गुरुवार, 25 सितंबर 2014

मुस्लिम महिलाओ को कॉमन सिविल कोड के लाभ


1. मुस्लिम महिलाओ का  पति घर बैठे तीन बार ''तलाक ! तलाक !! तलाक''  कहकर पत्नी को घर से नही निकल सकेगा ।
2. यदि निकाला तो हिन्दू तलाकशुदा महिलाओ कि भांति उसे एक निश्चित राशि पत्नी कि देना होगी, जो तलाकशुदा मुश्लिम महिलाओ को नही मिलती । 
3. तलाकशुदा मुस्लिम महिला  को मात्र मेहर मिलता है जो जीवन यापन के लिए एक दो वर्ष भी नही चलता
4. कॉमन-सिविल कोड लागू हो गया तो पत्नी कि तलाक देने के लिए कोर्ट के चक्कर लगाते मुसलमानो के जूते घिस जायेंगे ।
5. मुस्लिम महिला को आज तलाक देने का अधिकार नही है ।  वह उसे मिल जाएगा । घुट- घुट कर मरना नही पड़ेगा ।
6. मुसलमान लड़की को आज पिता कि संपत्ति में मात्र एक तिहाई का   अधिकार है वह बराबरी का हो जायेगा ।
7.मुस्लिम महिला के पति द्वारा तलाक दिए जाने पर तीन माह तक इद्दत कि मुद्दत पूरी होने के बाद ही दूसरी शादी कर सकती है ।  कॉमन सिविल कोड लागू होते ही पति द्वारा तलाक दिए जाने पर तुरंत विवाह कर सकेगी ।
8. भूल-चुक हो जाने पर या गलती से क्रोध में पति के मुंह से तीन बार तलाक निकल जाने पर निरपराध मुस्लिम महिला पुनः अपने पति के साथ नही रह सकती ।  उसे तीन माह बाद किसी दूसरे से निकाह करना पड़ता है, उससे तलाक दिए जाने पर फिर तीन माह बाद अपने पूर्व पति से विवाह कर सकती है ।  इस झंझट से मुक्ति मिलेगी  बिना कोर्ट में गये तलाक मान्य नही होगा और बीच में किसी दूसरे कि पत्नी बननें और शरीर अपवित्र करने कि बाध्यता भी नही होगी और नए पति ने यदि तलाक नही दिया तो आजीवन न चाहते हुए भी उसकी पत्नी बन रहना होगा। 
9. निकाह हराम हो जाने कि स्थित  में स्त्री अपने विवाहित पति के पास नही रह सकती उसे किसी दूसरे से निकाह कि रश्म अदायगी नही करनी पड़ती है। 

10. बैंगलोर में ७००० और मुम्बई ५००० मुस्लिम लड़किओं ने अपने क्लब बना आजीवन विवाह न करने का निश्चय कर लिया है  सारे संसार कि पड़ी लिखी मुस्लिम महिलाये कुंवारी रहना पसंद कर रही है  उन्हें सरियत से निकाह कर जीवनभर पति कि गुलामी पसंद नही   कॉमन सिविल कोड से उन्हें पुरुष कि गुलामी से मुक्ति मिल जायेगी । 

11. ससुर द्वारा बलात्कार किये जाने पर पति के लिए अपनी पत्नी हराम हो जाती है, वह माँ मान ली जाती है । ससुर को कोई दंड नही मिलता ।  कॉमन सिविल कोड से इस मानवताहीन प्रथा से मु.महिला मुक्त हो जायेगी । 

12. पति के कहीं खो जाने पर भी मुस्लिम महिला कहीं दूसरा विवाह नही कर सकती  उसे अपने पति कि ६३ वर्ष कि आयु हो जाने पर ही दूसरे निकाह कि अनुमति मिलती है  तब तक बेचारी स्वयं बूढी हो जाती है, विवाह व्यर्थ सा हो जाता है । 

13. आज मुसलमान अपनी अच्छी भली, सुंदर, पढ़ी-लिखी, कामकाज में चतुर, आज्ञाकारी, इनकी पीढ़ी चलाने वाली पत्नी होते हुए  भी, दूसरी, तीसरी, चौथी पत्नी ले आते  है ।  न पत्नी उसे रोक सकती है न न्याय व्यवस्था यह सरियत कि मुसलमान पुरुषो को दी गयी सहूलियत है  जब कॉमन-सिविल कोड बन जाएगा तो मु. महिला सोतन कि कुंठा से मुक्त होंगी उसका पति दूसरी पत्नी ला नही सकेगा । 

