लव जेहाद का असल मतलब भले ही मुस्लिम लड़कों का
गैर मुस्लिम लड़कियों से इश्क करना, निकाह करना और उसका धर्म बदलवाना हो
मगर इसका मकसद प्यार के नाम पर जेहादी लड़कियों की फौज खड़ी करना है। सीधे
शब्दों में कहें तो इन दो शब्दों में इर्द-गिर्द आतंकियों ने हिंदुस्तान
को बर्बाद करने का जाल बुन लिया है। जिस तरह आतंकी अपने मिशन को अंजाम
देने के लिए तरह-तरह -तरह के कोड वर्ड का प्रयोग करते हैं उसी तरह लव जेहाद
के भी दो कोडवर्ड होते हैं- लव कृष्णा और लव जीजस।लव कृष्ण का मतलब होता है हिंदू धर्म मानने वाली लड़कियों को प्यार के
जाल में फंसाना तो वहीं लव जीजस का मतलब होता है ईसाई धर्म मामने वाली
लड़कियों को फर्जी मोहब्बत के जाल में फंसाना। आप सुनकर हैरान हो जायेंगे
कि लव जेहाद की नींव स्कूल, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों के आसपास डाली
जा रही है। शिकार तलाशने के लिए ठीक-ठाक दिखने वाले लड़कों जो कॉलेज जाते
हों, फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हो और पैसे वाले परिवार से संबंध रखते हो
का सहारा लिया जा रहा है।
ऐसे लड़कों को आतंकवादी नेटवर्क महंगी गाडि़यां, कपड़े और पैसे सप्लाई करते हैं। सूत्रों की मानें तो लव जेहाद के लिए लड़कियों को तैयार करने के काम में उतरे ज्यादातर लड़के सिमी और दूसरे प्रतिबंधित संगठनों के हैं। जो जितनी जल्दी कामयाब होता है उसे इतना बड़ा इनाम भी दिया जाता है। जानकारी के मुताबिक लड़कियों को जाल में फांसने के लिए बाकायदा एक मैनुअल भी तैयार कर लिया गया है।
मोबाइल कॉल और एसएमएस लव जेहाद का शुरुआती हथियार है। आतंकवादियों को सोशल नेटवर्किंग साइट पर चैट करना भी सिखाया जा रहा है। कोशिश ये साबित करने की कि लड़का हर मायने में अच्छा है। आतंकियों को ये भी ताकीद की गई है कि अगर किसी लड़की के पास मोबाइल फोन ना हो तो दोस्ती गांठने के बाद सबसे पहले उसे मोबाइल फोन तोहफे में दें और इसके बाद महंगे गिफ्ट्स का सिलसिला। कपड़े...परफ्यूम.. और फिर पिकनिक ।
लड़का-लड़की के साथ पिकनिक जाता है और वहीं उसका अश्लील वीडियो बना लिया जाता है, फिर तो लड़की मुट्ठी में। लड़की को घर से भागने पर मजबूर कर दिया जाता है। इसके बाद उसका धर्म परिवर्तन और फिर उसके दिमाग को सम्मोहित करने की मुहिम। इसके बाद एक साथ दो बातें होती हैं लड़की का कथित शौहर अचानक गायब हो जाता है और उसके दोस्त कहते हैं कि वो तो जेहाद के लिए चला गया है, अब तुम भी जेहाद के लिए काम करो। यहां से शुरू होता है लव जेहाद। उसे इस्लाम के नाम पर भड़काया जाता है। भड़काऊ सीडी दिखाई जाती है ताकि एक भले चंगे दिलोदिमाग में जहर भर जाए।
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(अंकुर कुमार श्रीवास्तव)।
लव जिहाद की पहली सुगबुगाहट कर्नाटक राज्य से तब उठना शुरू हुई जब कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों से पुलिस को एक लम्बे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि एक विशेष सम्प्रदाय के लड़के हिन्दू लड़कियों से प्रेम विवाह करके उनका धर्म परिवर्तन करा रहे हैं और यह सब एक सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है जिन लड़कियों ने धर्म परिवर्तन से इंकार किया उन्हे शारीरिक व मानसिक प्रताड़नाएँ दी जा रही हैं पुलिस के सामने उन कई लड़कियों के बेहरमी से कत्ल के केस भी आये जिन्होने सम्प्रदाय विशेष के युवकों के साथ प्रेम विवाह किया है
