाँ क्या शपथ लेती है..?
मेरे इतना कहते ही वो मेरा मुंह देखने लगा... परन्तु कुछ नहीं बोला....! मैंने उससे दो तीन बार वही सवाल पूछे... परन्तु वो चुप रहा...!

अंततः मैंने उससे कहा...
कोई बात नहीं पादरी जी मैं बता देता हूँ पूरे विश्व में नन बनते समय कुंवारी लडकियाँ यह शपथ लेती है कि"मै जीजस को अपना पति स्वीकार करती हूँ और उनके अलावा किसी अन्य पुरुष से शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाऊँगी"

तो कृपया. अब आप मुझे बतायें कि आज से पहले कितनी लाख ननों ने जीसस से विवाह किया और भविष्य में भी ना जाने कितनी ननें विवाह करेंगी..!
तो.आपकी बात को आप पर ही लागू करते हुये... क्यों ना, सबसे पहले पूरे विश्व में ईसाईयों और ईसाई धर्म पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाये.।

उसके बाद वो पादरी मुझे कुछ नहीं बोला और चुप-चाप सर झुका कर मेरे पास से चला गया.।

तो पूरी कहानी का सार यह है कि सिर्फ खुद के ही घर को जानना पर्याप्त नहीं होता है.अडोस-पड़ोस की जानकारी भी रखा करें.ताकि लोगों को मुंह तोड़ जवाब दिया जा सके.।

कांग्रेस देश के लिए विनाशकारी ??

बड़ा  खुलास चोकिये नहीं पढ़े .....
जिस हाल में आज पाकिस्तान हैं, एैसे ही हाल में छोड़ के गए थे राजीव गाँधी भारत को... 

सोनिया ने पर्दे के पीछे किस कदर लूट की होगी ? सोचिये... 
तब 40 करोड़ के लिए सोना गिरवी रखा था... जबकि 64 करोड़ की दलाली तो सिर्फ बोफोर्स में खाई गयी थी...
RBI गवर्नर रहे Y.V रेड्डी की पुस्तक ADVISE AND DECENT से साभार...

काँग्रेस के शासनकाल में सिर्फ 40 करोड़ रुपए के लिए हमें अपना 47 टन सोना गिरवी रखना पड़ा था ।
ये स्थिति थी भारतीय इकॉनॉमी की ।
मुझे याद हैं नब्बे के शुरुआती दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था को, वो दिन भी देखना पड़ा था जब, भारत जैसे देश को भी अपना सोना विश्व बैंक में गिरवी रखना पड़ा था...

राजीव गाँधी के शासनकाल में देश की तिजोरी खाली हो चुकी थी । और तभी प्रधान मंत्री राजीव गाँधी की हत्या लिट्टे के आतंकियों ने कर दी थी...
चन्द्रशेखर तब नए नए प्रधान मंत्री बने थे... तिजोरी खाली थी । वे घबरा गए । करें तो क्या करें ?
Reddy अपने पुस्तक मे लिखते हैं कि पूरे देश में एक तरह का निराशा भरा माहौल था... राजीव गाँधी ने अपने शासनकाल में कोई रोज़गार नहीं दिया था।

नया उद्योग धन्धा नहीं... एक बिजनेस डालने जाओ तो पचास जगह से NOC लेकर आना पड़ता था।
काँग्रेस द्वारा स्थापित लाइसेंस परमिट के उस दौर में, चारों तरफ बेरोज़गारी और हताशा क आलम था...

दूसरी तरफ देश में मंडल और कमंडल की लड़ाई छेड़ी हुई थी...
1980 से 1990 के दशक तक देश में काँग्रेस ने Economy को ख़त्म कर दिया था... उसी दौरान बोफोर्स तोपों में दलाली का मामला सामने आया...

किताब में Reddy लिखते हैं कि, गाँधी परिवार की अथाह लूट ने, देश की अर्थ व्यवस्था को रसातल में पहुँचा दिया था।
Reddy अपनी किताब में लिखते हैं कि, उन दिनों भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इतना कम हो गया था कि रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने अपना सोना विश्व बैंको में गिरवी रखने का फैसला किया...  हालात ये हो गए थे कि देश के पास तब केवल 15 दिनों का आयात करने लायक ही पैसा था।

तब तत्कालीन प्रधान मंत्री चन्द्रशेखर के आदेश से, भारत ने 47 टन सोना बैंक ऑफ़ इंग्लैंड में गिरवी रखा था...
उस समय एक दिलचस्प और भारतीय जनमानस को शर्म सार करने वाली घटना घटी... RBI को बैंक ऑफ़ इंग्लैंड में 47 टन सोना पहुँचाना था। ये वो दौर था जब मोबाइल तो होते नहीं थे और लैंड लाइन भी सीमित मात्रा में हुआ करती थी।

