रविवार, 18 जुलाई 2021

पूरी दुनिया को मुसलमान बनाने के लिए कितने संगठन कार्य कर रहे हैं ?


आइये जानते हैं ।

1) अल -शबाब (अफ्रीका) 
2) अल मुराबितुंन (अफ्रीका), 
3) अल -कायदा (अफगानिस्तान), 
4) अल -क़ाएदा (इस्लामिक मघरेब), 
5) अल -क़ाएदा (इंडियन सबकॉन्टिनेंट), 
6) अल -क़ाएदा (अरेबियन पेनिनसुला),
7) हमास (पलेस्टाइन), 
8) पलिस्तीनियन इस्लामिक जिहाद (पलेस्टाइन), 
9) पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ (पलेस्टाइन), 
10) हेज़बोल्ला (लेबनान), 
11) अंसार अल -शरीया -बेनग़ाज़ी (लेबनान), 
12) असबात अल -अंसार (लेबनान), 
13) ISIS (इराक), 
14) ISIS (सीरिया),
15) ISIS (कवकस)
16) ISIS (लीबिया)
17) ISIS (यमन)
18) ISIS (अल्जीरिया), 
19) ISIS (फिलीपींस)
20) जुन्द अल -शाम (अफगानिस्तान), 
21) मौराबितौं (लेबनान), 
22) अलअब्दुल्लाह अज़्ज़म ब्रिगेड्स (लेबनान), 
23) अल -इतिहाद अल -इस्लामिया (सोमालिया), 
24) अल -हरमैन फाउंडेशन (सऊदी अरबिया), 
25) अंसार -अल -शरीया (मोरोक्को),
26) मोरोक्को मुदजादिने (मोरक्को), 
27) सलफीआ जिहदिआ (मोरक्को), 
28) बोको हराम (अफ्रीका), 
29) इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ (उज़्बेकिस्तान), 
30) इस्लामिक जिहाद यूनियन (उज़्बेकिस्तान), 
31) इस्लामिक जिहाद यूनियन (जर्मनी), 
32) DRW True -रिलिजन (जर्मनी)
33) फजर नुसंतरा मूवमेंट (जर्मनी)
34) DIK हिल्देशियम (जर्मनी)
35) जैश -ए -मुहम्मद (कश्मीर), 
36) जैश अल -मुहाजिरीन वल -अंसार (सीरिया), 
37) पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ पलेस्टाइन (सीरिया), 
38) जमात अल दावा अल क़ुरान (अफगानिस्तान), 
39) जुंदल्लाह (ईरान)
40) क़ुद्स फाॅर्स (ईरान)
41) Kata'ib हेज़बोल्लाह (इराक), 
42) अल -इतिहाद अल -इस्लामिया (सोमालिया), 
43) Egyptian इस्लामिक जिहाद (Egypt), 
44) जुन्द अल -शाम (जॉर्डन)
45) फजर नुसंतरा मूवमेंट (ऑस्ट्रेला)
46) सोसाइटी ऑफ़ द रिवाइवल ऑफ़ इस्लामिक हेरिटेज (टेरर फंडिंग, वर्ल्डवाइड ऑफिसेस)
47) तालिबान (अफगानिस्तान), 
48) तालिबान (पाकिस्तान), 
49) तहरीक -i-तालिबान (पाकिस्तान), 
50) आर्मी ऑफ़ इस्लाम (सीरिया), 
51) इस्लामिक मूवमेंट (इजराइल)
52) अंसार अल शरीया (तुनिशिया), 
53) मुजाहिदीन शूरा कौंसिल इन द एनवीरोंस ऑफ़ (जेरूसलम), 
54) लिबयान इस्लामिक फाइटिंग ग्रुप (लीबिया), 
55) मूवमेंट फॉर वेनेस्स एंड जिहाद इन (वेस्ट अफ्रीका), 
56) पलिस्तीनियन इस्लामिक जिहाद (पलेस्टाइन)
57) तेव्हीद-सेलम (अल -क़ुद्स आर्मी)
58) मोरक्कन इस्लामिक कोंबटेंट ग्रुप (मोररोको), 
59) काकेशस अमीरात (रूस),

