सुप्रभात मित्रो...जय हिन्द जय भारत ..जय जय श्री राम....!
सनातन धर्म में जितनी भी पूजा पाठ है उसका कोई न कोई बैज्ञानिक आधार जरुर है ..पर हम लोगो ने उस बैज्ञानिक को जानने की कोशिस नहीं किया और अंध विस्वास का नाम दे दिया इसी में एक पूजा है माँ शीतलाअष्टमी की जानिये क्या मह्त्व है इस पूजा का ...!
शीतलाअष्टमी पूजा का उद्देश्य बैज्ञानिक तरीके से कुछ इस प्रकार से है ...
1) मौसम के संक्रमण काल में, जबकि चेचक फ़ैल सकता है, एक दिन पूरे घर की सफाई, और रसोई में कोई काम नहीं, मतलब गन्दगी से छुटकारा...।
2) आंशिक उपवास जो स्वस्थ के लिए लाभ दायक है..।
3) होली के बचे हुए सामान या कचरे को घर से बाहर निकालने की क्रिया....।
4) जो भी मीठा या पूरिया बनी होती है, उनको किसी ऐसी जगह चौराहे पे रख आना, जिस से वोह जरूरतमंद जीवो के काम आ जाये...।
5) इस के बाद गर्मिय शुरू हो जाती है, तो अधिकार घर में तले भुने पकवान बंद हो जायेंगे, इसीलिए उन्हें बना कर गर्म खाने को भी मना किया जाता है, जिस से पेट में अपच की शिकायत न हो..।
6) चूँकि हम बहुत जल्दी कुछ सीखना या समझना नहीं चाहते, इसीलिए अगर किसी देवी/ देवता के साथ इसको जोड़ दिया जाये, तो अंधभक्ति में ही सही, हम इसको पूरा तो कर लेंगे..!
By-
UmaShanker Sharma ji
सनातन धर्म में जितनी भी पूजा पाठ है उसका कोई न कोई बैज्ञानिक आधार जरुर है ..पर हम लोगो ने उस बैज्ञानिक को जानने की कोशिस नहीं किया और अंध विस्वास का नाम दे दिया इसी में एक पूजा है माँ शीतलाअष्टमी की जानिये क्या मह्त्व है इस पूजा का ...!
शीतलाअष्टमी पूजा का उद्देश्य बैज्ञानिक तरीके से कुछ इस प्रकार से है ...
1) मौसम के संक्रमण काल में, जबकि चेचक फ़ैल सकता है, एक दिन पूरे घर की सफाई, और रसोई में कोई काम नहीं, मतलब गन्दगी से छुटकारा...।
2) आंशिक उपवास जो स्वस्थ के लिए लाभ दायक है..।
3) होली के बचे हुए सामान या कचरे को घर से बाहर निकालने की क्रिया....।
4) जो भी मीठा या पूरिया बनी होती है, उनको किसी ऐसी जगह चौराहे पे रख आना, जिस से वोह जरूरतमंद जीवो के काम आ जाये...।
5) इस के बाद गर्मिय शुरू हो जाती है, तो अधिकार घर में तले भुने पकवान बंद हो जायेंगे, इसीलिए उन्हें बना कर गर्म खाने को भी मना किया जाता है, जिस से पेट में अपच की शिकायत न हो..।
6) चूँकि हम बहुत जल्दी कुछ सीखना या समझना नहीं चाहते, इसीलिए अगर किसी देवी/ देवता के साथ इसको जोड़ दिया जाये, तो अंधभक्ति में ही सही, हम इसको पूरा तो कर लेंगे..!
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