नयी दिल्ली स्थित RBI का इतना बुरा हाल था की बिल्डिंग से 47 टन सोना नयी दिल्ली एयर पोर्ट पर एक वैन द्वारा पहुँचाया जाना था. वहां से ये सोना इंग्लैंड जाने वाले जहाज पर लादा जाना था,  खैर बड़ी मशक्कत के बाद ये 47 टन सोना इंग्लैंड पहुँचा और ब्रिटेन ने भारत को 40.05 करोड़ रुपये कर्ज़ दिये।

भारतीय अर्थ व्यवस्था से जुडी इस पुरानी तथा मन को दुःखी करने वाली घटना का उदाहरण मैंने इसलिए दिया ताकि, लोगों को पता चले कि काँग्रेस के जो बेशर्म नेता और समर्थक, मोदीजी के ऊपर, देश की अर्थ व्यवस्था चौपट करने का इल्जाम लगाते हैं, उस कमअक्ल लुटेरे गाँधी परिवार की लापरवाही की वजह से ही, देश को अपना सोना महज़ 40 करोड़ का कर्ज पाने के लिए गिरवी रखना पड़ा था ।

किसी देश के लिए इससे ज्यादा अपमान और शर्म की बात क्या हो सकती हैं ।

मुझे बेहद हँसी, हैरानी और गुस्सा आता हैं जब, देश को महज़ 40 करोड़ रुपये के लिए गिरवी रखने वाले लोग कहते हैं कि, मोदीजी ने भारत की अर्थ व्यवस्था को बर्बाद कर दिया.
श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय, एक मशहूर कम्पनी, एनरॉन नें, महाराष्ट्र के दाभोल में कारखाना लगाने की प्लानिंग की ..!!

लेकिन, यह स्थानीय लोगों के प्रतिरोध के कारण, हो न सका !!
फलस्वरूप, बदलती विषम परिस्थितियों से नाराज एनरॉन नें, भारत सरकार पर ₹38,000 करोड़ के नुकसान की भरपाई का मुकदमा दायर कर दिया ..।।

वाजपेयी सरकार ने हरीश सालवे (सालवे जी नें, कुलभूषण जाधव का मुकदमा इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में लड़ कर जीता ..) को भारत सरकार का वकील नियुक्त किया ..।।
पर आप जान कर चोंक जाएंगे कि, एनरॉन के वकील पी. चिदंबरम बनें ..!! यानी, पी चिदंबरम भारत के विरुद्ध ..।।

समय बीतता चला गया ..!! बादमें 'यूपीए' सरकार बनी ..!! कैबिनेट मंत्री चिदंबरम, एनरॉन की तरफ से मुकदमा नहीं लड़ सकते थे ..!! पर वो कानूनी सलाहकार बने रहे और, वो मुकदमे को एनरॉन के पक्ष में करने में सक्षम थे ..।।

      अगला खुलासा और चौकानें वाला है !!

चिदंबरम ने तुरंत हरीश सालवे को एनरॉन केस से हटा दिया ..।। हरीश साल्वे की जगह, खबर कुरेशी को नियुक्त किया गया ..।।आप ठीक समझे, ये वही पाकिस्तानी वकील है जिसनें, कुलभूषण जाधव केस में, पाकिस्तान सरकार का मुकदमा लड़ा ..!!

कांग्रेस ने भारत सरकार कि तरफ से, पाकिस्तानी वकील को ₹1400/- करोड़ दिये वकील कि फीस के रुप में ..।। अंततः भारत मुकदमा हार गया और भारत सरकार को ₹38,000/- करोड़ का भारी भरकम मुआवजा देना पड़ा ..।। लेकिन, लुटीयन मिडिया ने ये खबर या तो गोल दी या सरसरी तौर पर नहीं दिखाई !!

अब सोचिए कि ₹38000/- करोड़ का मुकदमा लडने के लिए फीस कितनी ली होगी ..?? जो पाठक किसी क्लेम के केस मे वकील कि फीस तय करते है उन्हें पता होगा कि, वकील केस देखकर दस प्रतिशत से लेकर साठ प्रतिशत तक फीस लेता है ..।।
      ---         सोचिए इस पर कोई हंगामा नही हुआ ..??
अगर ये केस मोदी के समय मे होता, और भारत सरकार कोर्ट में हार जाती तो ..?? चमचो की छोड़िए, भक्त भी डंडा लेकर मोदी के पीछे दोड़ते ..।।
और एक मजेदार बात .. जिन कम्पनियों का एनरॉन मे निवेश करके यह प्रोजेक्ट केवल फाईल किया था उनका निवेश महज मात्र 300 मिलियन डालर .. याने उस वक्त कि डालर रुपया विनियम दर के हिसाब से, महज ₹1530/- करोड़ था, और वह भी बैठे बिठाये ..।। महज सात साल मे ₹38,000/- करोड़ का फायदा ..!! वो भी एक युनिट बिजली का संयंत्र लगाये बिना ..??

कांग्रेस हमारी सोचने की क्षमता से भी ज्यादा विनाशकारी है !!
(यह  थी 'विश्व प्रसिद्ध' अर्थशास्त्री, अनुभवी और पढे लिखे लुटेरो की सरकार ..!!)  जिस किसी को भी कोई शंका हो वो गूगल में जाकर देख सकता है।

     आज जितने भी लोग मोदीजी को और उनकी सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं उस समय सब मौन धारण करे हुए थे वो सब ये बात जानते थे कि कांग्रेस क्या कुछ कर सकती है।
अगर आज ऐसे लोग सुरक्षित हैं तो केवल मोदीजी के हिंदुत्व के कारण, आज भारत का विदेशी मुद्रा भंडार विश्व में चौथे स्थान पर है मगर ग़ुलाम कहते हैं कि Modi ने किया ही क्या है।

🇮🇳🇮🇳🇮🇳    जय हिन्द  जय भारत     🇮🇳🇮🇳🇮🇳

शुक्रवार, 14 मई 2021

यहूदी कौन थे ? इस्राइल यहूदियों का देश क्यो है ?

इज़रायल-प्रश्न
...

1940 के दशक के बीच में अचानक हंगारी, पोलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्र‍िया के यहूदियों ने पाया था कि वे एक क़तार में खड़े हैं और क़तार ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। यहूदियों के घरों में गेस्टापो के जवान घुस जाते और कहते, "बाहर निकलकर क़तार में खड़े हो जाओ!" सड़क पर चलती बसों को रोक दिया जाता और कहा जाता कि "यहूदी मुसाफ़िर बाहर निकलकर क़तार में खड़े हो जाएं!" ऑश्व‍ित्ज़ बिर्केनाऊ में घुसते ही इन यहूदियों से कहा जाता : "क़तार में लग जाओ।" ये क़त्ल की क़तार होती! 

ऑस्कर शिंडलर की फ़ेहरिस्त बहुत मशहूर है। 1940 के दशक के बीचोबीच यूरोप में एक ऐसा वक़्त आ गया था, जब यहूदी हमेशा अपने को इन क़तारों और फ़ेहरिस्तों में पाते थे, हाज़िरी भरते हुए : "इत्ज़ाक श्टेर्न, येस्स सर।" "हेलेन हेर्श, येस्स सर।" "लियो रोज़्नर, येस्स सर।" "पोल्डेक पेफ़ेरबर्ग, हियर आएम सर!"

और त‍ब, एक दिन यहूदियों ने पूछा : "क्या ये क़तार और फ़ेहरिस्त ही हमारा वतन है? ये जो लोग आज हम पर थूक रहे हैं, क्या ये ही हमारे हमवतन हैं?"

जंग शुरू होने से पहले यूरोप में 1.7 करोड़ यहूदी थे। जंग में 60 लाख यहूदियों को विधिपूर्वक मार दिया गया। जो बचे, वे अब और होलोकॉस्ट नहीं चाहते थे। यहूदियों ने एक स्वर में पूछा, "हमारा वतन कहां है?"

"इंजील" की आयतों में से जवाब गूंजा : 

"दान और बीरशेवा के बीच, हमाथ के प्रवेशद्वार से लेकर ईजिप्त की नदी तक, जिसके पड़ोस में वो सिनाई का पहाड़ है, जहां पर हज़रत मूसा ने दस उपदेश दिए थे, यरूशलम जिसकी राजधानी है, वही इज़रायल की धरती!" 

और थके-हारे, टूटे-झुके, मरे-कटे, अपमानित-अवमानित यहूदी अपना-अपना पीला सितारा और किप्पा टोपी पहनकर, अपनी यिद्दिश और हिब्रू बोलते हुए उस प्रॉमिस्ड लैंड की ओर चल पड़े, जिसको वो अपने पुरखों की धरती समझते थे। 

वे लौटकर घर चले आए। लेकिन तब तक, उनके घरों पर कोई और बस चुका था! यहाँ से एक भीषण साभ्यतिक-संघर्ष की शुरुआत हुई, जिसमें दो जानिब बराबरी की ताक़तें थीं- एक तादाद में बड़ी थी, दूसरी जीवट में।

फ़लस्तीन और इज़रायल के बीच सन् 1948 से ही जारी संघर्ष को कई पहलुओं से देखा जा सकता है। इनमें सबसे अहम है यहूदियों से इस्लाम का रिश्ता। इस्लाम और ईसाइयत वास्तव में यहूदियों की दो संतानें हैं। हज़रत इब्राहिम इन तीनों के आदिपुरुष हैं। ये तीनों एकेश्वरवादी हैं। ये तीनों किसी एक मसीहा में यक़ीन रखते हैं। इन तीनों का विकास भले अलग-अलग तरह से हुआ हो, लेकिन इनका मूल समान है, और वह एक यहूदी मूल है। 