मामले ने तूल पकड़ा कर्नाटका हाईकोर्ट में एक याचिका प्रस्तुत की गई 2009 में कर्नाटक हाइकोर्ट ने CID पुलिस को जाँच के आदेश दिये तो बड़े ही चौंकाने वाले तथ्य सामने आये । CID ने अपनी रिपोर्ट में हाइकोर्ट को सूचित किया कि पिछले पाँच साल से वर्ष 2009 तक 3000 से ज्यादा हिन्दू लड़कियों से प्रेम विवाह कर के मतान्तरण किया गया है । समुदाय विशेष के युवक जिन्होने प्रेम विवाह किया उनमें से अधिकांशत: किसी न किसी धार्मिक संस्थानों से जुड़े हैं जिनको धर्म प्रसार के नाम पर फण्ड खाड़ी देशों से उपलब्ध किया जा रहा है । एक बात जो खास थी कि कुछ धर्मान्तरण करने वाली लड़कियाँ सदैव के लिए भारत छौड़ कर पाकिस्तान,कुवैत और कतर जाकर बस गयी हैं ।
26 जून 2012 को पूरे भारत का हिन्दू समुदाय उस समय स्तब्ध रह गया जब केरल विधान सभा में एक प्रश्न के लिखित जबाब के रूप में कांग्रेसी मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने बताया कि केरल के सभी 14 जिलों में लव-जेहाद अपने चरम पर है । पिछले पाँच सालों में करीब चार हजार से भी ज्यादा हिन्दू महिलाओं का धर्मान्तरण प्रेम विवाह के माध्यम से करवाया गया है । इस बावत् केरला सरकार ने एक रिपोर्ट भी पेश की जिसमें उल्लेख था कि इस किस्म के धर्मान्तरण के निशाने पर हिन्दू व ईसाई समुदाय की महिलाएँ है । खाड़ी देशों से वित्त पोषित एक समुदाय विशेष की धर्म प्रचार संस्थाएँ इन सब में संलिप्त हैं ।
यह खुलासा सनसनी पैदा करने वाला इसलिए भी था क्यों कि हिन्दूवादी संगठनों के अलावा पहली बार कोई कांग्रेसी और एक राज्य का मुख्यमंत्री विधान सभा में यह स्वीकार कर रहा है कि "लव-जिहाद" नामक शब्द व्यर्थ नहीं गड़ा गया । पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश लव-जिहाद के नये अखाड़े बन चुके हैं जहाँ से आये दिन लव-जेहाद के विचित्र प्रकार के मामले सामने आ रहे हैं।
इलाहाबाद हाइकोर्ट के न्यायाधीश श्री राकेश शर्मा ने एक खुफिया पुलिस रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए माना कि लव-जेहाद वास्तविक और जमीनी रूप से मौजूद है जिसे नकारा नहीं किया जा सकता । एक खास समुदाय द्वारा बहुसंख्यक समुदाय की लड़कियों से प्रेम विवाह द्वारा धर्मान्तरण करवा कर अपनी जनसंख्या आश्चर्यजनक रूप से बढ़ाना और बहुसंख्यक समुदाय के लिंगानुपात को बिगाड़ कर सांस्कृतिक व धार्मिक रूप से कमजोर बनाना इसका मुख्य उद्देश्य है ।
अब तारा शाहदेव का मामला ऑन-फ्लोर है जिससे लव-जेहाद का मुद्दा फिर से भड़क गया । इन सभी तथ्यों को दरकिनार कर कांग्रेस, आप, जद-यू, सपा, बसपा, तृणमूल टाईप मुस्लिम निष्ठ पार्टियों को ''सेक्युलरी चुन्ने '' काट रहे हैं जो इसे बीजेपी और हिन्दूवादी संगठनों का प्रौपेगैण्डा बता रहीं हैं जिन्हे ''हरे-हरे वोटों'' के आगे यह समझ नहीं आ रहा कि ये कोई चुनावी मुद्दा नहीं है बल्कि एक संस्कृति पर सोची-समझी रणनीति के तहत पूरा का पूरा हमला है ।
