नोट --यदि आप ज्योतिष शाश्त्र ,गृह नक्षत्र ,राशी फल पर भरोषा करते है तो पढ़े इसे ...
कई लोगों के नाम राशि अनुसार नहीं रखे गए है लेकिन फिर भी जिस नाम उन्हें पुकारा जाता है, उस नाम से संबंधित राशि का प्रभाव उन लोगों पर अवश्य पड़ता है। सभी राशियों का अलग-अलग प्रभाव और स्वभाव होता है। इसी के अनुसार नौ ग्रह और नक्षत्र हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। जानिए किस राशि के कौन-कौन से नाम अक्षर हैं, किस राशि के व्यक्ति का स्वभाव कैसा है, कौन कितना कामुक है और किस राशि के लोगों की क्या विशेषता है, !
किस राशि के स्त्री-पुरुष प्रेम-प्रसंग में कैसे होते हैं ? ये भी पढ़िए .....
........कई लोगों के नाम राशि अनुसार नहीं रखे गए है लेकिन फिर भी जिस नाम उन्हें पुकारा जाता है, उस नाम से संबंधित राशि का प्रभाव उन लोगों पर अवश्य पड़ता है। सभी राशियों का अलग-अलग प्रभाव और स्वभाव होता है। इसी के अनुसार नौ ग्रह और नक्षत्र हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। जानिए किस राशि के कौन-कौन से नाम अक्षर हैं, किस राशि के व्यक्ति का स्वभाव कैसा है, कौन कितना कामुक है और किस राशि के लोगों की क्या विशेषता है, !
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 राशियों बताई गई हैं। कुंडली में चंद्र ग्रह
की स्थिति के अनुसार राशि निर्धारित होती है। किसी व्यक्ति के जन्म के समय
चंद्रमा जिस राशि में होता है उस व्यक्ति की राशि वहीं मानी जाती है।
राशि अनुसार नाम रखने की परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। हर राशि के लिए अलग-अलग नाम अक्षर निर्धारित किए गए हैं। जन्म के समय चंद्र जिस राशि में होता है और जैसा नक्षत्र होता है उसी के अनुसार शिशु का नाम रखा जाता है।
सामान्यत: काफी लोगों के नाम चंद्र की स्थिति के अनुसार ही रखे जाते हैं। अत: नाम का पहला अक्षर बता देता है कि कोई व्यक्ति किस राशि से संबंधित हैं।
राशि अनुसार नाम रखने की परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। हर राशि के लिए अलग-अलग नाम अक्षर निर्धारित किए गए हैं। जन्म के समय चंद्र जिस राशि में होता है और जैसा नक्षत्र होता है उसी के अनुसार शिशु का नाम रखा जाता है।
सामान्यत: काफी लोगों के नाम चंद्र की स्थिति के अनुसार ही रखे जाते हैं। अत: नाम का पहला अक्षर बता देता है कि कोई व्यक्ति किस राशि से संबंधित हैं।
. .मेष- चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ.
