#मदरसे कभी भी शिक्षा के केंद्र नहीं रहे ! सेकुलर सरकारों की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति ने इन्हे शिक्षा केंद्र घोषित कर दिया था ! हां ये बात जरूर है की मदरसे ''मजहबी शिक्षा'' के केंद्र जरूर रहे है ! और जिस मजहब में इंसान को काफिर समझा जाये ,उसे क़त्ल करने का आदेश दिया जाये,ऐसी शिक्षा न तो देश के लिए और न ही समाज के लिए और न ही मानवता के लिए हितकर है ! महाराष्ट्र सरकार साधुवाद की पात्र है !
मदरसों को एक स्कूल के रूप में derecognize करने का महाराष्ट्र सरकार का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है .
इसे 15000 NGOs के FCRA लाइसेंस रद्द होने के फैसले से भी जोड़ कर देखा जाना चाहिए .
IB लम्बे समय से सऊदी और क़तर सरकार की भारत में चल रही गतिविधियों पे नज़र रखे हुए है .
IB के पास सूचना है की सऊदी और क़तर सरकारों ने पिछले 3 सालों में भारत में वहाबी इस्लाम के प्रसार के लिए 1700 करोड़ रु invest किये हैं . वहाबी इस्लाम माने कट्टर militant इस्लाम जो सख्ती से शरई कानूनों के पालन की वकालत करता है . इसके अलावा सऊदी अरबिया भारत और भारतीय मुसलमान के ऊपर बढ़ते शीया इरान के प्रभाव और moderate इस्लाम के बढ़ते प्रभाव से चिंतित है .
पिछले कुछ सालों में भारतीय मुसलामानों का झुकाव अपेक्षाकृत अमन पसंद moderate इस्लाम की तरफ हुआ है . अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद अल कायदा और ISIS भारत में recruitment करने में नाकाम रहे हैं .
इस से चिंतित सऊदी अरबिया के वाहाबी इस्लाम के वाहकों ने पिछले 3 साल में 25000 से ज़्यादा वहाबी प्रचारकों को भारत में भेजा है . भारत सरकार और IB इनपे नज़र रखे हुए थी और इनकी एक एक गतिविधि को मॉनिटर किया गया . इनके द्वारा लाये गए एक एक पैसे का हिसाब माँगा गया . सबसे बड़ी समस्या हवाला चैनल से आती है जिसके कारण बाहर से आने वाले पैसे को मॉनिटर करना मुश्किल होता है ........
सबसे अच्छी बात ये हुई की देश की ज़्यादातर मस्जिदों के मैनेजमेंट ने इन वहाबी तत्वों को अपनी मस्जिदों से ऑपरेट करने से रोक दिया . इसलिए सऊदी अरबिया को अपनी खुद की वहाबी मस्जिदें बनानी पड़ रही हैं . IB केरल में बनने वाली ऐसी 40 मस्जिदों पे नज़र रखे है जो सऊदी पैसे से बन रही हैं और उनका वास्तु शिल्प भी भारतीय मस्जिदों से अलग है ...... वहाबी है ........
इसके अलावा वहाबी फण्ड से 800 करोड़ रु खर्च कर देश में 4 वहाबी universities भी बनायी जा रही हैं .........200 करोड़ रु मदरसे बनाने के लिए दिए गए हैं .......
भारतीय सुरक्षा एजेंसीज पहले ही भारत नेपाल और भारत बांग्लादेश सीमा पे कुकुरमुत्ते की तरह उगते मदरसों से परेशान है .........
ऐसे में महाराष्ट्र सरकार द्वारा मदरसों को स्कूल न माने का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुदा फैसला है ....... दुर्भाग्य से ऐसा कडा फैसला UPA न ले पायी औए न ही ले पायीं UP , बिहार , बंगाल , केरल तमिलनाडु की सरकारें ......... महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने ये फैसला लिया है . वहाबी जानते हैं की उनकी दाल सिर्फ वहीं गलेगी जहां गैर भाजपा सरकारें होंगी .......
देखना ये होगा कि भारत का media और विपक्ष , साथ साथ मुस्लिम लीडरशिप राष्ट्र hit और मुस्लिम हित के इस फैसले पे कितना साथ देते हैं .
इस फैसले के लिए महाराष्ट्र सरकार की जितनी प्रशंसा की जाए कम है .