60) दुख्तरान -ए -मिल्लत
फेमिनिस्ट इस्लामिस्ट्स
             (इंडिया)
61) इंडियन मुजाहिदीन
             (इंडिया),
62) जमात -उल मुजाहिदीन
             (इंडिया)
*63) अंसार अल -इस्लाम*
             *(इंडिया)*
*64) स्टूडेंट्स इस्लामिक*
*मूवमेंट ऑफ़ (इंडिया)* 
*65) हरकत मुजाहिदीन*
           *(इंडिया)*
*66) हिज़्बुल मुझेडीन*
            *इंडिया*
*67) लश्कर ए इस्लाम*
           *(इंडिया)*

68) जुन्द अल खिलाफह*
(अल्जीरिया), 
69) तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी ,
70) Egyptian इस्लामिक जिहाद (Egypt),
71) ग्रेट ईस्टर्न इस्लामिक रेडर्स' फ्रंट (तुर्की),
72) हरकत -उल -जिहाद अल -इस्लामी (पाकिस्तान),
73) तहरीक -ए -नफ़ज़ -ए -शरीअत -ए -मोहम्मदी (पाकिस्तान), 
74) लश्कर ए तोइबा (पाकिस्तान)
75) लश्कर ए झांगवी (पाकिस्तान)
76) अहले सुन्नत वल जमात (पाकिस्तान ),
77) जमात उल -एहरार (पाकिस्तान), 
78) हरकत -उल -मुजाहिदीन (पाकिस्तान), 
79) जमात उल -फुरकान (पाकिस्तान), 
80) हरकत -उल -मुजाहिदीन (सीरिया), 
81) अंसार अल -दिन फ्रंट (सीरिया), 
82) जब्हत फ़तेह अल -शाम (सीरिया), 
83) जमाह अन्शोरूट दौलाह (सीरिया), 
84) नौर अल -दिन अल -ज़ेन्कि मूवमेंट (सीरिया),
85) लिवा अल -हक़्क़ (सीरिया), 
86) अल -तौहीद ब्रिगेड (सीरिया), 
87) जुन्द अल -अक़्सा (सीरिया), 
88) अल-तौहीद ब्रिगेड(सीरिया), 
89) यरमूक मार्टियर्स ब्रिगेड (सीरिया), 
90) खालिद इब्न अल -वालिद आर्मी (सीरिया), 
91) हिज़्ब -ए इस्लामी गुलबुद्दीन (अफगानिस्तान), 
92) जमात -उल -एहरार (अफगानिस्तान) 
93) हिज़्ब उत -तहरीर (वर्ल्डवाइड कलिफाते), 
94) हिज़्बुल मुजाहिदीन (इंडिया), 
95) अंसार अल्लाह (यमन), 
96) हौली लैंड फाउंडेशन फॉर रिलीफ एंड डेवलपमेंट (USA), 
97) जमात मुजाहिदीन (इंडिया), 
98) जमाह अंशरूत तौहीद (इंडोनेशिया), 
99) हिज़्बुत तहरीर (इंडोनेशिया), 
100) फजर नुसंतरा मूवमेंट (इंडोनेशिया), 
101) जेमाह इस्लामियाह (इंडोनेशिया), 
102) जेमाह इस्लामियाह (फिलीपींस), 
103) जेमाह इस्लामियाह (सिंगापुर), 
104) जेमाह इस्लामियाह (थाईलैंड), 
105) जेमाह इस्लामियाह (मलेशिया), 
106) अंसार दीने (अफ्रीका), 
107) ओस्बत अल -अंसार (पलेस्टाइन), 
108) हिज़्ब उल -तहरीर (ग्रुप कनेक्टिंग इस्लामिक केलिफेट्स अक्रॉस द वर्ल्ड इनटू वन वर्ल्ड इस्लामिक केलिफेट्स)
109) आर्मी ऑफ़ द मेन ऑफ़ द नक्शबंदी आर्डर (इराक)
110) अल नुसरा फ्रंट (सीरिया), 
111) अल -बदर (पाकिस्तान), 
112) इस्लाम 4UK (UK), 
113) अल घुरबा (UK), 
114) कॉल टू सबमिशन (UK), 
115) इस्लामिक पथ (UK), 
116) लंदन स्कूल ऑफ़ शरीया (UK), 
117) मुस्लिम्स अगेंस्ट क्रुसडेस (UK), 
118) नीड 4Khilafah (UK), 
119) द शरिया प्रोजेक्ट (UK), 
120) द इस्लामिक दवाह एसोसिएशन (UK), 
121) द सवियर सेक्ट (UK), 
122) जमात उल -फुरकान (UK), 
123) मिनबर अंसार दीन (UK), 
124) अल -मुहाजिरों (UK) (Lee Rigby, लंदन 2017 मेंबर्स), 
125) इस्लामिक कौंसिल ऑफ़ ब्रिटैन (UK) (नॉट टू बी कन्फ्यूज्ड विद ओफ़फिशिअल मुस्लिम कौंसिल ऑफ़ ब्रिटैन), 
126) अहलुस सुन्नाह वल जमाह (UK), 
128) अल -गामा'अ (Egypt), 
129) अल -इस्लामियया (Egypt), 
130) आर्म्ड इस्लामिक मेन ऑफ़ (अल्जीरिया), 
131) सलाफिस्ट ग्रुप फॉर कॉल एंड कॉम्बैट (अल्जीरिया), 
132) अन्सारु (अल्जीरिया), 
133) अंसार -अल -शरीया (लीबिया), 
134) अल इत्तिहाद अल इस्लामिआ (सोमालिया), 
135) अंसार अल -शरीया (तुनिशिया), 
136) शबब (अफ्रीका), 
137) अल -अक़्सा फाउंडेशन (जर्मनी)
138) अल -अक़्सा मार्टियर्स' ब्रिगेड्स (पलेस्टाइन), 
139) अबू सय्याफ (फिलीपींस), 
140) अदेन-अबयान इस्लामिक आर्मी (यमन), 
141) अजनाद मिस्र (Egypt), 
142) अबू निदाल आर्गेनाइजेशन (पलेस्टाइन), 
143) जमाह अंशरूत तौहीद (इंडोनेशिया)