जरा कॉमन सिविल कोड के लाभ मुस्लिम महिलाओ तक पहुंचा कर तो देखिये| 

शनिवार, 20 सितंबर 2014

अकबरनामा में जोधा का कहीं कोई उल्लेख या प्रचलन नही है


 1 - अकबरनामा(Akbarnama) में जोधा का कहीं कोई उल्लेख या प्रचलन नही है।।(There is no any name of Jodha found in the book "Akbarnama" written by Abul Fazal )
 2- तुजुक-ए-जहांगिरी /Tuzuk-E-Jahangiri(जहांगीर की आत्मकथा /BIOGRAPHY of Jahangir) में भी जोधा का कहीं कोई उल्लेख नही है(There is no any name of "JODHA Bai"Found in Tujuk -E- Jahangiri ) जब की एतिहासिक दावे और झूठे सीरियल यह कहते हैं की जोधा बाई अकबर की पत्नि व जहांगीर की माँ थी जब की हकीकत यह है की "जोधा बाई" कापूरे इतिहास में कहीं कोइ नाम नहीं है, जोधा का असली नाम {मरियम- उल-जमानी}( Mariam uz-Zamani ) था जो कि आमेर के राजा भारमल के विवाह के दहेज में आई परसीयन दासी की पुत्री थी उसका लालन पालन राजपुताना में हुआ था इसलिए वह राजपूती रीती रिवाजों को भली भाँती जान्ती थी और राजपूतों में उसे हीरा कुँवरनी (हरका) कहते थे, यह राजा भारमल की कूटनीतिक चाल थी, राजा भारमल जान्ते थे की अकबर की सेना जंसंख्या में उनकी सेना से बड़ी है तो राजा भारमल ने हवसी अकबर बेवकूफ बनाकर उस्से संधी करना ठीक समझा , इससे पूर्व में अकबर ने एक बार राजा भारमल की पुत्री से विवाह करने का प्रस्ताव रखा था जिस पर भारमल ने कड़े शब्दों में क्रोधित होकर प्रस्ताव ठुकरा दिया था , परंतु बाद में राजा के दिमाग में युक्ती सूझी , उन्होने अकबर के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और परसियन दासी को हरका बाइ बनाकर उसका विवाह रचा दिया , क्योकी राजा भारमल ने उसका कन्यादान किया था इसलिये वह राजा भारमल की धर्म पुत्री थी लेकिन वह कचछ्वाहा राजकुमारी नही थी ।। उन्होंने यह प्रस्ताव को एक AGREEMENT की तरह या राजपूती भाषा में कहें तो हल्दी-चन्दन किया था ।।
 3- अरब में बहुत सी किताबों में लिखा है written in parsi ( “ونحن في شك حول أكبر أو جعل الزواج راجبوت الأميرة في هندوستان آرياس كذبة لمجلس”) हम यकीन नहीं करते इस निकाह पर हमें संदेह है ।।
 4- ईरान के मल्लिक नेशनल संग्रहालय एन्ड लाइब्रेरी में रखी किताबों में इन्डियन मुघलों का विवाह एक परसियन दासी से करवाए जाने की बात लिखी है ।।
 5- अकबर-ए-महुरियत में यह साफ-साफ लिखा है कि (written in persian “ہم راجپوت شہزادی یا اکبر کے بارے میں شک میں ہیں” (we dont have trust in this Rajput marriage because at the time of mariage there was not even a single tear in any one's eye even then the Hindu's God Bharai Rasam was also not Happened ) "हमें इस हिन्दू निकाह पर संदेह है क्यौकी निकाह के वक्त राजभवन में किसी की आखों में आँसू नही थे और ना ही हिन्दू गोद भरई की रस्म हुई थी ।।
 6- सिक्ख धर्म के गुरू अर्जुन और गुरू गोविन्द सिंह ने इस विवाह के समय यह बात स्वीकारी थी कि (written in Punjabi font - “ਰਾਜਪੁਤਾਨਾ ਆਬ ਤਲਵਾਰੋ ਓਰ ਦਿਮਾਗ ਦੋਨੋ ਸੇ ਕਾਮ ਲੇਨੇ ਲਾਗਹ ਗਯਾ ਹੈ “ ) कि क्षत्रीय , ने अब तलवारों और बुद्धी दोनो का इस्तेमाल करना सीख लिया है , मत्लब राजपुताना अब तलवारों के साथ-साथ बुद्धी का भी काम लेने लगा है ।।( At the time of this fake mariage the Guru of Sikh Religion " Arjun Dev and Guru Govind Singh" also admited that now Kshatriya Rajputs have learned to use the swords with brain also !! )ैै
7- 17वी सदी में जब परसि भारत भ्रमन के लिये आये तब उन्होंने अपनी रचना (Book) " परसी तित्ता/PersiTitta " में यह लिखा है की "यह भारतीय राजा एक परसियन वैश्या को सही हरम में भेज रहा है , अत: हमारे देव (अहुरा मझदा) इस राजा को स्वर्ग दें " ( In 17 th centuary when the Persian came to India So they wrote in there book (Persi Titta)that " This Indian King is sending a Persian prostitude to her right And deservable place and May our God (Ahura Mazda) give Heaven to this Indian King .ं
8- हमारे इतिहास में राव और भट्ट होते हैं , जो हमारा ईतिहास लिखते हैं !! उन्होंने साफ साफ लिखा है की " गढ़ आमेर आयी तुरकान फौज ,ले ग्याली पसवान कुमारी ,राण राज्या राजपूता लेली इतिहासा पहली बार ले बिन लड़िया जीत (1563 AD )।"मत्लब आमेर किले में मुघल फौज आती है और एक दासी की पुत्री को ब्याह कर ले जाती है, हे रण के लिये पैदा हुए राजपूतों तुमने इतिहास में ले ली बिना लड़े पहली जीत 1563 AD (In our Rajputana History our History writers were "Raos and Bhatts " They clearly wrote "Garh Amer ayi Turkaan Fauj Le gyali Paswaan Kumari , Ran Rajya Rajputa leli itihasa Pehlibar le bin ladiya jeet !! This means that when Mughal army came at Amer fort their Emperor got married with persian female servant of RajputsThe Rajputs who born for war And in history this was the first time that the Rajput has got a victory without any violence
9-यह वो अकबर महान था जिसके समय मे लाखों राजपुतानी अपनी इज्जत बचाने के लिये जोहर की आग में कूद गई ( अगनी कुन्ड में )कूद गई ताकी मुघल सेना उन्हे छू भी ना सके , क्या उनका बलिदान व्यर्थ हे जो हम उस जलाल उद्दीन मोहोम्मद अकबर को अकबर महान कहते हे सिर्फ महसूर कर माफ कर देने के कारण भारतीय व्यापारीयों ने उसे अकबर महान का दर्जा दिया !!अब ये बात बताईये की क्या हिन्दूस्तान में हिन्दूओं पर तीर्थ यात्रा पर से कोई टेक्स हटा देना कौन सी बड़ी महानता है , यह तो वैसे भी हमारा हक था और बेवकूफ व्यापारीयों ने एक कायर को अकबर महान का दर्जा दि (हिन्दूस्तान पर राज करने के लिये अकबर ने अपने दरबार में नौ लोगों को नवरत्न बनाया जिसमे 4 हिन्दू थे । राजा मान सिंह जो कि अकबर के समकालीन थे और अकबर के नवरत्नो में से एक थे उन्होंने अकबर से हिन्दूओं पर से तीर्थ यात्रा(महसूर)कर माफ करने की मांग उठाई सत्ता के लालची अकबर को डर था क्यौ कि उसके 4 रत्न हिन्दू थे और अगर वह मान सिंह की मांग को खारिज कर देता तो बाकी के हिन्दू रत्न उसके लिये काम छोड़ सक्ते थे क्यों की अकबर की झूटी सेक्यूलर छवी का असली चहरा सामने आजाता (और सच्चाई भी यही थी की वह एक कट्टरवादी और डरपोक(फट्टू) किस्म का शासक था उसको यह बात पता थी कि हिन्द पर कट्टर छवी के बदोलत राज नही किया जा सक्ता यही वजह थी की उसके पूर्वज हिन्द पर राज ना कर सके थे इस बात को समझते हुए अकबर ने हिन्दू राजाओं में फूट डालने का राजनितिक तरीका अपनाया ) और उसका हिन्दुस्थान पर शासन का सपना अधूरा रह सक्ता था इस बात के भय से उसने तीर्थ यात्रा कर(टेक्स) हटा दिया ।।यह वो समय था जब राणा प्रताप, राणा उदय सिंह,दुर्गा दास, जयमल और फत्ता(फतेह सिंह) जैसे वीर सपूत हुए , यह वही समय था जब रानी दुर्गावती रानी भानूमती रानी रूप मती जैसी वीर राजपुतानीयो ने अकबर से युद्घ लड़ा !!
10- मुघलों ने जब चित्तौड़ किले पर आक्रमण किया तब मात्र 5,000 से 10,000 राजपूत किले पर मैजूद थे जिन से अकबर ने 50,000 से 80,000 मुघलों को लड़वाया , मत्लब साफ है की अकबर राजपुताना से बराबरी से लड़ने की दम नहीं रखता था , इस युद्ध में जयमल सिंह राठौढ़ मेड़तिया और फतेह सिंह सिसौदिया ने अकबर के दांत खट्टे कर दिये थे । उस युद्ध में अकबर की आधी से ज्यादा सेना को राजपूतों ने मौत के घाट उतार दिया था और भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाया था इस नुकसान को देखकर खिस्याए अकबर ने चित्तौड़ के लगभग 25,000 गैर इस्लामिक परिवारों को मौत के घाट उतरवा दिया था ।। लाखों मासूमों के सर कटवा दिये , लाखों औरतोको अपने हरम का शिकार बनाया इस युद्ध के दौराम 8,000 राजपुतानीयाँ जैहर कुण्ड में प्राण त्याग जिन्दा जल गईं ।।नोट- अकबर ने राजपूतों के आपसी मन मुटाव का फाएदा उठाया क्यो की वह जान्ता था कि आपसी फूट डालकर ही क्षत्रीय से लड़ा जा सक्ता हे।।
11 .- 1947 की आजादी के बाद पं नेहरू को यह डर था कि जम्म् -कश्मीर के राजा हरी सींह ने जिस तरह अपने क्षेत्र पर अपना अधिपथ्य और राज पाठ त्यागने से मना कर दिया था उसी तरह कहीं बाकी की क्षत्रीय रियासतें फिरसे अपना रूतबा कायम कर देश पर अपना अधिपथ्य स्थापित ना कर लें इसलिए भारतीय इतिहास में से राजपूताना , मराठा , जाट व अन्य हिन्दू जातीयों के गौरवशाली इतिहास को हटा कर मुघलों का झूटा इतिहास ठूस(भर) दिया ताकी क्षत्रीय जातीयों का मनोबल हमेशा इस झूटे इतिहास को पड़ के गिरता रहे , लेकिन कुछ बहादुर वीरों के कारनामे छुपाए भी नही छुप सके जैसै राणा प्रताप , क्षत्रपती शिवाजी व जाट् सामराज्य।अगर मुघल कभी राजपूतों से जीत पाए थे तो सिर्फ मेवाड़ के राणा प्रताप से हल्दी घाटी युद्घ में अकबर की इतनी बड़ी सेना क्यों नही जीत पाई जब की उस वक्त राणा जी मेवाड़ भी खो चुके थे अत: उनकी आधी सेना मुघलों के चितौड़ आक्रमण में ही समाप्त हो चुकी थी बावजूद इसके नपुंसक व हवसी अकबर क्यों नही जीत पाया ।। अत: क्यों अकबर ने कभी राणा प्रताप का सामना नही किया !! क्योकी जो राणा का मात्र भाला ही 75 किलो का हो जो राणा रणभूमी में 250 किलो से अधिक वजन के अश्त्र शश्त्र लेके पूरा दिन रणभूमी में एसे लड़ता हो जैसे खेल रहा हो उसका सामना करना मौत का सामना करने के बराबर हे और यह बात अकबर को तब पता चली जब राणा प्रताप ने अकबर के सबसे ताकतवर सेनापती व सेना नायक बहलोल खाँ को अपने भाले के प्रथम प्रहार में नाभी से गरदन तक के धड़ को सीध में फाड़ दिया था ।। इस घटना की खबर सुनकर अकबर इतना डर गया की वह स्वयम कभी राणा प्रताप से नही लड़ा अब जरा यह सोचिए की सिर्फ कुछ वीरों ने अकबर की सेना को इस तरह नुकसान पहुचाया तो क्या किसी भी तुर्क मुघलिया, अफगानी या कोइ अन्य नपुंसक किन्नर फौज में इतना दम था कि पूरे राजपूताना , पूरा मराठा व सम्पूर्ण जाटों से लड़ पाते !! ना तो इनमें इतना साहस था ना ही शौर्य इन्का साहस तो गंदे राजनितिक कीड़ो ने झूटी किताबों में लिखवाया है !!
12 - प्रथवीराज रासो जो कि चंद्रबरदाई (प्रथवी राज के दरबार में मंत्री) द्वार की गई रचनात्मक किताब को राजनितिक तरिके से पहले उसके साक्षों को नष्ट करवा दिया गया बाद में एतिहासिक दर्जे से हटा कर मात्र पौराणिक कहानी सिद्ध करवा दिया ।नोट - भारतीय इतिहास मे लिखित तौर पर सिर्फ उन वंशों का भारी जिक्र हे जिनके वंश और रियासत पूर्ण रूप से समाप्त हो चुकीं है मत्लब इनके गौरवशाली इतिहास से पंडित नेहरू की सत्ता को कोइ भी क्षती नही पहुचनी थी क्यों की राजपूत , मराठा और जाट इत्यादी यह वो ताकतवर रियासतें हें जिनका अस्तित्व आज भी जीवित है ।। े
13 - मात्र बुंदेला राजपूतों ने मराठों के साथ मिलकर अपने सामराज्य से अकबर के पुत्र एवं उत्तराधिकारी जहांगीर ( कच्छवाहा राजपूतों की परसियन दासी मरियम-उज्-जवानी का पुत्र था ) को अपने राज्य क्षेत्र से खदेढ़ दिया था ।।
14- जहांगीर की माँ व अकबर की बेगम मरियम उज्जवानी(जोधा) अगर राजपूत होती तो अपने पुत्र जहांगीर को बुंदेला राजपूत व मराठों से कभी लड़ने ना देती !! और वैसे भी किसी तुर्की का विवाह किसी असली राजपूत से कर दिया जाए तो वह या तो क्रोध से मर जाएगा या फिर अपने रहते उस तुर्क को जिंन्दा नहीं रहने देगा ।।
15 - अब सवाल यह उठता है की अजकल के यह मन घड़ित नाटक(सीरियल) क्यों चलाए जाते है यह इसलिए क्यों की यह इतिहास के किसी भी पन्ने में दर्ज नही है कि मरियम जिसे हम जोधा बोलते हैं वह राजपूत थी दूसरी बात ये की यह एक विवादित मुद्दा है जिसका राजपूत समुदाय कड़ा विरोध करता है इसलिये यह विवादों में आ जाता है और इस झूटे सीरियल को फ्री की प्बलिसिटी मिल जाती है जिसका लाभ प्रोड्यूसर(एकता कपूर) को मिल जाता है !! और कुछ मासूस हिन्दू लड़कियाँ इस झूठी लव स्टोरी वाले सीरियल को देखकर अकबर के प्रती इम्प्रेस हो जाती है जो की एक कायर और एक अत्याचारी व क्रूर शासक था जिसने लाखों औरतों को अपने हरम का जबरन शिकार बनाया उनकी मजबूरियों का फाएदा उठाकर ।।और आजकल की मोर्डन लड़कियाँ बड़े आसानी से लव जिहाद ( इसका मत्लब धर्म को बड़ाना ज्यादा से ज्यादा लोगों को मुसलमान बनाना मार के जबरन या प्यार से भी ) का शिकार बन जातीं है और किसी बी मुसलमान लड़के के झूटे प्यार में फस जातीं है , बाद में जों होता है उसे में यहाँ लिख नही सक्ता लेकिन इन सब के पीछे इस्लामिक कट्टरता और धार्मिक राजनीति होति है जिसमें वर्षो से कान्ग्रेस का हाथ रहा है लिकिन हकीकत तो यही ह मित्रों की अकबर एक क्रूर व अत्याचारी शासक था !! जिसने अपना झूटा इतिहास लिखवाया और मरियम(जोधा) जो कि खुद एक दासी होकर भी अकबर की बेगम नहीं बनना नही चाहती थी ।।ँ
16- अकबर की अकबरनामा जिसे कुछ मूर्ख अकबर की आत्मकथा कहते है वह उसकी आत्मकथा नहीं कहला सक्ती क्योकी आत्म कथा एक मनुष्य खुद लिखता है और अकबर एक अनपढ़ शाषक था अकबर नामा के रचनाकार मोहोम्मद अबुल फजल थे जो की अकबर के उत्तीर्ण दर्जे ( उच्च कोटी ) के चाटुकार थे अब अगर वो उसमें ये भी लिख देते की अकबर आसमान के तारे गिनने की क्षमता रखता था तो आप आज एक्झाम में इस प्रश्न को भी पढ़ रहे होते ।।
17 क्षत्रपती शिवाजी ने ओरंगजेब के कई बार दांत खट्टे किये और उससे कई महत्वपूर्ण राज्य छीन लिए और अपने राज्य को स्वतंत्र राज्य बनाया ।। मालुम हो कि शिवाजी ने अपना सामराज्य का जमीनी स्तर से विस्तार किया था जब की औरंगजेब को सत्ता विरासत में मिली थी और शिवाजी ने अपने सामराज्य को इस कदर ताकतवर बनाया कि मुघल आँख उठाकर देखने की भी चेष्ठा ना करें बाद में ओरंगजेब ने संधी करने के लिए शिवाजी को आगरा बुलाया और छल पूर्वक शिवाजी को बंधी बना लिया और आगरा किले में कैद कर लिया और शिवाजी के सभी राज्यों को हड़प लिया अंत: शिवाजी काराग्रह से भाग गए और अपने सभी राज्य ओरंगजेब से छीन लिए ।।

18- औरंगजेब को जब अकबर का विवाह दासी की पुत्री से होने वाली बात पता चली तो उसने अकबर के द्वारा हटाए गए जिजया कर(tax for non muslims) और महसूर कर(tax for hindus for doing tirath तीर्थ) को दोबारा चलवाया इसके साथ - साथ उसने इस्लामिक कट्टरवाद को बड़ावा दिया जो कि मुघलिया सल्तनत के पतन का कारण बनी अंत: राजपूतों , मराठों , जाटों ने मिलकर मुघलों को खत्म कर डाला और यह थी इतिहास की पहली क्रांती इसके बाद अंग्रेजों का विस्तार हुआ जिन्हें मुघलों ने ही निमंत्रण दिया था ।।
19- नेशनल जियोग्रेफिक(National Geographic Channel) चैनल पर (डेड्लीलीएस्ट वारीयर/Deadliest warrior) नाम के कार्यक्रम में बहुत से विदेशी इतिहासकारों ने दावा किया है की हल्दीघाटी त्रतीय युद्घ में राणा प्रताप की 20,000 की जन संख्या वाली सेना जिसमे ब्राहमण वैश्य शूद्र व सभी जाती के लोग अकबर की 60,000 की आबादी वाली सेना से लड़े थे जिसमें युद्ध का कोई परिणाम नही निकला या ये कह लो की अकबर की सेना को रण भूमी छोड़ भागना पड़ गया ।।ेयाद रहे विक्कीपेडिया पर लिखी हर बात सच नहीं होती आप खुद भी उसमे मेनिपुलेशन (Manipulation)कर सक्ते हैं !! क्षत्रीयों का इतिहास क्षत्रीय बता सक्ते है और मुघलों का इतिहास कोन्ग्रेस ।। 

