बुधवार, 13 जून 2012

!! सोसल नेट्वर्किंग साइटों में ओकात देखते लोग !!

मेरे परम आदरणीय,सम्मानीय ,पूज्यनीय  मित्र सतपाल कासवान जी
यही फोटो FB के खाते में लगा हुआ है
कल एक बंधू "श्री मान सतपाल कासवान जी " ने मेरी ओकात देखा बस वही से यह प्रश्न  मन में उठा की आखिर ये "ओकात " का मतलब क्या होता है ? मैंने इस ओकात सब्द पर मनन किया तो पाया की औकात {aukat} <===> STATUS होता है ! औरत के दिल को पढ़ना भले मुश्किल हो गया हो, आदमी की औकात को पढ़ना हमेशा से आसान काम रहा  है ! यहाँ बात केवल आदमी की औकात की होगी ! हम आदमी को देखते-समझते हैं तो उसकी वेशभूषा से बोलचाल से  और सोसल नेटवर्किग साइटों में उसकी लेखनी से पर यही काम औरत के मामले में प्रारंभिक रूप उसकी सूरत देखकर किया जाता है, जिसमें अक्सर हम मात खा जाते हैं !आदमी की शक्ल या सूरत या तो देखने-समझने लायक होती ही नहीं या हम उसको बिलकुल नज़र-अंदाज़ करते हैं............
कुछ समय  पहले तक आदमी की औकात को समझने और जानने का सही माध्यम जूता रहा है !  हमारे बुज़ुर्ग भी कहते आये हैं कि कि आदमी की औकात उसके जूते से जानी जाती है ! पहले जूता देखकर ही अगले के बारे में यह अनुमान लग जाता था कि वह कितना कुलीन है या उसके जूते में कितना दम है ? भाई लोग अपने जूते की ठसक से समाज को खुले-आम बता देते थे कि अगर उनका जूता चल गया तो भलेमानुसों की सेहत ख़राब हो जाएगी जैसे मेर खराब हो जाती है लोगो के जूते देखते ही  और सोसल नेटवर्किग साइटों में उसकी लेखनी देखते ही पढ़ते ही ! मगर यह सब बातें काफी-पुरानी हो चली हैं और जूते की कुलीनता की पहचान ने अपनी जगह खो दिया और अब जूते की जगह परअब किसी की ओकात उसके वाहन और मोबाइल ने ले लिया है ! जैसे सब्जी मंडी में यदि आप साइकल,बाइक.कार  से जाते है तो आपको सब्जी वाला आपकी साइकल,बाइक.कारको  देखकर सब्जी का रेट बताएगा और आपको आपकी ओकात के हिसाब  से आपकी  सेवा करेगा ! 
                       पर बात करे अपने दोस्तों के बीच  की समाज के बीच की तो अब ओकात पहचानने का माध्यम हो गया है आपका मोबाईल सीधी-सी बात है,अब वही आदमी स्मार्ट  और रुतबेवाला है जिसके पास तगड़ा ,मघा मोबाइल फोन हो हम अब जूते पर नज़र नहीं रखते !किसी को देखते ही हमारी निगाह उसके आधुनिक फोन पर जाती ह ! अगला भी उचक-उचककर अपना फ़ोन दिखाने की फ़िराक में होता है,यदि उसके पास महंगा वाला है ! अगर उसके पास दो-इंची ,बिना टच वाला ,घटिया कैमरा वाला मोबाइल हुआ तो फट से उसकी पहचान एक चिरकुट-टाइप आदमी की हो जाती है ! यदि उसके पास चार-इंची फावड़े-सी स्क्रीन वाला,टच और बढ़िया कैमरे का मोबाइल हुआ तो वह तुरत ही एलीट-क्लास का लगने लगता हैं,भले ही उसने दसवीं कक्षा घिसट-घिसटकर पास करी हो !