अपने देश के कई नेता ये कहते है कि, कई लोग गलत तरीके से इस्लाम को बदनाम करते हैं। ये ऊपर लिखे सारे इस्लामिक संगठन तो शांति की स्थापना में लगे हुए है।
बस केवल "आरएसएस" ही ऐसा संगठन है, जो पूरे विश्व में आतंकवाद फैलाता है।

ऐसी सोच का क्या मतलब है.? 
ये तो है मानसिक विकलांगता है ।

सरकारी कम्पनी को बेचने की सुरुआत कांग्रेस ने किया है ।।

आज जो निजी क्षेत्र के 3 सबसे बड़े बैंक है, यानी ICICI बैंक,  HDFC बैंक, और AXIS बैंक - यह तीनों कभी सरकारी बैंक हुआ करती थी, लेकिन पी.वी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहे डॉ.मनमोहन सिंह ने इन्हें बेच दिया!

ICICI का पूरा नाम था इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया! यह भारत सरकार की ऐसी संस्था थी, जो बड़े उद्योगों को ऋण देती थी!

एक झटके में वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इसका डिसइनवेस्टमेंट करके, इसे प्राइवेट बना दिया, और इसका नाम और ICICI बैंक हो गया!

आज जो HDFC बैंक है, उसका पूरा नाम हाउसिंग डेवलपमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया था! यह भारत सरकार की एक ऐसी संस्था हुआ करती थी, जो मध्यम वर्ग के नागरिकों को सस्ते ब्याज पर होम लोन देने का काम करती थी!

नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा, "सरकार का काम केवल गवर्नेंस करना है, होम लोन बेचना नहीं है!"

डॉ. मनमोहन सिंह  इसे आवश्यक कदम बताते हैं, और कहते हैं, "सरकार का काम केवल सरकार चलाना है, बैंक चलाना, या लोन देना नहीं है!"

और एक झटके में वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने HDFC बैंक को बेच दिया! और यह निजी क्षेत्र का बैंक बन गया!

इसी तरह की बेहद दिलचस्प कहानी AXIS बैंक की है!

भारत सरकार की एक संस्था हुआ करती थी, उसका नाम था यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया! यह संस्था लघु बचत को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई थी! यानी आप इसमें छोटी-छोटी रकम जमा कर सकते थे!

नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा, "सरकार का काम चिटफंड की स्कीम चलाना नहीं है!"

और एक झटके में इसे बेच दिया गया! पहले इसका नाम UTI बैंक हुआ, और बाद में इसका नाम AXIS बैंक हो गया!

इसी तरह आज IDBI बैंक है, जो एक प्राइवेट बैंक है! एक समय में यह भारत सरकार की संस्था हुआ करती थी, जिसका नाम था इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया! इसका भी काम उद्योगों को ऋण देना था! लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह ने इसे भी बेच दिया! और आज यह निजी बैंक बन गया है!