एक चुटकुला है कि 1940 के दशक में जर्मन फ़ौजें एक गिरजाघर में घुस गईं, बंदूक़ें तान दीं और कहा : "जितने भी यहूदी हैं, सभी एक-एक कर बाहर आ जाएं।" सभी यहूदी बाहर आ गए। अब ना‍ज़ियों ने पूछा : "कोई और है, जो भीतर रह गया हो?" अब जीज़ज़ क्राइस्ट ख़ुद सलीब से उतरे और बाहर आकर खड़े हो गए। गोयाकि जीज़ज़ ख़ुद यहूदी थे!

इज़रायल और जूदा का साम्राज्य इस्लाम की तख़लीक़ से कहीं पहले, कम-अज़-कम छह सौ साल पहले वहाँ मौजूद था। ईजिप्त में जहां यहूदियों का पवित्र सिनाई का पहाड़ मौजूद है, वह तक़रीबन वही इलाक़ा है, जिसे इस्लाम में लेवेंट कहा जाता है। जो इस्लामिक कैलिफ़ेट का एक अहम हिस्सा माना जाता रहा है। इसी लेवेंट के नाम पर उन्होंने इस्लामिक स्टेट ऑफ़ सीरिया और लेवेंट बनाया था। यहूदियों की पवित्र नगरी यरूशलम में जो अल-अक़्सा मस्ज‍िद है, मुसलमान पहले उसकी तरफ़ मुंह करके नमाज़ पढ़ा करते थे। अब वे क़ाबा की ओर मुंह करके नमाज़ पढ़ते हैं। बाज़ दफ़े ऐसा भी होता है कि जब वे क़ाबा की ओर मुंह करते हैं तो उनकी पीठ यरूशलम की तरफ़ होती है। झगड़ा तब शुरू होता है, जब वो कहते हैं- हमारा मुँह जिस तरफ़ है और हमारी पीठ जिस तरफ़ है, वो तमाम इलाक़े हमारे हैं।

सलमान रूश्दी अकसर एक लतीफ़ा सुनाया करते हैं कि अमरीका में जब भी वे पाकिस्तान का नाम लेते हैं तो उनसे प्रत्युत्तर में पूछा जाता है : "यू मीन पैकेस्टाइन?" वो पैलेस्टाइन और पाकिस्तान को एक समझ बैठते हैं, अलबत्ता ये इतनी बड़ी भूल भी नहीं है। क्योंकि उम्मा के नज़रिये से ये एक ही राष्ट्रीयता है। ये वो मज़हबी नेशनलिज़्म है, जो इज़रायल के विरुद्ध अरब मुल्क़ों का एक गठजोड़ बना देता है और दुनिया के तमाम मुसलमानों के दिल में यहूदियों के लिए नफ़रत भर देता है! कुछ तो कारण होगा कि उनको वैसी नफ़रत अफ़गानिस्तान में स्कूली बच्चों के क़त्ल पर नहीं होती और शिनशियांग में उइघरों के दमन पर भी वो भरसक चुप्पी साधे रखते हैं, क्योंकि पोलिटिक्स का पहला उसूल ये है कि कब बोलना है, क्या बोलना है और किसके हाशिये में बोलना है- इसका ख़याल रखा जाए। 

मज़े की बात यह है कि जब आप यहूदियों के बारे में मालूमात हासिल करने की कोशिश करते हैं तो आप उनका परिचय पाते हैं कि यहूदी एक क़ौम है, नस्ल है, लेकिन साथ ही वो एक नेशनलिटी भी है। यानी ज्यूज़ के होने की परिकल्पना में इज़रायली-राष्ट्रीयता का भाव अंतर्निहित है। यहाँ पर मुझको विलियम शिरेर की वो चुटकी याद आ रही है, जो उसने नात्सी जर्मनी का इतिहास लिखते समय हिटलर और स्तालिन की ख़तो-किताबत पर ली थी। शिरेर ने कहा कि जब स्तालिन ने हिटलर के ख़त का जवाब निहायत कुटिल मुस्कानों के साथ दिया तो हिटलर को जाकर अहसास हुआ कि उसको अपने जोड़ का कोई मिला है। दुनिया में सभी को उनके जोड़ का कोई ना कोई कभी ना कभी मिल ही जाता है। इस्लामिक उम्मा को इसी तरह यिद्दिश नेशनलिज़्म मिल गया है! लिहाजा लड़ाई जारी है, पत्थर और बम उछाले जा रहे हैं, कोई किसी से कम नहीं है। यहूदी इज़रायल को अपना इकलौता राष्ट्र मानते हैं और वो ये जानते हैं कि अगर उनसे यह छिन गया तो वो कुर्दों और यज़ीदियों की तरह शरणार्थी बनकर दुनिया में भटकने को मजबूर हो जाएँगे। इसके उलट मुसलमानों के पास पचास से ज़्यादा इस्लामिक राष्ट्र हैं और पूरी दुनिया में उनकी आबादी फैली हुई है। 

