सोनिया के दामाद रावर्ट वाड्रा की प्रिय DLF कंपनी कैसे पैसा बनाती है इसकी एक नजीर ....................!!!
अभी एक पुरानी खबर पर नजर पढ़ी जो मुम्बई से है ... जिसमे नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन ( सरकारी उपक्रम ) ने वर्ष 2005 में मुंबई की 17 एकड़ जमीन 703 करोड़ रुपये में डीएलएफ को बेंची थी ... बाद में अगस्त 2012 में डीएलएफ ने यह जमीन लोढ़ा डेवलपर्स को बेचने का समझौता किया है। यह सौदा 2,700 करोड़ रुपये में हुआ है। ...देश के सबसे बड़े हिंदी समाचारपत्र दैनिक जागरण के पेज संख्या 10 दिनाक 14-08-2012 को छपी खर को देखे ...........!!!
डीएलएफ ने लोढ़ा को बेची मुंबई की जमीन.....!!!
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नई दिल्ली, प्रेट्र : दिग्गज रीयल्टी कंपनी डीएलएफ ने मुंबई की 17 एकड़ जमीन लोढ़ा डेवलपर्स को बेचने का समझौता किया है। यह सौदा 2,700 करोड़ रुपये में हुआ है। डीएलएफ ने वर्ष 2005 में यह जमीन नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन से 703 करोड़ रुपये में खरीदी थी। इस साल रीयल्टी क्षेत्र में हुआ यह सबसे बड़ा जमीन सौदा है। डीएलएफ ने अपने मुख्य काम प्रॉपर्टी डेवलपमेंट पर ध्यान देने की रणनीति की तहत इस जमीन को बेचा है। डीएलएफ ने एक बयान में कहा है कि कंपनी ने ज्वाला रीयल एस्टेट में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी है। कंपनी की अनुषंगी ज्वाला के पास ही वर्ली स्थित यह जमीन थी। डीएलएफ के सीएफओ अशोक त्यागी ने बताया कि कंपनी को अग्रिम राशि के तौर पर 500 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। यह सौदा अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। यह सौदा निवेश पर रिटर्न के लिहाज से बेहतर रहा। इस राशि का इस्तेमाल कर्ज कम करने में किया जाएगा। डीएलएफ पर फिलहाल 22,680 करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में 5,000 करोड़ रुपये कर्ज कम करने का लक्ष्य रखा है। त्यागी ने बताया कि कंपनी होटल, रिसॉर्ट और पनबिजली परियोजनाओं को बेचने के लिए भी बातचीत कर रही है। डीएलएफ ने पिछले कुछ साल में होटल, प्लॉट, आइटी सेज, पार्क बिक्री से लगभग 8,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। लोढ़ा ने एक अलग बयान जारी कर बताया कि डीएलएफ से जमीन खरीदने के लिए उसका समझौता हो चुका है। इससे कंपनी को फायदा पहुंचेगा। इस जमीन के मिल जाने के बाद हम मिश्रित इस्तेमाल का भूमि विकास कर सकेंगे। इस सौदे से पहले मार्च, 2011 में वेब इंफ्रा ने नोएडा में 6,570 करोड़ रुपये में 151 एकड़ जमीन खरीदी थी।
***पवन अवस्थी **
अभी एक पुरानी खबर पर नजर पढ़ी जो मुम्बई से है ... जिसमे नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन ( सरकारी उपक्रम ) ने वर्ष 2005 में मुंबई की 17 एकड़ जमीन 703 करोड़ रुपये में डीएलएफ को बेंची थी ... बाद में अगस्त 2012 में डीएलएफ ने यह जमीन लोढ़ा डेवलपर्स को बेचने का समझौता किया है। यह सौदा 2,700 करोड़ रुपये में हुआ है। ...देश के सबसे बड़े हिंदी समाचारपत्र दैनिक जागरण के पेज संख्या 10 दिनाक 14-08-2012 को छपी खर को देखे ...........!!!
डीएलएफ ने लोढ़ा को बेची मुंबई की जमीन.....!!!
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नई दिल्ली, प्रेट्र : दिग्गज रीयल्टी कंपनी डीएलएफ ने मुंबई की 17 एकड़ जमीन लोढ़ा डेवलपर्स को बेचने का समझौता किया है। यह सौदा 2,700 करोड़ रुपये में हुआ है। डीएलएफ ने वर्ष 2005 में यह जमीन नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन से 703 करोड़ रुपये में खरीदी थी। इस साल रीयल्टी क्षेत्र में हुआ यह सबसे बड़ा जमीन सौदा है। डीएलएफ ने अपने मुख्य काम प्रॉपर्टी डेवलपमेंट पर ध्यान देने की रणनीति की तहत इस जमीन को बेचा है। डीएलएफ ने एक बयान में कहा है कि कंपनी ने ज्वाला रीयल एस्टेट में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी है। कंपनी की अनुषंगी ज्वाला के पास ही वर्ली स्थित यह जमीन थी। डीएलएफ के सीएफओ अशोक त्यागी ने बताया कि कंपनी को अग्रिम राशि के तौर पर 500 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। यह सौदा अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। यह सौदा निवेश पर रिटर्न के लिहाज से बेहतर रहा। इस राशि का इस्तेमाल कर्ज कम करने में किया जाएगा। डीएलएफ पर फिलहाल 22,680 करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में 5,000 करोड़ रुपये कर्ज कम करने का लक्ष्य रखा है। त्यागी ने बताया कि कंपनी होटल, रिसॉर्ट और पनबिजली परियोजनाओं को बेचने के लिए भी बातचीत कर रही है। डीएलएफ ने पिछले कुछ साल में होटल, प्लॉट, आइटी सेज, पार्क बिक्री से लगभग 8,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। लोढ़ा ने एक अलग बयान जारी कर बताया कि डीएलएफ से जमीन खरीदने के लिए उसका समझौता हो चुका है। इससे कंपनी को फायदा पहुंचेगा। इस जमीन के मिल जाने के बाद हम मिश्रित इस्तेमाल का भूमि विकास कर सकेंगे। इस सौदे से पहले मार्च, 2011 में वेब इंफ्रा ने नोएडा में 6,570 करोड़ रुपये में 151 एकड़ जमीन खरीदी थी।
***पवन अवस्थी **
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