सोमवार, 24 मार्च 2025

राणा सांगा ने बाबर को आमंत्रण दिया क्या ?

अहमद यादगार एक अफगानी इतिहासकार थे जिसने एक किताब लिखी है - तारीख ऐ सलतनत ऐ अफ़ग़ान। इस किताब के एक अंश पर निगाह फेरनी जरुरी है। 

कालखंड - 
बाबर काबुल में मौजूद है और अपने लड़के कामरान के निकाह की तैयारी में मशरूफ है। 

देहली में सुल्तान इब्राहिम लोधी सत्ताशीन है - उसका चाचा दौलत खान लोदी पंजाब का सूबेदार है. सुल्तान ने अपने चाचा को देहली बुलवाया और चाचा ने खुद ना जाकर अपने लड़के दिलावर खान को भेज दिया। सुल्तान इब्राहिम लोदी अपनी हुक्मउदूली देख नाखुश हुआ और उसने अपने चचाजाद को पकड़ने का हुक्म दिया। दिलावर वहां से जान बचा कर भगा और लाहौर आ अपने बाप को इतिल्ला दी। बाप - दौलत खान लोदी की पेशानी पर चिंता साफ़ थी - सुल्तान उसे ना बख्शेगा - अब सुल्तान को देहली की गद्दी से पृथक करने में ही उसकी और उसके लड़के की जान बच सकेगी। दौलत खान लोदी ने तुरंत दिलावर खान और आलम खान को काबुल रवाना किया जहाँ बाबर शाह मौजूद था। 

काबुल में पहुंच दिलावर ने चार बाग़ में बाबर से मुलाकात की। बाबर ने उस से पुछा- तुम ने सुल्तान इब्राहिम का नमक खाया है तो ये गद्दारी क्यों ?

दौलत खान लोदी के लड़के ने उत्तर दिया - लोदी कुनबे ने चालीस साल तक सत्ता संभाली है किन्तु सुल्तान इब्राहिम ने सब अमीरो के साथ बदसलूकी की है - पच्चीस अमीरों को मौत के घाट उतार दिया है किसी को फांसी पर लटका कर , किसी को जला कर। उसकी खुद की जान के वांदे है - और उसे अनेक अमीरों ने बाबर से मदद मांगने भेजा है। 

निकाह में मशरूफ बाबर ने एक रात को मोहलत मांगी और चार बाग़ में इबादत की - आए मौला , मुझे राह दें - कुछ हिंट दे कि हिन्द पर हमला कर सकूँ। बाबर ने दुआ में कहा - यदि हिन्द में होने वाले आम और पान यदि उसे तोहफे में दिए जाएंगे तो वो मान लेगा कि खोदा चाहता है कि वो हिन्द पर आक्रमण करें। 

अगले दिन - दौलत खान के दूतों ने उसे अधपके आम जो शहद में डूबे हुए थे- पेश किये। 
 
ये देख बाबर उठ खड़ा हुआ - आम की टोकरी देख वो सजदे में झुक गया और अपने सिपहसालारों को हिन्द पर कूच करने का हुक्म दिया. 

ये है कहानी बाबर को न्योता देने की - दौलत खान लोदी द्वारा - अपने बेटे की जान बचाने हेतु. 

इस कहानी का रिफरेन्स दो किताबों से आप देख सकते है -

१- annette बेवरिज की अनुवादित बाबरनामा से - इस किताब से वो पन्ना भी पोस्ट में सगंलग्न देखिये. 
२- एलियट एंड डॉब्सन की किताब हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया वॉल्यूम पांच में इसी अफगानी इतिहासकार का सन्दर्भ बिलकुल यही है।

अब भी इस साक्ष में किंतु परंतु अगर मगर , अरे ऐसा नहीं है, घंट पिंट पचास बहाने पेश करने वाले भी मिल जाएँगे- लेकिन सत्य तो यही है- कि बाबर आम देख हिन्द पे हमले करने को लालायित हो गया था। 