कुछ लोग हार के भी जीत जातेहैं, कुछ लोग जीत के भी हार जाते है नहीं दिखते अकबर के बुत कहीं ,राणा के घोड़े हर चौराहे पे नजर आते हैं..||

साभार --आर्यावर्त भारत 


वैसे तो कई कोशिशें की दुनिया ने हमें बदनाम करने के लिये लेकिन एक सच ये भी है ।।

मंगलवार, 16 सितंबर 2014

सोलंकी राजपूतो के उप कुल और ठिकाने



1. Balnot - बालन के वंशज Kirtipal (राजा Kumarpal के बड़े भाई) के पुत्र. वे मध्य प्रदेश में Rajatshan, Ghargaon, दही, (इंदौर के पास) में Dharmraj में टोडा, Tordi में रहते हैं.
2. Mehalgota - बालन, Mahelu के चौथे वंश के वंशज. उनकी जागीर Kekadi (अजमेर) था.
3 Kherada -. Bheem (बालन के 4 वंशज) के वंशज इस प्रकार Kherada कहा जाता है, Jahajpur (मेवाड़) में Kherada के क्षेत्र पर शासन किया. Mandalgadh किला चित्तौड़ पर अकबर के अभियान के दौरान उनके कब्जे में था.
. 4 Nathawat - बालन, Nathaji की 9 वीं descdendant की सन्तान. ज्यादातर वे बूंदी राज्य में Jagirs धारण कर रहे हैं. मुख्य thikanas Patanra, Naingaon, Hungori हैं. वे बूंदी न्यायालय के Davi Misal में सीटों (बाएँ सीटें) कर रहे हैं.
5 Veerpura -. बालन के 3 वंशज Lunawada (ब्रिटिश कब्जे के दौरान 9 तोपों की सलामी) की रियासत की स्थापना की जो Veerbhanu था. Lunawada अलावा, Veerpura सोलंकी Pawagadh, Sutrampur, राधनपुर की जागीर रखती है.
6 Bhojawat -. 7 पीढ़ियों के प्रत्यक्ष खून में गुजरात के राजा Tribhuvanpal द्वितीय, के प्रत्यक्ष वंशज. त्रिभुवन की 7 पीढ़ी के बाद, भोज राजपूताना में सत्तारूढ़, राजा बन गया. उसके वंश Bhojawat Solankis हैं. यह गुजरात के शासन के बाद अस्तित्व में जो सबसे शक्तिशाली हावी और प्रसिद्ध उप कबीले है. मेवाड़ में Solankis की Thikanas के अधिकांश Bhojawat Solankis के हैं.
1. Shankarot - भोज के परपोते, शंकर सिंह Jhilwara का ठिकाना प्रदान की गई थी. उसके वंश Jhilwara और मेवाड़ में कई अन्य गांवों में रहते हैं.
2. SavantSinghot - शेखर सिंह के छोटे भाई पंडित सिंह था. उन्होंने Desuri और उसके descdendant का ठिकाना Savantsinghot हैं प्रदान की गई थी. Patvi ठिकाना Roopanagar, बडा 32 मेवाड़ के Thikanas और भी ohter Thikanas Jojawar और मेवाड़ और मारवाड़ में कई अन्य गांवों में से एक है.
3. KhetSinghot - SavantSingh का पुत्र खेत सिंह था. उन्होंने Balisa की लड़ाई में निधन हो गया था.उसके वंश Siryari दिए गए लेकिन उस मारवाड़ बलों द्वारा लिया गया था और वे Sansari और मणि का ठिकाना दिए गए.
4. HamirSinghot - SavantSingh के बेटे, Hamir सिंह के वंशज. वे Somesar में रहते हैं.
5. Dela - सावंत सिंह के बेटे, Dela मालवा में Javara में अपने क्षेत्र की स्थापना की. अपने खिताब रावत और उसके वंश मालवा में Abarwada की जागीर, Khojan खेड़ा, आलोट और Khadgun पकड़ रहे था.
भोज के दूसरे पुत्र Gauda था. Gauda के पुत्र सुल्तान सिंह, Panarwa पर कब्जा कर लिया. उनके वंशज हल्दीघाटी के युद्ध में मेवाड़ के इतिहास में और महाराणा प्रताप की मदद करने के लिए प्रसिद्ध है जो आर पंजा, था. उन्होंने यह भी Augana की Bhom की जोत है.

7 Baghela -. सारंग (राजा Bhimdev का बेटा - आई) के वंशज Baghelas हैं. वे रीवा की पूंजी के साथ BaghelKhand के क्षेत्र पर शासन किया. Baghels से कई लोकप्रिय thikanas बारां, Churhat, रामपुर, ताल, Chamu, Itavan, देवरा, Solagpur, Nigvani, Jaitpur, Chandiya, बैकुण्ठपुर, कल्याणपुर, (ये मेरा  ठिकाना यानी जागीर है ) मेहसाणा, Ranpura और Devgadh हैं.! 
  Malra, Khodera, Bhangota, Kathwad, Tejawat, Barwasian, Bharsunda, Salawat, बेडा, Uniyariya, Halawat, Chajawat, Bahela, Modawat, Karmawat, Amawat, Katariya, Tatawat, Surjanpota, Banveerpota, Achalpota, Rawatka, Khinyawat, Harrajot, Bairisalot, Baghawat, Gangawat, Balramot, Kamawat, Narhardasot, Rudraka, Vishnuka, Jagganathka, Madhodaska, Dayaldaska, Jagrupka, Kalacha, भले सुल्तान, Swarnman, भुट्टा, Bhureva, Kalmer, Solake, Tantiya, Peethapur, Sojathiya, Togaru, Beeku.
jay maa khimaj rani

सोमवार, 15 सितंबर 2014

मानो वे सरकारी मकानों का सुख भोगने के लिए ही राजनीति में आए हों ?

लानत है ऎसे नेताओं पर जो दिल्ली में एक अदद सरकारी मकान के लिए समूची राजनीतिक बिरादरी को शर्मसार करने से बाज नहीं आते। देश को कानून का पाठ पढ़ाने और संसद में बैठकर कानून बनाने वाले ऎसे राजनेता, राजनीति पर किसी धब्बे से कम नहीं माने जा सकते। लोकसभा के चुनावी नतीजे आने के चार महीने बाद भी सरकारी आवास खाली नहीं करने वाले पूर्व मंत्रियों व सांसदों की नजर में शायद नियमों व कानून की कोई कीमत है ही नहीं। लोकसभा के लिए चुनकर आए नए सांसद एक तरफ मकान आवंटन के लिए भटक रहे हैं तो दूसरी तरफ पूर्व सांसद मकानों से चिपके रहने में ही अपनी शान समझते हैं।
''मानो वे सरकारी मकानों का सुख भोगने के लिए ही राजनीति में आए हों''।  दिल्ली में पूर्व मंत्रियों-सांसदों के आवास की बिजली-पानी बंद करके सरकार ने इस बार जो कदम उठाया है वह प्रशंसनीय है। जरूरत अभी और सख्त कदम उठाने की है। होना तो ये चाहिए कि ऎसे राजनेताओं के खिलाफ सरकारी सम्पत्ति पर अवैध कब्जे का मामला दर्ज कराया जाए और उनके खिलाफ अदालत में मामला चलाया जाए । साथ ही बाजार दर से अब तक का बकाया किराया और बिजली-पानी का बिल वसूल किया जाए। ऎसे मामलों में जब तक एकाध राजनेता को सजा नहीं होगी, तब तक सुधार की गुंजाइश नजर नहीं है। सिद्धांतों की राजनीति की दुहाई देने वाले राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं से भी अपेक्षा की जाती है कि ऎसे नेताओं के खिलाफ वे भी कार्रवाई की पहल करें मोदी सरकार ।

शुक्रवार, 5 सितंबर 2014

शिक्षक दिवस की सभी मित्रजनो को हार्दिक शुभकामनाएं।




गुरु, शिक्षक, आचार्य, अध्यापक या टीचर ये सभी शब्द एक ऐसे व्यक्ति को व्याख्यातित करते हैं, जो हमें ज्ञान प्रदान कर एक काबिल इंसान बनाते हैं । इन्हीं शिक्षको को धन्यवाद देने के लिए एक दिन है, जो आज 5 सितंबर को ‘'शिक्षक दिवस'’ के रूप में जाना जाता है ।
दरअसल, शिक्षक दिवस भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति 1952-1962 तथा द्वितीय राष्ट्रपति 13 मई 1962 से 13 मई 1967 तक रहे डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। क्योकि देश के उच्च पद पर रहते हुए भी भारतीय सभ्यता तथा संस्कृति को अंगीकार किए दार्शनिक स्वभाव के आस्थावान हिन्दू विचारक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 40 वर्ष तक शिक्षण कार्य किया, इसीलिए 5 सितम्बर को उनके जन्मदिवस पर भारत देश में शिक्षक दिवस मनाया जाता है । जबकि अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस का आयोजन 5 अक्टूबर को होता है। रोचक बात यह है कि शिक्षक दिवस दुनिया भर में एक ही दिन नहीं मनाया जाता। अलग-अलग देशों में गुरुओं के सम्मान के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित हैं। विश्वभर में मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस पर नजर डालें तो कुछ देशों में इस दिन अवकाश रहता है, तो कहीं-कहीं यह अन्य दिनों की तरह ही एक कामकाजी दिन रहता है । यूनेस्को ने 5 अक्टूबर को ''अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस'' घोषित किया था, जहां वर्ष 1994 से इसे मनाया जा रहा है। चीन में 1931 में नेशनल सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शिक्षक दिवस की शुरुआत की गई थी। चीन सरकार ने 1932 में इसे स्वीकृति दी। बाद में 1939 में महान विचारक ''कन्फ्यूशियस'' के जन्मदिवस, 27 अगस्त को शिक्षक दिवस घोषित किया गया, लेकिन फिर 1951 में इस घोषणा को वापस ले लिया गया। इसके बाद वर्ष 1985 में 10 सितम्बर को शिक्षक दिवस घोषित किया गया। अब चीन के ज्यादातर लोग फिर से चाहते हैं कि कन्फ्यूशियस का जन्मदिवस ही शिक्षक दिवस हो। वहीं रूस में 1965 से 1994 तक अक्टूबर महीने के पहले रविवार के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता रहा, लेकिन वर्ष 1994 से विश्व शिक्षक दिवस पांच अक्टूबर को ही मनाया जाने लगा है। अमेरिका में मई के पहले पूर्ण सप्ताह के मंगलवार को शिक्षक दिवस घोषित किया गया है और वहां सप्ताहभर इसके आयोजन होते हैं। थाइलैंड में हर साल 16 जनवरी को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यहां 21 नवंबर, 1956 को एक प्रस्ताव लाकर शिक्षक दिवस को स्वीकृति दी गई थी। यहां पहला शिक्षक दिवस 1957 में मनाया गया था। ईरान में वहां के प्रोफेसर अयातुल्लाह मोर्तेजा मोतेहारी की हत्या के बाद उनकी याद में दो मई को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। मोतेहारी की दो मई, 1980 को हत्या कर दी गई थी। तुर्की में 24 नवंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। वहां के पहले राष्ट्रपति कमाल अतातुर्क ने यह घोषणा की थी। मलेशिया में इसे 16 मई को मनाया जाता है, वहां इस खास दिन को ‘हरि गुरु’ कहते हैं। इसी तरह संयुक्त राज्य अमेरिका में 6 मई, वियतनाम में 20 नवंबर, फिलीपींस में 5 अक्टूबर, चिली में 16 अक्टूबर, इंडोनेशिया में 25 नवंबर, ईरान में 2 मई, हंगरी में जून के पहले शनिवार को, मेक्सिको में 15 मई, थाइलैंड में 16 जनवरी एवं दुनिया के अधिकांश देशों में 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा है ।
 
शिक्षक दिवस की सभी मित्रजनो को हार्दिक शुभकामनाएं।
जिस प्रकार एक कुम्हार मिट्टी के ढेर को घङे आदि के निश्चित आकार का निर्माण करता है, ठीक उसी प्रकार एक शिक्षक भी विद्यार्थी के चरित्र और भविष्य का निर्माण करता है।।
शिक्षक जो कुछ देता नही पर उससे जीवन का हर पहलू प्रभावित होता है, वह कुछ नही देता पर हर पल सृष्टि उनसे कुछ पाती रहती है।।
_/\_नमन सभी अध्यापकजनो को..

