जब मैंने फेसबुक ज्वाइन किया था तो सोचा था की फेसबुक में अच्छे और बुरे इन्सान मिलेगे ..पर यह नहीं सोचा था की इस फेसबुक में उल्लुओ की भरमार है .....जैसे आज ही मैंने एक पोस्ट किया फेसबुक एक ग्रुप "पोल खोल " में जिसमे एक उल्लू बहुत जोर -शोर से आ धमके और उस पोस्ट पर उल्लू गिरी करने लगे ...मैं पहले तो घबरा गया उन उल्लू महाशय से फिर सोचा चलो आज एक उल्लू से भी चर्चा करके देखते है सायद इन उल्लू को कुछ समझ आ जाए ...पर क्या करे बिचारा उल्लू तो आखिर उल्लू ही है ..इसमें उस बेचारे उल्लू का क्या क्या दोष ? जब उस उल्लू को संस्कार ही ऐसे दिया गया उसे सिक्षा ही ऐसे मिली तो क्या करे उल्लू .....तरस आता है इन उल्लुओ पर ....जो पोस्ट से सम्बन्धित विषय पर तो एक सब्द भी नहीं लिखते और ब्याक्तिगत ..आरोप प्रत्यरोप पर आ जाते है ......क्या करे आदत से लाचार है ये उल्लू ....इन उल्लुओ की एक विशेषता होती है ये किसी कार्टून की या हास्य कलाकार की फोटो लगा लेते है ..उन्हें यह नहीं पता की उनकी बुधि भी कुछ इन कार्टूनों की तरह से हो जाती है .....मुझे इन उल्लुओ पर बहुत दया आती है .....ये दया के पात्र है ....... अगर आप कहीं ऐसी जगह बैठे हैं, जहां नामसझ या कम समझदार या उल्लुओ जैसे लोगों की संख्या ज्यादा है, तो वहां सही या अच्छी बात कहने से बचना चाहिए. क्योंकि अगर आप सही बात कहेंगे, तो वे मानेंगे नहीं और अच्छी बात कहेंगे, तो वे समझेंगे नहीं.और अपने उल्लू गिरी से बाज नहीं आयेगे ....ओ बार बार आप पर ब्याक्तिगत हमले करेगे ..और उस में ही अपने बुधिमत्ता समझेगे .... और अगर अपने तर्कों या उदाहरण से आप उन्हें दबाव डाल कर समझाना चाहेंगे, तो उनके बीच आप ही मूर्ख बनेंगे. नुकसान हर हाल में आपका ही होना है, इसलिए जहां भी ऐसी स्थिति रहे, चुप रहना ही आपके लिए बेहतर होगा.....इन्ह उल्लुओ से मुह लगना मतलब खुद भी उल्लू बन जाना ....भाई मुझे नहीं बनना है उल्लू ..आप बने रहे उल्लू .....पर ये उल्लू कभी - कभी दुसरो को भी उल्लू बन जाने के लिए मजबूर करते है ...
अब एक कहानी सुनाता हु ......
एक पेड़ पर एक उल्लू रहता था. एक दिन हंस वहां आ गया. हंस ने स्वभावत: कहा- कितनी अधिक गरमी है. सूर्य भी अपने प्रचंड रूप में है. उल्लू बोला- सूर्य ? कहां है सूर्य ?{जैसे फेसबुक में उल्लुओ को पोस्ट में लिखी बाते नहीं दिखाई देते है } यह गरमी तो अंधकार के कारण है. हंस ने समझाते हुए कहा- सूर्य आकाश में चमकता है. उसी के प्रकाश से गरमी होती है...पर उस उल्लू को समझ नहीं आया उल्लू ने ..न आव देखा और न ही ताव देखा ...न ही वक्त की नजाकत को समझा और उस उल्लू ने कहा- यह नयी बात कहां से ले आये तुम. गरमी तो अंधकार की देन है और प्रकाश नाम की कोई वस्तु नहीं होती. हंस ने कई बार समझाने का प्रयास किया, लेकिन उल्लू ने कहा- कुछ ही दूरी पर उसके बहुत से बहुत मित्र हैं. चलो, वहीं निर्णय होगा. उल्लुओं के दल में जाकर उस उल्लू ने सभी को बताया- यह हंस कहता है कि आकाश में सूर्य होता है और वही प्रकाश तथा गरमी देता है. सब उल्लू जोर-जोर से हंसने लगे और कई चिल्ला कर बोले- सूर्य और प्रकाश का कोई अस्तित्व नहीं है और गरमी तो अंधकार की देन है. हंस ने फिर अपनी बात समझाने का प्रयास किया तो क्रोध में सभी उल्लू पर झपट पड़े, यह कहते हुए कि बंद करो अपनी मूर्खतापूर्ण बातें......