अपनी याददाश्त को कमजोर न होने दें कभी!

डिसइनवेस्टमेंट पॉलिसी को भारत में कौन लाया था? जरा सर्च कर लो!

जब नरसिम्हा राव के समय में डॉ. मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, तब डॉ. मनमोहन सिंह ने संसद में कहा था, "मैक्सिमम गवर्नमेंट, लेस गवर्नेंस!"

उन्होंने कहा था, कि "सरकार का काम व्यवसाय (धंधा) करना नहीं, सरकार का काम गवर्नेंस देना है! ऐसा वातावरण देना है, कि देश के नागरिक यह सब काम कर सकें!"

डॉ. मनमोहन सिंह ने ही सबसे पहले "टोल टैक्स पॉलिसी" लाई थी! यानी "निजी कंपनियों द्वारा सड़क बनाओ, और उन कंपनियों को टोल टैक्स वसूलने की अनुमति दो!"

डॉ. मनमोहन सिंह ने "सबसे पहले एयरपोर्ट के निजी करण" को आरंभ करवाया था, और सबसे पहला दिल्ली का "इंदिरा गांधी एयरपोर्ट" को जी.एम.आर ग्रुप को व्यवसायिक स्वरूप से चलाने के लिए दिया गया!

आज चम्पक उछल-उछल कर नाच-नाच कर, बेसुर राग गाता फिर रहा है, "मोदी ने अपने मित्रों में बेच दिया!"

डॉ. मनमोहन सिंह करें तो - विनिवेश!और मोदी करें तो - देश को बेचा!!

 2009-2010 में डॉ. मनमोहन सिंह ने 5 सरकारी कंपनियां बेचीं!
1. HPC Ltd.;
2. OIL - ऑयल इंडिया लिमिटेड;
3. NTPC - नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन;
4. REC - ग्रामीण विद्युतीकरण निगम;
5. NMDC - राष्ट्रीय खनिज विकास निगम!

 2010-2011  में डॉ. मनमोहन सिंह ने 6 सरकारी कंपनियाँ और बेचीं!

1. SJVN - सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड;
2. EIL - इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड;
3. CIL - कोल इंडिया लिमिटेड;
4. PGCIL - पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया;
5. MOIL - मैंगनीज ऑर इंडिया लिमिटेड;
6. SCI - शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया!
 2011-2012  में डॉ. मनमोहन सिंह ने 2 सरकारी कंपनियाँ और बेचीं!

1. PFC - पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन;
2. ONGC - तेल और प्राकृतिक गैस निगम!

2012-2013 में डॉ. मनमोहन सिंह ने बेचीं और 8 सरकारी कंपनियां!

1. SAIL - भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड;
2. NALCO - नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड;
3. RCF - राष्ट्रीय रसायन और उर्वरक;
4. NTPC - नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन;
5. OIL - ऑयल इंडिया लिमिटेड;
6. NMDC - राष्ट्रीय खनिज विकास निगम;
7. HCL - हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड;
 8.  एनबीसीसी!

 2012-2014 में डॉ. मनमोहन सिंह ने 11 और सरकारी कंपनियां बेचीं!

1. NHPC - नेशनल हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन;
2. BHEL - भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड;
3. EIL - इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड;
. NMDC - राष्ट्रीय खनिज विकास निगम;
5. CPSE - सीपीएसई-एक्सचेंज ट्रेडेड फंड;
6. PGCI - पावर ग्रिड कॉर्पोफ़ इंडिया लिमिटेड;
7. NFL - राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड;
8. MMTC - धातु और खनिज व्यापार निगम;
9. HCL - हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड;
10. ITDC - भारतीय पर्यटन विकास निगम;
11. STC - स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन;
12. NLC - नेयवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन लिमिटेड!

  इन सभी का प्रमाण भी है...

 1. वित्त मंत्रालय, केंद्र सरकार के द्वारा, "निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन" विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ - www.dipam.gov.इन

2. सबसे पहले Dis-Investment पर क्लिक करें! इसके बाद Past Dis-Investment पर क्लिक करें!

 3. पोस्ट में दिए गए सभी जानकारियाँ (डेटा) वहां उपलब्ध हैं!

यह पोस्ट उन नागरिकों की आँखे खोलने के लिए किया है, जो सोचते हैं कि मोदी देश को बेच रहे हैं! मोदी देश को बेच रहे हैं, तो डॉ. मनमोहन सिंह पहले ही देश को बेच चुके हैं!

