गुरुवार, 13 नवंबर 2025

चाय वाला....

सोनिया जी की नाराजगी तो बस 'ट्रेलर' है—मेन फिल्म तो चाणक्य नीति की है! चाणक्य ने कहा था: "जब जड़ गहरी हो, तो पेड़ मत काटो—तेजाब डालो, धीरे-धीरे सूखने दो।" वाजपेयी जी ने कुल्हाड़ी नहीं चलाई, बल्कि 'महानता' का 'खाद-पानी' डाला—सोनिया का पेड़ और हरा-भरा हो गया। लेकिन चाय वाला? वो चाणक्य का 'असली शागिर्द' निकला! कुल्हाड़ी नहीं, तेजाब की बोतल लिए घूम रहा है। और तेजाब? वो है—गोपनीयता, प्रोटोकॉल, कानून की बराबरी, और सबसे बड़ा—धर्मांतरण पर ब्रेक!
चाणक्य नीति: "शत्रु की शक्ति का स्रोत पहले सूखाओ, फिर वार करो।"सोनिया का 'आभा मंडल' विदेशी मेहमानों से मिलता था। वाजपेयी जी 'राजधर्म' के नाम पर पानी देते रहे। चाय वाले ने पानी बंद कर दिया। विदेश मंत्रालय को सख्त ऑर्डर: "सोनिया से मिलना? नहीं चाहिए!" अब कोई मेहमान 10 जनपथ की 'चाय' तक नहीं पीता। जड़ का पहला हिस्सा सूखा—अंतरराष्ट्रीय वैधता खत्म!

 "शत्रु के वारिस को कमजोर करो।"पहले राहुल बोस्टन में पकड़े जाते—to वाजपेयी जी बुश को फोन: "छोड़ दो, हमारा प्रिंस है!" अब? चाय वाला फोन उठाता तक नहीं। "कानून सबके लिए बराबर!" राहुल अब 'आम यात्री' की तरह चेकिंग में खड़े होते हैं। जड़ का दूसरा हिस्सा सूखा—वारिस की 'रॉयल इम्युनिटी' गई!

 कतार में महारानी चाणक्य  "शत्रु को उसकी औकात दिखाओ—धीरे-धीरे।"51 साल बाद सोनिया धूप में कतार में! पासपोर्ट ऑफिस, राशन कार्ड, बैंक—कहीं VIP नहीं। चाणक्य की तरह चाय वाला ने 'समानता का तेजाब' डाला। जड़ का तीसरा हिस्सा सूखा—'महारानी' से 'आम आदमी' की यात्रा पूरी!

नंबर-4 NSCN संधि—चुपचाप, गोपनीय चाणक्य: "शत्रु को खबर तक न लगे, तब तक वार करो।"NSCN से संधि—बिना शोर, बिना लीक! सोनिया को कानो-कान खबर नहीं। पहले तो 'मनमोहन सरकार से शुरू हुआ' का बहाना बना लेतीं। अब? मुंह बंद। जड़ का चौथा हिस्सा सूखा—गोपनीयता का 'मास्टरस्ट्रोक'!

 क्रिश्चियन इवैंजेलिस्ट पर ब्रेकचाणक्य: "शत्रु की विचारधारा की जड़ पर प्रहार करो।"तीन दशक से सोनिया के 'आशीर्वाद' से चर्च को उत्तर-पूर्व में 'फ्री रन' था। 'किंगडम ऑफ क्राइस्ट' का सपना। चाय वाले ने धर्मांतरण कानून, FCRA सख्ती, और NSCN संधि से वेटिकन की जड़ पर तेजाब डाला। पोप साहब रो रहे हैं, सोनिया चिल्ला रही हैं: "ये मेरी धार्मिक भावनाओं का अपमान है!" जड़ का पांचवां हिस्सा सूखा—ईसाई मिशनरी का 'अनाधिकृत साम्राज्य' ढहा!

लेकिन पेड़ काटा क्यों नहीं?चाणक्य: "भारत में भावनाएं जल्दी आहत होती हैं।"पेड़ काटोगे तो 'प्रकृति प्रेमी' लिपट जाएंगे—कहेंगे: "अरे, बेचारी विदेशी बहू! गरीब विधवा!" भले पेड़ ने 10 साल लूटा हो, छांव 'हराम की' हो। चाय वाला चालाक है—तेजाब डाल रहा है, धीरे-धीरे। पत्ते गिर रहे हैं, जड़ सुख रही है—और 'प्रकृति प्रेमी' सो रहे हैं।

अंतिम चाय वाला खुद!चाणक्य का अंतिम सूत्र: "शत्रु की जड़ तब तक न सूखे, जब तक तुम स्वयं मजबूत न बनो।"चाय वाला रोज 'चाय' पी रहा है—लेकिन वो चाय नहीं, सोनिया की जड़ का तेजाब है!सोनिया जी, नाराज मत होइए—ये तो चाणक्य का खेल है।और खेल अभी बाकी है,

जय श्री राम

सोमवार, 13 अक्टूबर 2025

संविधान किसने लिखा ??