बुधवार, 3 सितंबर 2014

मोदी सरकार: सौ दिन, दस बड़े क़दम..

तुषार बनर्जी बीबीसी संवाददाता,
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बीते सौ दिनों में नरेंद्र मोदी सरकार ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं
की हैं जिनका सेहरा उनके सिर बंधा है।

1. पाक छोड़ पड़ोसी देशों से रिश्तों में ताज़गी आई (हुआ)
विदेश नीति में सार्क देशों को तरजीह के संकेत देते हुए मोदी ने
अपनी पहली विदेश यात्रा भूटान में की. पाकिस्तान के साथ
तमाम शुरुवाती मीठी बातों के बाद रिश्ते ठिठके हुए हैं.

2. इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में नए प्रोजेक्ट्स (होगा)
बीते सौ दिनों में मोदी ने कम से कम दस बड़े इंफ्रास्ट्रकचर प्रोजेक्ट्स
को हरी झंडी दिखाई और कई नए प्रोजेक्ट्स सुरु किए.
इनमें नागपुर को मेट्रो रेल से जोड़ने के अलावा कई बड़े हाई-वे, पावर
ग्रिड और सैटेलाइट योजनाएं शामिल हैं.

3. डिजिटल इंडिया (हो रहा है)
पूरे भारत को इंटरनेट से जोड़ने और सरकारी सुविधाओं को इंटरनेट पर
उपलब्ध कराने की योजना पुरानी है, लेकिन मोदी ने इसे नए सिरे से
उठाया है.
उनकी सरकार ने पहले ही बजट में 20,000 गांवों तक ब्रॉडबैंड इंटरनेट
पहुंचाने की योजना को प्राथमिकता दी.

4. इंटरनेट पर सरकार (हो रहा है)
सरकार ने नागरिकों के लिए इंटरनेट पर माईगव डॉट निक डॉट इन
(mygov.nic.in) नाम का एक फ़ोरम खोला है.
इस फ़ोरम के माध्यम से विभिन्नों सरकारी कामों से संबंधित
प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री तक सीधे पहुंचाई जा सकती है.

5. छोटे और मझौले उद्योगों को बढ़ावा ( होगा)
आम बजट में नए उद्यम खोलने के लिए 10,000 करोड़ रुपए की मदद
धनराशि भी प्रस्तावित है.
छोटे और मझौले उद्योगों की राहों में टैक्स और
क़ानूनी अड़चनों को दूर करने के लिए समिति बनाई गई है जो अपने
सुझाव अगले कुछ महीने में देगी.
साथ ही स्किल इंडिया कार्यक्रम की घोषणा की गई है.

6. आम लोगों खाता (हुआ)
प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत मोदी सरकार आम लोगों तक
बैंकिंग सुविधा पहुंचाने की पहल कर रही है.
योजना के अंतर्गत इच्छुक लोगों का ज़ीरो-बैलेंस बैंक अकाउंट
खोला जा रहा है, साथ ही एक लाख रुपए का मुफ़्त
बीमा भी कराया जा रहा है.

7. नए आईआईटी और आईआईएम (होगा)
सरकार ने पहले ही बजट में पांच नए भारतीय प्रबंध संस्थान और
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खोलने के लिए 500 करोड़ रुपए के
निवेश की घोषणा की है.

8. फ़ैसलों में फ़ुर्ती (हुआ)
यूपीए के दूसरे कार्यकाल में एक शिकायत जो लगभग
सभी मंत्रालयों से थी, वो है फ़ैसले लेने में देरी की. ‘गठबंधन धर्म’ से
मुक्त भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक फ़ैसले लेने में चुस्ती दिखाई
है.
9. बुलेट ट्रेन (आएगी)
भारत की ‘हॉट सीट’ पर बैठने के साथ ही नरेंद्र मोदी ने मुंबई से
अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की घोषणा की.

10. बिजली उत्पादन (होगा)
मोदी सरकार ने पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के अलावा गैर-पारंपरिक
स्रोतों के विकास की तरफ भी क़दम उठाए हैं.
जुलाई महीने तक केंद्र सरकार ने आठ सोलर ऊर्जा केंद्र बनाने
की घोषणा की है जो अगले साल तक तैयार हो जाएगी और इससे
28000 किलोवाट बिजली का उत्पादन होगा.
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मोदी सरकार के 100 दिन
1. खूंखार आतंकियों की गिरफ्त इराक़ से 3500 से अधिक भारतीयों का सुरक्षित ससम्मान भारत वापसी !
2. पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीयों की वापसी !
3. श्रीलंका की जेलों में बंद भारतीयों की वापसी !
4. प्रत्येक करदाताओ को प्रतिवर्ष 6 हजार से 25 हजार रूपये तक प्रत्यक्ष बचत !
5. निवेश सीमा में छूट 1 लाख से बढ़ा कर 1.5 लाख तक !
6. वैट टैक्स 30% से 70 % तक कम कर व्यापारी , उद्यमी और उपभोक्ता को प्रत्यक्ष फायदा !
7. 15 साल में पहली बार पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया की बच्चों जैसी शिकायत करने लगा भारतीय उच्चायुक्त से माह जुलाई 2014 में भारतीय जवानो द्वारा पाकिस्तान में 54 बार भारी गोला बारी की थी जिसमे पाकिस्तान के सैनिक मारे गए !
8. मोदी सरकार ने शपथ विधि समारोह में सार्क देशो को आमंत्रित कर " पहले मुलाकात , फिर बात और जरुरत पड़ी तो फिर लात " जैसे महाभारत के मूल को चरितार्थ कर विदेश नीति स्पष्ट की !
9. सफलतम भूटान यात्रा , नेपाल यात्रा से विश्व के सबसे बड़े व्यापारिक बाजार चीन ने भारत का लोहा माना !
10. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की सफलतम बांग्लादेश, सिंगापूर यात्रा से व्यवसायक वीसा प्रणाली में तबदीली की गई !
11. ब्रिक्स सम्मलेन में भारत की कूटनीतिक भागीदारी ने अमेरिका को लोहा मनवा दिया !
12. ब्रिक्स देशो के अंतर्राष्ट्रीय बैंक की अध्यक्षता भारत करेगा !
13. हथियार और सैन्य साधन अभी तक भारत आयात करता आया है मोदी सरकार में ये अब भारत में ही उत्पादित होंगे !
14. राजनेताओ में परिवार वाद की समाप्ति जोरदार पहल !
15. नमामि गंगा प्रोजेक्ट जो आजाद भारत में पहली बार गंगा सफाई , शुद्धि , नहरो , सिंचाई और बांधो के लिए कारगर
16. सरदार सरोवर बाँध की ऊंचाई के लिए मंजूरी जो वर्षो से अटकी पड़ी थी कांग्रेस शासन में !
17. चीनी बॉर्डर पर स्थाई बंकर बनाने को मिली मंजूरी जो सालो से अटकी पड़ी थी कांग्रेस शासन में
18. बलात्कार जैसे वीभत्स मामले में अपराधी की कानूनन उम्र 16. साल कर दी गई
19. आईएएस और आईपीएस अधिकारियों पर से नेताओ का दबाव हटाया गया , अपराध के खलाफ सख्त और बेहतर निर्णय लेने की आजादी !
20. सचिवालयों को भी अच्छे आइडियाज़ लागू करने की स्वतन्त्रता !
21. बिना काम के जटिल और अड़चन वाले कानूनो को ख़त्म किया गया !
22. भारतीय संविधान की शरण में इस्लामिक फतवो से आने वाली परेशानी और अपराधो से मुक्ति अब किसी मुस्लिम को फतवो की आड़ में परेशान नह होना पडेगा !
23. न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन के कुशल प्रबन्ध के लिए आयोग का गठन
24. काश्मीरी पंडितो की सुरक्षा और पुनर्विस्थापन के लिए विशेष आयोग का गठन
25. सुप्रीम कोर्ट जजों की के लिए अब राज्य सभा , विपक्ष का नेता या बड़ी पार्टी की दखल से नियुक्ति का बिल पास
26. तमाकू उत्पाद पर 50 % वैट और जीवन रक्षा दवाई वैट मुक्त !
27. किसान हितो की रक्षा के लिए WTO संधि में हस्ताक्षर से मना किया अब अपनी शर्तो ( भारतीय किसान हित ) पर नए सिरे से संधि वार्ता !
28. जेनेटिक मोडिफाइड फ़ूड से होने वाले कैंसर के खतरे को गंभीरता से लेते हुए पहली बार किसान चलित प्रयोग शाला , कृषि भूमि के हेल्थ कार्ड अनुसार रसायन उपयोग होगा
29. जमाखोरों और काले धन के लिए आयकर और लोकायुक्त छापामारी से भारत के इतिहास में सबसे बड़ी कामयाबी २ माह में लगभग 30 हजार करोड़ के छापे !
30. बिजली उत्पादन के लिए हाइड्रो पॉवेर स्टेशन का लेह लद्दाख में काम शुरू !
31. नेपाल को बिजली उत्पादन के उपकरण देकर उत्तर भारत की बिजली आपूर्ति अब नेपाल से होगी !
32. नेपाल सीमा अब बेरिगटेस से नहीं ब्रिज से पहचानी जाएगी
33. प्रधानमंत्री कार्यालय , मंत्रालय , सचिवालय में आग लगाने वाले षडयंत्रो से मुक्ति अब पेपर वर्क ख़त्म ऑनलाइन कम्पूटेर्री कृत कार्यो की शुरुआत !
34. प्रधानमंत्री कार्यालय , मंत्रालय , सचिवालय में अब पहले से अधिक (6 दिन ) काम
35. पहली बार विदेश में जमा कालेधन को लेकर ठोस कार्यवाही स्विट्ज़रलैंड को भी अपने बैंकिग नियमो को बदलना पड़ा !
36. काश्मीर हित की रक्षा के लिए काश्मीर सरकार का लोन माफ़ !
37. देश में पहली बार सांसदों को काम दिया गया संसद आदर्श ग्राम योजना से 38. थोक भाव में डीज़ल के दाम कम जो रेलवे को प्रत्यक्ष फायदा रिटेल में पेट्रोल की कीमत कम
39. कांग्रेस राज में मंहगाई दर 12% की दर ने खून के आंसू रुलाये और "मई 2014" तक भी मंहगाई 8.50 % रही वही मंहगाई दर आज 7.50% है जो जनवरी" 2012 " के बराबर है
40.रेलवे : बुलेट ट्रैन बजट
41. रेलवे आरक्षण अब मोबाइल और पोस्ट ऑफिस से भी इर्कटक जैसी रेलवे वेबसाइट की संख्या बढ़ाई !
42. कटरा तक रेलवे शक्ति एक्सप्रेस अटल सरकार का प्रोजेक्ट सम्पूर्ण !
43. रेलवे में उत्तम भोजन व्यवस्था , प्लेट फॉर्म पर RO सिस्टम से शुद्ध पेय जल !
44. प्लेट फॉर्म अब एयरपोर्ट तर्ज पर WI-FI सुविधा के साथ !
45. रेलवे की नई पहल : पेंट्रीकार में लगेंगे सीसीटीवी कैमरा ..पैंट्रीकार में बनने वाले खाने की गुणवत्ता अच्छी है या नहीं।मांसाहारी व शाकाहारी खाना कहीं एक ही बर्तन में तो नहीं बन रहा है।यह तमाम चीजें अब अधिकारी अपने चेंबर और मोबाइल पर बैठे-बैठे देख सकेंगे।
46. कांग्रेस शासन के अंत में पुरे भारत में बिजली उत्पादन के लिए मात्र 2 माह का ही प्रबंध था ! इच्छा शक्ति के आगे दुविधा हार गई और बिजली उत्पादन के तमाम विकल्पों को पुनर्जीवित कर अद्भुत प्रबंधन की विश्वसनीय मिसाल पेश की ह !
47 कैलाश मानसरोवर यात्रा में श्रद्धालुओं को सब्सिडी के साथ यात्रा आयोजको पर लगने वाले सर्विस टैक्स को भी हटा दिया गया !
48. अब हज यात्रियो को को मिलेगा विशेष एटीएम कार्ड !
49. भूमि अधिग्रहण बिल में सुधार . इस एक्ट के तहत उद्योगपतियों को अक्सर परेशानी का सामना करना पड़ता था.
50 महंगाई रोकने के लिए प्रधानमंत्री ने जरूरी खाद्य उत्पादों के लिए राष्ट्रीय खाद्य ग्रिड बनाया , ताकि महंगाई को लेकर अनियंत्रित अटकलों को बढ़ने से रोका जा सके !
51. मोदी सरकार ने पर्यावरण मंजूरी के लिए ऑनलाइन सेवा शुरू की है, ताकि इधर उधर की लड़ाई खत्म की जा सके. यूपीए सरकार के दौरान पर्यावरण मंजूरी को लेकर कई तरह की बातें सामने आई थीं.
52. भारत की आर्थिक विकास दर 5.7 पहुँच गई है। पहली तिमाही में अमेरिका को पछाड़ा , राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट ने 5 % की उम्मीद लगाईं थी !
53. अब पेंशन कम से कम 1000 रूपये 28 लाख पेंशन धारियों को दुगना लाभ
54. कर्मचारियों की दुर्घटना बीमा राशि को बढ़ाकर दुगना किया गया 1.56 लाख से 3 लाख तक बीमा राशि मिलेगी !
55. 50 लाख कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद बढ़ी हुई पेंशन मिले इसके लिए 8.33 प्रतिशत की वृद्धि की गई !