आपकी भाषा में डॉ. मनमोहन सिंह ने 2009-2014 तक  में 5 वर्षों में 26 सरकारी कंपनियों को बेचा।
व्यंग्य से ली गई है ।

राजपूतों नें क्या दिया भारत वर्ष को ?

एक गुर्जर लड़की का लेख राजपूतों पर...
मै जाति से गुर्जर हूँ , मेरा नाम सुमन कुमारी है और मैं राजस्थान की रहने वाली हूं। गोवा में रहकर software engineering  की पढ़ाई करती हूं। लेकिन आज एक ठाकुरवादी (राजपूती) पोस्ट लिख रही हूं।
राजपूतों के बारे में कहा जाता है.......

अजी साहब बहुत भेदभाव हुआ दलितों के साथ। उनसे खेतों में काम कराया गया, हरवाही कराई गई, गोबर उठवाया गया, उन्हें शिक्षा से वंचित रखा गया इत्यादि इत्यादि।

साब बहुत जुल्म हुआ दलितों पे ..!

यह बात बहुत जोरों से सोशल मीडिया, मास मीडिया के माध्मय से लोगों को बताई जा रही है।

मगर 1400 साल पहले जब मक्का से इंसानी खून की प्यासी इस्लाम की तलवार लपलपाते हुए निकली तो ...

एक झटके में ही...ईरान, इराक, सीरिया, मिश्र, दमिश्, अफगानिस्तान, कतर,  बलूचिस्तान से लेकर मंगोलिया और रूस तक ध्वस्त होते चले गए।

स्थानीय धर्मों और परम्पराओं का तलवार के बल पर  लुप्त कर दिया गया और सर्वत्र इस्लाम ही इस्लाम हो गया।

शान से इस्लाम का झंडा आसमान चूमता हुआ अफगानिस्तान होते हुए सिंध के रास्ते हिंदुस्तान पहुंचा।

पर यहां पहुंचते ही इस्लाम की लगाम आगे बढ़ के क्षत्रियों ने थाम ली जिसके कारण भीषण रक्तपात हुआ।

आठ सौ साल तक क्षत्रिय राजवंशों से लेकर आम क्षत्रियों ने इस्लाम की नकेल ढीली न पड़ने दी। इनका साथ भी दिया जाटों ने, गुज्जरों ने, यादवों ने, ब्राह्मणों ने, वैश्यों ने .....! 
पर ये लोग फ्रंट लाइनर नहीं रहे कभी, सिर्फ आत्मरक्षार्थ डटे रहते थे .....!

*असली लड़ाई तो राजपूतों (ठाकुरों) ने ही लड़ी .......!*

एक समय ऐसा आया जब 18 साल से ऊपर के लड़के ही न रहे क्षत्रियों में। विधवाओं का अंबार लग गया। इसी वजह से सती प्रथा जौहर जैसी व्यवस्थाएं आकार लेने लगीं।

क्षत्राणियां खुद आगे बढ़कर अपने पति, बेटों को युद्ध में तिलक लगाकर भेजती थीं और खुद जौहर करती थीं ताकि कोई गैर उनके शरीर को हाथ भी न लगा सके।

परिणामतः UP जैसे बड़े राज्य में ये राजपूत घट के 1 % से भी नीचे आ गए। जनसंख्या बढ़ने के बाद अब लगभग 8% तक पहुंचे हैं। किसी-किसी राज्य में तो इनकी जड़ ही गायब हो गई।

जबकि तथाकथित शोषित वर्ग खुद को 54% बताता है ..!

जिसका नतीजा यह हुआ कि इस्लाम यहीं फंस कर रह गया और आगे नहीं बढ़ पाया। 

परिणामतः-- चाइना, कोरिया,जापान, नेपाल जैसे भारत के पूर्वी राज्य इस्लाम के हमले से बच गए।

इतना सब कुछ झेलने के बाद भी कहीं किसी इतिहास में ये नही मिलेगा कि इस्लाम के खिलाफ लड़ाई में क्षत्रियों ने खुद न जा के किसी और जाति  को मरने के लिए आगे कर दिया।

बाकी जातियों में जो लड़े वो सिर्फ आत्म रक्षार्थ ही लड़े।

राजपूत अपने नाबालिग बेटे कुर्बान करते रहे पर कभी अपने कर्म से विमुख नहीं हुए। सामाजिक जातीय वर्ण व्यवस्था का पूरा ख्याल रखा। जिसके वजह से आज की हिन्दू पीढ़ी मुसलमान होने से बची रह गई।

