शुक्रवार, 1 मार्च 2013

!! सिकरवार राजपूतों की वंशावली !!

चंबल घाटी के सिकरवार राव दलपत सिंह यानि दलखू बाबा के वंशज कहलाते हैं ...
दलखू बाबा के गॉंव इस प्रकार हैं –
सिरसैनी – स्थापना विक्रम संवत 1404
भैंसरोली – स्थापना विक्रम संवत 1465
पहाड़गढ़ – स्थापना विक्रम संवत 1503
सिहौरी - स्थापना बिवक्रम संवत 1606

इनके परगना जौरा में कुल 70 गॉंव थे , दलखू बाबा की पहली पत्नी के पुत्र रतनपाल के ग्राम बर्रेंड़ , पहाड़गढ़, चिन्नौनी, हुसैनपुर, कोल्हेरा, वालेरा, सिकरौदा, पनिहारी आदि 29 गॉंव रहे
भैरोंदास त्रिलोकदास के सिहोरी, भैंसरोली, खांडोली आदि 11 गॉंव रहे
हैबंत रूपसेन के तोर, तिलावली, पंचमपुरा बागचीनी , देवगढ़ आदि 22 गॉंव रहे
दलखू बाबा की दूसरी पत्नी की संतानें – गोरे, भागचंद, बादल, पोहपचंद खानचंद के वंशज कोटड़ा तथा मिलौआ परगना ये सब परगना जौरा के ग्रामों में आबाद हैं , गोरे और बादल मशहूर लड़ाके रहे हैं
राव दलपत सिंह (दलखू बाबा) के वंशजों की जागीरें – 1. कोल्हेरा 2. बाल्हेरा 3. हुसैनपुर 4. चिन्नौनी (चिलौनी) 5. पनिहारी 6. सिकरौदा आदि रहीं
मुरैना जिला में सिहौरी से बर्रेंड़ तक सिकरवार राजपूतों की आबादी है, आखरी गढ़ी सिहोरी की विजय सिकरवारों ने विक्रम संवत 1606 में की उसके बाद मुंगावली और आसपास के क्षेत्र पर अपना अधिकार स्थापित किया , इनके आखेट और युद्ध में वीरता के अनेकों वृतांत मिलते हैं ।
पहाड़गढ़ रियासत सिकरवार राजगद्दी
मुरैना जिला में पहाड़गढ़ के सिकरवार राजाओं की वंशवृक्ष रियासत इस प्रकार है
राव धन सिंह – विक्रम संवत 1503 से 1560
राव भारतीचंद – विक्रम संवत 1560 (उसी वर्ष देहांत हो गया )
राव नारायण दास – विक्रम संवत 1560 से 1597
राव पत्रखान सिंह – ‘’ ‘’ 1597 से 1641
राव जगत सिंह - 1641 से 1670
राव वीर सिंह - 1670 से 1703
राव दलेल सिंह - 1703 से 1779
राव कुअर राय - 1779 से 1782
राव बसंत सिंह - 1782 से 1791
राव पृथ्वीपाल सिंह - 1791 से 1801
राव विक्रमादित्य - 1801 से 1824
राव अपरवल सिंह - 1824 से 1860
राव मनोहर सिंह - 1860 से 1899
राव गनपत सिंह - 1899 से 1905 (चिन्नौनी से दत्तक पुत्र)
राव अजमेर सिंह 1905 से 1973 (निसंतान ) दत्तक लिया
राजा पंचम सिंह 1973 से 2004
इसके बाद में जमींदारी और जागीरदारी प्रथा समाप्त हो गयी और भूमि स्वामी किसान बन गये
राजा पंचम सिंह सिकरवार की पहली रानी से पुत्र निहाल सिंह व पद्म सिंह एवं एक पुत्री का जन्म हुआ , पदम सिंह को राय सिंह तोमर की पुत्री बियाही
दूसरी रानी सिरसावाली से पुत्र हरी सिंह का जन्म हुआ , हरी सिंह को काश्मीरी डोगरा राजपूत बियाही ..
 by नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनंद’’
 

21 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर जानकारी सम्मानीय भाई नरेंद्र सिंह तोमर जी ।

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  2. Very very thanks for the information dear Brother and I'm waiting for the next information:" Thank you so much.

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