मित्रो केंद्र के उदासीनता का एक और उदाहरण देखिये ।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना द्वार पंजाब से राजस्थान को भले ही एक साल में आठ मिलियन एकड़ फीट (एमएएफ) पानी मिल रहा हो लेकिन बीते दस सालों में पाकिस्तान इससे कहीं अधिक पानी पी गया। बल्कि यूं कहें कि हमने उसे पानी दिया है । आंकड़ों के मुताबिक 2002-03 से 2013-14 तक 8.8 एमएएफ पानी पंजाब के फिरोजपुर हैड से बहकर पाकिस्तान चला गया । इतने पानी से पाकिस्तान भारत से सटी सीमा में खेती कर रहा है।
जबकि हमें दोहरी मार पड़ रही है ,2006 तक पानी का लीकेज कम था लेकिन बीते चार सालों में पानी पाकिस्तान अधिक जा रहा है इन बीते चार साल में राजस्थान । 2011-12 में तो 20 लाख क्यूसेक से अधिक पानी पाकिस्तान जा चुका है। सिर्फ इतना ही नहीं। भारत से पाकिस्तान गए पानी के बदले पाकिस्तान भारत सरकार से मुआवजा भी मांगता है और केन्द्र सरकार इसका भुगतान करने के लिए बाध्य है । इससे भारत को दोहरी मार पड़ रही है।
जबकि पानी की कमी से इंदिरा गांधी नहर परियोजना के द्वितीय चरण की तीन लाख हैक्टेयर भूमि तक एक बूंद पानी नहीं पहुंच सका । अभी भी यह तय नहीं है कि यहां कब तक पानी पहुंचेगा मगर पाकिस्तान की पौ-बारह जारी है ।
केंद्र सरकार जब तक नहीं हटती है तब तब इस देश की दुर्दशा इसी तरह चलती रहेगे ।
कांग्रेश भगाओ - देश बचाओ । मोदी लाओ - देश बचाओ ॥
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