राजपूतो में आपसी मतभेद होने के वजह से मुसलमानों का भारत पर अधिकार तो हो गया लेकिन 800 सालों में भी भारत को इस्लामिक देश नहीं बना पाया।

कुछ को छोड़ कर बाकी पूरा समाज सदा ही इनका ऋणी रहेगा।⚔🚩

बाकी तो हर जगह राजपूतों को अत्याचारी ही बताया गया है, रही सही कसर बॉलीवुड ने पूरी कर दी। सभी फिल्मों में इन्हें अत्याचारी ठाकुर दिखा दिखा के लोगों के दिमाग में इनकी गलत छवि पेश की गई।

लेकिन ये नहीं दिखाया कि जब मुस्लिम तलवारें रक्त मांगती थी तब पहला सिर इन क्षत्राणि माँओं ने अपने पति और बेटों के दिया है। कद्र करो इनकी सभी लोग और अहसान मानों, ये न होते तो आज किसी मस्जिद में नमाज पढ़ रहे होते।

जिनके दादा परदादा राजपूती तलवार के छत्रछाया में न केवल जिंदा रहे बल्कि अपने धर्म को बचाये रखने में कामयाब रहे आज वही लोग राजपूतों पर जातिवाद का आरोप लगाते हैं। इतिहास पता करो, राजपूतों को गाली देने से पहले। हिंदुत्व की रक्षा में इस कौम ने अपनी संतानों की बलि चढ़ा दी, धन्य हैं वो राजपूती नारियां।

धन्य धन्य धरा जहां की शक्ति भक्ति और 
स्वाभिमान कभी बिका नहीं।
धन्य था वो शूरवीर राणा जिसकी 
ताकत के  आगे अकबर तक टिका नहीं।
क्या फौलादी सीना था उस राणा का 
टकराकर तीर सीने में टूट जाते थे।
हिनहिनाता था जब चेतक तो 
मुगलों के छक्के छूट जाते थे।
ऐसा भगवा उड़ाया राणा ने हल्दीघाटी में 
की सूर्यदेव भी छिप गए गगन पर।
और आदमी तो आदमी एक घोड़े ने 
जान दे दी वतन पर।

धन्य हैं ऐसे राजपुताना वीरों को जिनके शब्दकोष में डर शब्द नहीं था।
मेरी हमेशा उनको नमन रहेगी, राजपुतों आपको और आपके वंश को।

राजपूतों , ब्राह्मणों , जाट , गुज्जर भाइयों एवं बहनों से निवेदन है कि इस पोस्ट को शेयर करके ज्यादा से ज्यादा लोगों तक भेजिये ताकि लोगों को राजपूतों के बलिदान और वीरता से अवगत कराया जा सके और जो लोग कहते हैं, राजपूतों ने शोषण किया है उनके मुँह पर तमाचा मारा जा सके।।

और मैं अपने गुर्जर व अन्य जातीय भाईयों एवं बहनों से कहना चाहती हूं कि राजपूतों से कभी बैर मत रखो और इनका हमेशा साथ देना, क्योंकि इन्होंने हमारे लिए बहुत बलिदान दिए हैं ।
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शुक्रवार, 2 जुलाई 2021

Communal violence Law हिन्दुओ के खिलाफ कांग्रेस की साजिश ।

कांग्रेस ने सोचा था कि भारत 2020- 22 तक इस्लामिक राष्ट्र बन जाएगा इसलिए  2011 से लेकर 2013 तक "कम्युनल वायलेंस लॉ" को कांग्रेस ने तीन बार लोकसभा में प्रस्तुत किया, परन्तु बीजेपी ने लोकसभा में इसका जोरदार विरोध किया जिस कारण यह हिन्दुओं को गुलाम बनाने वाला कानून पास नहीं हो सका,यदि कानून पास हो जाता तो हिंदू निश्चित रूप से गुलाम हो जाता l इसलिए पहले हीं गाँधी परिवार ने प्रियंका वाड्रा के बेटे का नाम रेहान  रखा गया जो एक मुस्लिम नाम है कि कांग्रेस के लोग कह सके कि हमारा तो नेता रेहान है   और यह मुस्लिम हैl यह रेहान वाड्रा कि जगह रेहान खान हों जाता  फिर यह कांग्रेस पीढ़ी दर पीढ़ी राज्य करती रहती l क्या है यह कानून  नीचे  पढ़े 
Communal violence Law
"हिंदुओ के लिए फांसी का फंदा तैयार करने को कांग्रेस किस तरह से तैयार थी।"  इस "लेख को पूरा पढ़िए।  इसे पढ़कर कांप उठेंगे। अफसोस! मरते न जिन्दा रहते तड़प 2 कर जीते।" "बहन बेटिया आपके ही सामने हबस का शिकार अलग बनती।" 🙁
    

"Communal Violence Bill"

       कांग्रेस के लिये जान फूंकने वाले हिंदुओं सुनो मैं कांग्रेस का घोर विरोधी क्यों हूँ ।
    "एंटोनी माइनो" की भयानक खतरनाक साजिश।
      जिसे पढ़कर रोंगटे खड़े हो जायेगा। अगर लागू हो गया होता तो मरना भी दूभर हो जाता। जीने की बात ही छोड़ो। तुम्हारे विनाश वाला बिल जिसे काँग्रेस ने दो बार संसद मे पेश किया। 2005 मे और फिर 2011में ।  "कांग्रेस हिंदुओं के खिलाफ ऐसा बिल लेकर आई थी जिसको सुनकर आप कांप उठेंगे । परन्तु भाजपा के जबरदस्त विरोध के कारण वह पास नहीं करवा सकी" मुझे यकीन है कि 96% हिन्दुओ को  तो अपने खिलाफ आये इस बिल के बारे में कुछ पता भी नहीं होगा जिसमें शिक्षित हिंदू भी शामिल है, क्योंकि हिंदू सम्पत्ति जुटाने में लगा है उसको इन सब बातों को जानने के लिए समय नहीं है । जबकि मुसलमान के "अनपढ़ भी इतने जागरूक है कि पाकिस्तान," बांग्लादेश, अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित किये गए हिन्दू व अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को नागरिकता देने वाले CAA क़ानून के खिलाफ मुसलमान का बच्चा बच्चा उठ खड़ा हुआ । अगर काँग्रेस दुबारा सत्ता में आई तो यह बिल फिर लेकर आएगी । 
       क्या है " दंगा नियंत्रण कानून" 
हिंदू समाज के लिए #फांसी का फंदा, कुछ एक लोगों को इस बिल के बारे में पता होगा, 2011 में इस बिल की रुप रेखा को सोनिया गाँधी की विशेष टीम ने बनाया था जिसे NAC भी कहते थे, इस टीम में दर्जन भर से ज्यादा सदस्य थे और सब वही थे जिन्हें आजकल अर्बन नक्सली कहा जाता है.. कांग्रेस का कहना था की इस बिल के जरिये वो देश में होने वाले दंगों को रोकेंगे। अब इस बिल में कई प्रावधानो पर जरा नजर डालिए :--
📌 इस बिल में प्रावधान था कि दंगों के दौरान दर्ज अल्पसंख्यक से सम्बंधित किसी भी मामले में सुनवाई कोई हिंदू जज नहीं कर सकता था ।
📌 अगर कोई अल्पसंख्यक सिर्फ यह आरोप लगा दे कि मुझसे भेदभाव किया गया है तो पुलिस को अधिकार था कि आपके पक्ष को सुने बिना आपको जेल में डालने का हक होगा और इन केसों में जज भी अल्पसंख्यक ही होगा..
📌 इस बिल में ये प्रावधान किया गया था कि कोई भी हिन्दू दंगों के दौरान हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ 
के लिये अल्पसंख्यक समुदाय के विरुद्ध केस दर्ज नहीं करवा सकता ।
📌 इस बिल में प्रावधान किया गया था कि अगर कोई अल्पसंख्यक समुदाय का व्यक्ति हिन्दू पर हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़, हत्या का आरोप लगाता है तो कोर्ट में साक्ष्य पेश करने की जिम्मेदारी उसकी नहीं है केवल मुकदमा दर्ज करवा देना ही काफ़ी है । बल्कि कोर्ट में निर्दोष साबित होने की जिम्मेदारी उस व्यक्ति की है जिस पर आरोप लगाया गया है ।
📌  इस बिल में ये प्रावधान किया गया था कि दंगों के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय को हुए किसी भी प्रकार के नुकसान के लिए बहुसंख्यक को जिम्मेदार मानते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के नुकसान की भरपाई हिंदू से की जाए । जबकि बहुसंख्यक के नुकसान के लिए अल्पसंख्यक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता था ।
📌  अगर आपके घर में कोई कमरा खाली है और कोई मुस्लिम आपके घर आता है उसे किराए पर मांगने के लिए तो आप उसे कमरा देने से इंकार नहीं कर सकते थे क्योंकि उसे बस इतना ही कहना था कि आपने उसे मुसलमान होने की वजह से कमरा देने से मना कर दिया यानि आपकी बहन बेटी को छेड़ने वाले किसी अल्पसंख्यक के खिलाफ भी हम कुछ नहीं कर सकते थे। मतलब कि अगर कोई छेड़े तो छेड़ते रहने दो वर्ना वो आपके खिलाफ कुछ भी आरोप लगा देता….. आपकी सीधी गिरफ़्तारी और ऊपर से जज भी अल्पसंख्यक..
📌 देश के किसी भी हिस्से में दंगा होता, चाहे वो मुस्लिम बहुल इलाका ही क्यों न हो, दंगा चाहे कोई भी शुरू करता पर दंगे के लिए उस इलाके के वयस्क हिन्दू पुरुषों को ही दोषी माना जाता और उनके खिलाफ केस दर्ज कर जांचें शुरू होती। और इस स्थिति में भी जज केवल अल्पसंख्यक ही होता ऐसे किसी भी दंगे में चाहे किसी ने भी शुरू किया हो..
📌अगर दंगों वाले इलाके में किसी भी हिन्दू बच्ची या हिन्दू महिला का रेप होता तो उसे रेप ही नहीं माना जाता । बहुसंख्यक है हिन्दू इसलिए उसकी महिला का रेप रेप नहीं माना जायेगा और इतना ही नहीं कोई हिन्दू महिला बलात्कार की पीड़ित हो जाती और वो शिकायत करने जाती तो अल्पसंख्यक के खिलाफ नफरत फ़ैलाने का केस उस पर अलग से डाला जाता..
📌 इस एक्ट में एक और प्रस्ताव था जिसके तहत आपको पुलिस पकड़ कर ले जाती अगर आप पूछते की आपने अपराध क्या किया है तो पुलिस कहती की तुमने अल्पसंख्यक के खिलाफ अपराध किया है, तो आप पूछते की उस अल्पसंख्यक का नाम तो बताओ, तो पुलिस कहती – नहीं शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखा जायेगा..
📌 कांग्रेस के दंगा नियंत्रण कानून में ये भी प्रावधान था की कोई भी इलाका हो बहुसंख्यको को अपने किसी भी धार्मिक कार्यक्रम से पहले वहां के अल्पसंख्यकों का NOC लेना जरुरी होता यानि उन्हें कार्यक्रम से कोई समस्या तो नहीं है । ऐसे हालात में अल्पसंख्यक बैठे बैठे जजिया कमाते क्यूंकि आपको कोई भी धार्मिक काम से पहले उनकी NOC लेनी होती, और वो आपसे पैसे की वसूली करते और आप शिकायत करते तो भेदभाव का केस आप पर और ऐसे हालात में जज भी अल्पसंख्यक..
📌 और भी अनेको प्रावधान थे कांग्रेस के इस दंगा नियंत्रण कानून में जिसे अंग्रेजी में # Communal Violence Bill भी कहते है..
सुब्रमण्यम स्वामी ने इस बिल का सबसे पहले विरोध शुरू किया था और उन्होंने इस बिल के बारे में लोगों को जब बताया था तो 2012 में हिन्दू काँप उठे थे तभी से कांग्रेस के खिलाफ हिन्दुओं ने एकजुट होना शुरू कर दिया था। सुब्रमण्यम स्वामी का पूरा लेक्चर इस
 "Communal Violence Bill" पर आज भी मौजूद है, 45 मिनट से ज्यादा का है। आप चाहे तो  यू टयूब पर सर्च कर लें, और अच्छे से सुन लें..
अब इस के बाद भी जो हिन्दू कांग्रेस को support करता है वे जाने अनजाने अपने ही लोगो के लिए नरक का  द्वार खोल रहे हो इसे जानो,
 नोट -- इस सन्देश को जरूर शेयर करो  इस हिन्दू "विरोधी ओर राष्ट्रद्रोही कोंग्रेस  को देश व जनता के सामने नंगा कर दो।" 
ये है पक्का सबूत काग्रेस का हिन्दू विरोधी होने का
इसे "आप नेट पर भी सर्च कर सकते हैं !!"