वर्तमान समय मेँ हमारा देश चारोँ ओर से भयंकर समस्याओं से घिरा हुआ है ! चीन, बंगलादेश, पाकिस्तान, जब भी मौका मिलता है भारत को घायल करने में कोई कसर नहीँ छोड़ते है ! केन्द्र में बैठी यूपीए सोनिया पार्टी की सरकार कबूतर की तरह आँखें बंद किए बैठी है ...भ्रष्टाचारी सरकार के अन्दर और बाहर मौज कर रहेँ हैं ,लगभग सभी राजनातिक दलों में ..जो पकड़ाया ओ चोर जो नहीं पकड़ाया ओ इमानदार ...... राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल अपना कार्यकाल पूरा करके शून्य उपलब्धि के साथ यूपीए का पूरा साथ देकर विदा हो गई हैँ... झारखंड में छ्तीस्गड़ में नक्सलियों , माओवादियोँ के हाथोँ भारत माता के कई जवान शहीद होते रहते है हैं ....उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के एक थाने में पुलिसकर्मियों द्वारा एक महिला को जबरदस्ती शराब पिलाकर सामूहिक बलात्कार किया गया है ... असम में भड़की हिँसा थमने का नाम नहीं ले रही ..हिँसा थमी भी तो बाढ़ ने रौद्र रूप लेलिया ..... राजस्थान में एक प्रेमी जोड़े के साथ जिस प्रकार का शर्मनाक व्यवहार किया गया तथा लड़की को नंगा कर पेड़ से बांध कर पीटा गया वह समाज के मुंह पर एक तमाचा है .....पर इसे कुछ समाज जन अपनी नाक से जोडकर देख रहे है .... गुवाहाटी मेँ एक लड़की को सरे बाजार जिस नृशंसता के साथ बेईज्जत किया जाता है उसे क्या कहेँ ???
अकेले बुजुर्गों ,माहिलाओ की हत्या तथा लूटपाट तो आम बाते हैं जिन्हेँ कोई तवज्जो नही दी जाती ...सामान्य समाचार बन गया है .... कुल मिला कर देखेँ तो आज देश मेँ कोई भी सुरक्षित नहीँ हैँ ....! सरकार चला रहे बड़े नेता जनता के पैसे पर ऐश कर रहे हैं ...! अपने चारोँ ओर सुरक्षा कर्मियोँ की भीड़ लगाकर चैन की नींद सोये रहना ही इनका काम है ..जनता जाए भाड़ मेँ...........
प्रतिभा पाटिल जी की विदाई के बाद अब उनकी जिम्मेवारियोँ को पूरी निष्ठा के साथ संभालने के लिए अब प्रणव दा आ गए हैं ..! प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी की तरह वे भी सोनिया जी पार्टी के लिए पूरी ऊर्जा से काम करेँगे मुझे पूरी आशा है उनके राष्ट्रपति चुने जाने के बाद दिल्ली, कोलकाता व देश के अन्य भागोँ मेँ उनके समर्थकोँ के जश्न मनाने के समाचार तो आपने भी सुना होगा ..हद और सरम तो और उस समय बढ़ गई जब लोगो ने क्या मीडिया ने भी प्रणव दा को एक जाति विशेष से तौल कर देखा ...प्रणव दा की जाति के लोग खुस है की मेरी जाति का राष्ट्रपति बना .... साथ ही उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर मुर्दाबाद के नारे भी बुलन्द हो चुके हैं .....
लगता है देश को एक संगठित गिरोह द्वारा बड़े योजनाबद्ध तरीके से लूटा जा रहा है ..! इसने देश की सत्ता की ताकत को भी अपने मेँ समाहित कर लिया है ! वर्तमान मेँ कोई भी इसको चुनौती देने मेँ सक्षम नहीँ हो पा रहा है ............
देश की अन्य राजनैतिक शक्तियाँ क्षेत्रवाद तथा जातिगत आधार पर सीमित हो गई है ....
अन्ना तथा रामदेव के आन्दोलन अलग अलग दूरियां बनाकर किए जा रहे हैं .....((हलाकि के इन दोनों के नजदीक आने की भी सुगबुगाहट सुनाई दे रही है ))... विपक्षी इन मुद्दोँ पर अपनी अपनी राय देकर यूपीए का काम आसान कर रहे हैं.. भाजपा राष्ट्रपति चुनाव मेँ अपना प्रत्याशी तय न कर पाकर संगमा के पिछे खड़े होकर अपनी फजीहत करवा चुकी है .....और उपराष्ट्रपति पद के लिए बलि का बकरा भी बनाया जा चूका है ....पर क्या करे ? बकरे के अम्मा कब तक खैर मनायेगी ???
जबतक सभी देशभक्त शक्तियाँ एक राष्ट्रीय पहचान तथा दिशा को लेकर नहीँ चलेंगी तबतक ऐसे ही कुटिल राजनेता अपना उल्लू सीधा करते रहेंगे...लेकिन समस्या नेतृत्व की भी है ..जब देश को क्षमतावान सच्चा नेतृत्व मिलेगा तो वोटोँ ध्रुवीकरण होगा जिससे सभी समस्याओँ का निराकरण होगा ..इसके लिए देश की जनता को जागरूक होकर अभी और प्रतीक्षा करनी पड़ेगी ...
बहुसंख्य हिन्दु समाज की सहिष्णुता ही उसकी कमजोरी बन गई है ......और तथाकथित अल्पसंख्यक की एकता के क्या कहने ....पर किन मुद्दों पर एकता है आपको पता ही होगा . सभी समस्याओँ की जड़ इस आत्मघाती प्रवृति मेँ हैं ...
