मंगलवार, 1 अक्टूबर 2013

गुजरात के साथ केंद्र सरकार का का दोहरा मापदंड


आज सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार और कांग्रेस को , गुजरात के सीएनजी के मूल्य पर खूब लताड़  खानी पड़ी |

मित्रो, आप जानकर चौक जायेंगे की केंद्र की कांग्रेस सरकार गुजरात को दुसरे राज्यों से सीएनजी गैस ३०% ज्यादा महंगी देती है ..जबकि देश गुजरात के दहेज में ही एलएनजी पेट्रोनेट कम्पनी का टर्मिनल है जहाँ पर गैस आती है और पुरे देश को सप्लाई होती है |

जब तक केंद्र में वाजपेई जी की सरकार थी तब तक पुरे देश के किसी भी राज्य के साथ केंद्र भेदभाव नही करती थी भले ही किसी राज्य में कांग्रेस की सरकार हो या बीजेपी या किसी और दल की .... लेकिन जबसे ये नीच और दोगले कांग्रेसियो ने केंद्र पर सत्ता जमाये इन्होने मोदी सरकार को बदनाम और अलोकप्रिय करने के लिए गुजरात में सीएनजी का भाव ३०% बढ़ा दिया और इन दोगलो की हिम्मत देखिये उल्टे ही गुजरात कांग्रेस के नेता झूठवाडिया और जाहिल और हटेला, भागेला जैसे लोग जनता के बीच ये दुष्प्रचार फ़ैलाने लगे की गुजरात सरकार गुजरात की जनता से साथ अन्याय कर रही है |

केंद्र सरकार ने इस भेदभाव के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में एक पीआईएल दायर की गयी ..गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि केंद्र सरकार गुजरात को उसी मूल्य पर सीएनजी दे जिस मूल्य पर वो दिल्ली और मुंबई को देती है ... लेकिन नीच कांग्रेस सरकार ने इस फैसले के खिलाफ इसे हाईकोर्ट की तीन जजों की बेंच में चैलेंज किया .. फिर गुजरात हाईकोर्ट ने तीनो जजों ने आदेश दिया की केंद्र सरकार किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नही कर सकता | केंद्र सरकार को उसी मूल्य पर गुजरात को भी गैस देना होगा जिस मूल्य पर वो दुसरे राज्यों को देती है |

हाईकोर्ट ने इस आदेश के बाद गुजरात सरकार ने केंद्र से अपील किया की इस मामले को केंद्र अब सुप्रीमकोर्ट में चैलेंज न करे बल्कि हाईकोर्ट के आदेश को मानते हुए गुजरात को भी उसी मुल्य पर गैस दे जिस मूल्य पर केंद्र दुसरे राज्यों को देता है | नरेंद्र मोदी जी ने गुजरात की जनता की भलाई के लिए गुजरात कांग्रेस के सभी बड़े नेताओ को पत्र लिखकर उनसे अपील किया की आप मेरे लिए नही बल्कि गुजरात की जनता के हित और भलाई के लिए दलगत राजनीती से उपर उठकर अपनी कांग्रेस की केंद्र सरकार से अपील करे की वो गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को मानते हुए गुजरात को उसी मूल्य पर गैस दे जिस मूल्य पर केंद्र दुसरे राज्यों को देती है ताकि गुजरात में गैस के दाम ३०% कम हो सके |

     केंद्र सरकार गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में गयी और आज केंद्र की कांग्रेस सरकार को सुप्रीमकोर्ट में भी लज्जित होना पडा    
 सुप्रीमकोर्ट ने तो और भी कड़क वलन अपनाते हुए केंद्र से सवाल पूछा की क्या वो गुजरात को देश का एक हिस्सा नही मानती ?? इस पर एटार्नी जनरल वहावनटी बगले झाँकने लगे |

सुप्रीमकोर्ट ने आदेश दिया की अभी और आज से ही गुजरात को केंद्र उसी मूल्य पर गैस दे जिस मूल्य पर वो दुसरे राज्यों को देता है ...

मित्रो, मुझे सबसे ज्यादा दोगलापन गुजरात कांग्रेस के नेताओ में दिखती है ... क्योकि हर एक टीवी डिबेट पर अर्जुन मोढ्वाडिया और शक्तिसिंह गोहिल आकर गुजरात की जनता से इस मामले में बेशर्मी से झूठ पर झूठ बोलते थे ... वो तो गुजरात की प्रजा बहुत समझदार है क्योकि उसने इन दोनों महाझूठे नेताओ के पिछवाड़े लात मारकर इन्हें घर पर बिठा दिया है ..

सोमवार, 30 सितंबर 2013

वर्ण परिवर्तन के कुछ उदाहरण

राह्मण, क्षत्रिय,वैश्य और शूद्र वर्ण की सैद्धांतिक अवधारणा गुणों के आधार पर है, जन्म के आधार पर नहीं | यह बात सिर्फ़ कहने के लिए ही नहीं है, प्राचीन समय में इस का व्यवहार में चलन था | जब से इस गुणों पर आधारित वैज्ञानिक व्यवस्था को हमारे दिग्भ्रमित पुरखों ने मूर्खतापूर्ण जन्मना व्यवस्था में बदला है, तब से ही हम पर आफत आ पड़ी है जिस का सामना आज भी कर रहें हैं|

वर्ण परिवर्तन के कुछ उदाहरण -

(a) ऐतरेय ऋषि दास अथवा अपराधी के पुत्र थे | परन्तु उच्च कोटि के ब्राह्मण बने और उन्होंने ऐतरेय ब्राह्मण और ऐतरेय उपनिषद की रचना की | ऋग्वेद को समझने के लिए ऐतरेय ब्राह्मण अतिशय आवश्यक माना जाता है |

(b) ऐलूष ऋषि दासी पुत्र थे | जुआरी और हीन चरित्र भी थे | परन्तु बाद में उन्होंने अध्ययन किया और ऋग्वेद पर अनुसन्धान करके अनेक अविष्कार किये |ऋषियों ने उन्हें आमंत्रित कर के आचार्य पद पर आसीन किया | (ऐतरेय ब्राह्मण २.१९)

(c) सत्यकाम जाबाल गणिका (वेश्या) के पुत्र थे परन्तु वे ब्राह्मणत्व को प्राप्त हुए |

(d) राजा दक्ष के पुत्र पृषध शूद्र हो गए थे, प्रायश्चित स्वरुप तपस्या करके उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया | (विष्णु पुराण ४.१.१४)
अगर उत्तर रामायण की मिथ्या कथा के अनुसार शूद्रों के लिए तपस्या करना मना होता तो पृषध ये कैसे कर पाए?

(e) राजा नेदिष्ट के पुत्र नाभाग वैश्य हुए | पुनः इनके कई पुत्रों ने क्षत्रिय वर्ण अपनाया | (विष्णु पुराण ४.१.१३)

(f) धृष्ट नाभाग के पुत्र थे परन्तु ब्राह्मण हुए और उनके पुत्र ने क्षत्रिय वर्ण अपनाया | (विष्णु पुराण ४.२.२)

(g) आगे उन्हींके वंश में पुनः कुछ ब्राह्मण हुए | (विष्णु पुराण ४.२.२)

(h) भागवत के अनुसार राजपुत्र अग्निवेश्य ब्राह्मण हुए |

(i) विष्णुपुराण और भागवत के अनुसार रथोतर क्षत्रिय से ब्राह्मण बने |

(j) हारित क्षत्रियपुत्र से ब्राह्मण हुए | (विष्णु पुराण ४.३.५)