आज अरब मुल्क़ों में जहां-तहां "इत्बा अल यहूद" (यहूदियों का क़त्ल कर डालो) का नारा बुलंद होता रहता है! ऐसे में मुसलमानों को यह जानकर ख़ुशी होनी चाहिए कि सातवीं सदी में मोहम्मद द्वारा ख़ुद को पैग़म्बर घोषित किए जाने से पहले तक मध्यपूर्व के बाशिंदे यहूदियों के साथ मिलजुलकर रहते थे। हालत यह थी कि पांचवीं सदी में दहू नुवास नामक अरब के सुल्तान ने यहूदी धर्म अपना लिया था। यहां तक कि मदीना का मुकद्दस शहर भी यहूदियों ने ही बसाया था और पहले इसे यथरीब कहा जाता था। और ख़ुद हज़रत मोहम्मद यहूदियों को ख़ुश करने के लिए इतने उत्सुक थे कि उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा था कि वे सुअर का मांस ना खाएं, क्योंकि यहूदियों के लिए वह हराम था। गोयाकि पोर्क के लिए नफ़रत भी मुसलमानों ने यहूदियों से उधार ली है। वो मूलत: यहूदियों के कोषर-फ़ूड की मान्यता में हराम-हलाल का विषय है।

लेकिन झगड़ा तब शुरू हुआ जब यहूदियों ने मोहम्मद को अपना पैग़म्बर क़बूल नहीं किया। यहां से यहूदियों के क़त्लेआम की भी शुरुआत हुई। नात्सियों से पहले अरबों ने यहूदियों के जनसंहार की करामात को अंजाम दिया था। मोहम्मद के वक़्त में यहूदियों के तीन क़ुनबे थे : क़ुरयाज़ा, नादिर और क़यून्क़ा। इनमें से क़ुरयाज़ा क़ुनबे को पूरे का पूरा हलाक़ कर दिया गया, जबकि क़यून्क़ा और नादिर को अरब से बाहर खदेड़ दिया गया और नादिरों को ख़ैबर में सिमटकर रहना पड़ा। ये सन् 624 से 628 के बीच का अफ़साना है, जब यहूदी मर्दों के सिर क़लम किए जाते थे और उनकी औरतों और बच्चों को मंडियों में बेच दिया जाता था। इनमें से एक औरत का नाम रेहाना था। ये रेहाना कौन है, यह बताने की ज़रूरत नहीं है। केवल "रेहाना बिन्त ज़ायद" को गूगल करके देख लीजिए।

अपने मुल्क़ से खदेड़े गए, पराए मुल्क़ों में सताए गए यहूदी जब 1948 में इज़रायल वापस लौटे, तो ज़ाहिराना तौर पर बड़ी मुसीबतें पेश आईं। इज़रायल की स्थापना के पीछे तीन थ्योरियां हैं :

1) जो व्यक्त‍ि जहां का मूल निवासी हो, उसे वहां पर रहने का अधिकार है।
2) अगर आपको अपनी धरती से बाहर खदेड़ दिया गया हो और कालांतर में लौटने पर आप पाएं कि वहां पर अन्य लोगों ने कब्ज़ा कर लिया है, तब भी उस पर पहला अधिकार आप ही का है। 
3) टू-स्टेट थ्योरी और शांतिपूर्व सहअस्त‍ित्व, जो एक आज़माई जा चुकी युक्ति है! 

इन तीन बिंदुओं के भी तीन निहितार्थ हैं :

1) जो लोग आर्यों को विदेशी और दलितों को नैटिव बताकर रात-दिन अपना मूल निवासी विमर्श चलाते रहते हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए कि क्या इसी आधार पर यहूदियों का इज़रायल पर हक है या नहीं?
2) अगर भारत में बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को और यूरोप में सीरियाई शरणार्थियों को स्वीकार करने के बड़े-बड़े मानवतावादी तर्क दिए जा सकते हैं तो इज़राइल में यहूदियों को अपना घर क्यों नहीं दिया जा सकता?
3) अगर सांस्कृतिक बहुलता इतना ही सुंदर तर्क है, तो क्यों नहीं फ़लस्तीनियों को अपने यहूदी भाइयों के साथ मिल-जुलकर रहना चाहिए और उनके साथ गंगा-जमुनी खेलना चाहिए?

ज़ाहिर है, हालात इससे कहीं ज़्यादा संगीन हैं और गाज़ा पट्‌टी और वेस्ट बैंक में बात अब शांतिपूर्ण सहअस्तित्व से बहुत आगे बढ़ चुकी है, उसके पीछे कारण मैंने पहले ही फ़रमाया है कि यह सेर को सवा सेर मिलने वाली मिसाल है, इसलिए वहाँ पर लड़ाई ख़त्म होने के दूर-दूर तक आसार नहीं हैं। इज़रायल बहुत जीवट वाला मुल्क़ है और ख़ून लगे दांतों के बीच जीभ की तरह वह रहता है। चारों तरफ़ से ख़ूंखार शत्रुओं से घिरा है, जो किसी क़ीमत पर अमन नहीं चाहते! जॉर्डन, सीरिया, ईजिप्त, अरब सबने उसके ख़िलाफ़ जंग छेड़ी हुई है, तक़लीफ़ केवल गाज़ा पट्टी को ही नहीं है। ये उम्मा बनाम यिद्दिश नेशनलिज़्म का क्लासिकल टकराव है! इस्लाम ने इज़रायल के विरुद्ध इंतेफ़ाद नामक जंग छेड़ी हुई है, और पूरी दुनिया के मुसलमान इस इंतेफ़ाद का पालन करते हैं, वो भूलकर भी उन ज़ुल्मों और क़हर का बयान नहीं करते, जो ख़ुद उन्होंने किए और औरों पर बरपाए हैं।

इज़रायल में जारी मौजूदा संघर्ष भी इतना एकतरफ़ा नहीं है, जितना जतलाया जा रहा है। इज़रायल पर फ़लस्तीनी दशहतगर्दों ने हजारों रॉकेट दाग़े हैं, जिसके जवाब में वो भी पलटवार कर रहा है। 

इस संघर्ष की एक और उपकथा है। अमरीका में सत्ता-बदल हुए और डॉनल्ड ट्रम्प की बेदख़ली के बाद जो बाइडेन की ताजपोशी हुए अभी छह महीना भी नहीं हुआ है और हमें अफ़गानिस्तान और इज़रायल से ख़ूंज़ारी की ख़बरें मिलना शुरू हो गई हैं। बीते चार सालों से मिडिल-ईस्ट में अमन-चैन क़ायम था, जबकि उससे पहले बराक ओबामा के राज में सीरिया, लीबिया और ईजिप्त घोर राजनैतिक अस्थिरता का केंद्र बने हुए थे। कहीं ऐसा तो नहीं कि दहशतगर्दी की फ़सल लिब्रलिज़्म की गीली मिट्‌टी पर ही ज़्यादा पनपती हो?

साभार: सुशोभित शेखावत ।

BJP को वोट क्यो ??

22 मई 2004 को अटल जी की सरकार औपचारिक रूप से विदा हुई और गांधी परिवार ने श्री मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया... 2014 तक कांग्रेस की सरकार केंद्र में रही... चित्रों में दिखाई दे रहे चिथड़े हो गए मानुष याद हैं न ?? भूल गये होंगे क्योंकि हमारी स्मृति बहुत कमजोर होती है, चलिए मैं याद दिला देता हूँ।

● 15 अगस्त 2004- असम के धिमजी स्कूल में बम ब्लास्ट, 18 मरे 40 घायल

● 5 जुलाई 2005- अयोध्या में रामजन्म भूमि पर आतंकवादी हमला, 6 मरे, दर्जनों घायल

● 28 जुलाई 2005- जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में RDX द्वारा बम विस्फोट, 13 मरे, 50 घायल

● 29 अक्टूबर 2005- दीपावली के त्यौहार के दो दिन पहले दिल्ली के गोविंदपुरी की बस, पहाड़गंज और सरोजनी नगर के भीड़भाड़ वाले इलाके में सीरियल ब्लास्ट, 70 लोगों के चिथड़े उड़ा दिए गए और 250 से ज्यादा घायल हुए, तारिक अहमद डार और रफीक मास्टरमाइंड।

● 28 दिसम्बर 2005- बैंगलोर के इंस्टीट्यूट आफ साइंस पर आतंकवादी हमला, 1 मरा 4 घायल

● 7 मार्च 2006- हिंदुओं की श्रद्धा के केंद्र वाराणसी के प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर और भीड़भाड़ वाले कैंट रेलवे स्टेशन पर 3 बम ब्लास्ट करके 28 श्रद्धालुओं, नागरिको को बम से उड़ा दिया,101 लोग घायल हुए, लश्करे कुहाब और सिमी का हाथ।

