मंगलवार, 8 मई 2012

!!पौल दिनाकरण भी ढोगी है !!

मित्रो , पौल दिनाकरण
फर्जी.कॉम के विषय में एक बहुत
बड़ा खुलासा करने जा रहा हूँ ,
कृपया इसे धयान से पढ़े और अधिक से
अधिक शेयर करे
ताकि कामिनी हरामखोर बिकाऊ मीडिया तक ये खबर पहुँच जाये.


मित्रो तमिल नाडू भारत का एक
मात्र राज्य है जहाँ के लोकल
वासिंदे आज भी ये समझते है
की वो ही इस भारतीय
उपमहाद्वीप के असली द्रविड़ है , और गोरी चमड़ी वाले
अर्याँ हजारो साल पहले इस
महाद्वीप में किसी दुसरे देश से
आकर उन पर कब्ज़ा किया. ये सब
कहानी ब्रिटेन सूत्र पर आधारित
है जिसे पराया क्रिस्टियन (जिसे सरियन क्रिस्टियन
भी कहा जाता है ) कोन्वेर्ट
के रला संस्था द्वारा संचालित
किया जाता है ..

इनका उद्दश्य फुट डालो और राज
करो वाली निति पर काम करती है
जिसमे हिन्दुओं को इसाई धर्म में
प रिवर्तित किया जाता है,
बिकाऊ इसाई समर्थित
मीडिया इनके साथ रहती है और इनके हाँ में हाँ मिलते हुए ये कहती है
की आर्य बहार से आये और भारतीय
महा द्वीप पे कब्ज़ा किया ..
इसका असर ये हुआ की तमिलनाडु से
ऊँची जाती के हिन्दुओं को निकल
दिया गया और आलम ये है की तमिलनाडु में सबसे ज्यादा इसाई
संस्था काम करती है और पुरे भारत में
इतना ब्रांच है. २००७ तक तमिलनाडु
का ये हाल था की वहां के गाँव के
कबीलाई लोग खाने के लिए भीख
मांगते थे . तमिल नाडू से ५७ पोलिटिकल पार्टी में से २०
पार्टिया ऐसे है जो खुद
को असली द्रविड़ मानती है .

इन सारी पार्टीयां को फंडिंग
क्रिस्टियन
मिसोनारी करती है . उन
दिनों पौल दिनाकरण के बाप
भी ये जिम्मेदारी दी गई
थी की वो अपने सम्मोहन के द्वारा लोगों को ईसामसी के दर्शन
करवाए और उनका धर्म पर्त्वर्तन कर
सके .. जिसके एवज में विदेशो से
उसे काफी पैसे मिलते थे .. २००३ में
सोनिया की सरकार आई
तो उसकी जिम्मेदारी और बढ़ा दी गई.. दिनाकरन
को जिम्मेदारी दे गई
की वो कमजोर और गरीब हिन्दुओं
को सम्मोहन के
द्वारा उनका झूठा इलाज करें और
फिर उन्हें पैसे और खाने का लालच दे कर इसाई धर्म में परिर्वार्तित करें.

निर्मल सिंह नरूला की तरह
वो भी अपने के कुछ
लोगों द्वारा झूठा गुणगान करवाता है
ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उसके
झासें में आ सकें सर दर्द ,
खांसी ,बुखार , पेट दर्द जैसे मामूली बीमारी का इलाज
प्रार्थना द्वारा ठीक करने
का दावा करता इनका पूरा समूह पाखंड
फैलता है . जबकि ये सब
बीमारी आमूमन कुछ घंटे या कुछ
दिनों में ठीक हो जाते है अगर आप सही दावा खाते हो.

पश्चिमी देश द्वारा पूरा तरह
आर्थिक सहायता पाने के बदले एक
मात्र उद्श्य धर्मपरिवर्तन का है
और कुछ नहीं. ये लोकल चेनल में
विज्ञापन देता है की कोई
भी बीमारी वो प्रार्थना के बाल पर ठीक कर देता है , और बड़े बड़े समुझ
और कॉरपोरेट घराने के लिए ये
कास्टमईड प्रार्थना करता है . इसमे
सांसदों के लिए भी विशेस
प्राथना सभा की जिसे उसे
करोडो रुपये दान में मिले.

जबकि पौल दिनाकरण के बाप
को खुद हॉस्पिटल में
भरती होना पड़ा था जब उसके घुटने
काम करने बंद कर दिए थे .
९-१२-२००३ को दिनकर को अदायर
हॉस्पिटल से छुट्टी मिली . मद्रास मेडिकल मिसन के संचालक
"चेरी क्रिस्टियन" और
दिनाकरण और पौल दिनाकरण
द्वारा संचालित "जीसस काल्स
संस्था" ने ऐसा घिनौना खेल
खेला जिसे कोई भी हिन्दू बर्दास्त नहीं करेगा . दरअसल
"चेरी क्रिस्टियन" के हॉस्पिटल
में कोई भी हिन्दू अपना इलाज करने
आता था तो उसे जबरजस्ती "जीसस
काल्स संस्था" की प्रार्थना सभा में
भेजा जाता था और जब तो "चेरी क्रिस्टियन" के
हॉस्पिटल में ठीक
हो जाता था तो ये
कहा जाता था की ये सब "जीसस
काल्स संस्था" द्वारा किये गए
प्रार्थना का ही प्रताप है .साथ ही उसे २५००० रुपये भी जाते थे और
कहाँ जाता था अगर वो और
लोगों को जोड़ते है तो और भी पैसे
मिलते रहेंगे. साथ
ही किसी परिवार को एक साथ
जोड़ने पर ५.५ लाख का विशेष पैकज मिलेगा.


मित्रो कुछ दिनों बाद "मद्रास
मेडिकल मिसन" के संचालक
चेरी क्रिस्टियन ने मद्रास के
कलिअप्पा हॉस्पिटल को खरीद
लिया और उसका नाम रखा
" चेरियन हार्ट फोंडडेसन" और जिस दिन ये संस्था अस्तित्वा में
आई उसी दिन वहां रखे सरे भगवन
की मुर्तिओं को तोड़
दिया गया और
मंदिरों को हटा दिया गया. ...क्रमंस ....

पौल दिनाकरण भी ढोगी है

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