इस ब्लॉग में मेरा उद्देश्य है की हम एक आम नागरिक की समश्या.सभी के सामने रखे ओ चाहे चारित्रिक हो या देश से संबधित हो !आज हम कई धर्मो में कई जातियों में बटे है और इंसानियत कराह रही है, क्या हम धर्र्म और जाति से ऊपर उठकर सोच सकते इस देश के लिए इस भारतीय समाज के लिए ? सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वें भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद दुःख भाग्भवेत।।
!! दुर्भावना रहित सत्य का प्रचार :लेख के तथ्य संदर्भित पुस्तकों और कई वेब साइटों पर आधारित हैं!! Contact No..7089898907
बुधवार, 26 दिसंबर 2012
!! कांग्रेस की डिवाइड & रूल पोलिसी:!!
1.
2008 के महारास्त्र के इलेक्शन में राज ठाकरे को अपने मीडिया पॉवर से हीरो
बनाया। कांग्रेस विरोधी वोट शिव सेना + बीजेपी vs मनस (MNS) में बट गए।
सरकार कांग्रेस की बनी। कांग्रेस ने डिवाइड और रूल अपनाया क्योकि 2008 के
मुंबई हमलो के बाद कांग्रेस की अपने बलबूते जीतने की सम्भावन बहुत कम थी।
2. 2012 के गुजरात के इलेक्शन में केशु भाई पटेल को अपनी मीडिया पॉवर
से हीरो बनाया। कांग्रेस विरोधी वोट बीजेपी और गुजरात विकास पार्टी के बीच
बट गए। कांग्रेस को 2 सीट ज्यादा मिले, बीजेपी को 2 सीते कम और कांग्रेस
को नेट फायदा हुआ लेकिन सरकार कांग्रेस की नहीं बन पाई। कांग्रेस ने डिवाइड
और रूल अपनाया क्योकि नरेन्द्र मोदी के विकास कार्यो के कारन गुजरात में
कांग्रेस के जीतने की संभावना बहुत कम थी। ...
3. 2014 के लोकसभा इलेक्शन के लिए अरविन्द केजरीवाल को अपनी मीडिया पॉवर
से हीरो बनाया। कांग्रेस विरोधी वोट बट रही है "बीजेपी" और "आम आदमी
पार्टी" के बीच। कांग्रेस को बहुत ज्यादा फायदा होने की उम्मीद बताई जा रही
है। अरविन्द केजरीवाल के सहयोग से 2014 में कांग्रेस की सरकार बंनने के
बहुत ज्यादा संभावना है। कांग्रेस फिर से डिवाइड और रुल अपना रही है क्योकि
कांग्रेस पार्टी के घोटालो, महंगाई, अत्याचारों इत्यादि के कारन कांग्रेस
के जीतने की सम्भावना बहुत कम दिख रही है।
कांग्रेसी मीडिया के
दिखावे पर मत जाओ, अपनी अकल लगाओ !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें