मंगलवार, 11 सितंबर 2012

!! राजपूतो से एक विनती !!

              
राजपूतों का इतिहास बहुत ही गौरवशाली एवं प्रभावशाली रहा है ! हमारी वीरता, पराक्रम , उदारता एवं स्वाभिमान सभी जातियो से बढ़कर रहा है ! हमने स्वाभिमान से जीना एवं स्वाभिमान से मरना सीखा है .! हमें महाराणा प्रताप जी का ........
स्वाभिमान मिला है बिरासत में .......
आजादी के बाद जातिगत राजनीति एवं पिछडे वर्ग के लिए आरक्षण के नाम पर राजपूतों को राजनीतिक एवं आर्थिक रूप से उपेक्षित किया गया – राजपूतों की शक्ति एवं स्वाभिमान कम होता गया!  अन्य जातियां हम पर हावी होती गई !गन्दी राजनीति के कारण राजपूतों में फूट पड़ गई !!हम आर्थिक रूप से कमजोर होते चले गए | हमारी एकता क्षीण होती गई! जहाँ अन्य जाति के राजनीतिज्ञों ने अपनी -अपनी जाति के उत्थान के लिए खुलकर काम किया वहीँ हमारे राजपूत नेताओं जसे दिग्विजय ,.वी पी सिंह आदि नेताओं ने  दलितों का मशीहा बनने के नाम पर वोट की राजनीति करते हुए हमें निचा दिखाया ....अखिल भारतीय स्तर पर कुछ राजपूत संस्थायें बनी लेकिन इनकी बागडोर इतने बड़े अमीरों या राजनीतिज्ञों के हाथों में रही कि उन्हें खुलकर राजपूतों के बारे में, उनकी एकता एवं विकास के बारे में बोलने की हिम्मत ही नहीं पड़ी ,, कुछ शक्तिशाली एवं बाहुबली राजपूत वीरों ने राजपूती शान एवं आन को आगे बढा़ने की कोशिश की लेकिन उनमे अभिमान आ जाने तथा राजनीति में आ जाने के कारण उन्हें राजपूतों का सहयोग नहीं मिला एवं कुछ ही बरसों में कमजोर पड गए हमें संपूर्ण भारत में बस रहे राजपूतों के ऐतिहासिक स्वाभिमान एवं शक्ति को पुनः वापस लाने का प्रयास करना है राजपूज समाज सेवा समिति विभिन्न राज्यों के राजपूतों को एक सूत्र में बांध कर राजस्थान से लेकर सम्पूर्ण भारत वर्ष के राजपूतो को जोड़कर एक मजबूत राजपूत संगठन का निर्माण चाहिए !...तभी राजपूतों के स्वाभिमान, शक्ति एवं आर्थिक विकास को दिशा मिलेगी.. हमें राजपूतों की गरीबी एवं पिछडापन दूर कर उनमे स्वाभिमान वापस लाने का प्रयास करना होगा ..साथ ही नारी शिक्षा को सुदृढ़ करना होगा !.शादी में बढ़ते दहेज़ के कारण भी राजपूत समाजआर्थिक रूप से कमजोर हुआ जिसके कारण अंतरजातीय विवाह को बाध्य हो रहे है !...इस कुपर्था को बंद करना होगा ..

फिल्मों के माध्यम से ठाकुरों /राजपूतों को बहुत अपमानित किया गया एवं किया जा रहा है , टीवी एवं प्रिंट मीडिया राजपूतों को जागीरदार एवं अत्याचारी बताकर हमारी छवि को कलंकित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे,इसे रोकना होगl.............पर कैसे ...............????
=================उठो राजपूतो ..उठो ..नहीं तो एक दिन यह राजपूत जाती ही इतिहास बन कर रह जायेगी ..और हमारे अगली पीढ़ी को पढ़ाया जाएगा की राजपूतो में एकता के आभाव में लुप्त हो गए भर्ती इतिहास से ......अभी भी समय है जाग जाओ नहीं तो .............??????

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