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1-1980 में डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी ने एक चिट्ठी जारी कर दी थी जिसमें खूफिया विभाग के मुखिया ने दूरसंचार विभाग से उद्योगपतियों और नेताओं के फोन टैप करने को कहा था. इस विवाद में कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री रामकृष्ण हेगड़े निशाने पर आ गए और उनको पद से इस्तीफा देना पड़ा.
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2- 1996 में स्वामी ने जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया. इस मामले में जयललिता को 27 सितंबर 2014 को दोषी पाया गया और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और जेल भेजा गया.
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3- 2 जी घोटाला मामले में डॉ. स्वामी की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए. जिसमें ए. राजा और कनमोझी सहित कई नेता और अधिकारी लपेटे में आ गए. ए राजा और कनिमोझी जेल भी गए.
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4- डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी देश के पहले नेता थे जिन्होंने सोनिया गांधी के विदेशी मूल के होने का मुद्दा उठाया था और राजीव गांधी की मौत के बाद उनके राजनीति में आने पर सवाल उठाए थे. स्वामी, राजीव गांधी की अभिन्न मित्रों में से एक रह चुके हैं.
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5- सुब्रमण्यम स्वामी तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री के. करुणानिधि के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं. 1997 में उन्होंने के.करुणानिधि के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी थी और उन्हें कोर्ट तक घसीटा था.
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6- सेतु समुद्रम के मुद्दे पर भी स्वामी ने के. करुणानिधि सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट में रोक लगवा दी थी. तब स्वामी ने कहा था कि ये भगवान राम से जुड़ा धार्मिक अवशेष है.
1980 में सुब्रमण्यम स्वामी अपने धुर विरोधी और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की हाशिमपुर नरसंहार मामले में खूब फजीहत करवाई. वो उनके खिलाफ जांच की मांग को लेकर धरने पर भी बैठ गए. कहा जाता है कि 1990 में पी. चिदंबरम ने उनके खिलाफ फेरा कानून के तहत कार्रवाई की कोशिश भी की लेकिन वो सफल नहीं हो सके.
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7- 2012 में डॉ.स्वामी ने एक बार फिर पी. चिदंबरम के खिलाफ मोर्चा खोला और एयरसेल-मैक्सिस डील पर सवाल उठा दिए. उनका कहना था कि वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने इस मामले में अपने बेटे कार्ति चिदंबरम को फायदा पहुंचाया है. ये मामला भी कोर्ट में चल रहा है और ईडी और आयकर विभाग छापे मार रहा है.
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8- 2014 में स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया ने अपने तीन विदेशी खातों में काला धन जमा किया है. उन्होंने कहा ये खाते वैटिकन बैंक, बैंक इन बेसिल, पिक्टेट बैंक में हैं.
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9- मई 2014 में स्वामी ने एक और याचिका डाली जिसमें उन्होंने प्रियंका वाड्रा और कार्ति चिदंबरम पर आरोप लगाया कि दोनों ने कारपोरेट मंत्रालय से सांठगांठ कर करके कई डाईरेक्टोट आईडेंटिफिकेशन नंबर ले रखें हैं. जो कि नियमों के खिलाफ है. जिसके बाद प्रियंका वाड्रा ने इस बात को माना ये उनकी गलती है. जबकि कार्ति चिदंबरम से भी मंत्रालय की ओर से जवाब मांगा गया.
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10- स्वामी ने स्पाइसजेट में हिस्सेदारी को लेकर जो सौदा हुआ है उसकी जांच कराने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है.
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