शनिवार, 3 सितंबर 2022

भीम राव अम्बेडकर के बारे में फैलाये गये मिथक और उनकी सच्चाई ?



1- मिथक- अंबेडकर बहुत मेधावी थे । 
सच्चाई - अंबेडकर ने अपनी सारी शैक्षणिक डिग्रीयां तीसरी श्रेणी में पास की ।
2- मिथक - अंबेडकर बहुत गरीब थे ! 
सच्चाई -जिस जमानें में लोग  फोटो नहीं खींचा पाते थे उस जमानें में अंबेडकर की बचपन की बहुत सी फोटो है , वह भी कोट पैंट और टाई में !
3 - मिथक- अंबेडकर ने शूद्रों को पढ़ने का अधिकार दिया !
सच्चाई -अंबेडकर के पिता जी खुद उस ज़माने में आर्मी में सूबेदार मेजर थे ! इसके अलावा सविंधान बनाने वाली सविंधान सभा में 26sc और 33st के सदस्य शामिल थे !
4- मिथक- अंबेडकर को पढ़ने नहीं दिया गया ।
सच्चाई -उस जमानें में अंबेडकर को गुजरात बडोदरा के क्षत्रिय राजा सियाजी गायकवाड़ नें स्कॉलरशिप दी और विदेश पढ़ने तक भेजा और ब्राह्मण गुरु जी ने अपना नाम अंबेडकर दिया ।
5- मिथक- अंबेडकर नें नारियों को पढ़ने का अधिकार दिया !
सच्चाई- अंबेडकर के समय ही 15 पढ़ी लिखी औरतों ने संविधान लिखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया !
6- मिथक- अंबेडकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे !
सच्चाई -अंबेडकर नें सदैव अंग्रेजों का साथ दिया भारत छोड़ो आंदोलन की जम कर खिलाफत की अंग्रेजों को पत्र लिखकर बोला कि आप और दिन तक देश में राज करिए उन्होंने जीवन भर हर जगह आजादी की लड़ाई का विरोध किया ।
7- मिथक - अम्बेडकर बड़े शक्तिशाली थे ! 
सच्चाई- 1946 के चुनाव में पूरे भारत भर में अंबेडकर की पार्टी की जमानत जप्त हुई थी ।
8- मिथक अंबेडकर नें अकेले आरक्षण दिया !
सच्चाई- आरक्षण संविधान सभा में दिया जिसमें कुल 299 लोग थे , अंबेडकर का उसमें सिर्फ एक वोट था आरक्षण सब के वोट से दिया गया था और भारत में कई दलित जातियों को आरक्षण 1909 में ही दे दिया गया था !
9- मिथक- अंबेडकर ने सविंधान बनाया । 
सच्चाई- अंबेडकर केवल संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे जबकि पूरी संविधान सभा के अध्यक्ष परम् विद्वान डाक्टर राजेंद्र प्रसाद जी थे और सविंधान का मसौदा , ढांचा बी एन राव ने बनाया था ! 
10- मिथक- अंबेडकर राष्ट्रवादी थे
सच्चाई -1931 में गोलमेज सम्मेलन में गांधी जी से भारत के टुकड़े करने की बात कर दलितों के लिए अलग दलिस्तान की मांग की थी ।
11 मिथक- आरक्षण को लेकर संविधान सभा के सभी सदस्य सहमत थे ।
सच्चाई- इसी आरक्षण को लेकर सरदार पटेल से अंबेडकर की कहा सुनी हो गई थी । पटेल जी संविधान सभा की मीटिंग छोड़कर बाहर चले गये थे , बाद में नेहरू के कहने पर पटेल जी वापस आये थे । सरदार पटेल ने कहा कि जिस भारत को अखण्ड भारत बनानें के लिए भारतीय देशी राजाओं , महराजाओं , रियासतदारों , तालुकेदारों ने अपनी 546 रियासतों को भारत में विलय कर दिया जिसमें 513 रियासतें क्षत्रिय राजाओं की थी । इस आरक्षण के विष से भारत भविष्य में खण्डित होने के कगार पर पहुंच जाएगा ।
12- मिथक- अंबेडकर स्वेदशी थे ।
सच्चाई - देश के सभी नेताओं का तत्कालीन पहनावा भारतीय पोशाक धोती - कुर्ता , पैजामा - कुर्ता , सदरी व टोपी , पगड़ी , साफा आदि हुआ करता था । गांधी जी नें विदेशी पहनावा व वस्तुओं की होली जलवाई थी । यद्यपि कि नेहरू , गाधीं व अन्य नेता विदेशी विश्वविद्यालय व विदेशों में रहे भी थे फिर भी स्वदेशी आंदोलन से जुड़े रहे।अंबेडकर की कोई भी तस्वीर भारतीय पहनावा में नहीं है । अंबेडकर अंग्रेजियत के हिमायती थे । अंत में चाहता हूँ कि अंग्रेज जब भारत छोड़ कर जा रहे थे तो अपने नापाक इरादों को जिससे भविष्य में भारत खंडित हो सके के रुप में अंग्रेजियत शख्सियत अंबेडकर की खोज कर लिए थे ।

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