शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

!!कहाँ हो हिन्दू धर्म के ठेकेदारों !!

कहाँ हो हिन्दू धर्म के ठेकेदारों, जो मंदिरों के नाम पर करोडो चंदा लेकर बैठे हो? कहाँ हो हमारे सुखी संपन्न साधू संत?? पाकिस्तान के जुल्म से तंग आकर तक़रीबन १५० हिन्दू परिवार हाल में हिंदुस्तान आया हुआ है, और वो पाकिस्तान लौट कर नहीं जाना चाहता, उन्हें दो वक्त कि रोटी और सर  पर छत नहीं है, हिंदुस्तान में वो मारे मारे घूम रहें हैं, क्या इसी लिए आप लोग हिन्दुओं के ठेकेदार बने थे???



 ओहो.....मैं भी किसी जगा रहा हूँ ?.....जगाया तो उन्हें जाता है जो सो रहें हों |


या शायद अब तक मिडिया ने उनकी जाती नहीं बताई सिर्फ पाकिस्तानी हिन्दू कहा है  इसलिए कोई आगे नहीं आ रहा उनका हाल पूछने|



सरकार इन्हें वापस पाकिस्तान भेजने के लिए बहुत उत्सुक  दिख  रही है , वो इन्हें जल्द से जल्द पाकिस्तान भेजना चाहती  है ...पर क्या वो इतनी उत्सुकता  अवैध रूप से रह रहे बंगलादेशी और पाकिस्तानी मुसलमानों के लिए दिखाती है ?
शायद नहीं ....बल्कि उनके वोटर कार्ड भी बना देती है वोटकी खातिर ,ये बेचारे हिन्दू अपना जाली वोटर कार्ड नहीं बनवा सकते इसलिए शायद  सरकार इन्हें जल्दी से वापस भेजना चाहती हैं|
देखे :
http://www.ibtl.in/news/international/1671/muslim-voter-inflation-in-assam:-are-illegal-infiltrated-bangladeshis-being-legalised-
 
http://en.wikipedia.org/wiki/Illegal_immigration_in_इंडिया


चलते चलते  दुष्यंत जी की कविता याद आ गाई...
हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी
शर्त थी लेकिन कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए

हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए

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