शंकराचार्य गद्दी को हम साक्षात भगवान शिव मानते है आप गुरुतुल्य है प्रभू । लेकिन आपके इस दास के मन मे एक विकार आ रहा है आशा है आप शंका का समाधान करेगे
या फिर उनके अनुयायी इसका समाधान करेगे ।।
प्रभु श्री राममंदिर के उद्घाटन मे आप लोगो को तवज्जो नही दी जा रही है
ऐसा हमने कही और से नही आपके मुंह से सुना है ।
आपके अनुसार "राममंदिर निर्माण मे सारा योगदान आपका था लेकिन आज श्रेय मोदी ले रहे है ??"
अच्छा भगवन अब थोड़ा इतिहास मे चलते है आपकी पीठ की एक गद्दी जगन्नाथपुरी है जगन्नाथपुरी मंदिर की रक्षा मे एक राजा मानसिंह का भारी योगदान था ।
चले जगन्नाथपुरी मंदिर की बात छोड़ देते है गुजरात के द्वारिकाधीश मंदिर का 15वी सदी के अंत मे जीर्णोद्धार हुआ वह भी राजा मानसिंह के समयकाल मे उन्ही के प्रयासो से
वह भी छोड़ दे जिनकी भक्ति के कारण पूरा विश्व आपको भी प्रणाम करता है।
उस वृन्दावन तीर्थ का जीर्णोद्धार भी राजा मानसिंह के काल मे हुआ
वृन्दावन को वैष्णव नगरी मानकर छोड़ दे, तो काशी तो स्वयं शम्भो की नगरी है उसका जीर्णोद्धार भी राजा मानसिंह में काल मे हुआ । लेकिन क्या आप किसी भी जानकर ने राजा मानसिंह के भारी अपमान पर एक बार भी चुप्पी तोड़ी ??
एक बार भी उनके योगदान को जनता के समक्ष रखा ?
जबकि ऐसा नही है की आप जानते नही थे ऐसा हमे लगता है । जब आपको यह पता था की ताजमहल शिवालय था आमेर वालो का था
तो क्या आपको अपने मंदिरो का इतिहास पता नही था ।
क्यो की यह विषय ऐसा है,जो आम जनता भी अच्छे से नही समझती लेकिन आप अवश्य समझते है
और हा आम जनता की तरह हमे हल्दीघाटी वाली बात मत बताना की इसलिए मानसिंह का समर्थन नही किया क्यो की बात फिर बढ़ जाएगी और दूर तलक जाएगी ।
जब आप राजाओ को उनके योगदान का श्रेय देने को तैयार नही तो फिर आज राजनीति भी शायद आपके साथ वही कर रही है जो कभी आपसे हुआ ।
कृपा कर मेरे मन के इस विकार को शांत करे नही कर सकते तो मेरा आप कुछ नही ऊखाड सकते बस आप मठो मे बैढ कर हर सनातन के
मंदिरो के निर्माण पर ऐसे ही विरोध कर कर ।
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