मंगलवार, 29 जनवरी 2013

आखिर हिन्दू होने का खामियाजा कब तक भुगतेगे?


दामिनी बलात्कार काण्ड में सबसे जादा क्रूरता करने बाले अभियुक्त मोहम्मद अफरोज को Juvenile Court द्वारा नाबालिग माने जाने तथा उसकी हड्डियों की जाँच की दिल्ली पुलिस की माँग को खारिज करने के विषय में मुझे अपने मित्र अजित भोसले के माध्यम से कुछ तथ्य मिले है ... बो तथ्य आप सबके लिये पेश है क्योकि ये विषय सार्वजानिक चर्चा का होने के साथ उस घटना से सम्बंधित है जिसमे एक निर्दोष को वीभत्स बलात्कार झेलने के साथ अपनी जान भी गवानी पड़ी थी ................!!!


देश के बुद्धिजीवियों / कानूनविदों से विशेषकर छद्म धर्मनिरपेक्षता वादियों से सवाल .....
सवाल का जवाब देने से पहले यह ध्यान रखें कि
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जिस तथाकथित नाबालिग ने सबसे ज्यादा क्रूरता दिखाई... बेरहमी से पीटा और कई बार दुष्कर्म किया... लोहे की रॉड से पेट की आतें तक फाड़ दी ..जो उस मासूम की मौत के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है, उसे भारतीय न्यायपालिका ने नाबालिग मान लिया है... ज्यादा से ज्यादा 3 साल की सजा होगी वो भी तब जब जुर्म साबित हो ! यही वह नाबालिग है जिसने उस पीड़िता को बस में यह कह कर बैठाया था कि "" दीदी आ जाईये हम आपको छोड़ देंगे ""
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1. भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के अनुसार 15 वर्ष से कम उम्र की पत्नी (नाबालिग - Juvenile) के साथ पति द्वारा किया गया सम्भोग भी बलात्कार है फिर एक नाबालिग (Juvenile) के द्वारा 18 वर्ष से अधिक महिला / कन्या के साथ ज़बरदस्ती किया गया यौनाचार / बलात्कार के आरोप की सजा के निर्धारण के लिए 18 वर्ष की आयु आवश्यक क्यों ?????
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2. इस देश मे मुस्लिम लॉ (Muslim Law) के अनुसार नाबालिग 15 साल की मुस्लिम लड़की का निकाह / शादी मान्य है । तो नाबालिग (Juvenile) बलात्कारी (Rapist) को सजा क्यो नहीं ????? बलात्कार का अपराध स्वयेमेव अपराधी की आयु प्रमाणित करता है जो की उसके वयस्क (ADULT) होने का प्रमाण है । क्या कानूनविद / समाजशास्त्री / और वैज्ञानिक यह मानते है की बलात्कार नाबालिग (Juvenile) और वयस्क (ADULT) दोनों द्वारा किया जा सकता है, अगर ऐसा है भी तो इस घ्रणित अपराध की सजा के लिए आयु निर्धारण क्यों ?????
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3. उच्चतम न्यायालय द्वारा " शाहबानो प्रकरण " में दंड प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) के अंतर्गत दिए गए निर्णय को तुष्टिकरण की राजनीति के तहत Muslim Personal Law - दीवानी विधि (Civil Law) का हवाला देकर राजीव गांधी सरकार ने संविधान संशोधन के द्वारा उलट दिया था तो क्या बलात्कार जैसे घ्रणित और गंभीर अपराध के लिए सजा देने हेतु आयु निर्धारण ( दीवानी प्रक्रिया - Civil Procedure) को छोड़कर Muslim Criminal Law के सिद्धांत आँख के बदले आँख और दाँत के बदले दाँत (An eye for an eye, a tooth for a tooth) को अपनाकर सजा नहीं दी जानी चाहिए !
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4. भारतीय दंड संहिता की धारा 375 बलात्कार के अपराध से सम्बंधित है ! भारत में अपराध और अपराधशास्त्र का आधार है - आशय - Intention, दुराशय - Mens Rea, कार्य - Act और लोप - Omission जिसके अनुसार मोहम्मद अफरोज द्वारा अपराध किया गया फिर आयु का निर्धारण क्यों ???
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5. अगर मोहम्मद अफरोज को नाबालिग माना जायेगा तो अपराध के घटक के रूप दिल्ली सरकार और बस मालिक नहीं आयेंगे क्या ??? क्योंकि जब एक बाल श्रमिक को बस में नौकरी पर रखा गया और उच्चतम न्यायलय के आदेश और निर्देश के बावजूद काले शीशे (Tinted Glass) वाली बस सड़क पर दौड़ रही थी तो ज़िम्मेदार कौन ???????????
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6. अगर वोट की राजनीति के तहत मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष की जा सकती है तो बलात्कार के आरोपी को सजा देने के लिए नाबालिग (Juvenile) की आयु 18 वर्ष से घटाकर 12 वर्ष क्यों नहीं की जा सकती है ????????

Source :- कुमार रमन श्रीवास्तव

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