भारतीय संविधान सभा 389 सदस्य थे ।
9 दिसम्बर 1946 को प्रथम बैठक,26 नवम्बर को संविधान तैयार हुआ....
 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे
  अध्यक्ष--- डॉ राजेन्द्र प्रसाद
    उपाध्यक्ष... एच. मुखर्जी
  संवैधानिक 
 सलाहकार... बी.एन.राव
  कुल 13 समितियां
 (1) संघ शक्त समिति....सदस्य नेहरू आदि
 (2)संविधान समिति.... नेहरू आदि
  (3) राज्यों के लिए समिति... नेहरू आदि
  (4) राज्यों,रियासतों से परामर्श समिति... सदस्य पटेल आदि
   (5) मौलिक अधिकार एवं अल्पसंख्यक समिति... पटेल आदि
   ( 6) प्रांतीय संविधान समिति... पटेल आदि
   ( 7) मौलिक अधिकार उपसमिति...जे.वी.कृपलानी
   ( 8) झण्डा समिति... जे.वी.कृपलानी
   (9) प्रक्रिया नियम समिति....राजेन्द्र प्रसाद आदि
   (10) सर्वोच्च न्यायालय संबंधित समिति... राजेन्द्र प्रसाद आदि
   (11) प्रारूप सविधिक समिति.... अल्लादी कृष्ण स्वामी अय्यर
   (12) संविधान समीक्षा आयोग..एम.एन.वैकटाचलैया
   ( 13) प्रारूप समिति.....
 1.... मोहम्मद सादिला
 2....अल्लादी कृष्णस्वामी
 3... एन.गोपाल स्वामी अय्यर
 4....एन.माधवाचार्य
 5.... कन्हैयालाल माणिक्य लाल मुंशी
 6.....टी.टी.कृष्णमाचारी
 7..... भीमराव रामजी अंबेडकर

 आरक्षण की रोटी खाने वाले कहता है संविधान को भीमराव अंबेडकर, बाबा साहेब ने बनाया
  तो फिर 388 सदस्यों ने क्या किया-? क्या नेहरु, पटेल, राजेंद्र प्रसाद, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, बी एन राव जैसे कानून विद् प्याज छिल रहे थे????
अंबेडकर का हस्ताक्षर 26 वे स्थान पर क्यो है????
   13 समितियां थी उसमें से केवल एक समिति के 7 वें सदस्य ने ही संविधान बनाया-?
     तो फिर अन्य 388 सदस्यों ने 2 वर्ष,11 माह,18 दिन क्या किया-? संविधान का ड्राफ्ट बनाने वाले बी एन राव जिनकी 343 आर्टिकल आज भी संविधान में मौजूद हैं , वो क्या थे??????? संविधान सभा के एडवाइजर मतलब जो एडवाइस किया, वही लिखा गया। चाहे कोई कमिटी प्रमुख रहा।
नेहरु, पटेल और राजेन्द्र प्रसाद जो तीन तीन संवैधानिक कमेटी अध्यक्ष थे, एक मामूली कमिटी अध्यक्ष अंबेडकर को संविधान निर्माता क्यो???
   किसी भी विद्वान,बुद्धिजीवी,ज्ञानी...प्रबुद्ध जन को पता हो तो कृपया देश को बताने का कष्ट करे कि एक कमिटी का अध्यक्ष बड़ा होता है या सम्पूर्ण संविधान सभा अध्यक्ष?? सम्पूर्ण संविधान सभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद जी क्या चाय बनाते थे??????
वोट बैंक साधने के खेल में संविधान कमिटी कलर्क को संविधान निर्माता का दुष्प्रचार फैलाया गया।
कमिटी और सभा का अंतर तो जानो।
 मूल कॉपी पर सबसे ऊपर राजेंद्र प्रसाद जी और सबसे अंत में प्रमुख शिल्पकार बी एन राव का हस्ताक्षर है।
    वोट बैंक साधने के खेल में अंबेडकर का फर्जी प्रोपेगेंडा फैलाया गया ।
    ब्रिटिश पार्लियामेंट ने सरवन राव को 19 जुलाई 1946 को ही संविधान निर्माण का जीवन सौंप दिया और संविधान की चार कमेटियों का गठन राव ने किया जिसमें दो के अध्यक्ष नेहरू और दो के अध्यक्ष पटेल थे ।
 संविधान सभा के सभी जीते हुए सदस्यों ने 4 दिसंबर 1946 को शपथ लिया जिसके 167 बैठ के अर्थात 14 महीने बाद बाबा साहब अंबेडकर संविधान सभा के सदस्य बने तब तक बी एन राव ने 243 आर्टिकल संविधान का प्रस्तावना उद्देश्य प्रस्ताव बनाकर तैयार कर दिया था

  जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳🇮🇳