1. Balnot - बालन के वंशज Kirtipal (राजा Kumarpal के बड़े भाई) के पुत्र. वे मध्य प्रदेश में Rajatshan, Ghargaon, दही, (इंदौर के पास) में Dharmraj में टोडा, Tordi में रहते हैं.
2. Mehalgota - बालन, Mahelu के चौथे वंश के वंशज. उनकी जागीर Kekadi (अजमेर) था.
3 Kherada -. Bheem (बालन के 4 वंशज) के वंशज इस प्रकार Kherada कहा जाता है, Jahajpur (मेवाड़) में Kherada के क्षेत्र पर शासन किया. Mandalgadh किला चित्तौड़ पर अकबर के अभियान के दौरान उनके कब्जे में था.
. 4 Nathawat - बालन, Nathaji की 9 वीं descdendant की सन्तान. ज्यादातर वे बूंदी राज्य में Jagirs धारण कर रहे हैं. मुख्य thikanas Patanra, Naingaon, Hungori हैं. वे बूंदी न्यायालय के Davi Misal में सीटों (बाएँ सीटें) कर रहे हैं.
5 Veerpura -. बालन के 3 वंशज Lunawada (ब्रिटिश कब्जे के दौरान 9 तोपों की सलामी) की रियासत की स्थापना की जो Veerbhanu था. Lunawada अलावा, Veerpura सोलंकी Pawagadh, Sutrampur, राधनपुर की जागीर रखती है.
6 Bhojawat -. 7 पीढ़ियों के प्रत्यक्ष खून में गुजरात के राजा Tribhuvanpal द्वितीय, के प्रत्यक्ष वंशज. त्रिभुवन की 7 पीढ़ी के बाद, भोज राजपूताना में सत्तारूढ़, राजा बन गया. उसके वंश Bhojawat Solankis हैं. यह गुजरात के शासन के बाद अस्तित्व में जो सबसे शक्तिशाली हावी और प्रसिद्ध उप कबीले है. मेवाड़ में Solankis की Thikanas के अधिकांश Bhojawat Solankis के हैं.
1. Shankarot - भोज के परपोते, शंकर सिंह Jhilwara का ठिकाना प्रदान की गई थी. उसके वंश Jhilwara और मेवाड़ में कई अन्य गांवों में रहते हैं.
2. SavantSinghot - शेखर सिंह के छोटे भाई पंडित सिंह था. उन्होंने Desuri और उसके descdendant का ठिकाना Savantsinghot हैं प्रदान की गई थी. Patvi ठिकाना Roopanagar, बडा 32 मेवाड़ के Thikanas और भी ohter Thikanas Jojawar और मेवाड़ और मारवाड़ में कई अन्य गांवों में से एक है.
3. KhetSinghot - SavantSingh का पुत्र खेत सिंह था. उन्होंने Balisa की लड़ाई में निधन हो गया था.उसके वंश Siryari दिए गए लेकिन उस मारवाड़ बलों द्वारा लिया गया था और वे Sansari और मणि का ठिकाना दिए गए.
4. HamirSinghot - SavantSingh के बेटे, Hamir सिंह के वंशज. वे Somesar में रहते हैं.
5. Dela - सावंत सिंह के बेटे, Dela मालवा में Javara में अपने क्षेत्र की स्थापना की. अपने खिताब रावत और उसके वंश मालवा में Abarwada की जागीर, Khojan खेड़ा, आलोट और Khadgun पकड़ रहे था.
भोज के दूसरे पुत्र Gauda था. Gauda के पुत्र सुल्तान सिंह, Panarwa पर कब्जा कर लिया. उनके वंशज हल्दीघाटी के युद्ध में मेवाड़ के इतिहास में और महाराणा प्रताप की मदद करने के लिए प्रसिद्ध है जो आर पंजा, था. उन्होंने यह भी Augana की Bhom की जोत है.
7 Baghela -. सारंग (राजा Bhimdev का बेटा - आई) के वंशज Baghelas हैं. वे रीवा की पूंजी के साथ BaghelKhand के क्षेत्र पर शासन किया. Baghels से कई लोकप्रिय thikanas बारां, Churhat, रामपुर, ताल, Chamu, Itavan, देवरा, Solagpur, Nigvani, Jaitpur, Chandiya, बैकुण्ठपुर, कल्याणपुर, (ये मेरा ठिकाना यानी जागीर है ) मेहसाणा, Ranpura और Devgadh हैं.!