लव-जिहाद जैसे घिनौने चक्रव्यूह की तह तक पहुँचने के लिए दृड़ संकल्प चाहिए जो इन पार्टियों में है ही नहीं । लव-जिहादियों की ढ़ाल बनकर खड़ी ये शेखुलर पार्टियाँ वास्तविक तथ्यों को कभी भी सामने नहीं आने देंगी इसलिए इसके विरूद्ध लड़ने का एकमात्र उपाय " उपरोक्त जानकारी ही बचाव" है ।
ऐसे लड़कों को आतंकवादी नेटवर्क महंगी गाडि़यां, कपड़े और पैसे सप्लाई करते हैं। सूत्रों की मानें तो लव जेहाद के लिए लड़कियों को तैयार करने के काम में उतरे ज्यादातर लड़के सिमी और दूसरे प्रतिबंधित संगठनों के हैं। जो जितनी जल्दी कामयाब होता है उसे इतना बड़ा इनाम भी दिया जाता है। जानकारी के मुताबिक लड़कियों को जाल में फांसने के लिए बाकायदा एक मैनुअल भी तैयार कर लिया गया है।
- लड़कियों के कॉलेज, हॉस्टल और मॉल के आसपास घूमते रहें ताकि आसानी से लड़कियों से दोस्ती गांठी जा सके।
- लड़कियों को प्यार में इस कदर पागल कर दें कि वो आपकी कोई बात ठुकरा ना सकें।
- लड़कियों से दोस्ती बढ़ाने के लिए मोबाइल और इंटरनेट का भी इस्तेमाल करें।
- कॉलेज और हॉस्टल के आसपास मोबाइल रिचार्ज कराने वाली जगहों पर जरूर जाएं।
- इंटरनेट कैफे में भी लड़कियों से दोस्ती करने की कोशिश करें।
- किसी भी तरह लड़कियों का मोबाइल नंबर हासिल करें ताकि उन्हें फोन और एसएमएस किया जा सके।
मोबाइल कॉल और एसएमएस लव जेहाद का शुरुआती हथियार है। आतंकवादियों को सोशल नेटवर्किंग साइट पर चैट करना भी सिखाया जा रहा है। कोशिश ये साबित करने की कि लड़का हर मायने में अच्छा है। आतंकियों को ये भी ताकीद की गई है कि अगर किसी लड़की के पास मोबाइल फोन ना हो तो दोस्ती गांठने के बाद सबसे पहले उसे मोबाइल फोन तोहफे में दें और इसके बाद महंगे गिफ्ट्स का सिलसिला। कपड़े...परफ्यूम.. और फिर पिकनिक ।
लड़का-लड़की के साथ पिकनिक जाता है और वहीं उसका अश्लील वीडियो बना लिया जाता है, फिर तो लड़की मुट्ठी में। लड़की को घर से भागने पर मजबूर कर दिया जाता है। इसके बाद उसका धर्म परिवर्तन और फिर उसके दिमाग को सम्मोहित करने की मुहिम। इसके बाद एक साथ दो बातें होती हैं लड़की का कथित शौहर अचानक गायब हो जाता है और उसके दोस्त कहते हैं कि वो तो जेहाद के लिए चला गया है, अब तुम भी जेहाद के लिए काम करो। यहां से शुरू होता है लव जेहाद। उसे इस्लाम के नाम पर भड़काया जाता है। भड़काऊ सीडी दिखाई जाती है ताकि एक भले चंगे दिलोदिमाग में जहर भर जाए।
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(अंकुर कुमार श्रीवास्तव)।
लव जिहाद की पहली सुगबुगाहट कर्नाटक राज्य से तब उठना शुरू हुई जब कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों से पुलिस को एक लम्बे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि एक विशेष सम्प्रदाय के लड़के हिन्दू लड़कियों से प्रेम विवाह करके उनका धर्म परिवर्तन करा रहे हैं और यह सब एक सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है जिन लड़कियों ने धर्म परिवर्तन से इंकार किया उन्हे शारीरिक व मानसिक प्रताड़नाएँ दी जा रही हैं पुलिस के सामने उन कई लड़कियों के बेहरमी से कत्ल के केस भी आये जिन्होने सम्प्रदाय विशेष के युवकों के साथ प्रेम विवाह किया है
