बुधवार, 21 दिसंबर 2011

क्या हम अन्धविश्वाशी हैं ?

क्या आप परेशान हैं ? ( इस देश में सुखी कौन है ) क्या आपको बार-बार किसी की बुरी नजर लग जाती है ? ( भले ही ऐश्वर्या राय को आज तक नजर ना लगी हो ) क्या आपको आपके व्यवसाय में घाटा हो रहा है ? ( लगता है राजनीति का धंधा नहीं करता ) क्या आप गरीब है ? ( भ्रष्टाचारियों को छोड़ इस देश में सब गरीब हैं ) क्या आपका बच्चा पढ़ाई में कमजोर है ? क्या आप माँ नहीं बन सकती ? क्या आपकी बेटी की शादी नहीं हो रही है ? या बार-बार सगाई होकर सम्बन्ध टूट रहा है ! नई गाड़ी का एक्सिडेंट हो गया है ! क्या आपका पति आप से ज्यादा किसी और को चाहता है ? क्या आपके पास हैं इस तरह की कोई समस्या ? तो फिर आप देर क्यों कर रहे है ! अब हम करेंगे आपकी हर समस्या को दूर ! हमारे पास है आपकी सभी परेशानियों का समाधान , उचित उपाय, हमे फोन कीजिये और जीवन की हर समस्या के मुक्ति पाइए ! आप सही जगह आ गए हैं ! यहाँ आपको मिलेगा आपकी हर समस्या का समाधान ! अब देर मत कीजिये और आज ही फोन कीजिये और आज ही मंगवाइये नजर सुरक्षा कवच या फिर " हनुमानजी कवच " या फिर " शिव मंत्रित एक मुखी रुद्राक्ष " अपनी गरीबी को दूर करने के लिए आज ही हमसे संपर्क कीजिये और विश्वाश कीजिये आप जल्द ही धनवान बन जायेंगे और आपके सभी कष्ट छूमंतर हो जायेंगे ! क्योंकि आपको मिल रहा है सिर्फ हमारे पास सबसे सस्ता " लक्ष्मी यंत्र " और चरण पादुकाएं ! आज ही फोन करने पर आपको यह फ्री मिलेगा और वो फ्री मिलेगा ! आज आप कोई भी टीव्ही चैनल उठाकर देख लीजिये सुबह हो शाम , दिन हो या रात हर वक़्त कोई ना कोई कुछ ना कुछ बेचता हुआ अवश्य मिलेगा ! जब एक गरीब , और दिन रात मेहनत कर एक-एक पैसा कमाने वाला इस तरह के विज्ञापन जब टेलीविजन पर देखता है तो वो क्या सोचता है इन विज्ञापनों के बारे में ? क्या २०००-३००० रूपए खर्च करने पर हम अपनी गरीबी दूर कर सकेंगे ? क्या दहेज़ के लालची इंसानों के बीच हम अपनी बेटी की शादी बिना दहेज़ के कर सकेंगे ? क्या हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएँगी ? हमारे सभ्य और पढ़े-लिखे समाज में आज अन्धविश्वास बेचा जा रहा है ! और हम सब बढ़ चढ़कर अन्धविश्वाश खरीद रहे हैं ! जो लोग जरा से भी अन्धविश्वासी होते हैं या इन सब बातों में जरा भी यकीं रखते हैं ! वो लोग ऐसे झूंठे आश्वासनों में तुरंत फंस जाते हैं ! ऐसे उत्पादों को बेचने वालों के निशाने पर ऐसे ही अन्धविश्वाशी लोग होते हैं जो जरा सी बात पर तंत्र-मन्त्र का सहारा लेते हैं और इनके चक्कर में अपना समय और पैसा बर्बाद करते हैं ! आज जिसे देखो अन्धविश्वास की दूकान खोलकर बैठ गया है ! और हम सब को पूरी तरह अन्धविश्वासी बना रहा है ! क्या वाकई में ऐसा कोई कवच है ? जो इन्सान की सभी समस्याएं दूर कर सकता हो ! और इंसान को एक ऊंची