Malra, Khodera, Bhangota, Kathwad, Tejawat, Barwasian, Bharsunda, Salawat, बेडा, Uniyariya, Halawat, Chajawat, Bahela, Modawat, Karmawat, Amawat, Katariya, Tatawat, Surjanpota, Banveerpota, Achalpota, Rawatka, Khinyawat, Harrajot, Bairisalot, Baghawat, Gangawat, Balramot, Kamawat, Narhardasot, Rudraka, Vishnuka, Jagganathka, Madhodaska, Dayaldaska, Jagrupka, Kalacha, भले सुल्तान, Swarnman, भुट्टा, Bhureva, Kalmer, Solake, Tantiya, Peethapur, Sojathiya, Togaru, Beeku.
jay maa khimaj rani
मेरे पूर्वजों ठाकुर साहब केनजी को 1585मे मीठड़ी की जागीर मिली थी।बड़वा पोथी के अनुसार हमारे पूर्वज रूप नगर से आएं हैं।आपका प्रयास सराहनीय है।🙏🙏 कानसिंह मीठड़ी जालोर
जवाब देंहटाएंगलत
हटाएंठाकुर केनजी,राणा सावंत सिंह जी की कोनसी पीढ़ी में हुएं, इसके बारे में जानकारी प्रदान करावे। कानसिंह मीठड़ी जालोर 🙏
जवाब देंहटाएंसोलंकी उपनाम के साथ भोजावत सोलंकी लगाना चाहिए
जवाब देंहटाएंराजा भोजराज ने सिरोही के लाखा चौहान को 12बार हराया 13वी बार ईडरेड सांमत के साथ मिलकर लाखा ने विश्वासघात करके राजा भोजराज से लास (सिरोही) छीन लिया। राजा भोजराज यहाँ शहीद हुए। आज भी वीरांगनाओं एवं शहीदों की छतरियां उनकी अपूर्व गौरव गाथा को याद दिलाती है। 🙏🙏
जवाब देंहटाएंफिर इनके वंशज आज तक कहाँ हैं किधर निवास करते हैं
हटाएंRoopnagar1771 ka basaya is phla desuri tekana sawant singhji ka tha
जवाब देंहटाएंबहल सोलंकी की किस परिवार मै सै निकले इनका मूल ठिकाना कहां का है और इनको राणा क्यूं बनाया गया इस के पीछे का इतिहास बताए।। जय माता जी जय खिंवज मा
जवाब देंहटाएंBahela solanki Kalayanpur Mewad k Solankiyon k bare mai Jankari Dijiye
जवाब देंहटाएंshyam tod solank , ki hankari
जवाब देंहटाएंबहल सोलंकी राजपूत किस शाखा सै है
जवाब देंहटाएंसोलंकी नाथावत के बारे में बताएं किस शाखा से है
जवाब देंहटाएंPlz sahre me your email ID so that I can share some document
जवाब देंहटाएंमहाराज वीरसिहजू देव बघेल (1500-1540)ने काशी से कटक तक राज किया। 36गढ़ रतनपुर विजय कर विजयपुर स्थापित किया और दो भाईयों को रतनपुर राज के नियंत्रण के लिए छोडा़।तब से 1751 तक 36गढ़ मे ंंबघेलशाही रही ।इसी वंश के जयसिंहजू देव बघेल 1616ई.मे ंंधमधा के राजा बने तब से राजवंश परंपरा चल रही है।36गढ़ के राजपूतों का मुखिया भी हमारे धमधा के बघेल राजपरिवार को ही माना जाता है।
जवाब देंहटाएंशैलेश बघेल धमधा
जवाब देंहटाएंओडिशा मे नयागढ़ खंडपाड़ा का बघेल राज परिवार भी महाराज वीरसिंह जूदेव बघेल का स्थापित किया हुआ है।
जवाब देंहटाएंनाथावत राजपूत किस शाखा से है।
जवाब देंहटाएंडग ठिकाने का।कोई जिक्र नहीं है इसमें
जवाब देंहटाएंYeah information kaha se mili plz batayiga....
जवाब देंहटाएंRight 👌👌👌
जवाब देंहटाएंवीरपुरा सोलंकी की शाखाएं कहां-कहां है
जवाब देंहटाएंवीरपुरा सोलंकी खर देवला ठिकाने का उल्लेख नहीं है
जवाब देंहटाएंBhal solanki rajput jo ki bullendshaher uter pardesh m 84 gaon h inka bhi kuch jankari uplabdh karaye
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