राशि स्वरूप मेंढा जैसा, राशि स्वामी- मंगल, प्रभुत्व- कालपुरुष के मस्तक पर, अग्नि तत्व: उग्र स्वभाव, अल्प संतति वाला।
इस राशि के लोगों की प्रकृति: नेतृत्व के स्वभाव से पूर्ण, निर्णय क्षमता में शीघ्रता, दक्षिण-पूर्व से लाभ, पूर्ण काम, राजनेता के साथी (राजा मित्र) अग्नि तत्व तथा रक्त वर्ण वाला होता है।
राशि स्वरूप मेंढा जैसा, राशि स्वामी- मंगल, प्रभुत्व- कालपुरुष के मस्तक पर, अग्नि तत्व: उग्र स्वभाव, अल्प संतति वाला।
इस राशि के लोगों की प्रकृति: नेतृत्व के स्वभाव से पूर्ण, निर्णय क्षमता में शीघ्रता, दक्षिण-पूर्व से लाभ, पूर्ण काम, राजनेता के साथी (राजा मित्र) अग्नि तत्व तथा रक्त वर्ण वाला होता है।
वृष- ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
राशि स्वरूप: बैल जैसा, राशि स्वामी- शुक्र, प्रभुत्व- कालपुरुष के मुख पर, भूमि तत्व, रजो गुणी, दृढ़ शरीर
इस राशि के लोगों की प्रकृति: इस राशि के लोग उपभोगवादी, विलासिता से परिपूर्ण, कार्यक्षमता को हरदम आगे बढ़ाने वाला, उत्तर दिशा से विशेष लाभ, कामेच्छा रखने वाला, संबंधियों में प्रिय, रजोगुणी तथा दूरदर्शिता वाला होता है।
राशि स्वरूप: बैल जैसा, राशि स्वामी- शुक्र, प्रभुत्व- कालपुरुष के मुख पर, भूमि तत्व, रजो गुणी, दृढ़ शरीर
इस राशि के लोगों की प्रकृति: इस राशि के लोग उपभोगवादी, विलासिता से परिपूर्ण, कार्यक्षमता को हरदम आगे बढ़ाने वाला, उत्तर दिशा से विशेष लाभ, कामेच्छा रखने वाला, संबंधियों में प्रिय, रजोगुणी तथा दूरदर्शिता वाला होता है।
मिथुन- का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह
राशि स्वरूप: स्त्री-पुरुष आलिंगनबद्ध, राशि स्वामी- बुध, कालपुरुष के प्रभुत्व- दांत, वाणी, कंठ पर, वायु तत्व: तमो गुणी, मध्यम कामी
इस राशि के लोगों की प्रकृति: मिथुन राशि द्विस्वभाव राशि है। इस राशि के लोग कला, गायन में रुचि रखने वाले होते हैं। तर्क में दक्ष होते हैं, अपनी बात मनवाने वाले, कभी-कभी असहज अनुभव करने वाले, चित्रकला, वाक्युद्ध, घूमने-फिरने वाले होते हैं।
राशि स्वरूप: स्त्री-पुरुष आलिंगनबद्ध, राशि स्वामी- बुध, कालपुरुष के प्रभुत्व- दांत, वाणी, कंठ पर, वायु तत्व: तमो गुणी, मध्यम कामी
इस राशि के लोगों की प्रकृति: मिथुन राशि द्विस्वभाव राशि है। इस राशि के लोग कला, गायन में रुचि रखने वाले होते हैं। तर्क में दक्ष होते हैं, अपनी बात मनवाने वाले, कभी-कभी असहज अनुभव करने वाले, चित्रकला, वाक्युद्ध, घूमने-फिरने वाले होते हैं।
कर्क- ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
राशि स्वरूप: केकड़ा, राशि स्वामी- चंद्रमा, प्रभुत्व- कालपुरुष के वक्षस्थल पर, जल तत्व- उग्र स्वभाव, अल्प संतति वाला, शीघ्र कामी
इस राशि के लोगों की प्रकृति: कभी-कभी हिंसात्मक या बदला लेने की प्रवृत्ति वाले, कार्य को अंजाम देने में माहिर, अस्थिर बुद्धि वाले, जल्दबाजी में निर्णय लेने वाले, किंतु विजेता होते हैं। अद्भुत तार्किक क्षमता, दुविधा वाले होते हैं।
सिंह- मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
राशि स्वरूप: शेर जैसा, स्वामी- सूर्य, प्रभुत्व- कालपुरुष के हृदय व मज्जा पर, अग्नि तत्व: रजो गुणी, दृढ़ शरीर, उष्ण प्रकृति, अल्प संतति वाला
इस राशि के लोगों की प्रकृति: पराक्रम, ओज से परिपूर्ण, अपनी बात को मनवाने वाले, शीघ्र निर्णय लेने वाले, घूमने-फिरने के शौकीन, नेतृत्व क्षमता को भूनाने वाले, शीघ्र क्रोध में आने वाले किंतु शांत प्रकृति के होते हैं।
राशि स्वरूप: केकड़ा, राशि स्वामी- चंद्रमा, प्रभुत्व- कालपुरुष के वक्षस्थल पर, जल तत्व- उग्र स्वभाव, अल्प संतति वाला, शीघ्र कामी
इस राशि के लोगों की प्रकृति: कभी-कभी हिंसात्मक या बदला लेने की प्रवृत्ति वाले, कार्य को अंजाम देने में माहिर, अस्थिर बुद्धि वाले, जल्दबाजी में निर्णय लेने वाले, किंतु विजेता होते हैं। अद्भुत तार्किक क्षमता, दुविधा वाले होते हैं।
सिंह- मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
राशि स्वरूप: शेर जैसा, स्वामी- सूर्य, प्रभुत्व- कालपुरुष के हृदय व मज्जा पर, अग्नि तत्व: रजो गुणी, दृढ़ शरीर, उष्ण प्रकृति, अल्प संतति वाला
इस राशि के लोगों की प्रकृति: पराक्रम, ओज से परिपूर्ण, अपनी बात को मनवाने वाले, शीघ्र निर्णय लेने वाले, घूमने-फिरने के शौकीन, नेतृत्व क्षमता को भूनाने वाले, शीघ्र क्रोध में आने वाले किंतु शांत प्रकृति के होते हैं।
कन्या- ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
राशि स्वरूप: कन्या, स्वामी- बुध, प्रभुत्व- कालपुरुष के उदर व आंतडिय़ों पर, भूमि तत्व, तमो गुणी, मध्यम कामी, शीत प्रकृति
इस राशि के लोगों की प्रकृति : इस राशि के जातक प्रेम से वश में आने वाले, स्वयं के श्रम से उद्यमी, द्विस्वभाव अर्थात् वैचारिक परिवर्तन वाले, सहयोगी, कवि, लेखक, गीतकार आदि होते हैं।
राशि स्वरूप: कन्या, स्वामी- बुध, प्रभुत्व- कालपुरुष के उदर व आंतडिय़ों पर, भूमि तत्व, तमो गुणी, मध्यम कामी, शीत प्रकृति
इस राशि के लोगों की प्रकृति : इस राशि के जातक प्रेम से वश में आने वाले, स्वयं के श्रम से उद्यमी, द्विस्वभाव अर्थात् वैचारिक परिवर्तन वाले, सहयोगी, कवि, लेखक, गीतकार आदि होते हैं।
तुला- रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
राशि स्वरूप: तराजू जैसा, राशि स्वामी- शुक्र, प्रभुत्व- कालपुरुष के कमर/जननांग पर, वायु तत्व, दिन में बली, रजोगुणी, वन विहार के शौकीन, अल्प संतति
इस राशि के लोगों की प्रकृति: परिस्थितियों को अपने पक्ष में करने वाला, साहसिक कार्य करने का शौकीन, बलिष्ठ, धनवान, राजसेव्य, यात्रा में आनंद उठाने वाला होता है।
राशि स्वरूप: तराजू जैसा, राशि स्वामी- शुक्र, प्रभुत्व- कालपुरुष के कमर/जननांग पर, वायु तत्व, दिन में बली, रजोगुणी, वन विहार के शौकीन, अल्प संतति
इस राशि के लोगों की प्रकृति: परिस्थितियों को अपने पक्ष में करने वाला, साहसिक कार्य करने का शौकीन, बलिष्ठ, धनवान, राजसेव्य, यात्रा में आनंद उठाने वाला होता है।
वृश्चिक- तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
राशि स्वरूप: बिच्छू जैसा, राशि स्वामी- मंगल, प्रभुत्व- कालपुरुष के गुप्तांग पर, जल तत्व, समुद्री यात्रा के शौकीन, तमोगुणी, शीत प्रकृति, बहुकामी
इस राशि के लोगों की प्रकृति: कार्यशैली में बदलाव, तुरंत परिवर्तन की चाह, नया नेतृत्व, अपनी विधा या शैली से आगे बढऩे और श्रेष्ठ व्यवहार वाला होता है।
राशि स्वरूप: बिच्छू जैसा, राशि स्वामी- मंगल, प्रभुत्व- कालपुरुष के गुप्तांग पर, जल तत्व, समुद्री यात्रा के शौकीन, तमोगुणी, शीत प्रकृति, बहुकामी
इस राशि के लोगों की प्रकृति: कार्यशैली में बदलाव, तुरंत परिवर्तन की चाह, नया नेतृत्व, अपनी विधा या शैली से आगे बढऩे और श्रेष्ठ व्यवहार वाला होता है।
धनु- ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
