मंगलवार, 3 जनवरी 2012

!!प्रवचन के नाम पर समाज को बरगलाते हुए बाबाओं की भीड़ !!

प्रवचन से समाज का कितना भला हो रहा है यह तो शोध का बिषय हो सकता है ,पर प्रवचन के नाम पर भोली भली जनता कितना ठगा रही है यह सभी जानते है ,,बड़े -बड़े पंडालो में कथा -भागवत के नाम पर लुट मची है दान देने की अपील बड़े जोर- शोर से की जा रही है ,क्यों ? इन नकली बाबाओं के कारन ही आज संत समाज बदनाम हो रहा है ,और सनातन धर्म बदनाम हो रहा है ! आज कल सुबह-सुबह आँख खोलो और अगर सोच लो की भगवान का दर्शन कर लें तो वो बड़ा मुश्किल है. आजकल तो भगवान से ज्यादा ऊँचा दर्ज़ा आज कल के टीवी वाले बाबा लोगों को मिल गया है. आज कल चैनलों पर बाबा का प्रवचन एक फैशन सा हो गया है. अब तो अलग अलग धर्मों के लिए अलग-अलग बाबा हो गए हैं. कोई हिन्दू धर्मं का तो कोई सिख धर्मं की बातें करता है.तो कही पर इसा मसीह के प्रवचन हो रहे है तो कही अल्लाह के ही गुणगान किये जा रहे है जबकि सच्चे  धर्म का प्रसार और प्रचार करने वालों ने हमेशा भगवान को एक माना है, पर इन लोगों ने तो पूरी तरह से भगवान को जगह-जगह अलग-अलग समय में भी बाँट दिया है. ये बाबा लोग खुद तो ईश्वर को एक ही बताते हैं पर ये खुद अलग-अलग हो गए हैं.क्यों ?
सुबह-सुबह सोकर उठने के बाद बस अलग-अलग चैनल पर आपको अलग-अलग बाबा अपना प्रवचन सुनाते मिल जायेंगे. आज ये स्टेट्स सिम्बल भी हो गए हैं. अब तो हमारी मीडिया भी इन बाबा लोगों को प्रमोट करती नज़र आ रही है. न्यूज़ दिखाने वाले चैनलों ने भी इनको अपनी एक नयी तस्वीर पेश करने के लिए रख लिया है. आज बाबा लोग एक ऊँचे से मंच पर बैठ जायेंगे और खूब ढेर सारे लोगों की भीड़ उनके सामने बैठी होगी और पूरे मन से वो उसी प्रवचन में लीन रहती हैं. और बाबा लोगों से अगर फुर्सत मिले तो एक नए फैशन के तौर पर बाबा लोग अपने उत्पाद बेचते मिल जायेंगे. कहीं महालक्ष्मी श्री यन्त्र पूजा से सम्बन्धित, तो कहीं कोई औषधि का प्रचार....
आखिर ये सब क्या है? पूरी तरह से दिशा भ्रमित करने का आसान तरीका ही तो है. आज हम आम जनता के संवेदनाओं की क़द्र न करते हुए ये लोग आराम से अपने कार्यक्रम को बढ़ावा देते हैं. आज भोली-भाली जनता इस तरह के बहकावे में आ जाती है और पूरी तरह से धोखा खाती है. ज़िन्दगी से दिशाभ्रमित हो जाने वाले लोग इस मकड़जाल में फंसते चले जा रहे हैं.क्या यह देश और समाज हित में है ?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें