अब क्या होगा तथाकथित मंदिर के ठेकेदारों का ?
गुजरात के कुछ इलाकों में जहां दलितों को अभी भी मंदिरों में प्रवेश
नहीं दिया जाता वहीं नरेंद्र मोदी सरकार ने एक परिवर्तनकारी फैसला किया
है। राज्य सरकार ने सर परमैला ढोनेवालों को मंदिरों में पुजारी बनाने का
निर्णय लिया है।इसके लिए उन्हें हिंदू रीति- रिवाज के तहत विशेष प्रशिक्षण
दिया जाएगा, जिससे वह सभी कर्मकाण्ड विधिवत करा सकें। एक अंग्रेजी समाचार
पत्र के अनुसार, सामाजिक न्याय विभाग ने सफाई कामदारों के प्रशिक्षण के लिए
2013-14 के बजट में 22.50 लाख रुपये निर्धारित की है। इन्हें सोला भागवत
पीठ और सोमनाथ संस्कृत विद्यापीठ जैसे संस्थानों में विशेष प्रशिक्षण दिया
जाएगा। सरकार के इस फैसले का दलित समुदाय ने स्वागत किया है। दलित अधिकार
संगठन नवसृजन की मंजुला प्रदीप ने इस फैसले के लिए सरकार की प्रशंसा करते
हुए कहा कि यह एक परिवर्तनकारी कदम है। गुजरात के कुछ इलाकों में जहां
दलितों को अभी भी मंदिरों में प्रवेश नहीं दिया जाता वहीं नरेंद्र मोदी
सरकार ने एक परिवर्तनकारी फैसला किया है। राज्य सरकार ने सर परमैला
ढोनेवालों को मंदिरों में पुजारी बनाने का निर्णय लिया है।इसके लिए उन्हें
हिंदू रीति- रिवाज के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वह सभी
कर्मकाण्ड विधिवत करा सकें। एक अंग्रेजी समाचार पत्र के अनुसार, सामाजिक
न्याय विभाग ने सफाई कामदारों के प्रशिक्षण के लिए 2013-14 के बजट में
22.50 लाख रुपये निर्धारित की है। इन्हें सोला भागवत पीठ और सोमनाथ संस्कृत
विद्यापीठ जैसे संस्थानों में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार के इस
फैसले का दलित समुदाय ने स्वागत किया है। दलित अधिकार संगठन नवसृजन की
मंजुला प्रदीप ने इस फैसले के लिए सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक
परिवर्तनकारी कदम है।
http://antafanda.in/news.asp?newsid=77#.UZLxckosMsY
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