राशि स्वरूप: धनुष उठाए हुए, राशि स्वामी- बृहस्पति, प्रभुत्व- कालपुरुष के जंघा व मेध पर, अग्नि तत्व, पर्वतारोहण में रूचि, सतोगुणी, अल्पकामी, उष्ण प्रकृति, दृढ़ शरीर
इस राशि के लोगों की प्रकृति: अपने कार्य को बखूबी अंजाम देने वाले, लक्ष्य पर केंद्रित, अध्यात्म-साधना के प्रति रूचि वाले, पूर्व दिशा वाले, अद्भुत कार्य क्षमता के धनी होते हैं।
राशि स्वरूप: धनुष उठाए हुए, राशि स्वामी- बृहस्पति, प्रभुत्व- कालपुरुष के जंघा व मेध पर, अग्नि तत्व, पर्वतारोहण में रूचि, सतोगुणी, अल्पकामी, उष्ण प्रकृति, दृढ़ शरीर
इस राशि के लोगों की प्रकृति: अपने कार्य को बखूबी अंजाम देने वाले, लक्ष्य पर केंद्रित, अध्यात्म-साधना के प्रति रूचि वाले, पूर्व दिशा वाले, अद्भुत कार्य क्षमता के धनी होते हैं।
मकर- भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी
राशि स्वरूप- मगर जैसा, राशि स्वामी- शनि, प्रभुत्व- कालपुरुष के घुटने/फेफड़े पर, भूमि तत्व, वन विहार के शौकीन, सौम्य स्वभाव, तमोगुणी, अल्पकामी
इस राशि के लोगों की प्रकृति : सहज व सरल प्रकृति के कारण आकर्षण का केंद्र बनते हैं। भावनाओं से प्रभावित हो जाते हैं। पश्चिम-दक्षिण से विशेष लाभ लेने वाले तथा बात के धनी माने जाते हैं।
कुंभ- गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
राशि स्वरूप: घड़े जैसा, राशि स्वामी- शनि, प्रभुत्व- कालपुरुष की पिंडलियां व स्नायु पर, वायु तत्व, धार्मिक स्थान पर भ्रमणशील, तमोगुणी, मध्यम कामी
इस राशि के लोगों की प्रकृति: गूढ़ रहस्य का ज्ञानी, गंभीरता, अध्यात्म में रुचि, धर्म का जानकार, परिश्रम से आगे बढऩे वाला, दार्शनिक, विचारों द्वारा सम्मान पाने वाला होता है।
राशि स्वरूप- मगर जैसा, राशि स्वामी- शनि, प्रभुत्व- कालपुरुष के घुटने/फेफड़े पर, भूमि तत्व, वन विहार के शौकीन, सौम्य स्वभाव, तमोगुणी, अल्पकामी
इस राशि के लोगों की प्रकृति : सहज व सरल प्रकृति के कारण आकर्षण का केंद्र बनते हैं। भावनाओं से प्रभावित हो जाते हैं। पश्चिम-दक्षिण से विशेष लाभ लेने वाले तथा बात के धनी माने जाते हैं।
कुंभ- गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
राशि स्वरूप: घड़े जैसा, राशि स्वामी- शनि, प्रभुत्व- कालपुरुष की पिंडलियां व स्नायु पर, वायु तत्व, धार्मिक स्थान पर भ्रमणशील, तमोगुणी, मध्यम कामी
इस राशि के लोगों की प्रकृति: गूढ़ रहस्य का ज्ञानी, गंभीरता, अध्यात्म में रुचि, धर्म का जानकार, परिश्रम से आगे बढऩे वाला, दार्शनिक, विचारों द्वारा सम्मान पाने वाला होता है।
मीन- दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची
राशि स्वरूप: मछली जैसा, स्वामी- बृहस्पति, प्रभुत्व- कालपुरुष के पैरों पर, जल तत्व, सौम्य स्वभाव, बहुकामी, सतोगुणी, शीत प्रकृति, बहुसंतति
इस राशि के लोगों की प्रकृति : सभी को साथ में लेकर चलने की प्रकृति आपको विशेष दर्जा दिलाती है। आकर्षक व्यक्तित्व, धार्मिक गुण, समयानुसार व्यवहार करने वाले होते हैं।
राशि स्वरूप: मछली जैसा, स्वामी- बृहस्पति, प्रभुत्व- कालपुरुष के पैरों पर, जल तत्व, सौम्य स्वभाव, बहुकामी, सतोगुणी, शीत प्रकृति, बहुसंतति
इस राशि के लोगों की प्रकृति : सभी को साथ में लेकर चलने की प्रकृति आपको विशेष दर्जा दिलाती है। आकर्षक व्यक्तित्व, धार्मिक गुण, समयानुसार व्यवहार करने वाले होते हैं।
किस राशि के स्त्री-पुरुष प्रेम-प्रसंग में कैसे होते हैं ?