हंस जैसे-तैसे अपनी जान बचा कर भागने में सफल हुआ. उसे आज यह मालूम हो गया था कि उल्लू दिन में नहीं देख सकते.{जैसे फेसबुक में इन उल्लुओ को पोस्ट में लिखी बाते नहीं दिखाई देती और उल -जुलूल बकने लगते है } उसने स्वयं से कहा- प्रकाश अंधकार की बात तो आयी-गयी है, पर आज मैं जान गया कि स्थापित सत्य को अयोग्यों का बहुमत असत्य नहीं कर सकता. जहां बहुमत उल्लुओं का हो, वहां सत्य का प्रतिपादन करना मुश्किल है. मूर्खों के बीच मूर्ख बने रहना ही बेहतर है. समझाने का प्रयास करेंगे, तो नुकसान आपका ही होगा.............
-अतः यह बात पते की है नोट करिए इसे सभी ...यदि उल्लुओ को ज्ञान लेना है तो ओ भी इन बातो पर अमल कर सकते है कोई फीस नहीं लगेगी .....
* जहां बहुमत मूर्खो का हो, वहां सच्चई को साबित करना आसान नहीं होता है.
* मूर्खों के बीच मूर्ख बने रहना ही बेहतर है. जहां आपने समझाने का प्रयास किया, नुकसान आपका ही होगा.
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अब आप इस !! पोल खोल !! ग्रुप की इस पोस्ट पर देखे .
.उल्लू किस तरह से वार्तालाप करते है ...
(पोल खोल ) ग्रुप से दिनाक ९ नवम्बर २०१२
समय सायं ५ बजे के लगभग
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- Seen by 9
- Ashok Pandey अब तो आपके मजे आ गए Nageshwar Singh Baghel जी , आपको पटाखे खरीदने नहीं पड़ेंगे , पीसे बच गए
- Nageshwar Singh Baghel प्रणाम Ashok पाण्डेय जी ......हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा .......जी हां आपने सही फरमाया ..वैसे भी मैं पटाखों में ज्यादा पैसा बर्बाद नहीं करता हु ......
- Ashok Pandey नागेश्वर सिंह जी नमस्कार . ये अच्छी बात है पैसा बचा ही चाहिए .......... लेकिन केजरीवाल ने कोई पटाखा नहीं छोड़ा है , बाबा रामदेव के आन्दोलन का चुरया हुआ एक छोटा सा हिस्सा है , जैसे आप किसी की पोस्ट चुरा लेते हैं ... ऐसे लोगो को चोरकट कहते हैं
- Nageshwar Singh Baghel भाई साहब चोरकट तो हम सभी है .....क्योकि हम सभी ने अपने जीवन में कभी न कभी चोरी जरुर किया है ....वह चोरी कौन सी है ...याद कर लेगे तो ......पता चलेगा की चोर तो है ....
- Ashok Pandey हाँ , कुछ चोर ऐसे होते हैं जो चोरी भी करते है और सीना जोरी भी करते है , आप भी , उसमे से तो नहीं हैं ?
- Anish Sharma mujhe nahin lagataa ki baba k paas is mudde ko pranav tak ko jod sakane ke link uplabdh honge
- Ashok Pandey ना , कभी नहीं , मैं आपके साथ कभी नहीं हो सकता , आपकी बुद्धि केवल ऐसे लोगो में चलती है जो आपसे दिमाग में कम और उम्र में छोटे होते है .. आप मास्टर हैं कूंए के मेढक ..
- Nageshwar Singh Baghel यदि मैं अरविन्द केजरीवाल होता तो इन नेताओं को कहता की ...हंसों ना !
खूब हंसों
सब हंस रहे है
तुम पीछे कैसे ?
हंसों ना !...See More - Anish Sharma Nageshwar Singh Baghelji aaj hum na chaah kar bhi kejriwal k khulason ko andekha kar sakate hain..
aaj congress ka samvaad shivir utnii surkhiyan nahin bator paayega jitna ki yeh khulasaa.. - Nageshwar Singh Baghel Ashok Pandey जी मैं तो कुए का मेढक हु ....पर आप कहा के शेर है ?#
Ashok Pandey ना , कभी नहीं , मैं आपके साथ कभी नहीं हो सकता , आपकी बुद्धि केवल ऐसे लोगो में चलती है जो आपसे दिमाग में कम और उम्र में छोटे होते है .. आप मास्टर हैं कूंए के मेढक ..
12 minutes ago · Like - Nageshwar Singh Baghel अशोक जी आपको अपने आप पर अहंकार है आप उसे सम्हाल कर रखिये ......और मेरी बुधि को छोडिये अपनी बुध्ही को देखिये ////
- Ashok Pandey आपने खुद को मेढक माना है बाघेला जी , मैं खुद को शेर बताया ही नहीं .. चोर की दाढ़ी में तिनका और मूछ में खिजाब
- Nageshwar Singh Baghel FB में लगभग मेरे से कम उम्र की ही लोग मिलते है ..रहे दिमाग की बात तो FB में दिमाग नापने का कौन सा पैमाना है आपके पास ,,,मिझे भे दे दीजिये मैं भी नाप लू आपका दिमाग .....
- Ashok Pandey ना , बाघेला जी ऐसा नहीं है फेसबुक पर आप से बड़ा अहंकारी कोई है ही नहीं , मैं आज तक किसी और से पर्सनल हुआ ही नहीं शिवाय आपके
- Ashok Pandey नागेश्वर जी मैं तो आपके दो कमेंट्स से ही पता कर लेता हूँ की आपका दिमाग किस परिस्थिति में काम कर रहा है
- Nageshwar Singh Baghel ये आपकी इर्षा की भावना है मेरे प्रति ......इसमें आपका कोई दोष नहीं है ......आप तो ......बहुत अछे इंसान है ....आप तो महान है .....हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा 'http://htcedws.blogspot.in/2011/12/blog-post_6546.html
इस ब्लॉग में मेरा उद्देश्य है की हम एक आम नागरिक की समश्या.सभी के सामने रखे ओ चा...
हे चारित्रिक हो या देश से संबधित हो !आज हम कई धर्मो में कई जातियों में बटे है और इंसानियत कराह रही है, क्या हम धर्र्म और जाति से ऊपर उठकर सोच सकते इस देश के लिए इस भारतीय समाज के लिए ? सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निर...See More - Ashok Pandey अब आपकी सहनशक्ति समाप्त हो गई है इसलिए हसने अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं बचा है , थोड़ी देर में पोस्ट डिलीट करके चलते बनेंगे
- Nageshwar Singh Baghel Ashok Pandey जी ये आपकी इर्षा की भावना है मेरे प्रति ......इसमें आपका कोई दोष नहीं है ......आप तो ......बहुत अछे इंसान है ....आप तो महान है .....हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा हा हा हा हा .हा http://htcedws.blogspot.in/2011/12/blog-post_5289.html
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- Nageshwar Singh Baghel Ashok Pandey जी लगता है की अब आपके लिए आपके नाम स इक ब्लॉग लिखना पड़ेगा मुझे ......हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा अह अह....http://htcedws.blogspot.in/2012/06/blog-post_13.html
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हे चारित्रिक हो या देश से संबधित हो !आज हम कई धर्मो में कई जातियों में बटे है और इंसानियत कराह रही है, क्या हम धर्र्म और जाति से ऊपर उठकर सोच सकते इस देश के लिए इस भारतीय समाज के लिए ? सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निर...See More - Ashok Pandey बाघेला जी ,इम्प्रेसन ज़माने के लिए धन्यवाद , लेकिन आपको समझने के लिए आपके दो कमेंट्स काफी ये तो मैं पहले भी बता चूका हूँ
यारो आपको सभी को बहुत बहुत धन्यवाद ..इस पोस्ट को इतने बड़ी संक्या में पढ़ने के लिए ....
जवाब देंहटाएं!! उल्लुओ से सावधान इनके बीच सही बात कहने का कोई अर्थ नहीं..!!
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