कांग्रेश ने सी और डी ग्रेड के कर्मचारियों को लोकपाल बिल से अलग कर रही है ,,जबकि भ्रष्टाचार की जड़ यही से है ,,,,,अभी उज्जैन में एल लिपिक (चतुर्थ श्रेणी) के यहाँ पर लोकायुक्त पुलिस के क्षापे में १० करोड़ से अधिक की सम्पति बरामद हुई है ,,कहा से आई यह सम्पति ,,क्या अकेले लिपिक ने ही कमाया ? यदि एक लिपिक १० करोड़ कमा सकता है तो बड़े अधिकारी कितनी सम्पति जमा किया होगा ? सोच कर चक्कर आने लगते है .....http://www.bhaskar.com/article/MP-OTH-class-iv-employees-in-ujjain-municipal-corporation-2625048.html?HF-13=
इस ब्लॉग में मेरा उद्देश्य है की हम एक आम नागरिक की समश्या.सभी के सामने रखे ओ चाहे चारित्रिक हो या देश से संबधित हो !आज हम कई धर्मो में कई जातियों में बटे है और इंसानियत कराह रही है, क्या हम धर्र्म और जाति से ऊपर उठकर सोच सकते इस देश के लिए इस भारतीय समाज के लिए ? सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वें भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद दुःख भाग्भवेत।। !! दुर्भावना रहित सत्य का प्रचार :लेख के तथ्य संदर्भित पुस्तकों और कई वेब साइटों पर आधारित हैं!! Contact No..7089898907
शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011
करोड़ पति चपराशी
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Dewas MP India
उज्जैन, मध्य प्रदेश, भारत
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हाँ एक चपरासी को न तो धन की जरूरत होती है और न ही अधिकार ये तो सिर्फ निखट्टू नेताओं और पूँजीपतियों का एकाधिकार है।
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