मोदी सरकार के 100 दिन, 100 कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के 100 दिन पूरे हो रहे हैं । आपको बता रहे हैं मोदी सरकार के 100 कामों की फेहरिस्त । 100 दिन और 100 कदम। जिसमें सरकार के आर्थिक, राजनीतिक, समाजिक, विदेश नीति को लेकर किए गए कार्यों का लेखा जोखा है।
1-पड़ोसी देशों से संबंध सुधारने की पहल। सार्क देशों के तमाम मुखिया शपथग्रहण समारोह का हिस्सा बनने के लिए दिल्ली में मौजूद थे। पाक सेना के इनकार के बावजूद नवाज शरीफ भी मोदी को बधाई देने के लिए यहां आए। सभी के साथ द्विपक्षीय बातचीत हुई। मोदी ने खुद कहा कि ये सही वक्त पर लिया गया सही फैसला था।
2-प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते ही नरेंद्र मोदी ने जनता के लिए अपने द्वार खोल दिए। पीएमओ की वेबसाइट पर एक लिंक चमकने लगा। प्रधानमंत्री के साथ करें बातचीत। मोदी ने कहा कि वो अपनी वेबसाइट के जरिए सरकार की हर जानकारी, नए कदम देश को बताते रहेंगे और ऐसा हुआ भी।
3–26 मई को ही देर रात नरेंद्र मोदी सरकार ने मंत्रालयों के पुनर्गठन पर भी मुहर लगा दी। मोदी ने 17 बड़े मंत्रालयों को मिलाकर 7 टुकड़ों में बांट दिया। ओवरसीज मंत्रालय विदेश मंत्रालय के अधीन हो गया तो कॉरपोरेट अफेयर्स वित्त मंत्रालय के। मकसद यही कि फैसलों के लिए फाइलें एक मंत्रालय से दूसरे मंत्रालय में चक्कर ना काटती रहें।
4-27 मई को नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक बुलाई। बैठक में सरकार ने पहला बड़ा फैसला किया कि कालेधन की जांच के लिए SIT बनाई जाएगी। SIT भले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बनी लेकिन ये भी ध्यान देने वाली बात है कि पिछली यूपीए सरकार लगातार इस फैसले को टालती जा रही थी।
5- 28 मई को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री कार्यालय के अफसरों से मिले। उन्हें साफ ताकीद की गई कि मोदी सरकार के काम करने का एजेंडा होगा जनता की समस्याएं दूर करना। अफसरों को हर वो फैसले लेने को कहा गया जिससे लोगों की समस्याएं दूर हों, उनकी परेशानी कम हो। अब फैसलों में देरी की गुंजाइश नहीं थी।
6– 30 मई को स्कूली किताबों में अपनी जीवनी पढ़ाने पर नरेंद्र मोदी ने रोक लगा दी। दरअसल पीएम बनने के बाद कई अखबारों में छपा कि चायवाले से पीएम बनने का सफर अब बच्चों को किताबों में पढ़ाया जाएगा। लेकिन मोदी ने खुद ट्वीट करके ये कह दिया कि जीवित व्यक्ति की जीवनी बच्चों को हरगिज ना पढ़ाई जाए।
7- 31 मई को प्रधानमंत्री ने एक झटके में सभी मंत्री समूहों या कहें GOM को खत्म कर दिया। मंत्रालयों और विभागों को मजबूत बनाने के लिए ये एक बड़ा कदम था। सरकार का तर्क था कि अब तमाम मुद्दों पर सीधे मंत्रालय ही फैसला लेंगे और अगर कोई दिक्कत हुई तो PMO की तरफ से मदद की जाएगी।
8- 4 जून को संसद का पहला दिन। सोलहवीं लोकसभा का आगाज हुआ और मेजों की थपथपाहट के साथ नरेंद्र मोदी ने पहली बार लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया। लोकसभा में अपने पहले भाषण में नरेंद्र मोदी ने देश को भरोसा दिलाया कि आम आदमी की उम्मीदों और सपनों को पूरा करने की वो हर मुमकिन कोशिश करेंगे।
9–4 जून को ही प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों के साथ बैठक की। ऐसी बैठक आठ साल के बाद हुई। ढाई घंटे तक चली बैठक में मोदी ने ये जानने की कोशिश की कि अफसर पूरी ताकत के साथ काम क्यों नहीं कर पा रहे हैं। बैठक के बाद मोदी ने अफसरों से कहा कि आप काम करिए। मैं 24 घंटे आपके साथ हूं।
10– 6 जून को प्रधानमंत्री ने बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में एक और सख्त फरमान दिया। ये फरमान था बीजेपी के सभी सांसदों के लिए। जितने दिन संसद की कार्यवाही चले, रोजाना आइए, पूरी तैयारी के साथ आइए, पूरी तैयारी के साथ सदन में सवाल करिए और पूरी तैयारी के साथ बहस में हिस्सा लीजिए। साफ था, मोदी को किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं।
11-7 जून को मोदी सरकार ने नौकरशाहों के लिए अहम निर्देश जारी किया। कैबिनेट सचिव ने अफसरों को 11 निर्देश भेजे जिससे काम करने का तरीका सुधरे। काम करने का माहौल सुधरे। फैसला लेने में देरी ना हो और दफ्तरों में साफ-सफाई हो। मोदी के इस आदेश के बाद अफसरों की मेजों पर लगे फाइलों के ढेर अचानक कम होने लगे।
12–8 जून को प्रधानमंत्री ने अपने घर पर गेटिंग इंडिया बैक ऑन ट्रैक, एन एक्शन एजेंडा फॉर रिफॉर्म किताब का विमोचन किया। इस किताब के जरिए मोदी ने साफ कर दिया कि देश के विकास को पटरी पर लाने के लिए उनकी सरकार का ब्लूप्रिंट क्या है। मोदी ने नीति निर्माण से लेकर स्किल डवलपमेंट पर जोर दिया।
13–10 जून को मोदी सरकार ने कैबिनेट की 4 स्टैंडिंग कमेटियों को भी बर्खास्त कर दिया। यूपीए सरकार के दौरान बनाई गई सुरक्षा, राजनीतिक मामलों, आर्थिक मामलों और संसदीय कार्य से जुड़ी अहम कैबिनेट कमेटियों का भी पुनर्गठन कर दिया गया। इसके बाद हर विभाग के मंत्री को फैसलों की ज्यादा जिम्मेदारी सौंपी जाने लगी।
14–12 जून को मोदी सरकार ने एक ऐसा फैसला किया जो आठ साल से अटका पड़ा था। ये फैसला था सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने का। मोदी के मुख्यमंत्री काल से ही गुजरात सरकार ये मांग कर रही थी। नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 17 मीटर और बढ़ाई जाए, लेकिन मनमोहन सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी। सरकार में आते ही तीन हफ्तों के भीतर मोदी ने फैसला लिया।
15–14 जून को नरेंद्र मोदी गोवा गए। देश के सबसे बड़े जंगी जहाज INS विक्रमादित्य को देश को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सेना से जुड़े उपकरणों और हथियार के निर्माण में भारत को आत्मनिर्भर बनना ही होगा। यहीं पर पहली बार मोदी ने इशारा किया कि देश की वित्तीय हालत संभालने के लिए कड़े आर्थिक फैसले लेने होंगे।
16 –15 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले विदेश दौरे पर भूटान गए। मोदी ने भूटान नरेश और प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात की और वहां की संसद को संबोधित किया। मोदी ने दो टूक संदेश दिया कि किसी भी देश में शांति तभी रह पाएगी जब उसके पड़ोसी देश से संबंध अच्छे होंगे। मोदी ने 600 मेगावॉट पनबिजली परियोजना का उद्घाटन भी किया।
17–19 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और अहम और संवेदनशील फैसला किया। ये फैसला था, अफसरों की नियुक्ति में मंत्रियों के दखल पर रोक। मोदी ने आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी से राम विलास पासवान को भी बाहर रखा। मंत्रियों को ये आदेश दिया गया कि वो यूपीए सरकार के दौरान मंत्रियों के अफसरों को अपने स्टाफ में शामिल ना करें।
18-20 जून को वो दिन आया जब नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए एक बेहद ही साहसी फैसला किया। एक झटके में रेल यात्री किराए में 14 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई। मालभाड़ा भी साढ़े 6 फीसदी बढ़ा। लोगों ने इस फैसले की आलोचना की, लेकिन ज्यादातर ऐसे थे, जिनका मानना था कि सुविधाएं देने के लिए किराया बढ़ाना सही कदम था।
19-22 जून को सरकार ने फैसला किया कि मंत्रालयों के सचिवों को और जवाबदेह बनाया जाएगा। मोदी ने तय किया कि ऐसे सचिवों को और ज्यादा जिम्मेदार बनाया जाएगा जो अलग-अलग मंत्रालयों में अटकी हुई फाइलों को निकलवाने में अहम भूमिका निभाएंगे। साथ ही ऐसे मामलों में जब फंडिंग दूसरे मंत्रालयों से हो।
20-23 जून को सरकार संभाले हुए मोदी सरकार को लगभग एक महीना होने को था। एक और कड़ा फैसला लेते हुए सरकार ने चीनी पर आयात शुल्क 15 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि इससे चीनी की कीमत बढ़ेगी, लेकिन सरकार का तर्क था कि इस फैसले से घरेलू चीनी उद्योग मजबूत होगा।
21-23 जून को ही मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग को देश के तमाम न्यूक्लियर सेंटर की तहकीकात और निगरानी की इजाजत दे दी। अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील के वक्त भारत ने इस प्रस्ताव पर हामी भरी थी। इस इजाजत के साथ ही मोदी सरकार ने दुनिया को ये संदेश भी दिया कि नई सरकार परमाणु मामलों को लेकर गंभीर और जिम्मेदार है।
22-24 जून को नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को तीन मंत्र दिए। पहला, लोगों की शिकायतों पर जल्द कार्रवाई हो। दूसरा, राज्यों और केंद्र सरकार के बीच रिश्ते और मजबूत करने के लिए काम हो और तीसरा, सेना की सारी जरूरतों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। तमाम मंत्रालयों से संपर्क के दौरान इन तीन मंत्रों पर खास ध्यान दिया जाता है।
23-मोदी के लिए बेहद अहम है देश के युवाओं को रोजगार। 25 जून को मोदी सरकार ने अपने गुजरात में कामयाबी के साथ चले रोजगार कार्यक्रम NEPAM को केंद्र की तरफ से भी लागू करने की मंजूरी दे दी। इस कार्यक्रम के तहत उद्योगों की जरूरत के मुताबिक युवाओं को नौकरी में रहते हुए ट्रेनिंग और नौकरी पाने के लिए स्किल डवलपमेंट का कोर्स कराया जाता है।
24-26 जून को मोदी सरकार को केंद्र में एक महीना हुआ। इस दिन सीधे जनता से जुड़े कई कई आदेश एक साथ दिए गए। शहरी विकास मंत्रालय ने सारे मंत्रियों और अफसरों से अपील की कि जितना संभव हो सके दिल्ली में आने-जाने के लिए मेट्रो का ही इस्तेमाल करें। सरकार ने उन्हें समझाया कि इससे वक्त बचेगा। ट्रैफिक पर असर पड़ेगा और पर्यावरण का भी फायदा होगा।
