मंगलवार, 5 जून 2012

!!सत्यमेव जयते और SMS और अमीर खान जी ?

मानो मीडिया वालो की छाती पे सांप लेट गया है .. क्या इन हरामखोर , नीच और बिकाऊ मीडिया को ये सब नहीं दिखता ?? ,
आमिर खान द्वारा संचालित सत्यमेवजयते नमक कार्यक्रम को देश के लोग ठीक वैसे ही देखने लगे है जैसे अस्सी के दसक में लोग नहा धो कर दूरदर्शन में रामानंद कृत "रामायण" देखा करते थे , प्रोगाम के माध्यम से SMS के जरिये डोनेसन माँगा जाता है , इस SMS का पैसा कहाँ और किस प्रयोजन के लिए जाता है ये जरा जान लेवे, और अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए कान पकडे की एक फूटी कौड़ी भी अब नहीं दी जाएगी .
दरअसल www.humanitytrust.com नमक एक NGO के पास ये सारा पैसा जाता है . इस वेबसाइट को आप देख सकते है और समझ सकते है की इनका उद्दश्य क्या है ? इसमें कहा गया है की पैसा एक विशेष समुदाय की भलाई के लिए खर्च की जाएगी .. ये अच्छी बात है , पर उसमे ये भी लिखा है उसी पैसे से इस समुदाय के लिए प्राथना गार बनायीं जाएगी ..अब आप ये बताओ की ये कहाँ तक उचित है , भारत देश से लगभग सभी जाती व धर्म के लोग डोनेसन देते है तो उसका उपयोग सिर्फ एक विशेष समुदाय क्यों करे.
सनातन धर्म के लोगो के लिया तो ऐसा कुछ प्रयोजन नहीं होता .. ?? कृपया अपनी राय ये और बुद्धिजीवी गन ये भी बताओ की क़ानूनी रूप से इस हरामखोरी को कैसे रोका जा सकता है
मेरे इस लेख के पुष्टि के लिए आप ये दोनों वेबसाइट देख सकते है
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..वाह रे आमिर.....आपकी एक्टिंग.....क्या बात है.....!!!.....आपकी तो नकली आंसुओं की भी कीमत मिलती है ...
Description
वाह रे आमिर.....आपकी एक्टिंग.....क्या बात है.....!!!

१.आमिर खान ब्रिटिस पत्रकार जैशिका हिने के बच्चे का बाप है (मतलब उसे भ्रूण हत्या के लिये मजबूर किया.....लेकिन उसने ऐसा नहीं किया.....

२. अपनी पहली बीबी को तलाक--तलाक-तलाक बोलकर छोड दिया.....बच्चों को भी.....
...३.अपने भाई को भी पगला बोलकर छोड दिया.....

४. गुजरात दंगों पर भी ये काफी कुछ बोले .पर सिर्फ मुस्लिमो के लिए ...जबकि गोधरा काण्ड पर मुह नहीं खोला क्यों ? .... और मुस्लिम ओ के लिए अनसन पर भी बैठ गए थे ....क्या हिन्दू इंसान नहीं है उनके नजरो में ?

वाह आमिर क्या बात है.....आपकी तो नकली आंसुओं की भी कीमत मिलती है .....ये भारत देश है यहाँ के बच्चे शक्तिमान को भी सच मान लेते हैं.....तो फिर आपकी दुकान चलने से कौन रोक सकता है.....

आमिर खान को अपने टीवी कार्यक्रम सत्यमेव जयते का नाम बदल लेना चाहिए.. जो कार्यक्रम सत्य नहीं अपितु झूठे भ्रामक प्रचार पर आधारित हो व किसी धर्म विशेष के प्रति दुराग्रह से ग्रस्त हो, उसे मुंडकोपनिषद के इस महान उदात्त उद्घोष का प्रयोग करने का कोई अधिकार नहीं है.. कार्यक्रम के अनुसार छुआछूत हिंदुधर्म की उपज है.. कई उदाहरण दिये गए जहां लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है.. वे उदाहरण वास्तव मेँ दुखद हैं किन्तु जिस तरह इस वीभत्स सामाजिक बुराई को हिंदुओं की धार्मिक बुराई के रूप मे प्रचारित कर हिन्दू धर्म से जोड़ा गया, वह अत्यंत निंदनीय है......मुस्लिमो के बहु पत्नी प्रथा पर कुछ नहीं बोले क्यों ?

असत्यमेव जयते: अमीर खान की बेवफ़ाई की दास्तां

एक सामान्य सी लडकी रिना दत्ता और अमीर खान का प्यार ... जब जनाब हिरो क्या जीरो भी नही थें...उम्र थी मात्र 21 वर्ष ... रिना हिंदु , अमीर मुसलमान , प्यार में रुकावट तो आनी हीं थी .. रिना के मां बाप इस रिश्ते के खिलाफ़ थें... दिवाने मजनू ने लैला को भाग चलने की सलाह दी .. अपने मजनू के प्यार की दिवानी लैला गायब हो गई मजनू के साथ...शादी भी रचाई 18 अप्रील 1986 को ... अमीर खान की पहली व्यवसायिक फ़िल्म कयामत से कयामत तक 1988 में आई जो सफ़ल थी ..शादी के दो साल बाद ..इन दो सालों में रिना दता ने आर्थिक रुप से अमीर खान की मदद की ...

लगान की निर्माता रिना दता थी ..ह फ़िल्म रिना दता के वैवाहिक जिंदगी के लिये दुर्भाग्यशाली साबित हुई ..उसी फ़िल्म के बाद अमीर खान रिना दता से किनारा कसने लगे..सहायक निदेशक किरन राव के दिवाने बने अमीर खान ने दिसंबर 2002 में रिना दता से तलाक ले लिया .. रिना दता स्वाभिमानी हैं , वह समझ गई कि जबर्दस्ती रिश्तों को जिंदा रखने का कोई अर्थ नही है और उन्होने त्याग करते हुये तलाक दे दिया..अमीर खान और किरन राव ने शादी करली... इस दुसरे विवाह में पत्रकारो का प्रवेश निषेध था...

अब इधर अमीर खान ने पतियों की सताई गई पत्नियों .पर एक धारावाहिक सत्यमेव जयते शुरु किया है .. अमीर खान ने अपनी शादी में किसी भी पत्रकार को नही बुलाया आज वह सारे चैनल अमीर खान के सिरियल की प्रशंसा कर रहे हैं .. बेचारी रिना दता को कहीं का नही छोडा अमीर खान नें .. मां-बाप से बगावत कर के शादी की ..धर्म भी बदल लिया...आजकल वह अकेले में भगवान के सामने यही गा गा कर रोती है ..बना के क्यों बिगाडा रे बिगाडा रे नसिबा और हम गाते हैं " नायक नहीं खलनायक है तूं"

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