सरकार तथा राजनीतिक दल अल्पसंख्यक वोट बैँक में बंधक बन गए हैं ... जब तक विशाल हिन्दु समाज अपना वोट बैंक बनाकर संगठित नहीँ हो जाता तबतक ऐसी ही हिन्दु विरोधी नीतियां इस देश में चलती रहेंगी .....पर सवाल यह है ,की विशाल हिन्दु समाज एक होगा ?
कभी कश्मीर, आज असम तो भविष्य मेँ देश के अन्य भागोँ मे यही दुर्दशा हिन्दुओँ की होने वाली है ...आज असम को दूसरा कश्मीर बनाने वालोँ को सबक सिखाने की आवश्यकता है .....पर यह सबक याद है आपको ???
अकेले बुजुर्गों ,माहिलाओ की हत्या तथा लूटपाट तो आम बाते हैं जिन्हेँ कोई तवज्जो नही दी जाती ...सामान्य समाचार बन गया है .... कुल मिला कर देखेँ तो आज देश मेँ कोई भी सुरक्षित नहीँ हैँ ....! सरकार चला रहे बड़े नेता जनता के पैसे पर ऐश कर रहे हैं ...! अपने चारोँ ओर सुरक्षा कर्मियोँ की भीड़ लगाकर चैन की नींद सोये रहना ही इनका काम है ..जनता जाए भाड़ मेँ...........
प्रतिभा पाटिल जी की विदाई के बाद अब उनकी जिम्मेवारियोँ को पूरी निष्ठा के साथ संभालने के लिए अब प्रणव दा आ गए हैं ..! प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी की तरह वे भी सोनिया जी पार्टी के लिए पूरी ऊर्जा से काम करेँगे मुझे पूरी आशा है उनके राष्ट्रपति चुने जाने के बाद दिल्ली, कोलकाता व देश के अन्य भागोँ मेँ उनके समर्थकोँ के जश्न मनाने के समाचार तो आपने भी सुना होगा ..हद और सरम तो और उस समय बढ़ गई जब लोगो ने क्या मीडिया ने भी प्रणव दा को एक जाति विशेष से तौल कर देखा ...प्रणव दा की जाति के लोग खुस है की मेरी जाति का राष्ट्रपति बना .... साथ ही उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर मुर्दाबाद के नारे भी बुलन्द हो चुके हैं .....
लगता है देश को एक संगठित गिरोह द्वारा बड़े योजनाबद्ध तरीके से लूटा जा रहा है ..! इसने देश की सत्ता की ताकत को भी अपने मेँ समाहित कर लिया है ! वर्तमान मेँ कोई भी इसको चुनौती देने मेँ सक्षम नहीँ हो पा रहा है ............
देश की अन्य राजनैतिक शक्तियाँ क्षेत्रवाद तथा जातिगत आधार पर सीमित हो गई है ....
अन्ना तथा रामदेव के आन्दोलन अलग अलग दूरियां बनाकर किए जा रहे हैं .....((हलाकि के इन दोनों के नजदीक आने की भी सुगबुगाहट सुनाई दे रही है ))... विपक्षी इन मुद्दोँ पर अपनी अपनी राय देकर यूपीए का काम आसान कर रहे हैं.. भाजपा राष्ट्रपति चुनाव मेँ अपना प्रत्याशी तय न कर पाकर संगमा के पिछे खड़े होकर अपनी फजीहत करवा चुकी है .....और उपराष्ट्रपति पद के लिए बलि का बकरा भी बनाया जा चूका है ....पर क्या करे ? बकरे के अम्मा कब तक खैर मनायेगी ???
जबतक सभी देशभक्त शक्तियाँ एक राष्ट्रीय पहचान तथा दिशा को लेकर नहीँ चलेंगी तबतक ऐसे ही कुटिल राजनेता अपना उल्लू सीधा करते रहेंगे...लेकिन समस्या नेतृत्व की भी है ..जब देश को क्षमतावान सच्चा नेतृत्व मिलेगा तो वोटोँ ध्रुवीकरण होगा जिससे सभी समस्याओँ का निराकरण होगा ..इसके लिए देश की जनता को जागरूक होकर अभी और प्रतीक्षा करनी पड़ेगी ...
बहुसंख्य हिन्दु समाज की सहिष्णुता ही उसकी कमजोरी बन गई है ......और तथाकथित अल्पसंख्यक की एकता के क्या कहने ....पर किन मुद्दों पर एकता है आपको पता ही होगा . सभी समस्याओँ की जड़ इस आत्मघाती प्रवृति मेँ हैं ...
सरकार तथा राजनीतिक दल अल्पसंख्यक वोट बैँक में बंधक बन गए हैं ... जब तक विशाल हिन्दु समाज अपना वोट बैंक बनाकर संगठित नहीँ हो जाता तबतक ऐसी ही हिन्दु विरोधी नीतियां इस देश में चलती रहेंगी .....पर सवाल यह है ,की विशाल हिन्दु समाज एक होगा ?
कभी कश्मीर, आज असम तो भविष्य मेँ देश के अन्य भागोँ मे यही दुर्दशा हिन्दुओँ की होने वाली है ...आज असम को दूसरा कश्मीर बनाने वालोँ को सबक सिखाने की आवश्यकता है .....पर यह सबक याद है आपको ???
पर ध्यान रहे मैं देश में कट्टरता बढाने के लिए नहीं जगा रहा हु बल्कि देश को बचाने के लिए जगा रहा हु ..........
अतः जागो , कहीँ देर न हो जाए …
अतः जागो , कहीँ देर न हो जाए …
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