25-फिजूलखर्ची रोकने के लिए एक और फैसला हुआ। 26 जून को मोदी सरकार ने अपने सभी मंत्रियों और अफसरों को नई कार खरीदने पर रोक लगा दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब भी नई कार के बजाय उसी बुलेटप्रूफ कार का इस्तेमाल करते हैं जिससे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह चला करते थे। मंत्रियों को ये भी कहा गया कि एक लाख रुपए से ज्यादा खर्च करने से पहले उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से इजाजत लेनी होगी।
26–छब्बीस जून को सरकार का एक महीना पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्लॉग लिखकर देश से मिले समर्थन के लिए आभार जताया। ये कहा कि उनकी सरकार का हर फैसला सिर्फ और सिर्फ देश हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। पीएम ने ये भी कहा कि पिछली सरकारों को हनीमून पीरियड मिलता रहा है लेकिन उन पर तो पहले दिन से ही सियासी हमले होने लगे।
27-सरकार बनने के एक महीने के भीतर मोदी सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए जो सिर्फ कागजी नहीं थे। संसद में राष्ट्रपति के भाषण के जरिए मोदी सरकार ने ये साफ कर दिया कि वो कश्मीरी पंडितों के मुद्दे को लेकर कितनी गंभीर है। कश्मीरी पंडियों को ये भरोसा दिया गया कि ना सिर्फ उनकी जमीन वापस की जाएगी बल्कि उनको दोबारा बसाने का भी पूरा इंतजाम किया जाएगा।
28-जिस चीन के साथ रिश्ते हमेशा तल्ख रहे। एक महीने के भीतर मोदी सरकार ने उस पर भी मेहनत की। चीनी विदेश मंत्री की भारत यात्रा के दौरान इंडस्ट्रियल पार्क पर सहमति बनी। ये भी तय हुआ कि छोटे चीनी निवेशकों से कम टैक्स वसूलने का तरीका खोजा जाए। सरकार के इस फैसले से भारत और चीन, दोनों को आर्थिक फायदा होने की उम्मीद है।
29-रूस के साथ भी रिश्तों में गर्माहट लाने की कोशिश हुई। रूस के उप प्रधानमंत्री ने मोदी से मुलाकात की। कुडनकुलम में रूस के साथ मिलकर दो और न्यूक्लियर रिएक्टर बनाने पर समझौता हुआ। दोनों देशों के बीच ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भी समझौते पर दस्तखत किए गए।
30-कम मॉनसून की आशंका का असर महंगाई दर पर दिखा, लेकिन इसे कम करने के लिए मोदी सरकार ने कई कदम उठाए। आलू और प्याज को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में कर दिया गया। राज्य सरकारों को सख्त ताकीद की गई कि वो कालाबाजारियों पर नकेल कसे। छापेमारी करे। आम जनता से जुड़ी चीजों के निर्यात पर पाबंदी लगाकर कीमतों को काबू में करने की कोशिश की गई।
31-सरकार में एक महीना पूरा होने के बाद मोदी ने एक बार फिर अपने सांसदों की नकेल कसी। बाकायदा क्लास लगाकर पहली बार बीजेपी के टिकट पर सांसद बने नेताओं को काम करने का तरीका सिखाया गया। ये भी ताकीद की गई कि वो सदन के भीतर अपना बर्ताव दुरुस्त रखें। मोदी की इस क्लास का असर था कि सालों बाद संसद में इतना काम होता नजर आया।
32-मोदी ने अपनी सरकार के मंत्रियों और अफसरों को एक और नसीहत दी। आप जो काम कर रहे हैं वो अपने लोगों तक पहुंचाएं। मोदी ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर जोर दिया। हर मंत्री और अफसर को अपना ट्विटर अकाउंट खोलकर उसे लगातार अपडेट करने को कहा। मोदी ने प्रशासन में ट्विटर और फेसबुक के इस्तेमाल पर लगी रोक भी हटा दी।
33-30 जून को प्रधानमंत्री ने एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए श्रीहरिकोटा का रुख किया। उन्होंने PSLV C-23 रॉकेट लॉन्चर से 5 उपग्रहों की लॉन्चिंग देखी। इसरो के वैज्ञानिकों को इस कामयाबी की बधाई देने के बाद मोदी ने उनसे ये भी कहा कि सार्क देशों के लिए भी एक सैटेलाइट बनाई जाए जो सभी देशों को विकास में मदद करे।
34-छोटे और सस्ते घरों का सपना पूरा करने के लिए नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर से मदद मांगी। सिंगापुर के विदेश मंत्री की भारत यात्रा के दौरान मोदी ने उनसे कहा कि सिंगापुर वो तकनीक भारत को दे जिससे हमारे यहां भी सस्ते और मजबूत घर बनाए जा सकें। आपको याद दिला दें कि 2022 तक मोदी सरकार का सपना हर भारतीय को एक घर देने का है।
35-2 जुलाई को मोदी सरकार ने तय किया कि देश के ढाई लाख गावों में ब्रॉडबैंड सर्विस मुहैया कराकर, सभी गावों को एक दूसरे से जोड़ दिया जाए। सरकार की कोशिश डेढ़ लाख गावों में इंटरनेट सेंटर स्थापित करने की है। इन सेंटरों को स्थापित करते वक्त इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि क्षेत्रीय भाषाओं की वजह से ये फ्लॉप ना हों और ज्यादा से ज्यादा लोग इनसे जुड़ें।
36-3 जुलाई को मोदी सरकार ने अहम फैसला करते हुए तय किया कि अब भारत के बच्चों को रोटा वायरस की वैक्सीन समेत तीन नए वैक्सीन दिए जाएंगे। मोदी सरकार का लक्ष्य साल 2015 तक शिशु मृत्यु दर को दो-तिहाई तक घटाने का है। साथ ही सरकार ने ये भी तय किया कि जिन इलाकों में जापानी इंसेफिलाइटिस फैला है वहां बड़ों को भी इसकी वैक्सीन दी जाएगी।
37-प्रधानमंत्री बनने के बाद 4 जुलाई को पहली बार नरेंद्र मोदी जम्मू और कश्मीर गए। उरी में उन्होंने 240 मेगावॉट वाली पनबिजली योजना देश को समर्पित की। मोदी ने देश से फिर वायदा किया कि उनकी सरकार देश से अंधेरा दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। यहां मोदी ने ये भी कहा कि देश में बिजली ट्रांसमिशन लाइनों के नेटवर्क पर भी ध्यान दिया जाएगा।
38- 4 जुलाई को नरेंद्र मोदी ने वैष्णो देवी के भक्तों को तोहफा दिया। कटरा उधमपुर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर नरेंद्र मोदी ने भक्तों को देवी के और करीब ला दिया। मोदी के सुझाव के बाद अब इस ट्रेन का नाम श्रीशक्ति एक्सप्रेस कर दिया गया है। मोदी के उस सुझाव पर भी काम हो रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि कटरा रेलवे स्टेशन को सौर ऊर्जा आधारित बनाया जाए।
39-देश के घरेलू मुद्दों के अलावा मोदी सरकार एक और मोर्चे पर लगातार काम करती रही। ये था इराक में फंसे भारतीयों को वापस लाना। मोदी सरकार की लगातार कोशिशों का नतीजा था कि तिकरित में फंसी केरल की 46 नर्सें 5 जुलाई को सुरक्षित वापस लौट पाईं। इराक संकट से निपटने में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की भी जमकर तारीफ हुई।
40-मनमोहन सरकार के सबसे अहम प्रोजेक्ट में से एक आधार परियोजना को मोदी सरकार ने 5 जुलाई को जीवनदान दे दिया। इस आशंका को दरकिनार करते हुए कि बीजेपी सरकार आने के बाद ये योजना बंद हो जाएगी। नरेंद्र मोदी ने ना सिर्फ आधार के लिए बजट दिया बल्कि ये भी सुनिश्चित किया कि ये प्रोजेक्ट उनकी निगरानी में जारी रहेगा।
41-मोदी सरकार ने बुजुर्गों की सेहत पर भी खास ध्यान दिया। तय किया गया कि केंद्र की तीन योजनाओं, ओल्ड एज पेंशन स्कीम, आम आदमी बीमार योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को मिलाकर एक कर दिया जाए। देश के 20 जिलों में स्मार्ट कार्ड के जरिए इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की तैयारी जोरों पर चल रही है।
42-रेल बजट से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने रेल मंत्रालय को आदेश दिया कि देश में चलने वाली लंबी दूरी की सभी ट्रेनों में फ्री वाई-फाई की सुविधा मुहैया कराई जाए। लोगों को सहूलियत देने की मुहिम में मोदी सरकार ने रेलवे के इस ऐतराज को भी खारिज कर दिया कि सभी ट्रेनों में वाई-फाई का खर्च बहुत ज्यादा होगा और इससे रेलवे को नुकसान होगा।
43-7 जुलाई को ही नरेंद्र मोदी सरकार ने कर्मचारी पेंशन स्कीम में भी बदलाव कर दिया। तय किया गया कि अब एक महीने में कम से कम एक हजार रुपए पेंशन के तौर पर मिला करेगा। मोदी सरकार के इस फैसले का सीधा फायदा देश के 28 लाख लोगों को हुआ।
44-मोदी सरकार का पहला रेल बजट आया आठ जुलाई को। बजट में सबसे अहम था मुंबई-अहमदाबाद के बीच 300 किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाली बुलेट ट्रेन के सर्वे का प्रस्ताव। मोदी सरकार ने ये भी ऐलान किया कि देश के 9 बड़े रूटों पर 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हाई स्पीड ट्रेन भी चलाई जाएगी।
45-मोदी सरकार ने ऐलान किया कि अब इंटरनेट से प्रति मिनट 7200 टिकट बुक हो सकेंगे। रेलवे की वेबसाइट पर एक साथ 1 लाख 20 हजार लोग लॉग इन कर सकेंगे। मकसद यही कि इंटरनेट से टिकट बुकिंग कराते वक्त लोगों को होने वाली मुश्किल कम हो सके। रेल बजट में हुए इस वायदे पर अमल भी किया जा चुका है।
46-लोगों को एक और दिक्कत आती है प्लेटफॉर्म टिकट लेते वक्त। मोदी सरकार ने तय किया कि पार्किंग और प्लेटफॉर्म टिकट अब ऑनलाइन भी बुक हो सकेंगे। यही नहीं इंटरनेट के जरिए वेटिंग रूम बुक करने की सुविधा भी लोगों को मुहैया कराने की कोशिश हो रही है।
47-लंबी दूरी की ट्रेनों को वाई-फाई करने के अलावा मोदी सरकार ने ये भी तय किया कि अहम ट्रेनों में कंप्यूटर वर्क स्टेशन भी दिया जाएगा। यानि आपको दफ्तर का कोई काम हो तो अब आप ट्रेन में चलते-फिरते दफ्तर से भी अपना काम कर सकते हैं।
48-रेल बजट में मोदी सरकार ने लोगों की सहूलियत बढ़ाने वाला एक और कदम उठाया। आने वाले दिनों में रेल सफर के दौरान आपका मोबाइल आपका दोस्त बनेगा।मोबाइल पर वेक-अप कॉल आएगी। मोबाइल पर स्टेशन आने से पहले सूचना आएगी और जो स्टेशन गुजरेंगे, उनकी भी जानकारी दी जाएगी। ऐसे में इस बात का भी खतरा नहीं रहेगा कि स्टेशन गुजर जाए और आप उतर ही ना पाएं।