देखना ये है की क्या वो इस्पे टिके रहेंगे या दब जायेंगे , टूट जायेंगे .
http://www.oneindia.com/.../wikileaks-how-saudi-funded-rs...
http://www.oneindia.com/.../ib-vs-wahabi-the-war-against...
मदरसों को एक स्कूल के रूप में derecognize करने का महाराष्ट्र सरकार का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है .
इसे 15000 NGOs के FCRA लाइसेंस रद्द होने के फैसले से भी जोड़ कर देखा जाना चाहिए .
IB लम्बे समय से सऊदी और क़तर सरकार की भारत में चल रही गतिविधियों पे नज़र रखे हुए है .
IB के पास सूचना है की सऊदी और क़तर सरकारों ने पिछले 3 सालों में भारत में वहाबी इस्लाम के प्रसार के लिए 1700 करोड़ रु invest किये हैं . वहाबी इस्लाम माने कट्टर militant इस्लाम जो सख्ती से शरई कानूनों के पालन की वकालत करता है . इसके अलावा सऊदी अरबिया भारत और भारतीय मुसलमान के ऊपर बढ़ते शीया इरान के प्रभाव और moderate इस्लाम के बढ़ते प्रभाव से चिंतित है .
पिछले कुछ सालों में भारतीय मुसलामानों का झुकाव अपेक्षाकृत अमन पसंद moderate इस्लाम की तरफ हुआ है . अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद अल कायदा और ISIS भारत में recruitment करने में नाकाम रहे हैं .
इस से चिंतित सऊदी अरबिया के वाहाबी इस्लाम के वाहकों ने पिछले 3 साल में 25000 से ज़्यादा वहाबी प्रचारकों को भारत में भेजा है . भारत सरकार और IB इनपे नज़र रखे हुए थी और इनकी एक एक गतिविधि को मॉनिटर किया गया . इनके द्वारा लाये गए एक एक पैसे का हिसाब माँगा गया . सबसे बड़ी समस्या हवाला चैनल से आती है जिसके कारण बाहर से आने वाले पैसे को मॉनिटर करना मुश्किल होता है ........
सबसे अच्छी बात ये हुई की देश की ज़्यादातर मस्जिदों के मैनेजमेंट ने इन वहाबी तत्वों को अपनी मस्जिदों से ऑपरेट करने से रोक दिया . इसलिए सऊदी अरबिया को अपनी खुद की वहाबी मस्जिदें बनानी पड़ रही हैं . IB केरल में बनने वाली ऐसी 40 मस्जिदों पे नज़र रखे है जो सऊदी पैसे से बन रही हैं और उनका वास्तु शिल्प भी भारतीय मस्जिदों से अलग है ...... वहाबी है ........
इसके अलावा वहाबी फण्ड से 800 करोड़ रु खर्च कर देश में 4 वहाबी universities भी बनायी जा रही हैं .........200 करोड़ रु मदरसे बनाने के लिए दिए गए हैं .......
भारतीय सुरक्षा एजेंसीज पहले ही भारत नेपाल और भारत बांग्लादेश सीमा पे कुकुरमुत्ते की तरह उगते मदरसों से परेशान है .........
ऐसे में महाराष्ट्र सरकार द्वारा मदरसों को स्कूल न माने का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुदा फैसला है ....... दुर्भाग्य से ऐसा कडा फैसला UPA न ले पायी औए न ही ले पायीं UP , बिहार , बंगाल , केरल तमिलनाडु की सरकारें ......... महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने ये फैसला लिया है . वहाबी जानते हैं की उनकी दाल सिर्फ वहीं गलेगी जहां गैर भाजपा सरकारें होंगी .......
देखना ये होगा कि भारत का media और विपक्ष , साथ साथ मुस्लिम लीडरशिप राष्ट्र hit और मुस्लिम हित के इस फैसले पे कितना साथ देते हैं .
इस फैसले के लिए महाराष्ट्र सरकार की जितनी प्रशंसा की जाए कम है .
देखना ये है की क्या वो इस्पे टिके रहेंगे या दब जायेंगे , टूट जायेंगे .
http://www.oneindia.com/.../wikileaks-how-saudi-funded-rs...
http://www.oneindia.com/.../ib-vs-wahabi-the-war-against...
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