मेष- स्त्री हो या पुरुष जिन लोगों की राशि मेष है वे अपने प्रेम के प्रति सचेत रहते हैं। ये लोग संबंधियों एवं मित्रों से प्रेम करने वाले होते हैं। अपने व्यवहार से अपने प्रेम पात्र के चहेते होते है। सभी लोगों को उचित मान-सम्मान देकर सभी से सम्मान प्राप्त करते हैं। ये लोग जिससे प्रेम करते हैं उनके दोषों को जानते हुए भी नजर अंदाज कर देते हैं और इसी कारण प्रेम में धोखा भी खा सकते हैं।
वृष- इस राशि के स्त्री-पुरुषों प्रेम में बहुत तेज होते हैं। ये लोग जल्दी ही प्रेम की परकाष्ठा पर पहुंचते है एवं शीघ्र ही समाप्त भी कर देते हैं। इन्हें ज्यादा समय तक प्रेम में धोखे से दुख भी नहीं होता है। यह सभी रिश्तेदारों और संबंधियों से प्रेम करते है किंतु प्रेम में कुछ कमी महसूस करते हैं।
मिथुन- इस राशि के लोग प्रेम-प्रसंग के मामलों में बहुत ही सोच-समझकर ही आगे बढ़ते हैं। इसी वजह से किसी से प्रेम करने के बाद उसे छोड़ते नहीं हैं। ये लोग दूसरों की कही हुई बातों पर विश्वास भी नहीं करते। मित्रों एवं परिजनों को विशेष आदर एवं प्रेम प्रदान करने वाले होते हैं। काफी हद तक इन लोगों को प्रेम की प्राप्ति भी होती है।
कर्क- कर्क राशि के लोग दूसरों को पूरा मान-सम्मान देते हैं। ये लोग परिजनों को प्रेम करने वाले होते हैं। कभी किसी का अपमान नहीं करते। इस राशि के लोगों को संतान की ओर से एवं जीवन साथी की ओर से अटूट प्रेम प्राप्त होता है। कभी-कभी इस राशि के लोगों के घरवाले इनके इनके प्रेम का आदर नहीं कर पाते हैं। इनका स्वभाव साीधा और सरल होता है।
सिंह- सिंह राशि के लोगों का प्रेम आसाधारण होता है। यह लोग प्रेम संबंध को जीवन पर्यन्त निभाते हैं। इन लोगों की मित्रता सीमित होती है लेकिन जिससे दोस्ती होती है उसे पूरी तन्मयता से निभाते हैं। माता-पिता, मित्रों एवं परिजनों से प्रेम करने वाले एवं उनका ख्याल रखते हुए उनको आगे बढ़ाने वाले होते हैं। ये लोग संतान से भी बहुत प्रेम प्राप्त करने वाले होते हैं।
कन्या- इस राशि के स्त्री-पुरुष आकर्षक होते हैं। इन्हें अपने जीवन में सभी से प्रेम की प्राप्ति होती है किंतु रहस्यमयी व्यवहार होने के कारण यह संबंधियों एवं मित्रों के प्रेम से वंचित हो जाते हैं। चंचलता को यह पसंद नहीं करते तथा शिष्टिता से रहने वालों के साथ ही संबंध बनाते हैं। इनका प्रेम स्वार्थी नहीं होता है।
यहां जानिए आपके नाम का पहला अक्षर किस राशि के अंर्तगत आता है और अन्य राशि के नाम अक्षर....