49-मोदी सरकार ने रेल में खाने-पीने की दिक्कतों को दूर करने के लिए भी बड़े फैसले लिए। हर ट्रेन में पहले से तैयार खाना देने का प्रोजेक्ट शुरू किया। यही नहीं, अब खाने पर यात्रियों से फीडबैक लिया जाएगा और अगर लोग संतुष्ट ना हुए तो ठेकेदार का लाइसेंस रद्द होगा। इसके अलावा अब खाने का ऑर्डर भी आनलाइन देने की सुविधा दी जाएगी।
50-सफाई पर पहले दिन से मोदी सरकार का जोर है और हमारी ट्रेनें गंदगी के लिए बदनाम। इसलिए रेल बजट में सफाई का खर्च इस बार 40 फीसदी बढ़ा दिया गया। ट्रेन में बायो टॉयलेट बनाने की योजना भी शुरू की गई। मोदी सरकार ने ये भी वायदा कि अब सभी स्टेशनों पर शौचालयों की सुविधा होगी।
51-नाम छोटे और दर्शन बड़े। मोदी सरकार की कोई भी योजना का नाम लंबा-चौड़ा नहीं है। पुराने दौर के राष्ट्रीय भूमि रिकॉर्ड सुधार कार्यक्रम जैसे कठिन और लंबे नामों के बजाय मोदी सरकार के कार्यक्रमों के नाम छोटे रखे जाते हैं। जैसे जन-धन योजना। ये फैसला हुआ रेल बजट वाले दिन, यानि 8 जुलाई को।
52-10 जुलाई को मोदी सरकार का पहला बजट आया। नौकरीपेशा लोगों को राहत देते हुए टैक्स में छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर ढ़ाई लाख कर दी गई। 80 सी के तहत मिलने वाली छूट की सीमा को भी एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपए कर दिया गया। पीपीएफ में भी निवेश की सीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपए कर दी गई।
53-मोदी सरकार ने ऐलान किया कि देशभर में 100 स्मार्ट सिटी बनाए जाएंगे। इसके लिए बजट में 7600 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भी रखा गया। स्मार्ट सिटी के लिए विदेशी निवेश के जरिए पैसा जुटाया जाएगा। सरकार का तर्क है कि अगले दस साल में शहरी आबादी दस फीसदी बढ़ जाएगी और लोगों को सभी सुविधाएं देने के लिए 100 नए शहर जरूरी हैं।
54-गंगा के लिए अपना वायदा निभाते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपए के साथ नमामि गंगा प्रोजेक्ट शुरू करने का ऐलान किया। सरकार ने ऐसी सैकड़ों फैक्ट्रियों की पहचान कर उन पर रोक लगा दी जो गंगा के पानी को प्रदूषित कर रहीं थीं। बनारस में गंगा घाटों की सफाई का भी अभियान शुरू किया गया है।
55-गंगा को साफ करने के साथ ही पर्यटन के बड़े केंद्र के तौर पर भी विकसित करने का ऐलान किया गया। बजट में सरकार ने 4200 करोड़ रुपए इस काम के लिए अलग से रखे। सरकार की योजना है कि अगले 6 साल में इलाहाबाद से हल्दिया तक पानी के जहाजों के लिए जलमार्ग विकसित किया जाए।
56-सरकार ने देश के बड़े हवाई अड्डों पर 6 महीने के भीतर ही ई वीजा की सुविधा शुरू करने का ऐलान किया। यानि दूसरे देशों से आने वाले टूरिस्टों को वीजा मिलने के नियम और आसान हो जाएंगे। टूरिस्टों की संख्या बनाने के लिए मोदी सरकार ने 5 टूरिस्ट सर्किट बनाने का भी फैसला किया।
57-मोदी सरकार ने तय किया कि देश के सभी राज्यों में दिल्ली के एम्स जैसे अस्पताल खोले जाएंगे। यही नहीं, आंध्र प्रदेश, पूर्वांचल, पश्चिम बंगाल और विदर्भ में एम्स की चार शाखाएं खुलेंगी। सरकार ने इस बात का भी फैसला किया कि देश में 12 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।
58-मोदी सरकार का इरादा महिला और बाल कल्याण विकास पर डेढ़ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने का है। सरकार ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की भी शुरुआत की। निर्भया कोष से मदद लेकर दिल्ली में महिलाओं के लिए संकट प्रबंधन केंद्र खोलने का भी फैसला किया गया।
59-सभी तरह के निवेश के लिए अब होगा एक ही KYC यानि KNOW YOUR CUSTOMER फॉर्म। यही नहीं मोदी सरकार के निर्देश के बाद रिजर्व बैंक ने ये भी तय कर दिया कि बैंक अकाउंट खोलने के लिए सिर्फ एक ही दस्तावेज काफी होगा। यानि पहचान के लिए अलग, पते के लए अलग दस्तावेज देने के झंझट से मुक्ति मिली।
60-किसानों पर मोदी सरकार ने तोहफों की बरसात की। इस साल के अंत तक किसान टीवी चैनल शुरू होगा। खेत में मिट्टी की जांच के लिए हेल्थ कार्ड की योजना भी शुरू करने का ऐलान किया गया। इस जांच के लिए 100 से ज्यादा चलती-फिरती प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी।
61-पूर्वोत्तर पर भी खास ध्यान। पूर्वोतर में रेल संपर्क बढ़ाने के लिए एक हजार करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान किया गया। इसके अलावा अरुण प्रभा नाम से 24 घंटे का एक टीवी चैनल शुरू करने की भी तैयारी है। वाजपेयी सरकार की परंपरा पर चलते हुए पूर्वी राज्यों के लिए अलग से बजट भी आवंटित किया गया।
62-चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के बुनकरों को वायदा किया था कि उनके विकास के लिए योजनाएं शुरू होंगी। ये वायदा पूरा करते हुए बनारस के बुनकरों के लिए अलग से 50 करोड़ का फंड बनाया गया। बनारस में हथकरघा व्यापार सुविधा केंद्र और शिल्प संग्रहालय भी बनेगा।
63-अफसरों के विदेश दौरे पर नरेंद्र मोदी की नजर। मोदी सरकार ने अफसरों की विदेश यात्रा पर नकेल कसते हुए ये नियम बना दिया कि अफसरों को पहले सरकार को पूरी तरह संतुष्ठ करना होगा कि आखिर उनकी विदेश यात्रा जरूरी क्यों है? उनकी विदेश यात्रा से प्रशासन और लोगों को क्या फायदा होगा।
64-मोदी सरकार करेगी भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की कोशिश। मोदी सरकार राज्यों से इस बारे में बात कर रही है कि क्या जमीन अधिग्रहण के लिए 70 के बजाय 50 फीसदी किसानों की मंजूरी को ही जरूरी माना जाए।सरकार का तर्क है कि ये फैसला किसानों के साथ ही उद्योगों के विकास में भी मददगार साबित होगा।
65-हिंदी भाषा का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने अहम कदम उठाया। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से हिंदी भाषी राज्यों के दफ्तरों को निर्देश दिया गया कि वो सरकारी काम हिंदी में ही करें। सोशल मीडिया में भी हिंदी का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया। विवाद से बचने के लिए सरकार ने ये भी कहा कि वो सारी भाषाओं के विकास पर काम कर रही है।
66-ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने ब्राजील गए नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर सबका ध्यान खींचा। मोदी ने कहा कि ब्रिक्स देशों को स्थिरता, शांति और विकास के लिए काम करना चाहिए। मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति अपनाने पर भी जोर दिया।
67-ब्रिक्स बैंक का अध्यक्ष बना भारत। दो साल की माथापच्ची के बाद आखिरकार ब्रिक्स देश एक अंतरराष्ट्रीय बैंक बनाने पर राजी हो गए। ये बैंक 100 अरब डॉलर की पूंजी से शुरू होगा। इस बैंक का मुख्यालय शंघाई में होगा। बैंक का मकसद होगा अहम योजनाओं को पूरा करने के लिए पैसे की कमी को दूर करना।
68-ब्राजील में चीन के राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात भी दिलचस्प रही। ये मुलाकात सिर्फ 40 मिनट के लिए होनी थी, लेकिन जब दोनों नेता आपस में बात करने लगे तो 80 मिनट तक एक दूसरे से बात करते रहे। दोनों देश के नेताओं में सीमा विवाद, आर्थिक रिश्ते और कैलाश मानसरोवर यात्रा के दूसरे रूट को लेकर बातचीत हुई।
69-सोलह जुलाई को मोदी सरकार ने पर्यावरण की रक्षा के लिए बड़ा आदेश दिया। मंत्रालयों को आदेश दिया गया कि किसी भी प्रोजेक्ट के लिए जमीन साफ करते वक्त पेड़ नहीं काटे जाएंगे। अगर पेड़ काटना बहुत जरूरी होगा तो उस पेड़ को वहां से निकालकर दूसरी जगह लगाया जाएगा। मोदी की कमान में गुजरात सरकार ऐसा पहले भी करती रही थी।
70-18 जुलाई को मोदी सरकार ने दिल्ली का बजट पेश किया। बजट में लोगों पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया। बिजली संकट से जूझते देश की राजधानी के लोगों को 260 करोड़ रुपए सब्सिडी भी दी गई। सरकार ने ये भी ऐलान किया कि दिल्ली में एक नया आधुनिक अस्पताल भी बनेगा।
71- मोदी सरकार हिंदी के साथ ही संस्कृत के विकास पर भी गंभीर नजर आई। CBSE ने अपने सभी स्कूलों को निर्देश दिया कि वो भारत की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत सप्ताह मनाएं। हालांकि कुछ राज्यों ने इसका विरोध भी किया।
72- मोदी सरकार ने लक्ष्य रखा कि अगले 3 से 4 साल के भीतर देश के हर गांव में टेलीफोन कनेक्शन होगा। हर गांव में इटंरनेट पहुंचाने की मुहिम की कामयाबी के लिए ये होना बहुत जरूरी भी है। मौजूदा वक्त में देश के सिर्फ 44 फीसदी गावों में ही टेलीफोन कनेक्शन है।
73-महंगाई से जूझते लोगों को बड़ी राहत देते हुए मोदी सरकार ने ऐलान किया कि वो रसोई गैस और केरोसीन ऑयल की कीमत में इजाफा नहीं करेगी। यही नहीं सरकार ने एक महीने में सब्सिडी वाला सिलेंडर सिर्फ एक बार ही मिलने की बाध्यता भी खत्म कर दी।
74-मोदी सरकार ने तय किया कि वो भ्रष्टाचार का खुलासा करने वालों को सुरक्षा देगी। तमाम मंत्रालयों और विभागों के चीफ विजिलेंस ऑफीसर्स को ये आदेश दिया गया कि वो भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले को सुरक्षा देने के लिए गृह मंत्रालय से संपर्क कर सकते हैं।