मामले ने तूल पकड़ा कर्नाटका हाईकोर्ट में एक याचिका प्रस्तुत की गई 2009 में कर्नाटक हाइकोर्ट ने CID पुलिस को जाँच के आदेश दिये तो बड़े ही चौंकाने वाले तथ्य सामने आये । CID ने अपनी रिपोर्ट में हाइकोर्ट को सूचित किया कि पिछले पाँच साल से वर्ष 2009 तक 3000 से ज्यादा हिन्दू लड़कियों से प्रेम विवाह कर के मतान्तरण किया गया है । समुदाय विशेष के युवक जिन्होने प्रेम विवाह किया उनमें से अधिकांशत: किसी न किसी धार्मिक संस्थानों से जुड़े हैं जिनको धर्म प्रसार के नाम पर फण्ड खाड़ी देशों से उपलब्ध किया जा रहा है । एक बात जो खास थी कि कुछ धर्मान्तरण करने वाली लड़कियाँ सदैव के लिए भारत छौड़ कर पाकिस्तान,कुवैत और कतर जाकर बस गयी हैं ।
26 जून 2012 को पूरे भारत का हिन्दू समुदाय उस समय स्तब्ध रह गया जब केरल विधान सभा में एक प्रश्न के लिखित जबाब के रूप में कांग्रेसी मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने बताया कि केरल के सभी 14 जिलों में लव-जेहाद अपने चरम पर है । पिछले पाँच सालों में करीब चार हजार से भी ज्यादा हिन्दू महिलाओं का धर्मान्तरण प्रेम विवाह के माध्यम से करवाया गया है । इस बावत् केरला सरकार ने एक रिपोर्ट भी पेश की जिसमें उल्लेख था कि इस किस्म के धर्मान्तरण के निशाने पर हिन्दू व ईसाई समुदाय की महिलाएँ है । खाड़ी देशों से वित्त पोषित एक समुदाय विशेष की धर्म प्रचार संस्थाएँ इन सब में संलिप्त हैं ।
यह खुलासा सनसनी पैदा करने वाला इसलिए भी था क्यों कि हिन्दूवादी संगठनों के अलावा पहली बार कोई कांग्रेसी और एक राज्य का मुख्यमंत्री विधान सभा में यह स्वीकार कर रहा है कि "लव-जिहाद" नामक शब्द व्यर्थ नहीं गड़ा गया । पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश लव-जिहाद के नये अखाड़े बन चुके हैं जहाँ से आये दिन लव-जेहाद के विचित्र प्रकार के मामले सामने आ रहे हैं।
इलाहाबाद हाइकोर्ट के न्यायाधीश श्री राकेश शर्मा ने एक खुफिया पुलिस रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए माना कि लव-जेहाद वास्तविक और जमीनी रूप से मौजूद है जिसे नकारा नहीं किया जा सकता । एक खास समुदाय द्वारा बहुसंख्यक समुदाय की लड़कियों से प्रेम विवाह द्वारा धर्मान्तरण करवा कर अपनी जनसंख्या आश्चर्यजनक रूप से बढ़ाना और बहुसंख्यक समुदाय के लिंगानुपात को बिगाड़ कर सांस्कृतिक व धार्मिक रूप से कमजोर बनाना इसका मुख्य उद्देश्य है ।
अब तारा शाहदेव का मामला ऑन-फ्लोर है जिससे लव-जेहाद का मुद्दा फिर से भड़क गया । इन सभी तथ्यों को दरकिनार कर कांग्रेस, आप, जद-यू, सपा, बसपा, तृणमूल टाईप मुस्लिम निष्ठ पार्टियों को ''सेक्युलरी चुन्ने '' काट रहे हैं जो इसे बीजेपी और हिन्दूवादी संगठनों का प्रौपेगैण्डा बता रहीं हैं जिन्हे ''हरे-हरे वोटों'' के आगे यह समझ नहीं आ रहा कि ये कोई चुनावी मुद्दा नहीं है बल्कि एक संस्कृति पर सोची-समझी रणनीति के तहत पूरा का पूरा हमला है ।
लव-जिहाद जैसे घिनौने चक्रव्यूह की तह तक पहुँचने के लिए दृड़ संकल्प चाहिए जो इन पार्टियों में है ही नहीं । लव-जिहादियों की ढ़ाल बनकर खड़ी ये शेखुलर पार्टियाँ वास्तविक तथ्यों को कभी भी सामने नहीं आने देंगी इसलिए इसके विरूद्ध लड़ने का एकमात्र उपाय " उपरोक्त जानकारी ही बचाव" है ।