एक पत्थर की कीमत 900 रुपये और पेरिस से मंगवाए गए एक पेड़ की कीमत मात्र 1 करोड़ 69 लाख रुपये..............
उत्तर प्रदेश में निर्माणाधीन जय प्रकाश नारायण इंटरनैशनल कन्वेंशन सेंटर प्रॉजेक्ट के निरीक्षण के दौरान सामने आई जानकारी
दोपहर 2.20 बजे का वक्त। 40 डिग्री सेल्सियस के करीब तापमान। गर्म हवाओं के बीच योगी सरकार में राज्यमंत्री सुरेश पासी, जय प्रकाश नारायण इंटरनैशनल कन्वेंशन सेंटर प्रॉजेक्ट का निरीक्षण करने पहुंचे। गाड़ी से उतरते ही मंत्री ने प्रॉजेक्ट की रिपोर्ट मांगी। एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह ने दो पन्ने पकड़ाए। मंत्री ने पन्ने देखे और और पुलिंदा बनाकर पकड़ लिया। गेस्ट हाउस ब्लॉक की तरफ बढ़े और वीसी से पूछा कि लिफ्ट चलने लगी? वीसी खामोश रहे। एक्सईएन बीपी मौर्या ने जवाब दिया-नहीं सर। मंत्री ने नजर उठाकर 18 मंजिली निर्माणाधीन बिल्डिंग को देखा और कहा- चलो सीढ़ियों से चलकर निरीक्षण करेंगे।
मंजिलें बढ़ती गईं, अधिकारी घटते गए
पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल तक एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह, सचिव अरुण कुमार सहित करीब 20 इंजिनियरों का काफिला मंत्री के साथ रहा। तीसरी मंजिल पर मंत्री ऑडिटोरियम की छत पर रुके। गुस्से में अफसरों से मुखातिब हुए। 'क्या समझते हो लिफ्ट नहीं सही होगी तो हम हकीकत नहीं देख पाएंगे'। मंत्री ने दोबारा सीढ़ियों का रुख किया तो सचिव अरुण कुमार और एक्सईएन एके सिंह हांफते हुए रुक गए। पसीना पोछते हुए वीसी, इंजीनियरों के साथ आगे बढ़े।
पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल तक एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह, सचिव अरुण कुमार सहित करीब 20 इंजिनियरों का काफिला मंत्री के साथ रहा। तीसरी मंजिल पर मंत्री ऑडिटोरियम की छत पर रुके। गुस्से में अफसरों से मुखातिब हुए। 'क्या समझते हो लिफ्ट नहीं सही होगी तो हम हकीकत नहीं देख पाएंगे'। मंत्री ने दोबारा सीढ़ियों का रुख किया तो सचिव अरुण कुमार और एक्सईएन एके सिंह हांफते हुए रुक गए। पसीना पोछते हुए वीसी, इंजीनियरों के साथ आगे बढ़े।
पांचवी मंजिल पहुंचने पर वीसी ने पीछे मुड़कर देखा तो इंजीनियर कम हो गए थे। बुरी तरह हाफ रहे वीसी भी जीने की रेलिंग पकड़कर खड़े हो गए। मंत्री मंजिल-दर-मंजिल चढ़ते रहे और इंजिनियर कम होते रहे। कोई बुरी तरह हांफ रहा था तो किसी की धड़कन बढ़ गई थी। कुछ इंजिनियरों ने कहा कि उनका बीपी बढ़ गया तो कुछ ने कहा कि वह हार्ट के मरीज हैं। दवा नीचे गाड़ी में छूट गई है। मंत्री 17 वीं मंजिल पर पहुंचे तो उनके साथ सिर्फ विद्युत यांत्रिक चीफ इंजिनियर डीपी सिंह थे। पता चला कि प्रभारी एक्सईएन बीपी मौर्या धीरे-धीरे आ रहे हैं। 7 मिनट बाद एक्सईएन बीपी मौर्या हांफते हुए 17वें फ्लोर पर पहुंचे, लेकिन उनके पास मंत्री के सवालों के जवाब नहीं थे। इस दौरान कई एक्सईएन ने वहां काम कर रहे मजदूरों से मांगकर पानी पिया।
'झूठ उजागर करने को 18 मंजिल चढ़ा'
18 वीं मंजिल पर बने हेलिपैड पर राज्यमंत्री ने सवाल किए तो कोई जिम्मेदार अधिकारी वहां था ही नहीं। इस पर मंत्री ने विद्युत यांत्रिक चीफ इंजिनियर डीपी सिंह से कहा कि सीएम की समीक्षा में आप लोगों ने कहा था कि 85 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। लेकिन काम तो 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ है। डीपी सिंह ने बताया कि उनकी रिपोर्ट प्रॉजेक्ट में हुई खरीद के आधार पर बनी थी। मंत्री ने कहा कि आपके भुगतान कर देने से प्रॉजेक्ट नहीं पूरा हो जाता। आप लोगों का झूठ उजागर करने के लिए ही मैं सीढ़ियां चढ़कर आया हूं।
18 वीं मंजिल पर बने हेलिपैड पर राज्यमंत्री ने सवाल किए तो कोई जिम्मेदार अधिकारी वहां था ही नहीं। इस पर मंत्री ने विद्युत यांत्रिक चीफ इंजिनियर डीपी सिंह से कहा कि सीएम की समीक्षा में आप लोगों ने कहा था कि 85 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। लेकिन काम तो 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ है। डीपी सिंह ने बताया कि उनकी रिपोर्ट प्रॉजेक्ट में हुई खरीद के आधार पर बनी थी। मंत्री ने कहा कि आपके भुगतान कर देने से प्रॉजेक्ट नहीं पूरा हो जाता। आप लोगों का झूठ उजागर करने के लिए ही मैं सीढ़ियां चढ़कर आया हूं।
'900 का पत्थर, एक करोड़ का पेड़'
नीचे उतरने के बाद सुरेश पासी ने जेपीएनआईसी गेस्ट हाउस का मुआयना किया। वहां लग रहे लाल रंग के पत्थर पर राज्यमंत्री, आवास ने वीसी सत्येंद्र सिंह से सवाल पूछा। वीसी से पूछने पर एक्सईएन ने बताया कि यह पत्थर वियतनाम से मंगवाया गया है। एक पत्थर की कीमत 900 रुपये है। सोलर ट्री के बारे में एलडीए इंजिनियरों ने बताया यह पेड़ पेरिस से मंगवाया गया है। एक पेड़ की कीमत 1 करोड़ 69 लाख रुपये है। मंत्री ने इसे पैसे की बर्बादी और एलडीए अधिकारियों की साठगांठ करार दिया।
नीचे उतरने के बाद सुरेश पासी ने जेपीएनआईसी गेस्ट हाउस का मुआयना किया। वहां लग रहे लाल रंग के पत्थर पर राज्यमंत्री, आवास ने वीसी सत्येंद्र सिंह से सवाल पूछा। वीसी से पूछने पर एक्सईएन ने बताया कि यह पत्थर वियतनाम से मंगवाया गया है। एक पत्थर की कीमत 900 रुपये है। सोलर ट्री के बारे में एलडीए इंजिनियरों ने बताया यह पेड़ पेरिस से मंगवाया गया है। एक पेड़ की कीमत 1 करोड़ 69 लाख रुपये है। मंत्री ने इसे पैसे की बर्बादी और एलडीए अधिकारियों की साठगांठ करार दिया।
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