● 11 जुलाई 2006- मुम्बई में एक साथ

माटुंगा रोड, माहिम, बांद्रा, खार रोड, जोगेश्वरी, भाइंदर, बोरिवली स्टेशनों के लोकल ट्रेन में सीरियल ब्लास्ट, 209 मरे 700 से ज्यादा घायल, फैसल शेख, आसिफ अंसारी, आसिफ खान, कमल अंसारी, एहतसाम सिद्दकी और नावेद खान घटना के प्रमुख सूत्रधार।

● 8 सितंबर 2006- मालेगांव की मस्जिद में सीरियल ब्लास्ट, 37 मरे, 125 घायल, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया का हाथ... बाद में चार्जशीट बदलकर हिन्दू आतंकवाद की ऐतिहासिक असफल थ्योरी बनाने की कोशिश हुई।

● 18 फरवरी 2007- समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, 68 मरे, 50 घायल, सेना की इंटेलीजेंस ने इस्लामिक आतंकवादी संगठन लश्करे तैय्यबा का हाथ बताया... कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद बनाने के चक्कर में भारतीय सेना के कर्नल श्रीकांत पुरोहित को जेल में 7 वर्ष तक भयानक यातनाएं दी... 9 वर्ष बाद पुरोहित जेल से बाहर आये।

● हैदराबाद की मक्का मस्जिद में ब्लास्ट, 16 मरे 100 घायल, हरक़त उल जिहाद अल इस्लामी का हाथ... कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद की असफल थ्योरी एक बार फिर सिद्ध करने का प्रयास किया।

● 14 अक्टूबर 2007- लुधियाना के थियेटर में ब्लास्ट, 6 लोग मरे

● 24 नवम्बर 2007- उत्तर प्रदेश में लखनऊ, अयोध्या और बनारस के न्यायालयों में सीरियल बम बलास्ट, 16 मरे 79 घायल

● 1 जनवरी 2008- रामपुर उत्तर प्रदेश में CRPF कैम्प पर हमला, 8 मरे 7 घायल, लश्करे तय्यबा का हाथ।

● 13 मई 2008- जयपुर के छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, मानकपुर पुलिस स्टेशन एरिया, जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, कोतवाली क्षेत्र में RDX द्वारा 9 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट, 63 मरे, 200 घायल, हरकत-उल-जिहाद उल इस्लामी ने ली जिम्मेदारी।

● 25 जुलाई 2008- बैंगलुरु में में 8 सीरियल ब्लास्ट, 2 मरे 20 घायल

● 26 जुलाई 2008- गुजरात के अहमदाबाद में 17 जगहों पर सीरियल बम ब्लास्ट, 35 मरे 110 घायल... मुफ़्ती अबू बशीर मास्टर माइंड... अब्दुल कादिर, हासिल मोहम्मद, हुसैन इम्ब्राहीम ने मिलकर कराची (पाकिस्तान) में बैठे नेटवर्क की सहायता से बम विस्फोट किये।

● 13 सितंबर 2008- दिल्ली के गफ्फार मार्केट, बारहखम्भा रोड, GK1, सेंट्रल पार्क में 31 मिनट के अंदर 5 बम ब्लास्ट हुए, 4 अन्य बम निष्क्रिय किये गए, 33 मरे और 150 से ज्यादा घायल... स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आठ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।

● 27 सितंबर 2008- दिल्ली महरौली के इलेक्ट्रानिक मार्केट में 2 बम ब्लास्ट, 3 मरे और 33 घायल।

● 1 अक्टूबर 2008- अगरतल्ला में बम विस्फोट, 4 मरे 100 घायल

● 21 अक्टूबर 2008- इम्फाल में बम विस्फोट, 17 मरे 50 घायल

● 30 अक्टूबर 2008- असम में बम विस्फोट, 81 मरे और 500 से ज्यादा घायल

● 28 नवम्बर 2008- मुम्बई हमला ताज होटल, ओबेराय होटल, कामा हॉस्पिटल, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर आतंकवादी हमला, 166 लोग मारे गए 600 से ज्यादा घायल।

● 1 जनवरी 2009- गुवाहाटी में बम ब्लास्ट, 6 मरे 67 घायल

● 6 अप्रैल 2009, गुवाहाटी में बम ब्लास्ट, 7 मरे 62 घायल

● 13 फरवरी 2010- पुणे की जर्मन बेकरी में बम ब्लास्ट,17 मरे 70 घायल... सिमी इंटरनेशनल मुजाहिद्दीन इस्लामिक मुस्लिम फ्रंट के भारतीय शाखा द्वारा किया गया बम ब्लास्ट।

● 7 दिसम्बर 2010- दशास्वमेध घाट पर गंगा आरती के समय बम ब्लास्ट, 3 मरे 36 घायल... स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।

● 13 जुलाई 2011- मुबई के ओपेरा हाउस, जावेरी बाज़ार और दादर एरिया में भीषण बेम ब्लास्ट, 26 मरे 130 लोग घायल... स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।

