विदेशी किराना कंपनियों के रिटेल में आने से किसान को उपज का ऊंचा दाम
मिलने के दावे झूठे साबित हो रहे हैं..और यह वही कंपनी कर रही है जिसको
लेकर संसद में चार दिनों... तक बहस चलती रही - वॉलमार्ट.. भारती के साथ
साझेदारी में इस कंपनी ने पंजाब के बहुत से किसानों से बेबीकॉर्न लगाने का
करार किया.. पूरी उपज वॉलमार्ट को आठ रुपए किलो के भाव पर खरीदनी थी..
लेकिन खर्च निकाल कर किसानों को मिला केवल 3 रुपया प्रति किलो जबकि उनकी
उपज को उन्हीं के शहर में वॉलमार्ट 100 रुपए किलो के दाम पर बेच रही है।
नाराज किसान अगले साल अपनी उपज कोऑपरेटिव बनाकर ब्रिटेन की कुछ कंपनियों को
बेचने की योजना बना रहे हैं............अब आप लोग ही देखिये कितना शोषण
होगा किशानो का इस FDI और वोलमार्ट से ...........??
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें