इस ब्लॉग में मेरा उद्देश्य है की हम एक आम नागरिक की समश्या.सभी के सामने रखे ओ चाहे चारित्रिक हो या देश से संबधित हो !आज हम कई धर्मो में कई जातियों में बटे है और इंसानियत कराह रही है, क्या हम धर्र्म और जाति से ऊपर उठकर सोच सकते इस देश के लिए इस भारतीय समाज के लिए ? सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वें भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद दुःख भाग्भवेत।।
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बुधवार, 9 मई 2012
!! महगाई बढ़ने में इस सरकार का क्या दोष ?
मुझे समझ नहीं आता लोग क्यों सरकार को बुरा भला बोलते है ,ये सरकार जो भी कर रही है हमारे भले के लिए ही तो कर रही है अब देखो सब्जी इतनी महगी कर दी की आप खरीद ही न सको यानि ज्यदातर उपवास करो आप की सेहत सही रहेगी पेट्रोल महंगा कर दिया ताकि आप कुछ पैदल भी चलो किस के लिए आप की सेहत के लिए दूध महंगा कर दिया क्योकि मिलावटी दूध पीने से आप बीमार पड़ सकते हो अब ये
इतना महंगा कर देगे की आप खरीद ही न पाओ ..किस लिए आप की सेहत के लिए इतना तो ध्यान रखती है आप का,और आप लोग बस .कुछ भी बोलते रहते हो सरकार को..हा हा हा हा हा हा हा हा ......बेचारी सरकार आखिकार कब तक
महगाई को रोके ? आप तो रोज रोज नए नए जीव इस धरती में लाये जा रहे हो क्या
सरकार ने कहा था की इस जीव को लाओ इस धरती पर भूखा मरने के लिए महगाई के
नाम पर रोने के लिए ....आज एक शिशु पैदा होता है तो क्या रोता है ..हाय
महगाई ..हाय महगाई ...हाय हाय ........और माँ चुप करती है और कहती है की
चुप हो जा बेटा दूध बहुत महगा है और खून बहुत सस्ता है इस महगाई में चुप हो
जा मत रो .... ............
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