कांग्रेस
अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर अरविंद केजरीवाल के बाद
अब इंडियन नैशनल लोकदल के अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला ने हमला बोल दिया है।
चौटाला के मुताबिक वाड्रा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए गुड़गांव से
सटे मेवात इलाके की बेशकीमती जमीन से 2 साल में मोटा मुनाफा कमाया है।
जमीन की रजिस्ट्री के मुताबिक वाड्रा ने 2009 में 28 एकड़ जमीन सिर्फ 71
लाख रुपये में खरीदी और 2011 में इसी जमीन को 2 करोड़ 15 लाख रुपये में बेच
दिया। वाड्रा को जमीन बेचने वाले शख्स को विधानसभा चुनावों में कांग्रेस
का टिकट भी मिला।
न्यूज चैनल आईबीएन 7 के मुताबिक, दिल्ली से सटे हरियाणा के मेवात इलाके में जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन 3 साल पहले सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने इस इलाके में काफी कम कीमत में 28 एकड़ जमीन खरीदी। वाड्रा ने यह जमीन 6 पार्टियों से करीब 3 लाख रुपये प्रति एकड़ के भाव से खरीदी। दिलचस्प बात यह है कि 2009 में खुद राज्य सरकार ने इस इलाके में 16 लाख रुपये प्रति एकड़ स्टॉम्प ड्यूटी तय की हुई थी। लिहाजा वाड्रा ने जो जमीन करीब 3 लाख रुपये प्रति एकड़ कीमत पर खरीदी उस पर 16 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से राज्य सरकार को स्टॉम्प ड्यूटी अदा किया। यानी जमीन की मूल कीमत से स्टॉम्प ड्यूटी 8 गुणा ज्यादा थी। अब वाड्रा का यह सौदा विपक्षी दल इंडियन नैशनल लोकदल के गले नहीं उतर रहा। इंडियन नैशनल लोकदल के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला ने वाड्रा द्वारा सस्ती दर में खरीदी गई जमीन की जांच करने की मांग की है।
विपक्ष का सवाल यह है कि सरकार द्वारा निर्धारित कीमत से कम दाम में यह जमीन कैसे खरीदी और बेची गई। कहीं ऐसा तो नहीं की वाड्रा को फायदा पहुंचाने के लिए जमीन को बाजार से कम दाम पर बेचा दिखाया गया। रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी कम्पनी मेसर्स रियल अर्थ एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक के तौर पर मेवात के फिरोजपुर जिरका के शकरपुरी गांव के 6 लोगों से करीब 28 एकड़ जमीन खरीदी है। कागजात के मुताबिक वाड्रा ने रूबी तबस्सुम से 7 लाख में 2 एकड़, आनंद फुड इंडिया से करीब साढ़े आठ एकड़ जमीन 20 लाख रुपये में, मेमूना और सुभाष चंद्र से 2-2 एकड़ जमीन 7-7 लाख रुपये में और फिरदौस बेगम से सवा 11 एकड़ जमीन 24 लाख रुपये में खरीदी। यानी वाड्रा ने करीब 28 एकड़ जमीन 71 लाख रुपये में 2009 में खरीदी।
हरियाणा सरकार के कागजातों के मुताबिक 2 साल बाद यानी नवंबर 2011 में वाड्रा ने यही जमीन दिल्ली की साउथ एक्स इलाके की कंपनी हिंद इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को 7 लाख 68 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर 2,15,01,562 रुपये में बेची।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकश चौटाला के मुताबिक वाड्रा ने करीब 28 एकड़ जमीन में से 17 एकड़ जमीन कांग्रेस के नूंह विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अफताब अहमद के परिवार से खरीदी है। चौटाला का आरोप है कि इस जमीन की एवज में आफताब को नूंह विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की तरफ से टिकट दिया गया। यही नहीं विधायक के परिवार की बाकी बची जमीन को अर्बन डिवेलपमेंट प्लान में शामिल कर लिया गया। जिसकी वजह से उनकी जमीनों की कीमत कई गुणा बढ़ गईं। फिरोजपुर जिरका से चौटाला की पार्टी के विधायक नसीम अहमद के मुताबिक हुड्डा सरकार की छत्रछाया में वाड्रा और आफताब को फायदा पहुंचाया गया।http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/16764066.cmshttp://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/16807139.cmshttp://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/16847905.cmshttp://navbharattimes.indiatimes.com/senior-official-probing-vadra-dlf-land-deal-shunted-out/articleshow/16832209.cmshttp://navbharattimes.indiatimes.com/chautala-accuses-rahul-gandhi-of-evading-stamp-duty/articleshow/16858418.cms
न्यूज चैनल आईबीएन 7 के मुताबिक, दिल्ली से सटे हरियाणा के मेवात इलाके में जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन 3 साल पहले सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने इस इलाके में काफी कम कीमत में 28 एकड़ जमीन खरीदी। वाड्रा ने यह जमीन 6 पार्टियों से करीब 3 लाख रुपये प्रति एकड़ के भाव से खरीदी। दिलचस्प बात यह है कि 2009 में खुद राज्य सरकार ने इस इलाके में 16 लाख रुपये प्रति एकड़ स्टॉम्प ड्यूटी तय की हुई थी। लिहाजा वाड्रा ने जो जमीन करीब 3 लाख रुपये प्रति एकड़ कीमत पर खरीदी उस पर 16 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से राज्य सरकार को स्टॉम्प ड्यूटी अदा किया। यानी जमीन की मूल कीमत से स्टॉम्प ड्यूटी 8 गुणा ज्यादा थी। अब वाड्रा का यह सौदा विपक्षी दल इंडियन नैशनल लोकदल के गले नहीं उतर रहा। इंडियन नैशनल लोकदल के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला ने वाड्रा द्वारा सस्ती दर में खरीदी गई जमीन की जांच करने की मांग की है।
विपक्ष का सवाल यह है कि सरकार द्वारा निर्धारित कीमत से कम दाम में यह जमीन कैसे खरीदी और बेची गई। कहीं ऐसा तो नहीं की वाड्रा को फायदा पहुंचाने के लिए जमीन को बाजार से कम दाम पर बेचा दिखाया गया। रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी कम्पनी मेसर्स रियल अर्थ एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक के तौर पर मेवात के फिरोजपुर जिरका के शकरपुरी गांव के 6 लोगों से करीब 28 एकड़ जमीन खरीदी है। कागजात के मुताबिक वाड्रा ने रूबी तबस्सुम से 7 लाख में 2 एकड़, आनंद फुड इंडिया से करीब साढ़े आठ एकड़ जमीन 20 लाख रुपये में, मेमूना और सुभाष चंद्र से 2-2 एकड़ जमीन 7-7 लाख रुपये में और फिरदौस बेगम से सवा 11 एकड़ जमीन 24 लाख रुपये में खरीदी। यानी वाड्रा ने करीब 28 एकड़ जमीन 71 लाख रुपये में 2009 में खरीदी।
हरियाणा सरकार के कागजातों के मुताबिक 2 साल बाद यानी नवंबर 2011 में वाड्रा ने यही जमीन दिल्ली की साउथ एक्स इलाके की कंपनी हिंद इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को 7 लाख 68 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर 2,15,01,562 रुपये में बेची।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकश चौटाला के मुताबिक वाड्रा ने करीब 28 एकड़ जमीन में से 17 एकड़ जमीन कांग्रेस के नूंह विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अफताब अहमद के परिवार से खरीदी है। चौटाला का आरोप है कि इस जमीन की एवज में आफताब को नूंह विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की तरफ से टिकट दिया गया। यही नहीं विधायक के परिवार की बाकी बची जमीन को अर्बन डिवेलपमेंट प्लान में शामिल कर लिया गया। जिसकी वजह से उनकी जमीनों की कीमत कई गुणा बढ़ गईं। फिरोजपुर जिरका से चौटाला की पार्टी के विधायक नसीम अहमद के मुताबिक हुड्डा सरकार की छत्रछाया में वाड्रा और आफताब को फायदा पहुंचाया गया।http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/16764066.cmshttp://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/16807139.cmshttp://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/16847905.cmshttp://navbharattimes.indiatimes.com/senior-official-probing-vadra-dlf-land-deal-shunted-out/articleshow/16832209.cmshttp://navbharattimes.indiatimes.com/chautala-accuses-rahul-gandhi-of-evading-stamp-duty/articleshow/16858418.cms
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