सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

!! किस पर इतराऊ ? किस पर दुःख मनाउ ?



प्रयाग में जो भी हुआ वो दुःखद है ऐसा कतई नहीं होना चाहिए था ! इस तरह का हादसा कभी नेताओं के साथ क्यों नहीं होता ???
इनके आने से चार हफ्ते भर पहले तो इनके कुत्ते आकर कोना कोना सुंग लेते है और कर्फ्यु लगा देते है जहां से इन नेताओं को जाना होता है तोह यह ऐसा आम आदमी के लिए क्यों नहीं करते जो इनको टैक्स देता है??
          अपने साथ तो ये एम्बुलेंस लेके घूमते है लेकिन क्या हम जैसे आम आदमी के लिए रेलवे स्टेशन में चार एम्बुलेंस खड़ी नहीं की जाती??
           हिन्दुयो के प्रत्येक त्यौहर/पर्व में सरकार हमेशा लापरवाही दिखाती है!लेकिन जब अपना कोई अधिवेशनकरना होता है तो महंगे से महंगे केम्प लगाते है, देश भर से नामी गिरामी हलवाई बुलाये जाते है जो इनको अच्छे से अच्छे पकवान बना के खिलाये, ऊपर आसमान में हेलीकाप्टर घूमते रहते है और निचे जमीं पर इनके पालतू सरकारी कुत्ते घूमते है!
         अपने लिए इतना कुछ और हमारे लिए बाबा जी का ........??
द्वारा ---: ये उपरोक्त सब्द  है श्री  अरविन्द जादौन जी...FB मित्र  ..

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