आम- ही वो अभियुक्त है जिसने बाबर को ललचाया।

शनिवार, 11 जनवरी 2025

मुस्लिम लड़कियों के हिंदू पति

सुनील दत्त - नर्गिस
संजय दत्त - दिलनवाज शैख़ (मान्यता)
ऋतिक रोशन - सुजेन खान
अतुल अग्निहोत्री - अलविरा खान
रोहित राजपाल - लैला खान
किशन चंदर - सलमा सिद्दीकी
नाना चुडास्मा - मुनिरा जसदानवाला
अजय अरोरा - सिमोन खान
आदित्य पंचोली - ज़रीना वहाब
अजीत आगरकर - फातिमा घन्दिल्ली
सुनील शेट्टी - माना कादरी
सचिन पायलेट - उमर अब्दुलल्ला की बहन
अरुण आहूजा (गोविंदा के पिताजी ) - नजीम
शिरीष कुंदर - फरहा खान
सुंदर c - खुशबू
अरुण गवली - आयशा
मनोज वाजपेयी - शबाना रजा
पंकज कपूर - नीलिमा अज़ीम
गुंडू दिनेश राव - तबस्सुम
अनिल धारकर - इम्तिआज़ गुल
शशि रेखी - वहीदा रहमान
राज बब्बर - नादिरा ज़हीर
कर्नल सोढ़ी - नफीसा अली
मयूर वाधवानी - मुमताज़
रंधावा - मलिका खान
विष्णु भागवत - निलोफर
किशोर कुमार - मधुबाला (मुमताज़ बेगम)
v s नाइपाल - नादिया
कबीर सुमन - सबीना यास्मिन
राजीव राय - सोनम (बख्तावर)
बी आर इशारा - रेहाना सुल्तान
समीर नेरुकर - तसनीम शैख़
अनुराग मोदी - शमीम
कमलेश्वर नाथ सहगल - जोहरा खान
विक्रम मेहता - तसनीम
सौमिल पटेल - अनीता अय्यूब
भारत चन्द्र नारा - जहा आरा चौधरी
टीनू आनंद - शहनाज
एम एस सथ्यु - शमा जैदी
रवि शंकर - रोशन आरा
प्रदीप चेरियन - फौजिया फातिमा
पंकज उधास - फरीदा
के एन सहाय - जाहिदा हुसैन
ब्रिज सदाना - सईदा खानम
निर्मल पांडे - कौसर मुनीर
विजय गोविल - तबस्सुम
अमित मोइत्रा - नाहिद करीमभॉय
रूप के शोरी - खुर्शीद जहाँ
हंसलाल मेहता - सफीना हुसैन
कुमुद मिश्रा - आयशा रजा
रणजीत बेदी - नाजनीन
मनोज प्रभाकर - फरहीन
रोहित रामकृष्णनन - शबनम मिलवाला
गनपत लाल भट्टी - शमशाद बेगम
आर के पूरी - शहनाज़ हुसैन
टी के सप्रू - ताजोर सुल्ताना
रमेश भगवे - जैनब
महेश कौल - चाँद उस्मानी
किशोर शर्मा - मलिका बानो
चमन लाल गुप्ता - असगरी बाई
राजा बहाद्दुर शिवेंद्र सिंह - यमन खान
हेमंत भोंसले - साजिदा
विवेक नारायण - सोनिया जहाँ
सारनाथ बेनर्जी - बेनी आबिदी
अशोक काक - जबीं जलील
सुमेध राजेंद्रन - मासूमाँ सय्यद
धीरज सिंह - सहर जहाँ
गौरव करण - फातिमा मेहंदी
मनीष तिवारी - नाजनीन शिफा
शिरीष गोडबोले - ज़रीना मोइदु
इन्द्रजीत गुप्ता - सुरैया
सीताराम येचुरी - सीमा चिश्ती
नरसिंह ज्ञान बहाद्दुर - जुबैदा बेगम
सुमित सहगल - शाहीन
अर्जुन प्रसाद - परनिया कुरैशी
बालगन्धर्व - गोहर जान कर्नाटकी
रणजीत मल्होत्रा - रुबीना बक्षी
गजेन्द्र चौहान - हबीबा रहमान
राजीव राव - सोनिया फतह
संजय भौमिक - सबा नकवी
पी जी सतीश - शकीला
मलिन गज्जर - उमैमा बंदूकवाला
सचिन उपाध्याय - नाजिया युसूफ
राजिव सिंह - सनोबर कबीर
रितेश पंड्या - रोही मिर्ज़ा
विन्दु - फरहा नाज़
अनिल विश्वास मेहरुन्निसा
कुणाल खेमू - सोहा अली खान