● 7 सितंबर 2011- दिल्ली हाईकोर्ट में बम ब्लास्ट, 17 मरे और 180 लोग घायल... हरकत उल जिहाद अल इस्लामी के आउटफिट का भारतीय मेडिकल छात्र वसीम अकरम मालिक बम बलास्ट का मास्टरमाइंड।

● 13 फरवरी 2011- इजराइली डिप्लोमेट की कार को बम से उड़ाने का प्रयास, बम सही से फटा नहीं, 4 घायल... भारतीय पत्रकार मुहम्मद अहमद काज़मी की संलिप्तता।

● 1 अगस्त 2012- पुणे ब्लास्ट, स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।

● 21 फरवरी 2013- हैदराबाद की हैदाराबाद में 2 बम ब्लास्ट, 18 मरे और 131 घायल... इंडियन मुजाहिद्दीन का फाउंडर यासीन भटकल, असदुल्लाह अख्तर, तहसीन अख्तर, एजाज शेख बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड।

● 17 अप्रैल 2013- बैंगलोर में बम ब्लास्ट,14 लोग गंभीर रुप से घायल

● 7 जुलाई 2013- बोधगया मे ब्लास्ट, 5 लोग गंभीर रूप से घायल... म्यांमार में रोहंगिया आतंकवादियों के खिलाफ हुई कार्यवाही के विरोध में भारत के बिहार के बोध गया में उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, मुजीबुल्लाह अंसार, हैदर अली, इम्तियाज अंसारी ने बिहार को दहलाने की रची थी साजिश।

● 27 अक्टूबर 2013- को पटना में, नरेंद्र मोदी की रैली में इंडियन मुजाहिद्दीन द्वारा 8 बम ब्लास्ट, 6 मरे 85 घायल...लाखों की भीड़ में भगदड़ मचा कर हजारों को मारने की साजिश... मोदी और मैनेजरों की समझदारी से भगदड़ नही मची... मोहम्मद तहसीन अख्तर मास्टरमाइंड... चिकमंगलूर मदरसे से प्रेरित होकर किया ब्लास्ट... मुज़्बुल्ला, हैदर अली, नुमान, तारिक अंसारी ब्लास्ट के बाद फरार।

● 1 मई 2014- चेन्नई में गुवाहाटी बैंगलोर एक्सप्रेस में बम बलास्ट, 2 मरे 14 गंभीर रूप से घायल।

इन आंकड़ों में 10 वर्ष में हुए वामपंथी माओवादियों द्वारा किये गए हमले और जम्मू कश्मीर में किये गए हमले शामिल नहीं है, क्योंकि वो अलग विषय है।

यहां एक बात और याद दिलाना जरूरी है कि जब बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ था और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी उस में मारे गए तो तत्कालीन कांग्रेस की मुखिया श्रीमती सोनिया गांधी उन आतंकवादियों की लाशों को देखकर फूट फूट कर रोई थी, जैसे कि कोई अपने घर का चला गया हो।

2014 में मोदी के आने के बाद से इस लेख के लिखे जाने तक मुझे याद नहीं कि दिल्ली की सड़कों, हैदराबाद, अहमदाबाद और अयोध्या के चौराहों पर, जयपुर और बनारस की गलियों में कोई ऐसा बम ब्लास्ट हुआ हो, जहां कोई मंदिर या मस्जिद जाने वाला, कोई दिवाली के लिए खरीदारी करने वाला, कोई रेस्टोरेंट में अपने परिवार के साथ बैठा व्यक्ति या मुम्बई की लोकल ट्रेन में यात्रा करता एक नागरिक बम ब्लास्ट में चीथड़े हो जाए और अगले दिन वह नहीं बल्कि उसकी लाश उसके घर पहुंचे।

जानते हैं क्यों ?? क्योंकि इस देश में आम चुनाव द्वारा  इलैक्टेड प्रधानमन्त्री Narendra Modi का राज है... जबकि आज से पहले आतंकवादियों के लाश पर आँसू बहाने वालों द्वारा सलेक्टेड प्रधानमंत्री का राज था... राजनाथ सिंह को हमने बहुत बार निंदानाथ  कहा... परन्तु गृहमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल सफल रहा कि देश के अंदर वो रक्तपात नही हुआ, जिसका गवाह ये देश 2009 से 2014 तक बना... मेरे लिए तो यही एक कारण काफी है कि तमाम सहमतियों के बाद भाजपा को वोट दिया जाए... किसी भी मंदिर मस्जिद या विकास को देखने के लिए आपके और आपके परिवार का जीवित रहना बहुत जरूरी है... ।।

सोच समझकर करें, अपना निर्णय स्वयं लें ।।

नोट सभी विस्तार एक भाई से लिया है l

जय हिन्द जय भारत...