जनीतिक कारणों स लगभग
रोज़ ही कहीं न कहीं बंद का आह्वान किया जाता है और लोगों को दारा धमका कर
बंद को सफल बनाया जाता है.. बाला साहिब के निधन पर बिना किसी आह्वान के
मुंबई जेसे नगर का बंद हो जाना, उस दिवंगत आत्मा की महानता और उसके प्रति
श्रद्धा और शोक का परिचारक है नाकि - किसी प्रकार के डर का.......
यदि
किसी के घर में किसी की मृत्यु हो जाती है, तो क्या वो परिवार अपनी दुकान,
अपना संस्थान डर के मारे बंद क...
रता है ? राज्य और केंद्र दोनों जगह बिरोधी
पार्टी की सरकार होने के बाबजूद क्या कोई पार्टी किसी को डरा सकती है ?
क्या २५ लाख की भीड़ को डरा - धमकाकर कर मजबूर कर के, शवयात्रा में सामिल
कराया जा सकता है ?
दिलीप कुमार जैसे बुजुर्ग और सम्मानीय
कलाकार ने क्या किसी डर से अपना जन्मदिन नही मनाया ? क्या सचिन तेंदुलकर और
लता मंगेशकर किसी डर की बजह से उनको सम्मान दे रहे हैं ? सलीम खान का
परिवार क्या किसी भय से शोक रत है ?? क्या प्रत्येक राजनैतिक पार्टी और
प्रत्येक समुदाय से उनको श्रद्धांजली देने आने वालों को डरा कर लाया गया था
?
बाला साहिब का व्यक्तित्व भले ही विवादित रहा हो, परंतु वो
एक दृढ निश्चई इंसान थे, हिंदू हिर्दय के सम्राट थे, हिंदुत्व के प्रहरी
थे। हिन्दुओं के हित की खाती वे सदैव चिंतन रत रहते थे। प्रत्येक हिंदू
का ही नहीं बल्कि प्रत्येक देशभक्त का धर्म है वो बाला साहिब को
श्रद्धांजलि अर्पित करे और राष्ट्र की रक्षा का प्रण ले...........
जनीतिक कारणों स लगभग
रोज़ ही कहीं न कहीं बंद का आह्वान किया जाता है और लोगों को दारा धमका कर
बंद को सफल बनाया जाता है.. बाला साहिब के निधन पर बिना किसी आह्वान के
मुंबई जेसे नगर का बंद हो जाना, उस दिवंगत आत्मा की महानता और उसके प्रति
श्रद्धा और शोक का परिचारक है नाकि - किसी प्रकार के डर का.......
यदि किसी के घर में किसी की मृत्यु हो जाती है, तो क्या वो परिवार अपनी दुकान, अपना संस्थान डर के मारे बंद क...
यदि किसी के घर में किसी की मृत्यु हो जाती है, तो क्या वो परिवार अपनी दुकान, अपना संस्थान डर के मारे बंद क...
रता है ? राज्य और केंद्र दोनों जगह बिरोधी
पार्टी की सरकार होने के बाबजूद क्या कोई पार्टी किसी को डरा सकती है ?
क्या २५ लाख की भीड़ को डरा - धमकाकर कर मजबूर कर के, शवयात्रा में सामिल
कराया जा सकता है ?
दिलीप कुमार जैसे बुजुर्ग और सम्मानीय कलाकार ने क्या किसी डर से अपना जन्मदिन नही मनाया ? क्या सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर किसी डर की बजह से उनको सम्मान दे रहे हैं ? सलीम खान का परिवार क्या किसी भय से शोक रत है ?? क्या प्रत्येक राजनैतिक पार्टी और प्रत्येक समुदाय से उनको श्रद्धांजली देने आने वालों को डरा कर लाया गया था ?
बाला साहिब का व्यक्तित्व भले ही विवादित रहा हो, परंतु वो एक दृढ निश्चई इंसान थे, हिंदू हिर्दय के सम्राट थे, हिंदुत्व के प्रहरी थे। हिन्दुओं के हित की खाती वे सदैव चिंतन रत रहते थे। प्रत्येक हिंदू का ही नहीं बल्कि प्रत्येक देशभक्त का धर्म है वो बाला साहिब को श्रद्धांजलि अर्पित करे और राष्ट्र की रक्षा का प्रण ले...........
दिलीप कुमार जैसे बुजुर्ग और सम्मानीय कलाकार ने क्या किसी डर से अपना जन्मदिन नही मनाया ? क्या सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर किसी डर की बजह से उनको सम्मान दे रहे हैं ? सलीम खान का परिवार क्या किसी भय से शोक रत है ?? क्या प्रत्येक राजनैतिक पार्टी और प्रत्येक समुदाय से उनको श्रद्धांजली देने आने वालों को डरा कर लाया गया था ?
बाला साहिब का व्यक्तित्व भले ही विवादित रहा हो, परंतु वो एक दृढ निश्चई इंसान थे, हिंदू हिर्दय के सम्राट थे, हिंदुत्व के प्रहरी थे। हिन्दुओं के हित की खाती वे सदैव चिंतन रत रहते थे। प्रत्येक हिंदू का ही नहीं बल्कि प्रत्येक देशभक्त का धर्म है वो बाला साहिब को श्रद्धांजलि अर्पित करे और राष्ट्र की रक्षा का प्रण ले...........
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