गुरुवार, 17 जनवरी 2013

!! हथेली का अंगूठा क्या कहता है ?

यदि आप हस्त रेखा पर बिश्वास करते है तो पढ़िए .हमारी हथेली का अंगूठा तीन भागों में विभक्त रहता है। प्रथम ऊपर वाला भाग यदि अधिक लंबा हो तो व्यक्ति अच्छी इच्छा शक्ति वाला होता है। वह किसी पर निर्भर नहीं होता। ऐसे लोग अपना काम स्वयं पूरा करने की योग्यता रखते हैं। यदि किसी व्यक्ति के अंगूठे का मध्य भाग यदि लंबा हो तो व्यक्ति अच्छी तर्क शक्ति वाला और बुद्धिमान होता है।
         यदि किसी व्यक्ति की हथेली में अंगूठे का अंतिम भाग जो कि शुक्र पर्वत  से लगा हुआ होता है, वह हिस्सा अंगूठे के प्रथम और द्वितीय भाग से अधिक लंबा हो तो व्यक्ति अधिक कामुक होता है। यदि यह हिस्सा सामान्य हो तो कामुकता की दृष्टि से व्यक्ति सामान्य रहता है।
                 ऐसा इंसान डरपोक हो सकता है जो अपने अंगूठों को हमेशा अंगुलियों में दबाकर कर रखता है। ऐसी आदत वाले व्यक्ति में आत्म विश्वास की कमी होती है। वह हर कार्य डरते-डरते करता है। इसके साथ ही इन लोगों को किसी भी कार्य को पूर्ण करने में काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। 
                          जो लोग बुद्धिमान और चतुर होते हैं उनका अंगूठा सुंदर और आकर्षक होता है। सुंदर अंगूठे वाले लोग समाज में मान-सम्मान प्राप्त करते हैं। जिन लोगों का अंगूठा छोटा, बेडोल, मोटा होता है वे लोग अधिकांशत: असभ्य, दूसरों का निरादर करने वाले और क्रूर स्वभाव के हो सकते हैं ..हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार जिन लोगों के अंगूठे अधिक लचीले और आसानी से पीछे की ओर मुड़ जाते हैं वे लोग कल्पनाशील हो सकते हैं। ऐसे लोग नई-नई योजनाएं बनाने में माहिर होते हैं। सामान्यत: ऐसे लोग अधिक खर्चीले भी होते हैं।
                         जिस व्यक्ति का अंगूठा लंबा और हथेली के साथ मजबूती से जुड़ा हुआ हो वह व्यक्ति सर्वगुण संपन्न होता है। ऐसे लोग सभी कार्य पूरी कुशलता के साथ करते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं। जिन लोगों की हथेली में अंगूठा सामान्य से अधिक छोटा हो तो वे लोग निर्बल हो सकते हैं और उनकी कार्य क्षमता भी बहुत कम होती है। 
 हस्तरेखा के अनुसार दोनों हाथों की गहराई से जांच करने के बाद ही सटीक भविष्यवाणी की जा सकती हैं। यहां बताए  गए अंगूठे के प्रभाव हथेली की अन्य स्थितियों से बदल भी सकते हैं। अत: यह बात ध्यान रखने योग्य है कि हथेली की सभी रेखाओं, हथेली, अंगुलियों की बनावट का भी अध्ययन करना महत्वपूर्ण है। 

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