75-24 जुलाई को सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक कड़ा संदेश दिया। अमेरिकी दबाव के बावजूद मोदी सरकार ने WTO प्रोटोकॉल रूल के समर्थन से साफ इनकार कर दिया। मोदी सरकार ने कहा कि इस प्रोटोकॉल का समर्थन करने के बाद देश में गरीबों के लिए चल रहे खाद्य कार्यक्रमों में अड़चनें आतीं।
76-बीमा सेक्टर में बड़ा कदम उठाते हुए मोदी सरकार ने विदेशी निवेश की सीमा 26 फीसदी से बड़ाकर 49 फीसदी कर दी। सरकार ने ये भी तय किया कि बीमा कंपनियों का मैनेजमेंट भारतीय प्रमोटरों के ही पास रहेगा। इस फैसले ने देश की बीमा कंपनियों को नया जीवनदान दिया। इसे मोदी सरकार के पहले बड़े आर्थिक फैसले के तौर पर देखा गया।
77-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया कि वो सांसदों पर चल रहे आपराधिक केसों की पड़ताल एक साल के भीतर निपटाएं। चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने दागी नेताओं पर सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिया था। आपको बता दें कि ADR नाम की संस्था के मुताबिक मौजूदा लोकसभा के 34 फीसदी सांसदों पर आपराधिक केस चल रहा है।
78-देश के हवाई यात्रियों को राहत देते हुए मोदी सरकार ने एक साथ 6 नई एयरलाइंस के लाइसेंस को हरी झंडी दिखाई। इन एयरलाइंस को लाइसेंस देने की प्रक्रिया महीनों से अटकी हुई थी। 6 नई एयरलाइंस में से 3 घरेलू रूट पर उड़ेंगी जबकि 3 अंतरराष्ट्रीय रूट पर।
79-28 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने MYGOV नाम से वेबसाइट लॉन्च की। इस वेबसाइट के जरिए मोदी सरकार गंगा सफाई, डिजिटल क्रांति जैसे जैसे अहम मुद्दों पर देश के लोगों की राय मांग रही है। इस वेबसाइट पर अब तक देश के हजारों लोग अपनी राय दे चुके हैं।
80-सेना में महिलाओं को ज्यादा अधिकार देते हुए मोदी सरकार ने फैसला किया कि अब महिला अफसरों को पूरी बटालियन की कमांड भी सौंपी जाएगी। पहल ऐसा नहीं था। सरकार के फैसले के बाद अब एविएशन, सिग्नल और इंजीनियर्स बटालियन की कमान महिला अफसर भी संभाल सकेंगी।
81-कभी मोदी को वीजा देने से मना करने वाला अमेरिका और झुकता नजर आया। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी से मुलाकात की मोदी के मुरीद जॉन केरी ने हिंदी में सबका साथ-सबका विकास बोलकर सबका ध्यान खींचा। सितंबर में मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले इस मुलाकात को बेहद अहम माना गया।
82-दस्तावेजों को Attested कराने के झंझट से मुक्ति दिलाते हुए मोदी सरकार ने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया कि वो सेल्फ सर्टिफिकेशन पर जोर दे। सरकार ने कहा कि तमाम सरकारी कार्रवाइयों में हलफनामों को भी कम से कम करने के तरीके खोजे जाएं। सरकार ने कहा कि गजटेड ऑफिसर से अटेस्ड कराने में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
83-4 अगस्त को नरेंद्र मोदी नेपाल यात्रा पर गए। 17 साल बाद कोई भारतीय पीएम द्विपक्षीय वार्ता के लिए नेपाल पहुंचा। भारत ने पन-बिजली योजनाओं के लिए नेपाल सरकार के साथ समझौता किया। भारत ने इस बात पर भी सहमति जताई कि वो 1950 में हुई भारत-नेपाल ट्रीटी पर बातचीत के लिए तैयार है।
84-CSAT परीक्षा पर अहम फैसला लेते हुए सरकार ने तय किया कि अब मेरिट लिस्ट में अंग्रेजी पेपर के नंबरों को नहीं जोड़ा जाएगा। सरकार ने 2011 में सिविल सर्विसेस की परीक्षा देने वाले छात्रों को एक और मौका दिए जाने की भी बात कही। इस फैसले ने हिंदी भाषा के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर रहे छात्रों को बड़ी राहत दी।
85-मिजोरम की राज्यपाल कमला बेनीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद मोदी सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया। राज्यपाल के तौर पर कमला बेनीवाल का कार्यकाल खत्म होने में दो महीने बाकी रहते उन्हें हटाया गया था। ऐसे में विपक्ष ने सरकार पर बदले की राजनीति करने का भी आरोप लगाया।
86-जुवैनाइल जस्टिस एक्ट में बदलाव को मंजूरी देते हुए सरकार ने तय कर दिया कि अब गंभीर अपराधों के मामले में 16 साल से बड़े किशोरों को भी वयस्क की तरह सजा दी जा सकेगी। ये फैसला लेने की जिम्मेदारी सरकार ने जुवैनाइल जस्टिस बोर्ड पर छोड़ दी कि आरोपी पर मुकदमा बालिग के तौर पर चलाएं।
87-पीएम बनने के बाद 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। लद्दाख में पन बिजली परियोजना का उद्घाटन करते हुए मोदी ने प्रकाश, पर्यावरण और पर्यटन का नारा दिया। यहीं पर मोदी ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वो आतंक के नाम पर छद्म युद्ध में लगा हुआ है।
88-जजों की नियुक्ति के लिए राज्यसभा में न्यायिक नियुक्ति आयोग बिल पास होते ही पुराना कॉलेजियम सिस्टम खत्म हो गया। न्यायपालिका में भ्रष्टाचार और पारदर्शिता में कमी के आरोप के चलते कॉलेजियम सिस्टम की आलोचना हो रही थी। अब नए सिस्टम के तहत न्यायिक आयोग सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति करेगा।
89-सरकार ने तय किया कि नक्सल प्रभावित सभी 10 राज्यों में मोबाइल की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए करीब दो हजार नए टॉवर भी लगाए जाएंगे। प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी बीएसएनएल को दी गई है जो पहले ही इन इलाकों में साढ़े तीन सौ टॉवर लगा चुकी है।
90-मोदी ने 15 अगस्त को ही देश से ये वायदा किया कि अगले साल 15 अगस्त तक कोई भी स्कूल ऐसा नहीं होगा जहां बच्चों के लिए शौचालय ना हो। प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों से ये भी कहा कि वो सांसद निधि का इस्तेमाल स्कूलों में शौचालय बनवाने में करें। ताकि बच्चे शौचालय ना होने की वजह से पढ़ाई बीच में ना छोड़ें।
91-डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत मोदी सरकार का लक्ष्य 2019 तक हर भारतीय के हाथ में स्मार्टफोन देने का है। मकसद ये कि मोबाइल फोन के जरिए देश का हर नागरिक सरकार की हर योजना के साथ सीधे जुड़ा हो। सरकार की तैयारी ढ़ाई लाख पंचायतों और स्कूलों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने की है।
92-मोदी ने ऐलान किया कि इसी साल 2 अक्टूबर से स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया जाएगा। मोदी ने देश से ये वायदा लिया कि 2019 तक देश का हर शहर, हर सड़क और हर गली साफ-सुथरी होगी। उन्होंने कहा कि ये काम सिर्फ सरकार से नहीं हो सकता इसमें लोगों की मदद की भी जरूरत है।
93-मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना का भी ऐलान किया। इस योजना के तहत 2016 तक हर सांसद को अपने इलाके में एक आदर्श गांव बनाना होगा। इसके बाद सांसद को 2019 तक दो और गावों को आदर्श गांव में बदलना होगा। इस योजना का औपचारिक ऐलान 11 अक्टूबर को जयप्रकाश नारायण की जयंती पर होगा।
94-मोदी सरकार ने तय किया कि वो रामसेतु के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं होने देगी। रामसेतु के बीच से जहाजों के लिए रास्ता बनवाने का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस समुद्री रास्ते के पक्ष में दलील ये दी जाती है कि इससे वक्त और पैसे दोनों की बचत होगी। लेकिन सरकार ने कहा कि लोगों की भावनाओं को दरकिनार नहीं किया जाएगा।
95-मना करने के बावजूद कश्मीर के अलगाववादियों से बातचीत के बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की बैठक रद्द कर दी। मोदी सरकार ने पाकिस्तान से टो दूक कहा कि वो या तो अलगाववादियों से बात कर ले या फिर भारत सरकार से। इस फैसले से मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ये संदेश दिया कि देश की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया जाएगा।
96-तबादलों के दौरान ऐसी महिलाओं को तरजीह मिले जो अपने परिवार से अलग, दूसरे शहरों में रह रही हैं। केंद्र सरकार ने खासतौर पर बैंकों को निर्देश दिया कि महिला कर्मचारियों की तैनाती उनके घर के नजदीक ही की जाए ताकि उनमें असुरक्षा की भावना कम हो।
97-योजना आयोग के दिन खत्म होने का ऐलान करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के लोगों से नई संस्था के बारे में सुझाव मांगा। सरकार का कहना था कि 64 साल पुराना, योजना आयोग वक्त के हिसाब से खुद को बदल नहीं पाया। इसलिए एक नई संस्था की जरूरत है। अब ये नई संस्था 21वीं सदी के मुताबिक विकास से जुड़े सुझाव देगी।
98-मोदी सरकार ने तय किया कि उत्तर पूर्वी राज्यों में जमीन से आसमान में मार करने वाली आकाश मिसाइल की 6 स्क्वैड्रन तैनात की जाएगी। ऐसा चीन के लड़ाकू विमानों और ड्रोन की तैनाती के बाद किया गया। सरकार पहले ही तेजपुर और छाबुआ में सुखोई-30 विमान की तैनाती कर चुकी है।
99-देश के हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेल वेबसाइट फ्लिपकार्ट के साथ अहम समझौता किया। अब केंद्र सरकार की मदद से हथकरघा उद्योग का बनाया सामान फ्लिपकार्ट पर बेचा जाएगा। इस नई पहल से बुनकरों का तो फायदा होगा ही, उद्योग की कमाई भी बढ़ेगी।
100-पंद्रह अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से ‘जन-धन योजना’ का ऐलान किया था। इस योजना के तहत देश के हर नागरिक के पास बैंक अकाउंट होने का लक्ष्य रखा गया। दो हफ्ते के भीतर ही ये योजना पूरे देश में शुरू कर दी गई। 28 अगस्त को योजना के पहले दिन ही एक करोड़ से ज्यादा नए लोगों के बैंक अकाउंट खुले।
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IBN Khabar से साभार