फोन ,बाइक,  कार जितना ज्यादा महंगा दिखता है,आदमी की कीमत और इज्ज़त ,औकात उतनी ही ज्यादा होती ह ! आजकल औकात नापने का सबसे आसान तरीका मोबाइल है क्योकि मोबाइल की पहुच और आवश्यकता तो एक कचरा बीनने वाले से लेकर तो PM व CM और मुकेश अम्बानी तक को है ! इसके लिए कुछ पूछने की नहीं बस दिखने की ज़रूरत है ! कुछ अंदाज़ यूँ लगते हैं;यदि किसी के पास ब्लैकबेरी फोन है तो वह किसी कंपनी में एक्जीक्यूटिव हैं और एप्पल का फोन है तो किसी रईसजादे या नेता की औलाद है ,निश्चय ही अच्छी ओकात होगी ! किसी और कंपनी के महंगे फोन से सामने वाला यह ज़रूर अंदाज़ लगा लेता है कि यह कोई आम आदमी नहीं ,बहुत पढ़ा-लिखा है भले ही ग्रेजुअट नहीं किया हो इस प्रकार के लोगो से तो  पुलिस वाले तमीज से बात करते हैं और ऑटो-टैक्सी वाले जमकर किराया मांगते हैं ! इस बीच कार वालों की रेटिंग लगातार गिर रही थी,जबसे हर ऐरे-गैरे नाथू खैरे {मेरे जैसे } ने ईएमआई पर गाड़ी लेनी शुरू कर दी थी ! सो उस स्तर पर क्षति-पूर्ति की जा रही है! पेट्रोल के दाम बढ़ाकर उन कार-धारकों की औकात को भी अपग्रेड किया जा रहा है !अगर पेट्रोल का दाम  पांच सौ रूपये प्रति लिटर हो जाए तो वह दिन दूर नहीं जब गाड़ीवाला भी ठसक से कह सकेगा कि उसके पास पेट्रोल की गाड़ी है !
                   
            एक बात और है  किसी को उसकी ओकात से ज्यादा मिल जाए तो वह पचा नहीं पाता जैसे की कुत्तो को घी पिला दो तो कुत्ते हग देते है और उस घी को पचा नहीं पायेगे ..आज इसी प्रकार से बहुत से कुत्ते टाइप लोग सोसल नेट्वर्किंग साइटों में घूम रहे है जिनकी ओकात जूता पहनने के नहीं थी जिनकी ओकात मेरे घर के सामने खड़े होने की नहीं थी ओ आज मेरे घर में पत्थर फेक रहे है और ओ आज FB में लोगो को ओकात बताते घूम रहे है अच्छा है देश की स्वतन्त्रता ,देश का विकास ,देश का समाजवाद कही तो दिखाई दे रहा  है .!

चलिए बहुत हो गया अब धन की औकात ...अब बाते करते है ब्यक्ति के चरित्र की ओकात की ??...सोचता हु नहीं  लिखू कही लोगो को उनके चरित्र पर उगली उठाऊ तो कही नाराज नहीं पड़ जाए वैसे FB में हम सभी का चरित्र सिर्फ और सिर्फ हमारे लेखनी ही पता चलता है .! और यही लेखनी हमारी एक अलग पहचान बनाती है तो मित्रो आप अपनी लेखनी में सुधार करे और अपनी ओकात को बनाये रखे ! 

                श्री मान सतपाल कासवान जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद की आपके कारण आज यह लिखा ..क्योकि आप मेरी औकात नहीं देखते तो सायद यह विचार भी मन में नहीं उठता .....आपको एक बार पुनह बहुत बहुत धन्यवाद और आशा करता हु की आप मेरी औकात इसी तरह से आगे भी देखते रहे और आपसे प्रेरणा लेकर कुछ लिखता रहू ......

यह लेख पूर्णत श्री मान सतपाल जी कासवान को सादर समर्पित है .............

नोट ---अभी यह लेख पूर्ण नहीं हुआ है ..............क्योकि अभी मेरी ओकात का मात्र .००१ % ही यह लेख है ........
 

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