तुला- ये लोग बुद्धि और ज्ञान के मामले में बहुत तेज होते हैं। इस राशि के स्त्री-पुरुष बहुत सोच कर ही मित्र, संबंधी अथवा अन्य लोगों से किसी भी प्रकार का संबंध बनाते हैं। जीवन में एक ही साथी को अपनाते है तथा उस पर अपना पूरा प्रेम न्यौछावर करते हैं। इसी प्रकार का व्यवहार ये लोग अपने साथी से भी चाहते है किंतु ऐसा अक्सर हो नहीं पाता। कभी-कभी इनका जीवन साथी पे्रम संबंधों को ईमानदारी से नहीं निभाता। फिर भी ये लोग अपने प्रेम को जीवन साथी के प्रति कम नहीं करते।
वृश्चिक- इस राशि के जातक अपने प्रेम को पूरी निष्ठा से निभाते हैं। ये लोग प्रेम के बदले सिर्फ प्रेम चाहते हैं लेकिन कुछ लोग इस बात में सफल नहीं हो पाते हैं। कभी-कभी इन्हें यह अहसास भी होता है कि इनके प्रेम का दुरुपयोग हुआ है। माता-पिता के प्रति यह हमेशा प्रेमपूर्ण व्यवहार रखते है। कुछ परिस्थितियों में इन्हें अन्य लोगों द्वारा गलत भी समझा जा सकता है। पिता के साथ कभी-कभी तनाव भी हो सकता है।
धनु- इस राशि के स्त्री पुरुष पे्रमपूर्ण व्यवहार करने वाले तथा सभी को साथ में लेकर चलने वाले होते हैं। सभी को उचित मान-सम्मान देते है एवं सभी सम्मान प्राप्त भी करते हैं। छोटी-छोटी बातों को छोड़ दिया जाए तो जीवन साथी से इन्हें हमेशा प्रेम प्राप्त होता है। इनका स्वभाव सरल होता है।
मकर- जिन लोगों की राशि मकर है वे लोग दूसरों का ध्यान रखने वाले लोगों की ओर बहुत ही जल्दी आकर्षित होते हैं। यदि कोई इंसान इनसे थोड़ी सी भी अच्छी बात कर ले तो ये लोग उसकी ओर मोहित हो सकते हैं। यह सभी से प्रेम करने वाले होते है।
कुंभ- इस राशि के लोग दूसरों को बहुत ही जल्द आकर्षित करने वाले होते हैं। इन्हें प्रेम पात्र को पाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रेम पाने के लिए इन्हें कई प्रकार के संघर्ष भी करना पड़ते हैं। हृदय से यह शुद्ध होते हैं। मित्रता को पूरी निष्ठा से निभाते हैं। ये लोग किसी से कोई अपेक्षा नहीं रखते हैं। अपने कार्य एवं हालात से संतुष्ट रहते हैं और इसी वजह से मान-सम्मान प्राप्त करते हैं।
मीन- मीन राशि के स्त्री-पुरुष आकर्षक होते है। और इसी कारण अक्सर प्रेम संबंध बदल लेते हैं। समय के साथ ही इनके प्रेम की परिभाषा बदल जाती है। हालांकि ये लोग नरम दिल के होते हैं और इसी वजह से सभी इनसे मोहित हो जाते हैं। घर-परिवार के सदस्यों की नि:स्वार्थ भाव से सेवा करना इनका स्वभाव होता है लेकिन परिवार की ओर से उचित प्रेम प्राप्त नहीं कर पाते हैं। इन लोगों को विवाह के बाद जीवन साथी से पूरा प्रेम प्राप्त होता है।
नोट ---भास्कर डाट काम से साभार ..
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