बुलंदी पर पहुंचा सकता हो ! यदि ऐसी कोई चीज होती तो इंसान आज गरीब क्यों होता ? क्यों बेरोजगार होता ? क्यों आज इतना दुखी होता ? हर कोई छोटी मोटी रकम देकर अपनी सभी समस्याएं दूर कर लेता ! आज का इन्सान पहले बिना सोचे समझे गलत कदम उठाता है फिर बाद में अपनी गलतियों पर पछतावा मनाता है ! वो अपनी गलतियों से सबक नहीं लेता और सच बात को नकार कर अन्धविश्वाश को बढ़ावा देता है ! हिंदुस्तान में संवेदनशील लोगों की कमी नहीं हैं " रस्सी को सांप " समझने वालों की भी कमी नहीं है ! इसके पीछे कहीं ना कहीं हमारी रूढ़ी वादी परम्पराएँ और धर्म के नाम पर ठगने के लिए फैलाई गयी अनेकों भ्रांतियां है ! कहीं ना कहीं हमारा नम्र स्वभाव भी इसका एक कारण होता है ! नम्र स्वभाव हम सभी की एक विशेष पहचान होती है ! ऐसा स्वभाव जिसमे सब कुछ सच होता है किसी भी तरह का दिखावा या झूंठ नहीं होता ! इसलिए हम सब सहसा किसी भी बात पर बिना सोचे समझे विश्वास कर लेते हैं ! यह हमारी कमजोरी भी है , और हमारी पहचान और ताक़त भी जो हमें पूरे विश्व में एक अलग पहचान देती है ! ठीक उसी तरह हिंदुस्तान में अन्धविश्वाश को मानने वालों की भी कमी नहीं है ! अन्धविश्वाश जिसका अस्तित्व सच से कहीं परे होता है और जो टिका होता है कहीं ना कहीं सिर्फ एक झूंठ पर , जिनका इन्सान के जीवन से कहीं दूर- दूर तक कोई लेना-देना नहीं होता ! इस तरह के उत्पाद बेचने बाले हमारे भोलेपन का फायदा उठाते हैं और धीरे धीरे हमें अपनी जकड में ले लेते है ! आज इस अन्धविश्वाश के चक्कर में हम अपना असली सुख खो रहे हैं ! कहा जाता हैं अन्धविश्वाश भोलेभाले गाँव वालों में ज्यादा देखने को मिलता है ! जो अनपढ़ होते हैं वो अन्धविश्वाश पर जल्दी यकीं कर लेते हैं ! किन्तु आज हमारा पढ़ा लिखा और जाग्रत समाज भी कहीं ना कहीं अन्धविश्वाश के जाल में पूरी तरह फंसा हुआ है ! ज्यादा और जल्दी बुलंदी पाने के लिए वह आज अन्धविश्वाश की दुकानों को चलाने में अपना पूरा-पूरा योगदान दे रहा है ! आज ऐसे इन्सान अपने कर्म से ज्यादा अपनी किस्मत को ज्यादा मानते हैं ! और एक अन्धविश्वाश उनके साथ हमेशा रहता है ! हमने देखा हैं इस अन्धविश्वास का परिणाम ! किस तरह इंसान भटक जाता है सही मार्ग पर चलने से ! अगर हम इसी तरह इनके जाल में फंसते रहे तो एक दिन इस हिंदुस्तान में सिर्फ अन्धविश्वाश होगा ! और इस तरह की दुकानें दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करेंगी और हमारी आम जनता जीवन भर इस अन्धविश्वाश से बाहर नहीं निकल पाएगी !

आज मैं भी एक दूकान खोल रहा हूँ ! क्या आप मेरी दूकान पर आकर मुझसे अन्धविश्वाश खरीदेंगे ! आप मेरी दुकान पर आयें और अपने कष्टों को दूर भगाएं .....

क्या हम अन्धविश्वाशी हैं ? या हमें बनाया जा रहा है !

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